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गर्भावस्था का दूसरा महीना – लक्षण, बच्चे का विकास, शारीरिक बदलाव और देखभाल – Second month of pregnancy in Hindi

गर्भावस्था का दूसरा महीना - लक्षण, बच्चे का विकास, शारीरिक बदलाव और देखभाल - Second month of pregnancy in Hindi

Pregnancy Ka Dusra Mahina अगर आप दो महीने की गर्भवती हैं, तो आपको गर्भावस्था के दूसरे महीने में शरीर में होने वाले बदलावों, समस्या, लक्षणों और बच्चे के विकास के बारे में जरूर पता होना चाहिए। इससे आप अपनी प्रेग्नेंसी को अच्छे से एन्जॉय कर पाएंगी। आज का हमारा ये आर्टिकल खासतौर से उन महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है, जो गर्भावस्था के दूसरे महीने में कदम रखने जा रही हैं। यहां वे गर्भावस्था के दूसरे माह से जुड़ी समस्याओं और प्रेगनेंसी के दूसरा महीने में बच्चे के विकास के बारे में जान सकेंगी।

दूसरे महीने की गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में हार्मोन लेवल बढ़ने के कारण न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी परिवर्तन आता है। वहीं बच्चे के विकास के लिए प्रेगनेंसी का दूसरा महीना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस महीने के दौरान बच्चे के सभी अंग धीरे-धीरे विकसित होना शुरू होते हैं। प्रेगनेंसी का दूसरा महीना वह समय होता है जब गर्भवती महिला हर मायने में अपनी गर्भावस्था को महसूस करना शुरू कर देती हैं। हम आपको बता दें कि बच्चे के विकास के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण गमिविधियां पहले के कुछ महीनों में होती हैं। इसलिए गर्भावस्था के दूसरे महीने में गर्भवती महिला को देखभाल के साथ बहुत सावधानी बरतने के लिए कहा जाता है।

तो चलिए इस इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कैसा होता है गर्भावस्था का दूसरा महीना,  प्रेगनेंसी का दूसरा महीना के लक्षण, दूसरे महीने की गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में होने वाली समस्याएं, प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में बच्चे का विकास और शरीर में होने वाले बदलावों के बारे में।

विषय सूची

1. दूसरे महीने की गर्भावस्था में बच्चे का विकास – Second month of pregnancy baby development in Hindi
2. गर्भावस्था के दूसरे महीने के लक्षण – Second month of pregnancy symptoms in Hindi
3. गर्भावस्था के दूसरे महीने में होने वाले मेडिकल टेस्ट – Medical tests in the second month of pregnancy in Hindi
4. गर्भावस्था के दूसरे महीने में कैसे करें अपनी देखभाल – How to take care in second month of pregnancy in Hindi

5. गर्भावस्था के दूसरे महीने में बरतें सावधानी – Second month pregnancy precautions in Hindi
6. गर्भावस्था के दूसरे महीने में भूलकर भी न करें ये गलतियां – Don’t do these things in second month of pregnancy in Hindi

दूसरे महीने की गर्भावस्था में बच्चे का विकास – Second month of pregnancy baby development in Hindi

दूसरे महीने की गर्भावस्था में बच्चे का विकास - Second month of pregnancy baby development in Hindi

गर्भावस्था का दूसरा महीना महिलाओं के लिए बहुत ही अच्छा लेकिन सावधानी बरतने वाला महीना होता है। इस समय आपके शरीर के अंदर बहुत से बदलाव होना शुरू हो जाते हैं। आपका छोटा ब्लास्टोसिस्ट बनना शुरू हो जाता है, जिसे साइंस की भाषा में एम्ब्र्यो यानि भ्रूण कहते हैं। गर्भावस्था के दूसरे महीने में आपका शिशु हर मिनट एक लाख से ज्यादा नई कोशिकाओं का निर्माण करता है। ये कोशिकाएं यानि सेल्स आपके बच्चे के अंगों का निर्माण करने में मदद करती हैं। इस महीने के दौरान भ्रूण में कई बदलाव आते हैं, जिन्हें महसूस करना एक मां के लिए सुखद अनुभव से कम नहीं होता। तो जानिए दूसरे महीने की गर्भावस्था में बच्चे के इन बदलावों और बच्चे के विकास के बारे में।

