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मोटापा के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव – Obesity Symptoms, Causes, Treatment and Prevention in Hindi

अधिक मोटापा लक्षण, कारण और बचाव - Obesity Symptoms, Causes and Prevention in hindi

Obesity in Hindi मोटापा (Obesity) एक ऐसी बीमारी है, जिससे आज लगभग हर पाँचवां व्यक्ति जूझ रहा है। मोटापा के कारण से आप अपने लिए न जाने कितनी बीमारियों को आमंत्रण दे रहे है। चिकित्सा विज्ञान (medical science) भी यही मानता है, कि बहुत सारी बीमारियों का कारण मोटापा होता है। कुछ लोगों में यह मोटापा अनुवांशिक (Genetic) होता है, तो कुछ लोगों के खान-पान (food and drink) की गलत आदतों के कारण इसका सामना करना पड़ता है। आइए जानते है आखिर ये मोटापा (obesity) क्‍या होता है, मोटापे के कारण, इलाज क्‍या है और इससे कैसे बचा जा सकता है।

विषय सूची

मोटापा क्या होता है – What is Obesity in Hindi

मोटापा के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव - Obesity Symptoms, Causes, Treatment and Prevention in Hindi

मोटापा एक ऐसी स्थिति है जहां एक व्‍यक्ति के शरीर में बहुत अधिक वसा (fat) जमा हो जाती है, जिससे उनके स्‍वास्‍थ्‍य पर नकारात्‍मक प्रभाव (Negative effect) पड़ सकता है। जिस व्यक्ति का बॉडी मास इंडेकस (BMI) 30 या इससे अधिक हो, तो उस व्यक्ति की गिनती मोटे व्‍यक्तियों में की जाती है। सामान्‍य भाषा में कहा जाए तो मोटापा वह बीमारी है, जब व्‍यक्ति का वजन सामान्‍य वजन से अधिक हो जाए या जरूरत से ज्‍यादा शरीर में फैट जमा हो जाए। मोटापा की स्थिति के कारण शरीर में बहुत सी बीमारियां, जैसे श्वास की बीमारी (Breathing disorder), हृदय रोग (heart disease), मधुमेह (Diabetes), कैंसर और अन्‍य के उत्पन्न होने की संभावना बढ़ जाती है।

उम्र, लिंग, जातीयता और मांसपेशियों जैसे कारक बीएमआई और शरीर में वसा के संबंध को प्रभावित कर सकते हैं। अर्थात उम्र, लिंग और जातीयता के आधार पर बॉडी मास इंडेकस प्रत्येक व्यक्ति में अलग अलग हो सकता है। BMI की गणना किसी व्यक्ति के वजन और ऊंचाई को ध्यान में रखकर की जाती है।

अगर कोई व्यक्ति जरूरत से ज्‍यादा मोटा (Fatty) है, तो यह मोटापा उसके लिए खतरा बन सकता है। अतः व्यक्ति को मोटापे की स्थिति की जाँच कर समय पर इसको कम करने के लिए उचित प्रयास करना चाहिए। आइए जानते हैं, मोटापे के कारण क्‍या हैं।

(और पढ़ें – मोटापे से होने वाले रोग और उनसे बचाव )

मोटापा के लक्षण – Obesity Symptoms in Hindi

प्रारंभिक स्थिति में मोटापा कोई बीमारी नहीं है, बल्कि धीरे-धीरे बीमारियों का रूप ले लेती है। अर्थात मोटापा अनेक बीमारियों का कारण बन सकता है। शरीर में वसा (fat) की अधिक मात्रा होने पर, त्‍वचा (skin) की मोटाई बढ़ जाती है। साथ ही कमर और कूल्‍हे का आकार भी बढ़ जाता है। मोटापा की स्थिति में एक व्यक्ति सामान्यतः निम्न लक्षणों का अनुभव कर सकता है, जिनमें शामिल हैं:

मोटापा के कारण – Obesity Causes in Hindi

व्यक्तियों द्वारा दैनिक दिनचर्या में व्‍यायाम को शामिल न करने और असंतुलित भोजन को अपनाने के कारण ही मोटापे के लक्षण सामने आते है। हार्मोनल परिवर्तन भूख में वृद्धि कर सकते हैं, जिससे सम्बंधित व्यक्ति ज्‍यादा कैलोरी (Calories) वाले खाद्य पदार्थो का सेवन करता है। इन सभी स्थितियों का प्रभाव व्यक्ति के वजन पर पड़ता है।

व्यक्तियों में मोटापे के अनेक कारण हो सकते हैं जिनमें शामिल हैं:

भोजन में अत्‍याधिक मात्रा में कैलोरी का उपयोग – Consuming too many calories in Hindi

