गर्भावस्था

नॉर्मल डिलीवरी के लिए एक्सरसाइज और व्यायाम – Pregnancy Exercise For Normal Delivery In Hindi

नॉर्मल डिलीवरी के लिए एक्सरसाइज और व्यायाम - Pregnancy Exercise For Normal Delivery In Hindi

Normal delivery ke liye exercise एक्सरसाइज गर्भावस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है, चाहे वह पहली, दूसरी या फिर तीसरी तिमाही क्यों न हो। सभी डॉक्टर्स द्वारा गर्भावस्था में नॉर्मल डिलीवरी के लिए नियमित व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। उनके अनुसार गर्भावस्था में व्यायाम करने से नॉर्मल डिलीवरी के चांसेज बढ़ जाते हैं। लेकिन ज्यादातर गर्भवती महिलाएं अंतिम तिमाही यानि 9वें महीने में व्यायाम करने से डरती हैं। पहले तो उन्हें 9वें महीने में कौन सी एक्सरसाइज करनी है, इसकी सही जानकारी नहीं होती साथ ही उन्हें समय से पहले डिलीवरी होने और भ्रूण को नुकसान पहुंचने का डर सताता है। लेकिन कई रिसर्च में यह साफ बताया गया है कि गर्भावस्था में व्यायाम करना बेहद फायदेमंद है, खासतौर से नॉर्मल डिलीवरी के लिए गर्भावस्था के आखिरी यानि 9वें महीने में व्यायाम करना बहुत अच्छा है। इससे सामान्य प्रसव की संभावना तो बढ़ती ही है साथ ही लेबर टाइम और दर्द को कम करने में मदद मिलती है।

विशेषज्ञों के अनुसार गर्भावस्था के नौंवे महीने में व्यायाम करना निश्चित रूप से गर्भवती महिला की शारीरिक संरचना में बदलाव के साथ-साथ भ्रूण की जरूरतों को पूरा करने के लिए जरूरी है। आज का हमारा ये आर्टिकल गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें हम आपको नॉर्मल डिलीवरी के लिए 9वें महीने में कौन-कौन सी एक्सरसाइज प्रायोरिटी के साथ करनी चाहिए इस बारे में बताएंगे।

विषय सूची

1. क्या गर्भावस्था के 9वें महीने के दौरान एक्सरसाइज करना सुरक्षित है – Is It Safe To Exercise During 9th Month Of Pregnancy In Hindi
2. गर्भावस्था में एक्सरसाइज के फायदे – Benefits Of Exercise In Pregnancy In Hindi
3. सामान्य प्रसव के लिए गर्भावस्था में की जाने वाली एक्सरसाइज – Pregnancy Exercise For Normal Delivery In Hindi

4. गर्भावस्था में कैसे कर सकते हैं एक्सरसाइज की शुरूआत – How can you start your exercise program in pregnancy Hindi
5. गर्भावस्था में कब ना करें एक्सरसाइज – When to avoid exercise during pregnancy in Hindi
6. गर्भावस्था में एक्सरसाइज करते समय बरतें सावधानियां – Precautions during exercise in 9th month of pregnancy in Hindi

क्या गर्भावस्था के 9वें महीने के दौरान एक्सरसाइज करना सुरक्षित है – Is It Safe To Exercise During 9th Month Of Pregnancy In Hindi

क्या गर्भावस्था के 9वें महीने के दौरान एक्सरसाइज करना सुरक्षित है - Is It Safe To Exercise During 9th Month Of Pregnancy In Hindi

विशेषज्ञों के अनुसार गर्भावस्था के 9वें महीने में व्यायाम करना पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन इसके साथ महत्वपूर्ण है कि आप खुद को उच्च स्तर की देखभाल प्रदान करें। जैसे कि व्यायाम करने के साथ आप पर्याप्त पानी पीएं, विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर सुंतलन आहार खाना खाएं, कम से कम आठ से दस घंटे की नींद लें। इसके अलावा शरीर में हो रहे परिवर्तन पर ध्यान दें, अगर इन सब चीजों पर ध्यान देते हुए एक्सरसाइज जारी रखेंगे तो कोई नुकसान नहीं है।

(और पढ़े – प्रेगनेंसी के नौवे महीने में रखें इन बातों का ध्यान…)