  • दूसरे महीने में शिशु का ह्दय आकार लेना शुरू कर देता है और काम करने लगता है। इसके बाद लीवर बनना शुरू होता है। दूसरे महीने के अंत तक बच्चे के सभी अंग यथावत रहेंगे,  लेकिन अभी ये पूरी तरह से काम करना शुरू नहीं करेंगे।
  • महीने के अंत तक बच्चे के हाथ और पैरों के विकसित होने की शुरूआत हो जाएगी। इसके साथ ही आंखें बनना भी शुरू हो जाएंगी, जिसमें पलकें भी शामिल हैं जो इस वक्त बंद रहती हैं।
  • इस दौरान बच्चे के नाक, होंठ, कान और दांतों के बनने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाती है।
  • गर्भावस्था के दूसरे महीने में बच्चे का वजन आधा औंस लगभग 14 ग्राम तक होता है और इस समय आपका बच्चा एक रास्पबेरी के आकार का यानि लगभग 1 इंच का हो जाता है।
  • दूसरे महीने में बच्चे के मास्तिष्क का तरंगों का पता लगाया जा सकता है। इस समय तक बच्चे का ब्लड सकुर्लेशन अच्छे से स्थापित हो जाता है।
  • बच्चे के पैरों की उंगलियां बनना शुरू हो जाती हैं, जो आपके बच्चे को तैरने और इधर-उधर जाने में मदद करती हैं।
  • गर्भावस्था के दूसरे महीने में बच्चे के फेफड़े और अल्पविकसित रूपों को नोट किया जा सकता है। इस वक्त तक बच्चे के सभी अंग एक्टिव हो जाते हैं। जननांग होता है, लेकिन बावजूद इसके आप शिशु का लिंग पता नहीं लगा सकते। दूसरे महीने में आप अल्ट्रासाउंड की मदद से बच्चे को देख सकते हैं और उसके दिल की धड़कन भी सुन सकते हैं।

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गर्भावस्था के दूसरे महीने के लक्षण – Second month of pregnancy symptoms in Hindi

गर्भावस्था के दूसरे महीने के लक्षण - Second month of pregnancy symptoms in Hindi

गर्भावस्था के दूसरे महीने में महिलाओं को शरीर में कुछ अलग सा महसूस होने लगता है। ये फीलिंग पहले महीने जैसी ही होती है। जो महिलाएं पहली बार गर्भवती होती हैं, उनके लिए ये समय थोड़ा परेशानी भरा हो सकता है, लेकिन बहुत अच्छा अनुभव भी होता है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल चेंजेस आते हैं, जिसके कारण कुछ अलग लक्षण भी नजर आते हैं।

