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अधोमुख श्वानासन के फायदे और करने का तरीका – Adho Mukha Svanasana (Downward Facing Dog Pose) steps and benefits in Hindi

अधोमुख श्वानासन के फायदे और करने का तरीका - Adho Mukha Svanasana (Downward Facing Dog Pose) steps and benefits in Hindi

Adho Mukha Svanasana in Hindi जानिए अधोमुख श्वानासन के फायदे और करने का तरीका, अधोमुख श्वानासन संस्कृत का शब्द है जहां अधो का अर्थ आगे (forward), मुख का अर्थ चेहरा (Face) श्वान का अर्थ कुत्ता (Dog) और आसन का अर्थ मुद्रा(posture) है। इस आसन को अधोमुख श्वानासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस आसन को करते समय ठीक वैसे ही आकृति (pose) बनायी जाती है जैसे श्वान आगे की ओर झुककर अपने शरीर को खींचते समय बनाता है। अधोमुख श्वानासन सूर्य नमस्कार का एक आवश्यक हिस्सा है और यह पूरे शरीर को मजबूत बनाने के साथ ही मांसपेशियों को लचीला बनाने में मदद करता है। अधोमुख श्वानासन कंधों में अकड़न से छुटकारा दिलाने और रीढ़ की हड्डी (spine) को बढ़ाने और पैरों को सीधा रखने में मदद करता है। यह आसन योग मुद्रा के कई आसनों में एक महत्वपूर्ण आसन माना जाता है इसलिए ज्यादातर लोग इस योग मुद्रा का अभ्यास करते हैं।

विषय सूची

1. अधोमुख श्वानासन करने का तरीका – Steps of Adho Mukha Svanasana in Hindi
2. अधोमुख श्वानासन के जैसे अन्य आसन – Similar Poses To Adho Mukha Svanasana in Hindi
3. अधोमुख श्वानासन के फायदे – Benefits Of Adho Mukha Svanasana (Downward Facing Dog Pose) in Hindi
4. अधोमुख श्वानासन करते समय सावधानियां – Precautions of Adho Mukha Svanasana (Downward-Facing Dog Pose) in Hindi

अधोमुख श्वानासन करने का तरीका – Steps of Adho Mukha Svanasana in Hindi

  • सबसे पहले जमीन पर एकदम सीधे खड़े हो जाएंं और उसके बाद दोनों हाथों को आगे करते हुए नीचे जमीन की ओर झुक जाएं।
  • झुकते समय आपके घुटने सीधे होने चाहिए और कूल्हों(hips) के ठीक नीचे होने चाहिए जबकि आपके दोनों हाथ कंधे के बराबर नहीं बल्कि इससे थोड़ा सा पहले झुका होना चाहिए।
  • अपने हाथों की हथेलियों को झुकी हुई अवस्था में ही आगे की ओर फैलाएं और उंगलियां समानांतर रखें।
  • श्वास छोड़ें और अपने घुटनों को अधोमुख श्वानासन मुद्रा के लिए हल्का सा धनुष के आकार में मो़ड़े और एड़ियों को जमीन से ऊपर उठाएं।
  • इस प्वाइंट पर  अपने कूल्हों को पेल्विस से पर्याप्त खींचें और हल्का सा प्यूबिस की ओर दबाएं।
  • हाथों को पूरी तरह जमीन पर कंधों के नीचे से आगे की ओर फैलाए रखें, लेकिन उंगलियां जमीन पर फैली होनी चाहिए।
  • इसके बाद अपने घुटनों को जमीन पर थोड़ा और झुकाएं और कूल्हों को जितना संभव हो ऊपर उठाएं।
  • सिर हल्का सा जमीन की ओर झुका होना चाहिए और पीठ के लाइन में ही होनी चाहिए। अब आप पूरी तरह अधोमुख श्वानासन मुद्रा में हैं।

अधोमुख श्वानासन के जैसे अन्य आसन – Similar Poses To Adho Mukha Svanasana in Hindi

अधोमुख श्वानासन की तरह कुछ अन्य आसन है जिनका प्रतिदिन अभ्यास करने से अधोमुख श्वानासन की तरह की लाभ मिलता है और ये आसन भी स्वास्थ्य को ठीक रखनें एवं शरीर से कई विकारों को दूर करने में फायदेमंद होते हैं।

Downward Facing Dog Pose अधोमुख श्वानासन के साथ इन आसनों को भी करने से इसका प्रभाव अधिक बढ़ जाता है और ये सभी आसन मांसपेशियों को मजबूत करने में सहायक होते हैं।

अधोमुख श्वानासन के फायदे – Benefits Of Adho Mukha Svanasana (Downward Facing Dog Pose) in Hindi

अधोमुख श्वानासन एक सर्वोत्तम योग मुद्रा मानी जाती है। इस योग मुद्रा का अभ्यास करने से स्वास्थ्य को कई फायदे होते हैं एवं शरीर से विभिन्न विकार दूर हो जाते हैं। आइये जानते हैं अधोमुख श्वानासन के फायदे क्या हैं।