गर्भावस्था में एक्सरसाइज के फायदे – Benefits Of Exercise In Pregnancy In Hindi

गर्भावस्था में एक्सरसाइज के फायदे - Benefits Of Exercise In Pregnancy In Hindi

  • र्नामल डिलीवरी के लिए गर्भावस्था में नियमित व्यायाम वजन बढ़ने से रोकता है साथ ही सामान्य फिटनेस के रखरखाव में मदद करता है। इसके अलावा व्यायाम मोटापे से संबंधित जटिलताओं की संभावनाओं को कम करता है, जो बढ़ते भ्रूण को प्रभावित कर सकता है।
  • अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त गर्भवती महिलाओं में बेसिक कार्डियोवस्कुलर वर्कआउट से जेस्टेशनल डायबिटीज होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। बता दें कि जेस्टेशनल डायबिटीज आपके स्वास्थ्य के साथ-साथ आपके गर्भ में पल रहे भ्रूण पर भी असर डालता है।
  • प्रेग्नेंसी के 9वें महीने में नियमित रूप से व्यायाम करने से कब्ज की समस्या कम हो जाती है और गर्भवती महिला को आवश्यक रूप से कुछ राहत जरूर मिलती है।
  • गर्भावस्था में वर्कआउट करने से डिलीवरी टाइम में सुधार हो सकता है खासतौर पर नॉर्मल डिलीवरी के दौरान दर्द कम होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • गर्भावस्था में व्यायाम करने से ब्लड प्रेशर और सिजेरियन ऑपरेशन की संभावना बहुत कम हो जाती  है।
  • गर्भावस्था के 9वें महीने में एक्सरसाइज करने से पीठ के निचले हिस्से में होने वाले दर्द से बहुत राहत मिलती है। दरअसल, लेट गर्भधारण के कारण गर्भवती महिलाओं में पीठ के दर्द की शिकायत बहुत रहती है, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो 9वें महीने में नियमित रूप से व्यायाम करने पर इस समस्या से राहत मिल सकती है। इस दौरान व्यायाम बेहद फायदेमंद है।
  • गर्भावस्था में एक्सरसाइज करने से प्रसव के बाद रिकवरी तेजी से होती है।

(और पढ़े – नॉर्मल डिलीवरी करने के उपाय…)

सामान्य प्रसव के लिए गर्भावस्था में की जाने वाली एक्सरसाइज – Pregnancy Exercise For Normal Delivery In Hindi

गर्भावस्था के दौरान शारीरिक व्यायाम वास्तव में माँ के स्वास्थ्य के लिए सहायक होते हैं और एक सामान्य प्रसव की संभावना को बढ़ाते हैं। सही रूप और तीव्रता के साथ गर्भावस्था के दौरान व्यायाम करना वास्तव में अच्छा माना जाता है। आइये जानतें हैं सामान्य प्रसव के लिए व्यायाम कौन कौन से है और कैसे किये जा सकते हैं।

गर्भावस्था के दौरान नॉर्मल डिलीवरी के लिए योगा – Yoga Exercise For Normal Delivery In Hindi

गर्भावस्था के दौरान नॉर्मल डिलीवरी के लिए योगा - Yoga Exercise For Normal Delivery In Hindi

गर्भावस्था के दौरान नॉर्मल डिलीवरी के लिए योगा करना एक अद्भुत प्रकार की एक्सरसाइज है। पूरी तरह से सुरक्षित होने के अलावा योगा आपके शरीर के लचीलेपन और ताकत में सुधार करता है। यह आपकी नींद में भी सुधार करते हुए चिंता और तनाव के लक्षणों में कमी करने में मदद करता है। योगासन शरीर के दर्द को कम करता है, साथ ही ब्रीदिंग रेट को भी बढ़ाता है। कई रिसर्च से पता चला है कि योग गर्भावस्था से संबंधित लक्षणों जैसे मितली, सिरदर्द से निजात पाने में बहुत फायदेमंद है।