  • इस समय आपका मूड स्विंग बहुत होगा। स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाएगा। इसलिए बेहतर है कि आप रिलेक्स्ड और टेंशन फ्री रहने की कोशिश करें।
  • ब्रा अगर टाइट होने लगे, तो घबराने की जरूरत नहीं है। इस दौरान आपके शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन नामक हार्मोन बढ़ रहे होते हैं। इन हार्मोन्स के बढऩे के कारण ही ब्रेस्ट साइज बढ़ने लगता है और निप्पल के आसपास का भाग थोड़ा कठोर होने लगता है। निप्पल के आसपास के डार्क हिस्से में छोटे-छोटे नोड्यूल्स दिखाई दे सकते हैं
  • मॉर्निग सिकनेस हो सकती है, जो लगभग आपको गर्भावस्था के तीन महीने तक रहेगी। इस दौरान चक्कर आना, जी-मचलना और उल्टी आने जैसे लक्षण भी दिखाई देंगे।
  • दूसरे महीने में आपको सफेद योनि स्त्राव हो सकता है। यदि डिस्चार्ज रंग बदलना शुरू कर दे या गंदी स्मेल आने लगे तो तुरंत अपनी डॉक्टर से संपर्क कीजिए।
  • हार्मोन का स्तर बढ़ने से चेहरे पर मुंहासे आने लगते हैं, जो गर्भवती महिला के लिए बड़ी समस्या है। इनसे छुटकारा पाने के लिए आप मार्केट के प्रोडक्ट्स को यूज करने के बजाए घरेलू नुस्खों का प्रयोग करें। बेहतर है इनके उपयोग से भी पहले अपनी डॉक्टर से सलाह ले लें।
  • दो महीने में गर्भाशय के हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है। थोड़ा छींकने या खांसने पर भी ये दर्द महसूस होगा। इस दौरान गर्भाशय की मांसपेशियों और लिगामेंट्स में खिंचाव होता है, जिससे ऐंठन होती है। ये इस बात का प्रमाण है कि अब आपकी यूट्रस (गर्भाशय) विकास और विस्तार के लिए तैयार है।
  • आपके मसूड़े हार्मोन के कारण कुछ नरम हो जाएंगे, इसलिए दांतों की साफ -सफाई का भी ध्यान रखें। रोजाना सुबह-श्याम ब्रश जरूर करें।
  • इस दौरान आपको कुछ भी बहुत ज्यादा खाने की इच्छा होने लगेगी। इसलिए जो भी आपको खाने का मन करे, वह खाएं। कहा जाता है कि गर्भवती महिला के लिए ये समय ऐसा होता है जब वे अपने सभी पसंदीदा भोजन का आनंद ले सकती हैं।
  • गर्भावस्था के दूसरे महीने में कब्ज की समस्या बहुत रहती है। कब्ज से बचाव के लिए फाइबर युक्त आहार का सेवन करें और खूब सारा पानी पीएं।
  • सीने में जलन होना गर्भावस्था के दूसरे महीने में आम समस्या है। मुंह का स्वाद अजीब होना, पेट फूलना, गले या छाती में जलन होना गर्भावस्था के दूसरे महीने के लक्षणों में से एक है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन जैसे हार्मोन्स के कारण ऐसा होता है। हालांकि इससे घबराने की जरूरत नहीं है, यह एक बहुत ही आम समस्या है, जिसका सामना हर गर्भवती महिला को करना पड़ता है। हालांकि इससे राहत पाने के लिए आप डॉक्टर की सलाह से दवा ले सकती हैं।
  • बार-बार पेशाब आना भी गर्भावस्था के दूसरे महीने की समस्या है। यह एक लक्षण भी है। लेकिन इस दौरान आपको पेशाब रोकने की जरूरत नहीं है और न ही लिक्विड डाइट को कम करने की जरूरत है। हां, रात में बिस्तर पर जाने से पहले आप तरल पदार्थ का सेवन थोड़ा कम कर सकती हैं। हो सके तो कैफीनयुक्त पेय लेने से बचें। ये बार-बार पेशाब जाने के लिए मजबूर करता है।

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गर्भावस्था के दूसरे महीने में होने वाले मेडिकल टेस्ट – Medical tests in the second month of pregnancy in Hindi

गर्भावस्था के दूसरे महीने में होने वाले मेडिकल टेस्ट - Medical tests in the second month of pregnancy in Hindi

