फिटनेस के तरीके

ब्रिज एक्सरसाइज करने का तरीका और फायदे – Bridge Exercise Steps And Benefits In Hindi

ब्रिज एक्सरसाइज करने का तरीका और फायदे - Bridge Exercise Steps And Benefits In Hindi

Bridge Exercise in Hindi ब्रिज एक्सरसाइज फिटनेस के लिए एक महत्वपूर्ण एक्सरसाइज है। जो आपके पूरे शरीर के लिए फायदेमंद होती है। इसे चेन एक्सरसाइज (chain exercise) का उदाहरण माना जाता है क्योंकि इस एक्सरसाइज को करते समय इसमें शरीर की दोनों बांहें और पैर अपनी जगह पर रहते हैं। यह एक्सरसाइज बॉडी बिल्डर्स, धावकों (runners), एथलीटों और योगियों से लेकर सबके लिए फायदेमंद होती है। माना जाता है कि ब्रिज एक्सरसाइज की उत्पत्ति सेतुबंधासन या सर्वांगासन आसन से हुई है। ब्रिज एक्सरसाइज एक ऐसी एक्सरसाइज है जो कमजोर मांसपेशियों में मजबूती लाने में मदद करती है और शरीर को फिट रखती है। इस लेख में हम आपको विभिन्न तरह के ब्रिज एक्सरसाइज करने के तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं।

विषय सूची

1. ब्रिज एक्सरसाइज के प्रकार – Types of Bridge Exercise in Hindi

2. ब्रिज एक्सरसाइज करने के फायदे – Benefits Of Bridge Exercises in Hindi
3. ब्रिज एक्सरसाइज करते समय बरतें सावधानियां – Precautions for bridge exercise in Hindi

ब्रिज एक्सरसाइज के प्रकार – Types of Bridge Exercise in Hindi

आमतौर पर ब्रिज एक्सरसाइज कई प्रकार की होती है। हालांकि इनमें समानता यह है कि सभी तरह के ब्रिज एक्सरसाइज को जमीन पर लेटकर किया जाता है। हम इनमें से कुछ महत्वपूर्ण ब्रिज एक्सरसाइज के बारे में आपको बताएंगे।

  • हिप ब्रिज एक्सरसाइज (hip bridge exercise in Hindi)
  • ग्लूट ब्रिज एक्सरसाइज (Glute Bridge Exercise in Hind)
  • सिंगल लेग ब्रिज एक्सरसाइज (single leg bridge exercise in Hindi)
  • ट्राइसेप डिप और रिवर्स ब्रिज एक्सरसाइज (Tricep Dip and Reverse Bridge exercise in Hindi)
  • सिंगल स्काई ब्रिज एक्सरसाइज (Single Sky Bridge exercise in Hindi)

हिप ब्रिज एक्सरसाइज करने का तरीका – Hip Bridge Exercise steps in Hindi

  • फर्श पर पीठ के बल लेट जाएं और दोनों हाथों को शरीर के दोनों तरफ सीधा रखें एवं हथेलियों को जमीन पर फैलाकर रखें।
  • अब अपने घुटनों को मोड़े और पैरों को जमीन से ऊपर उठाएं।
  • इसके बाद अपने नितम्बों को भी जमीन से ऊपर उठाएं। सीना जमीन पर ही होना चाहिए। पैर और कंधे के पीछे वाले हिस्से से शरीर का संतुलन बनाएं।
  • इस अवस्था में तीन सेकेंड तक बने रहें और फिर शरीर को नीचे कर लें। हिप ब्रिज एक्सरसाइज करते समय गहरी सांस लेना न भूलें।
  • इस एक्सरसाइज को तीन सेकेंड तक कम से कम दस बार दोहराएं।

(और पढ़े – हिप्स कम करने के घरेलू उपाय और एक्सरसाइज…)

ग्लूट ब्रिज एक्सरसाइज करने का तरीका – Glute Bridge Exercise steps in Hindi

  • फर्श पर पीठ के बल लेट जाएं और अपने घुटनों को झुकाएं एवं शरीर के निचले हिस्से के भार को अपने एड़ियों से सहारा दें।
  • अपनी बांहों को दोनों तरफ रखें और हथेलियों को खोलकर जमीन पर रकें।
  • अपने नितम्बों, पीठ के मध्य और निचले हिस्से को हल्का सा धक्का देकर ऊपर की ओर उठाएं।
  • अपने दाएं पैर को उठाएं और दाएं घुटने को एब्स (abs) के पास लाने की कोशिश करें।
  • इसके बाद इसे नीचे करके बाएं पैर को उठाकर वही क्रिया दोहराएं।
  • ग्लूट ब्रिज एक्सरसाइज को तीन सेकेंड तक 12 बार करें।