ऐसे करें गर्भावस्था के दौरान नॉर्मल डिलीवरी के लिए योगा –

  • सबसे पहले अपने हाथों को ऊपर की ओर फैलाएं और फिर धीरे-धीरे झुकते हुए जमीन को छूएं।
  • अपने घुटनों को थोड़ा सा मोड़ें और धीरे-धीरे खड़े हों। थोड़ा रेस्ट करें और फिर से ये तरीका अपनाएं।
  • अब अपने हाथों को ऊपर की ओर बढ़ाएं और अपने दाहिने हाथ को पीछे खींचें। बाएं हाथ को सिर के ऊपर रखें। स्टे्रच फील करने के लिए दाईं ओर देखें। बाईं तरफ भी ऐसा ही करें।
  • अब अपने पैरों को थोड़ा चौड़ा रखें और अपने दाहिने घुटने को दाएं, दाएं पैर को सामने की ओर, बाएं पैर को सामने की ओर रखें। अपनी बाहों को अपने कंधे के लेवल पर रखें और अपने दाहिने ओर देखें।
  • अब अपने शरीर को थोड़ा नीचे करें और अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले आएं।
    अब अपने बाएं हाथ को अपने घुटनों के पीछे रखें, पीछे की ओर थोड़ा झुकें और अपने दाहिने हाथ को अपने सिर के ऊपर उठाएं और अपने दाहिने हाथ की ओर देखें।
  • फिर से अपनी बाहों को कंधे के लेवल में रखें और अपने ऊपरी शरीर को अपने दाहिने ओर ले जाएं। एक सैकंड के लिए इसी मुद्रा में रहें और फिर अपने दाहिने हाथ को छोड़ दें और अपने दाहिने पैर को छुएं। आपकी बाईं भुजा आपके सिर के ऊपर होनी चाहिए।
  • अब अपने बाईं ओर ये प्रक्रिया अपनाएं। ध्यान रखें कि हमेशा ये एक्सरसाइज योगा मैट पर बैठकर ही करें।

(और पढ़े – नॉर्मल डिलीवरी के लिए योग…)

नॉर्मल डिलीवरी के लिए एक्सरसाइज बॉल – Exercise Ball For Normal Delivery In Hindi

नॉर्मल डिलीवरी के लिए एक्सरसाइज बॉल - Exercise Ball For Normal Delivery In Hindi

गर्भावस्था के दौरान अपने पेट की मांसपेशियों को सख्त बनाने के लिए एक्सरसाइज बॉल का उपयोग करना काफी फायदेमंद साबित होता है। ये एक्सरसाइज आपकी कोर मसल्स को भी मजबूत बनाती है। लेकिन इसके लिए सही तरह की एक्सरसाइज बॉल का चुनाव करना जरूरी है।

एक्सरसाइज बॉल करने का आसान तरीका-

  • सबसे पहले मैट पर सीधे लेट जाएं और अपने हाथों को सीधे कमर से सटाकर रखें।
  • अब पैरों को स्ट्रेच करते हुए बॉल को पंजों की ओर रखें।
  • अब पंजों की मदद से बॉल को धीरे-धीरे आगे पीछे करें। ध्यान रहे इस दौरन आपके गर्दन तक का हिस्सा एकदम सीधा होना चाहिए बस लोअर बॉडी पार्ट कमर से ऊपर उठना चाहिए। ऐसा आप कम से कम
  • 10-15 मिनट तक करें। इसके साथ आप बॉल पुशअप्स, बॉल क्रंचेस, बॉल वॉल स्क्वाट्स जैसी प्रक्रिया भी कर सकते हैं।

(और पढ़े – फिट रहने के लिए सिर्फ दस मिनट में किए जाने वाले वर्कआउट और एक्सरसाइज…)

नॉर्मल डिलीवरी के लिए ऐरोबिक एक्सरसाइज – Aerobic Exercises For Normal Delivery In Hindi

नॉर्मल डिलीवरी के लिए ऐरोबिक एक्सरसाइज - Aerobic Exercises For Normal Delivery In Hindi

एरोबिक गर्भावस्था के दौरान खुद को फिट रखने का सबसे आसान तरीका है। आप हार्ट हेल्थ में सुधार करते हुए लचीलेपन को बढ़ावा देने के लिहाज से दिन में करीब दस से बीस मिनट तक पैदल चलना फायेदेमंद हैं। गर्भावस्था के नौवें महीने के लिए स्विमिंग भी की जा सकती है। गर्भावस्था में स्विमिंग आपकी मांसपेशियों को टोन करने और हार्ट रेट को कंट्रोल करने का शानदार तरीका है।

(और पढ़े – एरोबिक एक्सरसाइज क्या है, कैसे की जाती है, फायदे और नुकसान…)

सामान्य प्रसव के लिए लाइंग कॉब्लर पोज – Lying cobbler pose For Normal Delivery In Hindi