  • गर्भावस्था के बाद यह आपका पहला मेडिकल विजिट है,  इसलिए इस दौरान आपको कई सारे मेडिकल टेस्ट कराने के लिए कहा जाएगा। गर्भाशय ग्रीवा की असमान्यतों की जांच के लिए पैप स्मीयर टेस्ट होगा। वहीं इंफेक्शन की जांच के लिए स्वैब के साथ ब्लड और यूरीन टेस्ट भी होगा। यूरीन टेस्ट में प्रोटीन और किडनी की जांच होती है। जबकि शुगर टेस्ट में आपका ब्लड शुगर लेवल सही है या नहीं इसका टेस्ट किया जाता है। अगर ब्लड शुगर लेवल ज्यादा है तो दवाइयों के जरिए इसे पहले नॉर्मल किया जाता है।
  • गर्भावस्था के दूसरे महीने में हीमोग्लोबिन टेस्ट होता है और आयरन लेवल की जांच की जाती है।
  • संक्रामक रोग जैसे एचआईवी या हेपिटाइटिस-बी की जांच की जाती है।
  • इम्यूनिटी जांचने के लिए रूबेला और चिकन पॉक्स की भी जांच की जाती है।
  • जेनेटिक डिसीज जैसे सिकल सेल एनीमिया या थैलेसीमिया की जांच की जाती है। इस दौरान आपको न्यूकल ट्रांसक्लूयेंसी टेस्ट कराने का भी ऑप्शन दिया जा सकता है। आमतौर पर यह टेस्ट गर्भावस्था के 10 से 14 सप्ताह में किया जाता है। अल्ट्रासाउंड का उपयोग करके अजन्मे बच्चे की गर्दन के पीछे फ्लूड रखा जाता है। इसका उपयोग मां की उम्र और उसके रक्त में हार्मोन लेवल के साथ बच्चे में क्रोमोसोमल अबनॉर्मिलिटी जानने के लिए किया जाता है।

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गर्भावस्था के दूसरे महीने में कैसे करें अपनी देखभाल – How to take care in second month of pregnancy in Hindi

आइये जानते है कि यदि आप गर्भवती है और यह आपका दूसरा महीना है तो आपको इस समय क्या-क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।

गर्भावस्था के दूसरे महीने में क्या खाना चाहिए – Pregnancy Ke Dusre Mahine Me Kya Khaye in Hindi

गर्भावस्था के दूसरे महीने में क्या खाना चाहिए - Pregnancy Ke Dusre Mahine Me Kya Khaye in Hindi

डॉक्टर्स कहते हैं कि दूसरे महीने में जो भी आहार महिलाएं खाती हैं, उसका असर उनके बच्चे के विकास पर पड़ता है। लेकिन कुछ महिलाओं का मॉर्निंग सिकनेस और अन्य लक्षणों के कारण कुछ भी खाना-पीना मुश्किल हो जाता है। हालांकि इसके लिए चिंता करने की जरूरत नहीं है, लेकिन जितना हो सके अपनी डाइट में पोषक तत्वों को लेने की कोशिश करें। नीचे हम आपको कुछ ऐसे पोषक तत्वों के बारे में बता रहे हैं जो गर्भावास्था के दूसरे महीने के दौरान महिलाओं को अपने आहार में शामिल करने चाहिए।

प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में फॉलिक एसिड युक्त भोजन- गर्भावस्था के दूसरे महीने में महिलाओं को अपने आहार में फॉलिक एसिड और आयरन से भरपूर आहार लेना शुरू कर देना चाहिए। दरअसल, फॉलिक एसिड अजन्मे बच्चे को न्यूरल ट्यूब दोषों से बचाने में मदद करता है। हरी पत्तेदार सब्जियां, ड्राई फ्रूट्स, अंडे और सभी तरह की दालें गर्भवती महिला के लिए प्राकृतिक खुराक है।

गर्भावस्था के दूसरे महीने में जरुरी है कैल्शियम युक्त भोजनकैल्शियम एक ऐसा जरूरी मिनरल है, जिसकी गर्भावस्था के दूसरे महीने में बहुत जरूरत होती है। क्योंकि इस महीने में भ्रूण की हड्डी का विकास होना शुरू होता है। यदि इस दौरान महिलाएं हर दिन 1000 मिग्रा कैल्शियम की मात्रा लेती हैं, तो भविष्य में कभी भी भ्रूण को ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना नहीं रहेगी। गर्भावस्था के दूसरे महीने में महिलाओं को रोजाना बादाम और अखरोट खाने चाहिए। हर एक बादाम में 70-80 ग्राम कैल्शियम पाया जाता है, जो हड्डियों के लिए खासतौर से बहुत फायदेमंद है। डेयरी प्रोडक्ट्स कैल्शियम से भरपूर होते हैं। इसलिए हर दिन दो गिलास लो फैट मिल्क पीने की आदत डालें। अन्य उत्पाद जैसे दही, पनीर, कैल्शियम के लाभकारी स्त्रोत हैं। इसलिए हर दिन अपने रूटीन में दूध से जुड़े प्रोडक्ट का सेवन जरूर करें।