देर रात तक जागना, घर से बाहर अधिक समय बिताना और अधिक वसा वाले भोजन (Fat food) का सेवन करना व्यक्ति के मोटापे का मुख्य कारण है। वर्तमान समय में वसा और कैलोरी में उच्च खाद्य पदार्थों, फास्ट फूड और उच्च कैलोरी पेय (शक्करयुक्त शीतल पेय) का अधिक सेवन करने के साथ फलों और सब्जियों की कमी के कारण व्यक्तियों में मोटापे की समस्या काफी बढ़ गई है।

मोटापा बढ़ने के कारण निष्‍क्रीय जीवनशैली – Leading a sedentary lifestyle in Hindi

व्यक्ति व्यायाम और नियमित दैनिक गतिविधियों के माध्यम से जितना अधिक गतिशील रहता है, वह उतनी ही अधिक कैलोरी को बर्न करता है। आज के समय में व्यक्ति शारीरिक गतिविधियों जैसे- व्यायाम, योग, परिश्रम (hard work) में समय ही नहीं देना चाहता। कंप्यूटर, टैबलेट, फोन और टीवी जैसे संसाधन के चलते मनुष्य पहले की अपेक्षा बहुत कम गतिशील हो गया है, जिसके कारण यह गतिहीन जीवनशैली व्यक्तियों में मोटापे का कारण बनती है। कोई भी व्यक्ति जितना कम परिश्रम करेगा, उसके शरीर में उतनी ही कम मात्रा में कैलोरी बर्न होगी। जिससे शरीर में कैलोरी की मात्रा बढ़ने से धीरे-धीरे मोटापा बढ़ने लगता है।

मोटापा का कारण है पर्याप्त नींद न लेना – Not sleeping enough In Hindi

अनुसंधानों से यह जानकारी मिलती है कि यदि व्यक्ति पर्याप्त नींद (Whole sleep) नहीं ले रहे है, तो यह स्थिति उस व्यक्ति के लिये मोटापे का कारण बन सकती है। पर्याप्त नींद नहीं लेने से हार्मोनल परिवर्तन हो सकते हैं, जो भूख में वृद्धि कर सकते हैं। जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति उच्च कैलोरी खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकता है और मोटापे से ग्रस्त हो सकता है।

(और पढ़े – अनिद्रा के कारण, लक्षण और उपचार)

मोटापा का कारण है मस्तिष्‍क पर फ्रकटोज का प्रभाव – Fructose effect on the brain promote obesity in Hindi

कुछ वैज्ञानिकों ने एमआरआई (MRI) स्‍कैन और अल्‍ट्रासाउंड (Ultrasound) के साथ मस्तिष्‍क पर फ्रक्टोज (Fructose) और ग्लूकोज के प्रभाव की तुलना की और यह पाया कि वर्तमान में मोटापा की बीमारी के पीछे अत्‍याधिक फ्रुक्‍टोज युक्‍त भोजन का सेवन हो सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार मस्तिष्‍क में ऐसे क्षेत्र होते हैं, जो भूख को नियंत्रित करने का कार्य करते हैं। जब ये क्षेत्र सक्रीय हो जाते है, तो वे इंसुलिन छोड़ते है, जो तृप्ति की भावना (अर्थात भोजन न करने की भावना) का उत्‍पादन करते है। चूँकि फ्रुक्‍टोज इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बनता है और ओवरईटिंग को बढ़ावा दे सकता है (1 )(2), जिसके कारण मोटापा बढ़ता है।

मोटापा का कारण हो सकता है जीन – Gene may be cause of Obesity in Hindi

एक गलत जीन, जिसे एफटीओ (FTO) कहा जाता है, यह प्रत्‍येक छ: आदमियों में से एक में होता है। वैज्ञानिको का कहना है कि जो लोग FTO से संबंधित दवाएं लेते है, वे लोग ज्‍यादा वसा युक्‍त भोजन पसंद करते है और आमतौर पर मोटापा से परेशान रहते है। उन्‍हें भूक से संतुष्‍ट होने में बहुत समय लगता है।

मोटापे का कारण कुछ चिकित्सकीय स्थितियां – Certain medical conditions cause obesity in Hindi

कुछ चिकित्सकीय स्थितियों के कारण भी मोटापा की समस्या उत्पन्न हो सकती है, जिनमें शामिल हैं:

मोटापे से होने वाली समस्याएं – Complications of Obesity in Hindi

सामान्य से ज्‍यादा वजन को मोटापे की श्रेणी में रखा जाता है। शरीर में वसा (fat) का अनुपात ज्‍यादा होने से मांसपेशियों के साथ साथ आंतरिक अंगों (Internal organs) पर भी दबाव बढ़ता है, जिससे शरीर में सूजन (Swelling) बढ़ती है। जिसे कैंसर (Cancer) का प्रमुख कारण माना जाता है। मोटापा की समस्या व्यक्तियों में निम्न बीमारीयों के उत्पन्न होने का कारण बन सकती है, जिनमें शामिल हैं:
दिल की बीमारी
उच्‍च रक्‍त चाप
• कुछ कैंसर जैसे- स्‍तन कैंसर (Breast cancer), बृहदान्‍त्र (colon) का कैंसर,
आघात या अटैक (attack)
पित्ताशय रोग
टाइप-2 मधुमेह
फैटी लिवर की बीमारी
उच्‍च कोलेस्‍ट्रॉल (high cholesterol) की समस्या
स्‍लीप एपनिया और अन्‍य श्वास संबंधी समस्‍याएं
गठिया (arthritis)
बांझपन (Infertility), इत्यादि।

(और पढ़ें – वजन घटाने वाले उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ )

मोटापे की जांच – Obesity diagnosis in Hindi

मोटापे का निदान करने के लिए, डॉक्टर आमतौर पर एक शारीरिक परीक्षण और कुछ अन्य परीक्षणों की मदद ले सकता है। इन परीक्षणों में आमतौर पर निम्न को शामिल किया जा सकता है:

स्वास्थ्य सम्बन्धी इतिहास की जानकारी – डॉक्टर मोटापे की समस्या और इसके कारणों का निदान करने के लिए व्यक्ति के स्वास्थ्य सम्बंधित इतिहास के बारे में जानकारी लेगा और दैनिक दिनचर्या के बारे में कुछ प्रश्न पूंछेगा।

एक सामान्य शारीरिक परीक्षण – शारीरिक परीक्षण के तहत व्यक्ति की ऊंचाई को मापना, हृदय गति, रक्तचाप और तापमान की जाँच और पेट की जांच की जा सकती है।

बीएमआई की गणना (Calculating BMI) – डॉक्टर व्यक्ति के बॉडी मास इंडेक्स (BMI) की जांच कर मोटापे का निदान करेगा। 30 या उससे अधिक BMI, मोटापा का संकेत देता है। व्यक्तियों को अपने BMI की जाँच वर्ष में कम से कम एक बार करानी चाहिए।

अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की जाँच – यदि डॉक्टर को अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के होने की संभावना होती है, तो डॉक्टर इन समस्याओं के निदान के लिए अन्य परीक्षण की सिफारिश कर सकता है। इन समस्याओं में शामिल हैं: उच्च रक्तचाप और मधुमेह

रक्त परीक्षण रक्त परीक्षण से डॉक्टर मोटापा की समस्या का निदान कर सकता है, लक्षणों के आधार पर रक्त परीक्षण में निम्न शामिल हो सकते हैं, जैसे:

मोटापे का इलाज – Obesity treatment in Hindi

यदि किसी व्यक्ति मोटापे या अधिक वजन की समस्या से पीड़ित है तो उसे इस समस्या का इलाज करने के लिए उचित उपाय अपनाने चाहिए। जो व्यक्ति अपने वजन या मोटापे को कम करने में असमर्थ हैं, तो उन्हें चिकित्‍सकीय सहायता लेनी चाहिए। डॉक्टर मोटापे का इलाज करने के लिए सम्बंधित व्यक्ति को उचित आहार और व्‍यायाम (exercise) की सिफारिश कर सकता है। इसके अतिरिक्त डॉक्टर जीवन शैली (lifestyle) में परिर्वतन के साथ-साथ कुछ दवाओं के माध्‍यम से मोटापे की बीमारी का इलाज कर सकता है।

डॉक्टर निम्न प्रकार से मोटापा कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं:

जीवनशैली और व्यवहार में परिवर्तन – Lifestyle and Behaviour Changes in Hindi

स्‍वाथ्‍य सलाहकार (Health adviser) मोटापे को कम करने के लिए संतुलित और बेहतर आहार के सेवन की जानकारी दे सकते हैं। इसके अतिरिक्त मोटापा कम करने में सहायक व्‍यायाम और शारीरिक गतिविधियों की भी सिफारिश की जा सकती है। निराशा, अवसाद या भावनात्‍मक हीनता आदि मामलों से निपटने में भी डॉक्टर मदद कर सकते हैं।

मोटापा का चिकित्‍सकीय उपचार – Medical treatment for Obesity in Hindi

डॉक्टर स्वस्थ भोजन और व्यायाम योजनाओं के अलावा मोटापा कम करने वाली कुछ दवाओं की भी सिफारिश कर सकता है। इन दवाओं की सिफारिश आमतौर पर तब की जाती है, जब वजन घटाने के अन्य तरीके फायदेमंद न हों। वजन घटाने वाली दवाएं या तो वसा के अवशोषण को रोकती है या भूख को कम करने का कार्य करती है। इन दवाइयों (Medicines) के नियमित सेवन से कुछ साइड इफेक्‍ट उत्पन्न हो सकते है। इसलिए इन दवाओं का प्रयोग डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।