लाइंग कॉब्लर पोज नॉर्मल डिलीवरी के लिए बेहतरीन एक्सरसाइज है। इस एक्सरसाइज को करने से हिप्स के आसपास की मसल्स मजबूत होती हैं इसके अलावा यह एक्सरसाइज जांघों को टोन करने के साथ ही घुटनों में फ्लेक्सीबिलिटी भी लाती है।

लाइंग कॉब्लर पोज कैसे करें-

  • लाइंग कॉब्लर पोज के लिए पहले पैरों को दीवार की ओर करके लेट जाएं।
  • अब पैरों को स्ट्रेच करते हुए दीवार पर लगाएं।
  • दोनों पंजों को एकसाथ मिलाएं और फिर धीरे-धीरे नीचे लेकर आएं। 5 सैकंड तक इसी अवस्था में रहें और अब अपनी हथेलियों को घुटनों पर रखकर पैरों पर नीचे की तरफ दबाव डालें।
  • ऐसा करने से आपकी कूल्हों और घुटनों पर दबाव पड़ेगा और आपके पैर खुलते हुए से महसूस होंगे।
  • अब अपने दोनों हाथों को सिर के नीचे रखकर कुछ सैकंड के लिए आराम करें। पांच बार इस प्रक्रिया को दोहराएं और दिन में कम से कम एक बार इस एक्सरसाइज को जरूर करें।

(और पढ़े – जांघो को मोटा करने के उपाय और एक्सरसाइज…)

सामान्य प्रसव के लिए व्यायाम स्क्वाट – Squat Exercises For Normal Delivery In Hindi

सामान्य प्रसव के लिए व्यायाम स्क्वाट – Squat Exercises For Normal Delivery In Hindi

गर्भावस्क्था में स्क्वाट और लंजीस एक्सरसाइज आपके निचले शरीर के लिए बहुत अच्छी है। नियमित रूप से स्क्वाट करने के साथ आप लेबर टाइम को कम कर सकती हैं।

नॉर्मल डिलीवरी के लिए कैसे करें स्क्वाट-

  • सबसे पहले अपने पैरों को कंधे जितनी चौड़ाई में खोलें। अब अपने हाथों को कंधे की सीध में सामने करके हथेलियां जोड़ लें।
  • इसके बाद हल्की सांस लेकर अपने हिप्स को झ़ुकाएं। ये ऐसा होना चाहिए जैसे कि आप कुर्सी पर बैठ रही हों। एक सैंकड के लिए रूक जाएं और सांस छोड़ते हुए फिर से खड़ी हो जाएं।
  • अपनी कोहनियों को जांघ के अंदर रखें और अपने हिप्स को खोलने के लिए हल्के से धक्का देते हुए स्क्वाट करें।
  • ऊपर आते समय फर्श को अपनी उंगलियों से दबाएं, ताकि आपको शुरूआती स्थिति में वापस आने के लिए सहारा मिल सके।

(और पढ़े – स्क्वेट्स (स्क्वाट) के फायदे और करने का आसान तरीका…)

नॉर्मल डिलीवरी के लिए क्लेम शेल एक्सरसाइज – Clam shell exercise For Normal Delivery In Hindi

प्रेग्नेंसी में एक्सरसाइज को करने से एब्स, जांघ और कूल्हे की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसके अलावा पैरों और हिप्स की मांसपेशियों के बीच अच्छा बैलेंस बना रहता है।

ऐसे कर सकते हैं क्लेम शेल एक्सरसाइज –

  • क्लेम शैल एक्सरसाइज के लिए सबसे पहले चटाई पर पैर मोड़ते हुए एक तरफ करवट करके लेट जाएं।
  • अपना एक हाथ सिर के नीचे और दूसरा अपने हिप्स तक सीधा रखते हुए एड़ियों को एक के ऊपर एक रख लें।
  • एड़ियों को एकसाथ सटाकर रखें और जितना हो सके घुटनों के बीच से पैर खोलने की कोशिश करें।
  • अब प्राइमरी स्टेज में वापिस आने के लिए एक दो सैकंड आराम करें और फिर अपनी पहले वाली अवस्था में वापस आएं।
  • क्लेम शैल एक्सरसाइज को रोजाना करते हुए कम से कम पांच बार रीपिट करें। बता दें कि गर्भावस्था में पेट बढ़ने के दौरान आप यह एक्सरसाइज पीठ से दीवार का सहारा लेकर कर सकती हैं।

(और पढ़े – प्रेगनेंसी में करें प्री नेटल योग जो है मां और बच्चों के लिए फ़ायदेमंद…)