प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में खाएं आयरन युक्त भोजन – 5वें सप्ताह के गर्भावस्था के आहार में एक और महत्वपूर्ण पोषण तत्व आयरन रक्त की आपूर्ति के लिए बहुत जरूरी है। आयरन आपको मेथी, चुकंदर, पालक, ब्रोकली, मछली आदि से मिलेगा। हरी पत्तेदार सब्जियां कैल्शियम और आयरन से भरपूर होती हैं, इसलिए अपने दैनिक आहार में इन सब्जियों को जरूर शामिल करें।

गर्भावस्था के दूसरे महीने में लें प्रोटीन युक्त भोजन – गर्भावस्था के दूसरे महीने की अवधि के दौरान हर दिन महिलाओं को 25 ग्राम प्रोटीन लेने की जरूरत होती है। आप अंडा, चिकन और ड्रायफ्रूट्स के सेवन से अपने आहार में प्रोटीन की मात्रा बढ़ा सकते हैं।

प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में सेवन करें फैट्स से भरपूर भोजन का– ये जरूरी नहीं कि फैट हमेशा स्वास्थ्य के लिए खराब हो। गर्भावस्था की स्थिति में तले हुए व्यंजन शिशु और आपके लिए हानिकारक हो सकते हैं, लेकिन घी और क्रीम के रूप में अच्छे फैट का सेवन आंखों, मास्तिष्क, ऊतकों के विकास और प्रसव के दौरान किसी भी तरह की असामान्यता को रोकने में मदद करता है।

(और पढ़े – गर्भावस्था में आहार जो देगा माँ और बच्चे को पूरा पोषण…)

प्रेगनेंसी के दुसरे महीने में क्या न खाएं – Pregnancy Ke Dusre Mahine Me Kya Nahi Khaye in Hindi

प्रेगनेंसी के दुसरे महीने में क्या न खाएं - Pregnancy Ke Dusre Mahine Me Kya Nahi Khaye in Hindi

कच्चा मास- कच्चे मांस में लिस्टोरिया नामक बैक्टीरिया होता है, जो गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला और शिशु दोनों के लिए हानिकारक होता है। इसलिए महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कच्चा मास न खाने की सलाह दी जाती है।

सॉफ्ट चीज- ब्री और कैमेम्बर्ट जैसे पनीर खाने की सलाह गर्भावस्था के दूसरे महीने में नहीं दी जाती। इसमें मौजूद ई-कोली बैक्टीरिया प्रेग्नेंसी में कॉम्प्लिकेशन पैदा करता है।

कच्चे अंडे- गर्भवती महिलाओं को दूसरे महीने में कच्चे अंडे भूलकर भी नहीं खाने चाहिए। दरअसल, इन्हें खाने से शरीर में साल्मोनेला नामक बैक्टीरिया फैल जाते हैं और बच्चे के सामान्य विकास में बाधा बनते हैं। इसलिए जब भी आप अंडों का सेवन करें तो इन्हें उबालकर या पकाकर ही खाएं।

अनपाश्चराइज्ड मिल्क- महिलाएं गर्भावस्था के दूसरे महीने में अनपाश्चराइज्ड दूध का सेवन न करें। इस प्रकार के दूध में माइक्रोऑर्गेनिज्म और सल्मोनेला नामक बैक्टीरिया होते हैं, जो बच्चे के विकास में बाधा उत्पन्न करते हैं।

शराब- महिलाओं को इस दौरान गलती से भी शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। यह गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में कई कॉम्प्लिेकेशन पैदा कर सकती है साथ ही भ्रूण के विकास को भी बाधित कर सकती है। इसलिए पूरे 9 महीने तक महिलाओं को शराब से दूर रहना चाहिए।