(और पढ़े – सेतुबंधासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियां…)

सिंगल लेग ब्रिज एक्सरसाइज करने का तरीका इन हिंदी – Single Leg Bridge Exercise steps in Hindi

  • फर्श पर पीठ के बल लेट जाएं और अपनी दोनों बाहों को खुला रखें एवं हथेलियों को हल्का सा ऊपर उठाएं।
  • इसके बाद अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों की एड़ियों को जमीन पर एक बिंदु पर टिकाकर रखें।
  • अपने नितम्बों को उठाएं और ब्रिज पोज में आ जाएं।
  • अब अपने दाएं पैर को उठाएं और 45 डिग्री के कोण पर इसे पूरी तरह से फैलाएं।
  • इस पोजीशन में तीन सेकेंड तक बने रहें। नितम्बों का निचला हिस्सा और घुटना झुकना नहीं चाहिए और दूसरे पैर की एड़ी कोर पर होनी चाहिए।
  • बाएं पैर को उठाने से पहले दाएं पैर से कम से कम नौ बार अभ्यास करें।

(और पढ़े – उत्तानपादासन करने की विधि और फायदे…)

ट्राइसेप डिप और रिवर्स ब्रिज एक्सरसाइज करने का तरीका – Tricep Dip And Reverse Bridge Exercise steps in Hindi

  • सबसे पहले फर्श पर आराम से बैठ जाएं। अपनी दोनों हथेलियों को खोलकर चटाई पर रखें और अपने पैरों का भार एड़ियों पर संतुलित करें। अपने कंधे को हल्का सा पीछे की ओर झुकाएं और पीठ एवं हथेलियों को सीधा रखें।
  • अपने शरीर को हथेलियों और एड़ियों से सहारा देकर अपने नितम्बों को जमीन से हल्का सा ऊपर उठाएं।
  • इसके बाद अपनी कोहनी और नितम्ब के निचले हिस्से को झुकाएं और ट्राईसेप पोजीशन में लाएं। इसके बाद अपने नितम्ब को ऊपर की ओर उठाएं और इसे अपनी गर्दन के बराबर लाएं और सिर को हल्का सा झुकाएं।
  • इस मुद्रा में दो से तीन सेकेंड तक बने रहें और फिर नितम्बों को जमीन पर रख लें।
  • ट्राइसेप डिप और रिवर्स ब्रिज एक्सरसाइज कम से कम बारह बार दोहराएं।

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सिंगल स्काई ब्रिज एक्सरसाइज करने का तरीका – Single Sky Bridge Exercise steps in Hindi

  • जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं और अपनी बांहों को शरीर के दोनों तरफ फैलाएं और हथेलियों को खोलकर जमीन पर रखें।
  • सामने एक कुर्सी रखें और अपने दोनों पैरों को करीब लाएं और कुर्सी के ऊपर रखें।
  • इसके बाद अपने नितम्बों को जमीन से ऊपर उठाएं।
  • अब दाएं पैर को कुर्सी से 90 डिग्री के कोण पर ऊपर उठाएं लेकिन नितम्ब का निचला हिस्सा जमीन को छूना चाहिए। इस मुद्रा में कुछ सेकेंड तक बने रहें।
  • तीन सेकेंड तक कम से कम बारह बार सिंगल स्काई ब्रिज एक्सरसाइज का अभ्यास करें।

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ब्रिज एक्सरसाइज करने के फायदे – Benefits Of Bridge Exercises in Hindi

यह एक ऐसी एक्सरसाइज है जिसका अभ्यास करने के दौरान पीठ, पेट, कमर, जांघें, नितम्ब (कूल्‍हों) और पैर के घुटने शामिल रहते हैं। इसलिए इसे शरीर के निचले हिस्से की एक्सरसाइज मानी जाती है जो विशेषरूप से मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाने में फायदेमंद होता है। आइये जानते हैं ब्रिज एक्सरसाइज करने के क्या फायदे होते हैं।

ब्रिज एक्सरसाइज के फायदे घुटने और पीठ के दर्द के लिए

ब्रिज एक्सरसाइज के फायदे घुटने और पीठ के दर्द के लिए

ब्रिज एक्सरसाइज करने से मांसपेशियां टोन होती हैं और इसमें लचीलापन आता है जिसके कारण घुटने और पीठ का दर्द ठीक रहता है। शरीर की मांसपेशियों में गंभीर दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए ब्रिज एक्सरसाइज बहुत ही फायदेमंद होता है और युवाओं में बहुत लोकप्रिय है।

(और पढ़े – पीठ दर्द से छुटकारा पाना है तो अपनाएं ये घरेलू उपाय…)