सामान्य प्रसव के लिए व्यायाम ब्रिज एक्सरसाइज – Bridge exercise For Normal Delivery In Hindi

सामान्य प्रसव के लिए व्यायाम ब्रिज एक्सरसाइज - Bridge exercise For Normal Delivery In Hindi

गर्भावस्था में ब्रिज एक्सरसाइज आपके बढ़ते हुए पेट को कंट्रोल करने में मददगार  है। इससे पेट के लिए पीठ के निचले हिस्से को सहारा मिलता है। इससे कूल्हों को भी मदद मिलती  है, जिससे नॉर्मल डिलीवरी होना आसान हो जाता है।

नॉर्मल डिलीवरी के लिए ब्रिज एक्सरसाइज करने का तरीका-

  • ब्रिज एक्सरसाइज करने के लिए सबसे पहले आप जमीन पर पैर मोड़ लें और लेट जाएं। अपने दोनों हथेलियों को हिप्स के नीचे रखें।
  • इसके बाद अपने सिर और कंधों को फर्श से टिकाते हुए कूल्हों और शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर उठाएं। कम से कम दो सैकंड के लिए इसी अवस्था में रहें और फिर शरीर को नीचे लेकर आएं।
  • हर रोज दिन में एक बार ये एक्सरसाइज करें और कम से कम पांच बार इस अवस्था को दोहराएं।

(और पढ़े – ब्रिज एक्सरसाइज करने का तरीका और फायदे…)

नॉर्मल डिलीवरी के लिए सिटिंग ग्लूट स्ट्रैच एक्सरसाइज – Sitting glute stretch exercise For Normal Delivery In Hindi

प्रेग्नेंसी में इस एक्सरसाइज को करने से पीठ के निचले हिस्से में दर्द से राहत मिलने के साथ पैल्विन पेन से राहत मिलती है।

ऐसे कर सकते हैं सिटिंग ग्लूट स्ट्रैच एक्सरसाइज

  • सिटिंग ग्लूट स्ट्रैच एक्सरसाइज करने के लिए आपको कुर्सी की जरूरत पड़ेगी। सबसे पहले आप एक कुर्सी में बीच में बैठे और धीरे-धीरे कर इसके किनारे की ओर बढ़ें। ध्यान रखें कि किनारे पर बढ़ते हुए अपने शरीर को पूरी तरह से बैलेंस रखें।
  • अब अपने दोनों पैरों को कमर के सामने एकदम सीधा रखें।
  • अब अपने बाएं पैर को दाएं घुटने के ऊपर से छाती की तरफ खीचें। इससे कूल्हे की मांसपेशियों में खिंचाव सा महसूस होगा।
  • अब अपने दाएं घुटनों को दाई कलाई से धीरे से दबाएं आपको ग्लूट से खिंचाव महसूस होगा।
  • ऐसी ही प्रक्रिया दाएं पैर के साथ भी रिपीट करें। एक दिन में पांच बार आप ये एक्सरसाइज कर सकती हैं।

(और पढ़े – पीठ दर्द के लिए योगासन…)

नॉर्मल डिलीवरी के लिए डाउनवर्ड डॉग योगा – Downward down yoga For Normal Delivery In Hindi

नॉर्मल डिलीवरी के लिए डाउनवर्ड डॉग योगा - Downward down yoga For Normal Delivery In Hindi

प्रेग्नेंसी में डाउनवर्ड डॉग योगा करने से आपके हाथ-पैरों में ताकत आएगी साथ ही कमर और इसके आसपास की मांसपेशियां मजबूत बनेंगी। इसे लगातार करने से पिंडलियों की नसें खुलती हैं और रीढ़ की हड्डी को भी मजबूती मिलती है।

ऐसे करें डाउनवर्ड डॉग योगा-

  • डाउनवर्ड डॉग योगा करने के लिए सबसे पहले व्रजासन की पोजीशन में आएं और अपनी दोनों हथेलियों को जमीन पर रखते हुए पीठ को एकदम सीधा रखें।
  • इसके बाद अपने अपने दोनों पर जोर डालते हुए पहले दाएं पैर को धीरे-धीरे पीछे की ओर ले जाएं और फिर बाएं पैर को पीछे ले जाएं।
  • अब अपने हिप्स को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं और सिर को नीचे रखने की कोशिश करें।
  • जितनी देर इस पोजीशन में रह सकती हैं रहें और फिर अपनी पहले की अवस्था में वापस आ जाएं।