(और पढ़े – गर्भावस्था के समय क्या न खाएं…)

गर्भावस्था के दूसरे महीने के लिए डाइट टिप्स –  Diet Tips in 2nd Month of Pregnancy in Hindi

गर्भावस्था के दूसरे महीने के लिए डाइट टिप्स -  Diet Tips in 2nd Month of Pregnancy in Hindi

२ महीने की प्रेगनेंसी के लिए सुबह के लिए डाइट – प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में सुबह के समय गर्भवती महिलाए अपनी डाइट में सब्जी, दूध, फल और कुछ डेयरी प्रोडक्ट्स लेने की कोशिश करें।

गर्भावस्था के दूसरे महीने में दोपहर के लिए डाइट – प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में दोपहर के समय आप सलाद ले सकती हैं, यह आपको एनर्जेटिक और फ्रेश रखेगा। दोपहर के खाने में आप उबले हुए अंडे, रोटी, पकी हुई सब्जियां, चावल और दाल का सेवन भी कर सकती हैं। यह भोजन पूरी तरह से आपके लिए पौष्टिक होगा।

2 महीने की गर्भावस्था में रात के लिए डाइट- प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में अगर आपको मॉर्निंग सिकनेस होती है, तो रात के खाने यानी की डिनर में आप कुछ भी हल्का खाना खाएं। कम मसाले और सलाद के साथ उबली और पकी हुई सब्जियों में अपने आहार में शामिल करें।

(और पढ़े – गर्भावस्था के दौरान खाये जाने वाले आहार और उनके फायदे…)

गर्भावस्था के दूसरे महीने में एक्सरसाइज – Exercise in second month of pregnancy in Hindi

गर्भावस्था के दूसरे महीने में एक्सरसाइज - Exercise in second month of pregnancy in Hindi

प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में अपने फिटनेस लेवल को बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज या वर्कआउट करना बहुत जरूरी है। रोजाना 30 मिनट तक व्यायाम करने से आपका शरीर भी फिट रहेगा और डिलीवरी के दौरान आने वाली समस्याओं से भी कुछ राहत मिलेगी। नीचे बताई जा रही एक्सरसाइज आप घर बैठे कर सकते हैं।

  • कार्डियोरेस्पीरेटरी ट्रेनिंग में आपके हार्ट को पंप करने वाली एक्सरसाइज करनी चाहिए। जैसे साइकलिंग, स्विमिंग, वॉकिंग, डांसिंग, रोइंग कर सकते हैं।
  • वेट ट्रेनिंग गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छा व्यायाम है।
  • स्ट्रेंथ या ताकत को बढ़ाने वाली एक्टिविटीज इस दौरान करनी चाहिए। बॉडी वेट एक्सरसाइज एक अच्छा उदाहरण है।
  • कीगल एक्सरसाइज करें। मूत्र असंयम को रोकने में मदद करने के लिए कीगल एक्सरसाइज रोजाना करें।
  • गर्भावस्था के दूसरे महीने में स्क्वाट करना भी काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा क्रस्टी लंज एक्सरसाइज भी बहुत अच्छी मानी जाती  है।
  • पुशअप्स और प्लैंक्स जैसी एक्सरसाइज करना भी बेहद फायदेमंद और शरीर के लिए असरदार है।
  • इसके अलावा गर्भावस्था में अनुलोम-विपलोम जैसी योग एक्सरसाइज भी आपके लिए बहुत ही अच्छी हैं।

(और पढ़े – नॉर्मल डिलीवरी के लिए एक्सरसाइज और व्यायाम…)

प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में एक्सरसाइज करते समय जरूर बरतें सावधानी-