1. पेट की मांसपेशियों (abdominal muscles) को मजबूत बनाने में

अधोमुख श्वानासन करने से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव उत्पन्न होता है। इससे पेट की मांसपेशियां मजबूत तो होती ही हैं साथ में पेट से संबंधित विकार भी दूर हो जाते हैं। आपको बता दें कि यह एक ऐसा आसन है जिसका पेट पर अधिक प्रभाव पड़ता है।

2. अधोमुख श्वानासन के फायदे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बनाने में

अधोमुख आसन में वास्तव में शरीर के कूल्हों को ऊपर उठाया जाता है और सिर को हृदय के नीचे झुकाया जात है। इससे उटली तरफ गुरुत्वाकर्षण बल लगता है जिससे ताजे रक्त (fresh blood) का प्रवाह होता है और इसके कारण ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।

3. अधोमुख श्वानासन के फायदे पाचन सुधारने में

हालांकि अधोमुख श्वानासन में शरीर को आधा ही मोड़ा जाता है लेकिन इससे पेट की मांसपेशियां पाचन तंत्र के अंगों  जैसे लिवर, किडनी और प्लीहा (spleen) पर दबाव डालकर इसे संकुचित करती हैं जिसके कारण पाचन क्रिया (digestive system) बेहतर होती है।

4. हाथों और पैरों को टोन करने में अधोमुख श्वानासन के फायदे

अधोमुख श्वानासन को करने के दौरान शरीर का पूरा भार हाथों और पैरों पर आकर टिकता है। इसलिए यह हाथों, पैरों एवं अन्य अंगों को टोन करने का काम करता है और उन्हें संतुलन की अवस्था में रखता है।  यह आसन हाथ, पैरों के अलावा कंधे, बांहों और सीने को भी टोन करने के साथ मजबूती प्रदान करता है।

5. अधोमुख श्वानासन के फायदे चिंता दूर करने में

अधोमुख श्वानासन करने से दिमाग शांत रहता है और हर तरह की चिंता से मुक्ति मिलती है। इस आसन को करने से गर्दन और गर्दन की हड्डी (cervical spine) में खिंचाव उत्पन्न होता है जिसके कारण मस्तिष्क से चिंता दूर हो जाती है।

(और पढ़े – मानसिक व्यग्रता (चिंता) के कारण और उपाय)

6. अधोमुख श्वानासन के फायदे एनर्जी प्रदान करने में

अधोमुख श्वानासन करने से शरीर में अतिरिक्त ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा यह पूरे शरीर का कायाकल्प करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा यह आसन महिलाओं में मेनोपॉज (menopause) के लक्षणों को दूर करने में मदद करता है।

7. इंसोमेनिया दूर करने में अधोमुख श्वानासन के फायदे

अधोमुख श्वानासन करने से पीठ दर्द और कमर का दर्द, थकान, सिर दर्द और अनिद्रा की बीमारी दूर हो जात है। इसके अलावा यह आसन उच्च रक्त चाप, अस्थमा, साइटिका आदि रोग भी दूर करने में सहायक होता है।

अधोमुख श्वानासन करते समय सावधानियां – Precautions of Adho Mukha Svanasana (Downward-Facing Dog Pose) in Hindi

हालांकि अधोमुख श्वानासन बहुत ही लाभदायक योग मुद्रा है लेकिन इस आसन का अभ्यास करते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए अन्यथा इससे नुकसान हो सकता है।

इस आसन को करने से पहले ये सावधानियां बरतें-

  • यदि आपकी कलाई में किसी तरह की समस्या है तो इस आसन को करते समय सावधानी बरतें अन्यथा स्थिति गंभीर हो सकती है।
  • इस आसन को करते समय यदि आपको महसूस होता है कि हाथों पर शरीर का अधिक भार आ गया है तो इसे कूल्हों की ओर ले जाने का प्रयास करें अन्यथा हाथों में दर्द पैदा हो सकता है।
  • यदि पीठ, कमर, कंधों और भुजाओं में चोट लगी हो तो इस आसन को करने से बचें।
  • गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था बढ़ने पर इस आसन को करने से बचना चाहिए या डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही करना चाहिए।
  • अगर कोई व्यक्ति गंभीर कार्पल टनल सिंड्रोम (carpal tunnel syndrome) से पीड़ित है तो उसे अधोमुख श्वानासन करने से बचना चाहिए।
  • यदि उच्च रक्तचाप की समस्या, आंखों में संक्रमण, कान के अंदर संक्रमण हो तो इस योग मुद्रा का अभ्यास न करें।
  • यदि डायरिया की समस्या हो या आंखों की रेटिना में किसी तरह की परेशानी हो तो इस आसन को करने से परहेज करना चाहिए।

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