मोटापा कम करने के लिए सर्जरी – Obesity Surgery in Hindi

सर्जरी के द्वारा भी वजन को कम किया जा सकता है, जिसे आमतौर पर बैरिएट्रिक सर्जरी (bariatric surgery) कहा जाता है। वजन कम करने के लिए सर्जरी की सिफारिश केवल उन्हीं लोगों को की जाती है जिनका बीएमआई 40 या इससे अधिक होता है। 40 से अधिक बीएमआई की स्थिति, मोटापे की खतरनाक स्थिति है। इस प्रकार की सर्जरी के बाद जीवनशैली में सुधार करने और भोजन को सीमित करने की जरुरत पड़ती है, जिससे शरीर को सीमित मात्रा में कैलोरी और वसा मिलता रहे।

सर्जिकल विकल्‍पों मे शामिल है:-

  • गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी (gastric bypass surgery)
  • लेप्रोस्कोपिक एडजस्टेबल गैस्ट्रिक बैंडिंग (Laparoscopic adjustable gastric banding) (LAGB)
  • गैस्ट्रिक स्लीव (Gastric sleeve) – इस प्रक्रिया में, पेट का कुछ हिस्सा हटा दिया जाता है।

(और पढ़े – संतुलित आहार के लिए जरूरी तत्व , जिसे अपनाकर आप रोंगों से बच पाएंगे)

मोटापा कम करने के उपाय – How to Prevent Obesity in Hindi

आप मोटापे को कैसे रोक सकते हैं - How to Prevent Obesity in Hindi

व्यक्ति कुछ घरेलू तरीके अपनाकर या खान-पान में बदलाव करके अपने मोटापे को कम करने और मोटापा की बीमारी से बचने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं, मोटापे से बचने वाले वाले कुछ उपाय के बारे में:

मोटापा से बचने के लिए नियमित व्‍यायाम करें – Exercise regularly to Prevent Obesity in Hindi

अच्‍छे जीवन शैली (lifestyle) विकल्‍पों के द्वारा वजन बढ़ने से रोकने में मदद मिल सकती है। मोटापे को रोकने के लिए व्यक्ति को प्रतिदिन 20 से 30 मिनिट के लिए सामान्‍य व्‍यायाम करना चाहिए। व्‍यायाम के अंतर्गत चलना (walking) ,तैरना (swimming),सायकलिंग (cycling) इत्यादि गतिविधि शामिल हैं।

(और पढ़े – मोटापा कम करने के घरेलू उपाय…)

मोटापा को रोकने के लिए स्‍वस्‍थ खान-पान – Healthy eating plan to Prevent Obesity in Hindi

मोटापा से बचने वाले आहार के रूप में फलों (Fruits), सब्जियों (Vegetables), साबुत अनाज (whole grain), कार्बोहाइड्रेट और हल्‍के प्रोटीन (light protein) जैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। अधिक वसा वाले व अधिक कैलोरी (more calories) वाले खाद्य पदार्थो के कम मात्रा में सेवन पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। ज्‍यादा मीठे पदार्थों या अधिक शराब (alcohol) का सेवन न करें। अपने खाद्य आहारों में उन वस्‍तुओं को शामिल करें, जो उचित वजन और अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने में फायदेमंद हों।  

(और पढ़ें: मोटापा और वजन कम करने के लिए घर पर की जाने वाली एक्सरसाइज…)

वजन को नियमित रूप से जांचना – Monitor your Weight regular in Hindi

मोटापे की समस्या से बचने के लिए व्यक्ति को अपने वजन की नियमित जाँच करनी चाहिए। मोटापा कम करने का प्रयास करने वाले व्यक्ति सप्‍ताह में एक बार अवश्य वजन की जांच करें। वजन की नियमित जांच यह पता लगाने में सहायक होती है कि व्यक्ति अपना वजन कम करने में कितना सफल है या कितना वजन कम करना है।

मोटापे से बचने में सहायक संतुलित आहार – Eat a Healthy food to Prevent Obesity in Hindi

प्रत्येक व्यक्ति को स्‍वस्‍थ रहने के लिए नियमित रूप से संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। सामान्‍य रूप से एक व्‍यक्ति को 1000 से 1200 कैलोरी ऊर्जा (Calorie energy) की आवश्‍यक्‍ता होती है, यदि इससे ज्‍यादा कैलोरी का सेवन किया जाता है, तो यह धीर-धीरे वसा (fat) के रूप में जमा होने लगती है और व्यक्ति में मोटापा बढ़ने लगता है।

(और पढ़ें: मोटापा और वजन कम करने के आयुर्वेदिक टिप्स…)
(और पढ़ें: वजन घटाने और मोटापा कम करने के लिए जड़ी बूटियां…)

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