  • एक्सरसाइज करते समय हाइड्रेट रहें क्योंकि पानी न पीने से शरीर में गर्मी बढ़ सकती है, जो भ्रूण के लिए हनिकारक है।
  • एक्सरसाइज करते वक्त खुद को “टॉक टेस्ट” देने की कोशिश करें। देखें कि एक्सरसाइज करते वक्त आप बातचीत कर पा रहे हैं या नहीं। यदि आप ऐसा नहीं कर पा रहे तो इसका मतलब है कि एक्सरसाइज आप पर हावी हो रही है, इसे थोड़ा कम करने की कोशिश करें।
  • यदि आपको चक्कर आ रहे हैं तो एक्सरसाइज न करें।
  • हाई-रिस्क एक्टिविटीज में खुद को शामिल न करें। जैसे कि स्कूबा डाइविंग, हॉर्स राइडिंग, माउंटेन क्लाइंबिंग जैसी गतिविधियों से बचें। फुटबॉल, हॉकी, रग्बी, वॉलीबॉल जैसे खेलों को न खेलें। ऐसा करने से भ्रूण का विकास रूक सकता है और मिसकैरेज के चांसेस भी बढ़ सकते हैं।

(और पढ़े – प्रेगनेंसी में किये जाने वाले योग…)

गर्भावस्था के दूसरे महीने में बरतें सावधानी – Second month pregnancy precautions in Hindi

गर्भावस्था के दूसरे महीने में बरतें सावधानी - Second month pregnancy precautions in Hindi

गर्भावस्था के दौरान शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों से तनावमुक्त रहना बहुत महत्वपूर्ण है। गर्भावस्था का दूसरा महीना बच्चे के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए इस दौरान सावधानी बरतनी की बहुत ज्यादा आवयकता होती है। जानिए दूसरे महीने में क्या बरतें सावधानियां।

  • अच्छी डाइट के साथ लिक्विड डाइट भी लेते रहें। दूसरे महीने के दौरान आप कई तरह के जूस और हेल्दी ड्रिंक्स ले सकते हैं।
  • ज्यादा से ज्यादा आराम करने की कोशिश करें। यह आपके और आपके बच्चे दोनों के लिए बहुत अच्छा है।
  • गर्भावस्था के दूसरे महीने में फॉलिक एसिड लेना शुरू करें, लेकिन इससे पहले अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह जरूर ले लें।
  • दिन में कम से कम 20 मिनट की वॉक जरूर करें और खुद को व्यस्त रखने की कोशिश करें।
  • इस दौरान आपके ब्रेस्ट हैवी हो सकते हैं, इसलिए सर्पोटिव ब्रा पहनना शुरू कर दें।
  • सब्जियों और फलों को खाने से पहले इन्हें अच्छी तरह से धोकर साफ कर लें। हमेशा छिलका छीलकर ही इन्हें खाएं।

(और पढ़े – प्रेगनेंसी के आठवें महीने की जानकारी और केयर टिप्स…)

गर्भावस्था के दूसरे महीने में भूलकर भी न करें ये गलतियां – Don’t do these things in second month of pregnancy in Hindi

गर्भावस्था के दूसरे महीने में भूलकर भी न करें ये गलतियां - Don’t do these things in second month of pregnancy in Hindi

  • गर्भावस्था के दौरान भूख ज्यादा लगती है। ये सोचकर की आप मोटी हो जाएंगी भूखे रहने की गलती बिल्कुल न करें। इससे जी-मचलाने और उल्टी आने की समस्या बढ़ सकती है।
  • गर्भावस्था के दौरान शराब, तंबाकू आदि के सेवन से बचें।
  • गर्भावस्था के दौरान बाहर के ऑयली और जंक फूड से बचें। बाहर के खाने में मौजूद केमिकल और कलर्स बच्चे के मानसिक विकास पर गहरा असर डाल सकते हैं। इसलिए हो सके तो घर में बना खाना ही खाएं।
  • डॉक्टर से बिना पूछे किसी भी तरह की दवाई ना लें।
  • चेहरे पर फेशियल कराने से बचें। फेशियल में मौजूद केमिकल्स समस्या पैदा कर सकते हैं। इसलिए कई बार विशेषज्ञ अरोमा का फेशियल कराने की सलाह देते हैं। इसके कोई साइड इफैक्ट्स नहीं होते।

(और पढ़े – मसालेदार खाना खाने के फायदे और नुकसान…)

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