(और पढ़े – अधोमुख श्वानासन के फायदे और करने का तरीका…)

सामान्य प्रसव के लिए आसान व्यायाम कीगल एक्सरसाइज – Kegal exercise For Normal Delivery In Hindi

गर्भावस्था में कीगल एक्सरसाइज की मदद से पैल्विक फ्लोर मसल्स मजबूत होती हैं। गर्भावस्था में कीगल एक्सरसाइज करना फायदेमंद है, इससे यूरिनरी ब्लेडर पर पड़ने वाला दबाव कम हो जाता है। डॉक्टर्स की मानें तो डिलीवरी के बाद करीब 70 प्रतिशत महिलाओं को यूरीन कंट्रोल करने जैसी समस्या से जूझना पड़ता है। इस स्थिति में कीगल एक्सरसाइज करना बेहतर विकल्प है।

कीगल एक्सरसाइज करने का तरीका –

  • कीगल एक्सरसाइज के लिए पहले जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं।
  • अब घुटनों को मोड़ते हुए पंजों को एकदसूरे से थोड़ी दूरी पर रखें। अब वजाइनल और एनल मसल्स को इस तरह सिकोड़ें जैसे यूरीन रोकते हैं।
  • लगभग पंच सैकंड तक इसी पोजीशन में रहें और फिर धीरे-धीरे वापस इसी अवस्था में आ जाएं। इस एक्सरसाइज को आप दिन में कभी  भी दो से तीन बार कर सकती हैं और इस प्रकिया को 8 से 15 बार तक दोहरा सकती हैं।

(और पढ़े – महिलाओं के लिए कीगल एक्सरसाइज के फायदे और करने का तरीका…)

नॉर्मल डिलीवरी के लिए पेल्विक स्ट्रेचिस एक्सरसाइज – Pelvic Stretches For Normal Delivery In Hindi

नॉर्मल डिलीवरी के लिए पेल्विक स्ट्रेचिस एक्सरसाइज - Pelvic Stretches For Normal Delivery In Hindi

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में पेल्विक स्ट्रेचिस एक्सरसाइज नॉर्मल डिलीवरी के लिए बेहद जरूरी है। यह एक्सरसाइज पेल्विक एरिया के लिए बहुत फायदेमंद है।

ऐसे करें पेल्विक स्ट्रेचिस एक्सरसाइज –

  • सबसे पहले बॉल पर पीठ को सीधी कर बैठें।
  • फिर अपने पैरों को कंधे की चौड़ाई से थोड़ा अलग जमीन पर रखें।
  • अब अपनी पेल्विस को थोड़ा आगे और पीछे घुमाकर खींचना शुरू करें। इस प्रक्रिया को 20 बार दोहराएं। ध्यान रखें अगर आपके पास बॉल नहीं है तो आप कुर्सी पर पिलो रखकर भी बॉल एक्सरसाइज कर सकते हैं।

(और पढ़े – स्‍ट्रेचिंग एक्‍सरसाइज, आखिर क्यों जरूरी है स्ट्रेचिंग…)

नॉर्मल डिलीवरी के लिए अपर बैक स्ट्रैच – Upper Back Stretch exercise For Normal Delivery In Hindi

अपर बैक स्ट्रैच एक्सरसाइज नॉर्मल डिलीवरी के दौरान आपके शरीर को लचीला बनाने के लिए बेहद फायदेमंद है। अगर आप नियमित रूप से गर्भावस्था के 9वें महीने में यह एक्सरसाइज करते हैं तो आपका ब्लड प्रेशर भी सही रहेगा और लेबर पेन को सहन करने की ताकत आएगी।

अपर बैक स्ट्रैच एक्सरसाइज करने का तरीका –

  • अपर बैक स्ट्रैच एक्सरसाइज के लिए पहले अपनी एक्सरसाइज मैट पर बैठें।
  • कमर को एकदम सीधा रखें।
  • पहले अपने बाएं हाथ को दाएं घुटने पर रखें और दाहिने हाथ को अपने पीछे रखें। ध्यान रखें कि ऐसा करते हुए सांस अंदर की ओर खीचें।
  • अब सांस छोड़े और पहले की अवस्था में आ जाएं। अब दूसरी तरफ भी ऐसा ही करें। दिन में हो सके तो पांच बार ये एक्सरसाइज करें। ध्यान रहे कि एक्सरसाइज के दौरान आपका शरीर ज्यादा ना मुड़े।