ब्रिज एक्सरसाइज करने के फायदे एथलीटों के लिए फायदेमंद

ग्लूट ब्रिज एक्सरसाइज एथलीटों के लिए बहुत फायदेमंद होती है।

इसका कारण यह है कि ब्रिज एक्सरसाइज करने से शरीर में मजबूती आती है और एनर्जी मिलती है।

जिसके कारण हायर जंप करने और कोर्ट या फील्ड में खेलने वाले खिलाड़ियों की खेल क्षमता बढ़ती है।

ब्रिज एक्सरसाइज करने के लाभ शरीर पर कपड़े फिट होते हैं

ब्रिज एक्सरसाइज शरीर के फिटनेस के लिए फायदेमंद होती है।

यह शरीर को टोन करके गोलाकार बनाती जिसके कारण शरीर का शेप बेहतर होता है और वजन संतुलित रहता है जिसके कारण कोई भी ड्रेस शरीर पर आकर्षक दिखायी देता है।

ब्रिज योग एक्सरसाइज करने से स्टैमिना बढ़ता है

ब्रिज योग एक्सरसाइज करने से स्टैमिना बढ़ता है

ब्रिज एक्सरसाइज करने में जितनी ज्यादा मेहनत लगती है, शरीर की स्टैमिना भी उतनी ही तेजी से बढ़ता है। यह एक्सरसाइज युवाओं के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है और उनके शरीर की स्टैमिना बढ़ाने में मदद करता है जिसके कारण शरीर में चुस्ती और फुर्ती आती है।

(और पढ़े – स्टेमिना बढ़ाने के लिए क्या करें…)

ब्रिज एक्सरसाइज करने के फायदे शरीर को लचीला बनाने में

यह एक ऐसा एक्सरसाइज है जो महिलाओं के शरीर और कमर को छरहरा बनाने में मदद करता है। हिप ब्रिज और ग्लूट ब्रिज एक्सरसाइज करने से नितम्बों और कमर के आसपास जमी चर्बी घटती है जिसके कारण महिलाओं का शरीर सेक्सी दिखता है।

(और पढ़े – कमर और पेट कम करने के घरेलू उपाय…)

ब्रिज एक्सरसाइज करने के लाभ थकान दूर करने के लिए

ब्रिज एक्सरसाइज करने के लाभ थकान दूर करने के लिए

यह एक्सरसाइज करने से सीने और गर्दन में तनाव आता है जिसके कारण मूड बेहतर होता है और तनाव, माइग्रेन और डिप्रेशन जैसी समस्याएं दूर हो जाती हैं। इसके अलावा ब्रिज एक्सरसाइज करने से थकान भी नहीं होती है।

(और पढ़े – थकान दूर करने के उपाय…)

मासिक धर्म के लिए फायदेमंद ब्रिज एक्सरसाइज

मासिक धर्म के लिए फायदेमंद ब्रिज एक्सरसाइज

ब्रिज एक्सरसाइज करने से महिलाओं में मेनोपॉज के लक्षण कम होते हैं और माहवारी से संबंधित सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है।

(और पढ़े – रजोनिवृत्ति के कारण, लक्षण और दूर करने के उपाय…)

थॉयराइड को नियंत्रित करने में ब्रिज एक्सरसाइज करने के फायदे

थॉयराइड को नियंत्रित करने में ब्रिज एक्सरसाइज करने के फायदे

ब्रिज एक्सरसाइज एक ऐसी एक्सरसाइज है जो पेट के अंगों को उत्तेजित करती है और थॉयराइड से जुड़ी समस्याओं से महिलाओं को बचाती है। इसके अलावा यह फेफड़ों को भी मजबूत बनाने का कार्य करती है। साथ ही शरीर को संतुलित अवस्था में रखने में मदद करती है।

(और पढ़े – थायराइड के लक्षण कारण व घरेलू उपचार…)

ब्रिज एक्सरसाइज करते समय बरतें सावधानियां – Precautions for bridge exercise in Hindi

  • अगर आप गर्भवती हैं तो ब्रिज एक्सरसाइज न करें अन्यथा आपका दर्द बढ़ सकता है।
  • यदि पीठ, रीढ़ की हड्डी या घुटनों में गंभीर या पुरानी चोट हो तो ब्रिज एक्सरसाइज न करें अन्यथा आपको अधिक तकलीफ हो सकती है।
  • अगर आपके शरीर में खून की कमी हो तो यह एक्सरसाइज न करें।
  • अगर सांस फूलने की समस्या हो या सांस लेने में तकलीफ होती हो या आप दमा के मरीज हों तो ब्रिज एक्सरसाइज करने से परहेज करें।

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