(और पढ़े – कमर के दर्द को दूर करने के उपाय…)

सामान्य प्रसव के लिए करें डीप ब्रिदिंग – Deep Breathing exercise For Normal Delivery In Hindi

गर्भावस्था में डीप ब्रिदिंग एक्सरसाइज आपके तनाव को दूर करने में सहायक है। नियमित रूप से डीप ब्रिदिंग एक्सरसाइज करने से आपको अच्छा महसूस होगा और आप डिलीवरी के आखिरी समय में खुद को बहुत रिलेक्स फील कर पाएंगे।

डीप ब्रिदिंग एक्सरसाइज कैसे करें –

  • डीप ब्रिदिंग एक्सरसाइज करने के लिए चटाई पर कमर सीधी कर बैठें ।
  • अब एक हाथ अपनी छाती पर और दूसरा अपने पेट पर रखें।
  • अपनी आंख बंद करें और धीरे-धीरे सांस लें।
  • अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें। इस प्रक्रिया को हर दिन 24 से 32 बार दोहराएं। कोशिश करें कि सांस नाक से लें और मुंह से छोड़ें। अगर कहीं भी आप असहज महसूस करें तो तुरंत एक्सरसाइज रोक लें।

(और पढ़े – अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे और करने का तरीका…)

गर्भावस्था में कैसे कर सकते हैं एक्सरसाइज की शुरूआत – How can you start your exercise program in pregnancy Hindi

गर्भावस्था में कैसे कर सकते हैं एक्सरसाइज की शुरूआत - How can you start your exercise program in pregnancy Hindi

  • गर्भावस्था में एक्सरसाइज की शुरूआत हल्की और सौम्य गतिविधियों से करना अच्छा है। इससे गर्भवती महिला को सांस लेने में कठिनाई नहीं होती, साथ ही थकान भी कम महसूस होती है।
  • गतिविधि की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ाई जा सकती है। इससे आप सुनिश्चित हो जाएंगे कि अब आपका शरीर अतिरिक्त दबाव झेल सकता है।
  • यदि जरूरी हो तो गर्भवती महिलाएं अपनी एक्सरसाइज को छोटे सेगमेंट्स में बांट लें।
  • कुछ सिंपल स्ट्रेचिंग से पहले वॉर्मअप जरूर करें। दरअसल, ये पोस्ट वर्कआउट मांसपेशियों के दर्द को कम करने में मदद करता है।
  • गर्भावस्था में शरीर के तापमान को बढ़ाने वाली कोई भी एक्सरसाइज न करें। क्योंकि ऐसा करने से शिशु का विकास प्रभावित हो सकता है।

(और पढ़े – वर्कआउट क्या होता है कितनी देर तक करें फायदे और नुकसान…)

गर्भावस्था में कब ना करें एक्सरसाइज – When to avoid exercise during pregnancy in Hindi

गर्भावस्था में कब ना करें एक्सरसाइज - When to avoid exercise during pregnancy in Hindi

  • गर्भावस्था के नौवें महीने के दौरान व्यायाम करना पूरी तरह सुरक्षित होता है, लेकिन कुछ समय ऐसा होता है, जब गर्भवती महिलाओं को व्यायाम करने से बचना चाहिए।
  • गर्भावस्था के नौंवे महीने में एक्सरसाइज की कोई भी नई गतिविधि करने से बचना चाहिए। इस दौरान आपको सिर्फ बेसिक एक्सरसाइज पर ध्यान देने की जरूरत है, लेकिन जब आपको लगे कि एक्सरसाइज करने से आपको तनाव हो रहा है तो ऐसे समय एक्सरसाइज से ब्रेक ले लेना चाहिए।
  • चक्कर आने के साथ जी मितलाना जैसा महसूस हो, तो ऐसी स्थिति में व्यायाम करने से बचना चाहिए।
  • अगर आपके वर्कआउट के कारण आपकी लाइफस्टाइल जैसे डाइट या अच्छी नींद न आना पर गलत असर पड़ रहा हो तो व्यायाम नहीं करना चाहिए।
  • अगर आप स्कीइंग, ट्रेकिंग, हाइकिंग जैसी एक्टिविटीज करती हैं, तो गर्भावस्था के 9वें महीने में ये सभी एक्टिविटीज आपके और आपके बच्चे के लिए लिए परेशानी का सबब बन सकती  हैं। इसलिए 9वें महीने के शुरू होते ही इन एक्टिविटीज स कुछ समय के लिए दूरी बना लीजिए।
  • अगर आपको एक्सरसाइज के दौरान सांस लेने में तकलीफ हो या छाती में दर्द महसूस हो तो एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए।
  • गर्भावस्था के 9वें महीने में होने वाले पेट दर्द या सिर दर्द को साधारण न समझें। अगर ऐसे कुछ लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत एक्सरसाइज करना बंद कर दें।
  • अगर आपकी पहली डिलीवरी समय से पहली हुई हो, तो ज्यादा व्यायाम करने से जरूर बचें।
  • अगर आपकी योनि से लगातार खून निकलने जैसे लक्षण नजर आएं तो ऐसी स्थिति में एक्सरसाइज रोक देनी चाहिए।
  • अगर आपकी शुगर कंट्रोल न हो तो एक्सरसाइज भूलकर भी ना करें।
  • अगर पहले कभी आपका मिसकैरेज हुआ हो तो रैगुलर एक्सरसाइज करना आपके लिए सही नहीं है।

(और पढ़े – इन घरेलू तरीकों को अपनाने से होगी नॉर्मल डिलीवरी…)

गर्भावस्था में एक्सरसाइज करते समय बरतें सावधानियां – Precautions during exercise in 9th month of pregnancy in Hindi

गर्भावस्था में एक्सरसाइज करते समय बरतें सावधानियां - Precautions during exercise in 9th month of pregnancy in Hindi

  • गर्भावस्था के आखिरी चरण यानि 9वें महीने में व्यायाम करना भले ही अच्छा है, लेकिन व्यायाम शुरू करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें। आपका डॉक्टर आपको सही एक्सरसाइज चुनने में मदद करेगा और उन्हें सुरक्षित रूप से संचालित करने के लिए मार्गदशन प्रदान करेगा।
  • नॉर्मल डिलीवरी के लिए गर्भावस्था के 9वें महीने में केवल ऐसी एक्सरसाइज करें जो कम प्रभाव वाली हों। इसका मतलब यह है कि गर्भावस्था के दौरान अपने लिगामेंट्स और जॉइंट्स पर ज्यादा प्रेशर न डालें। ऐसा इसलिए क्योंकि गर्भावस्था के हार्मोन के उत्पादन के कारण शरीर के ये अंग कमजोर होने लगते हैं, इसलिए गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में इन पर ज्यादा दबाव डालना अच्छा नहीं है।
  • तीसरी तिमाही के आखिरी महीने में गर्भवती महिलाएं ऐसी एक्सरसाइज करने से बचें जिनमें बॉडी मूवमेंट्स ज्यादा हों। एक स्पीड सेट करें और इसी के आधार पर वर्कआउट करें।
  • गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कोशिश करनी चाहिए कि लंबे समय तक एक्सरसाइज न करें।
  • इस दौरान गर्भवती महिलाओं को ढीले ढाले कपड़े पहनने चाहिए। एक्सरसाइज के दौरान खासतौर पर आरामदेह जूते पहनने चाहिए, क्योंकि जूते आपके पॉश्चर को सही बनाए रखने में मदद करते हैं, जिससे शरीर अनबैलेंस नहीं होता।
  • एक्सरसाइज के दौरान अच्छी क्वालिटी की स्पोट्र्स ब्रा पहनें। बता दें कि इस गर्भावस्था के आखिरी महीनों में स्तन वृद्धि होती है, ऐसे में स्पोट्र्स ब्रा पहनना आरामदायक होता है।
  • गर्भवती महिलाओं को जल्द सुबह और शाम को वॉक और एक्सरसाइज नहीं करना चाहिए। इस समय प्रदूषण बहुत ज्यादा होता है, जिससे इंफेक्शन की समस्या पैदा हो सकती है।
  • एक्सरसाइज करते वक्त शरीर में नमी का ध्यान रखें। प्यास लगी है तो नींबू पानी या नारियल पानी पीना बेहतर विकल्प है।
  • एक्सरसाइज करने की स्थिति में गिरने से बचने के लिए समतल वाली जगह पर भी एक्सरसाइज करें।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी है कि एक्सरसाइज के दौरान खूब पानी पीएं।
  • गर्भावस्था में खाना खाने के एक घंटे बाद ही एक्सरसाइज करें।

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