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अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे और करने का तरीका – Anulom vilom Pranayama Benefits and steps in Hindi

अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे और करने का तरीका – Anulom vilom Pranayama Benefits and steps in Hindi

Anulom Vilom Pranayama in Hindi अनुलोम विलोम कई प्राणायामों एवं श्वास अभ्यास (breathing exercise) में से एक है। इसे ‘एक के बाद दूसरे नाक से श्वसन की तकनीक'(Alternate Nostril Breathing Technique) भी कहा जाता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के तरीके, अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के फायदे, अनुलोम विलोम प्राणायाम करते समय सावधानियां के बारे में बताएंगे।

यह प्राणायाम हमारे शरीर के तीन दोषों वात, पित्त और कफ को दूर कर शरीर को संतुलित अवस्था में लाने में बहुत सहायक होता है। अनुलोम, विलोम का ठीक उल्टा होता है और यह श्वसन से संबंधित बीमारियां जैसे अस्थमा को दूर करने में मदद करता है। अनुलोम विलोम एक तरह से मेडिटेशन के रूप में कार्य करता है और शरीर को ऊर्जा से भर देता है। यह प्राणायाम स्त्री एवं पुरूष दोनों में तनाव एवं चिंता (anxiety) को प्रभावी रूप से दूर करता है। विशेषरूप से महिलाओं में अर्थराइटिस जैसी गंभीर समस्या से निजात दिलाने में यह फायदेमंद होता है। इसके अलावा यह प्राणायाम विद्यार्थियों को पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ाने में भी सहायक होता है। अनुलोम विलोम एक ऐसा प्राणायाम है जिसे हर उम्र के लोग प्रतिदिन अभ्यास करके इसके फायदों का लाभ उठा सकते हैं।

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विषय सूची

1. अनुलोम विलोम प्राणायाम करने का तरीका – Steps of Anulom Vilom Pranayama in Hindi
2. अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे – Anulom Vilom Pranayam Benefits in Hindi

3. अनुलोम विलोम प्राणायाम करते समय बरतें सावधानियां –Precautions of Anulom Vilom Pranayama in Hindi

अनुलोम विलोम प्राणायाम करने का तरीका – Steps of Anulom Vilom Pranayama in Hindi

  1. सबसे पहले जमीन पर पदमासन की मुद्रा में बैठ जाएं। दाहिने पैर के पंजे को बाएं पैर की जांघ पर और बाएं पैर के पंजे को दाएं पैर की जांघ पर रखें और आंखें बंद कर लें।
  2. इसके बाद अपने दाहिने नाक(nostril) को दाहिने हाथ के अंगूठे से बंद करें औऱ बाएं नाक से धीरे-धीरे लेकिन जितना संभव हो सके उतना गहरा सांस लें। इस दौरान आपका फेफड़ा हवा से भर जाना चाहिए।
  3. अब दाहिने नाक पर रखे दाएं अंगूठे को हटा लें और सांस छोड़ें। सांस छोड़ते समय आपकी मध्य उंगली बाएं नाक के समीप होना चाहिए।
  4. अब दाएं नाक से सांस लें और सांस छोड़ते समय दाएं अंगूठे को नाक के पास से हटा लें।
  5. इस क्रिया को 5 मिनट तक दोहराएं।
  6. अनुलोम विलोम करते समय आत्मकेंद्रित (concentrate) रहें और पूरा ध्यान सांसों पर लगाएं।

यह प्राणायाम आमतौर पर सुबह के समय ताजी हवा एवं वातारवरण में बैठकर किया जाता है। शाम की अपेक्षा सुबह के समय अनुलोम विलोम का अभ्यास करना अधिक फायदेमंद होता है। यह प्राणायाम अन्य योगाभ्यास एवं आसनों की अपेक्षा अधिक सुरक्षित भी माना जाता है। इसलिए यदि संभव हो तो सुबह के समय और सही तरीके से अनुलोम विलोम का अभ्यास करें।

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अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे – Anulom Vilom Pranayama Benefits in Hindi

चूंकि यह प्राणायाम श्वसन क्रिया से जुड़ा होता है इसलिए यह शरीर में जमा हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने, फेफड़े को स्वस्थ रखने सहित शरीर की तमाम बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। आइये जानते हैं कि अनुलोम विलोम करने से स्वास्थ्य को क्या-क्या फायदे होते हैं।

अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे शारीरिक दोषों को दूर करने में – Anulom Vilom Pranayam Benefits for Body in Hindi

प्रतिदिन अनुलोम विलोम का अभ्यास करने से वात, पित्त और कफ जैसे शारीरिक दोष दूर होते हैं। चूंकि यह श्वसन से जुड़ा हुआ प्राणायाम है इसलिए इन दोनों को दूर करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद – Anulom Vilom Pranayam Benefits for Daibetes in Hindi

पूरे समर्पण से नियमित रूप से अनुलोम विलोम का अभ्यास करने से कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है जिसके कारण ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं होती है। इसके अलावा यह प्राणायाम मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। इसका अभ्यास करने से शरीर में इंसुलिन का स्तर(insulin level) नहीं घटता है।

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अर्थराइटिस के इलाज में कारगर अनुलोम विलोम प्राणायाम – Anulom Vilom Pranayam Benefits for Arthritis in Hindi

मांसपेशी प्रणाली(muscular system) से जुड़े रोगों के लक्षणों को कम करने में अनुलोम विलोम बहुत फायदेमंद होता है। यह प्राणायाम गठिया(arthritis), पेट फूलना, नसों में ऐंठन, एसिडिटी और साइनसिटिस(sinusitis) की समस्या को दूर करने में सहायक होता है। यही कारण है कि 40 साल की उम्र के बाद लोगों को अनुलोम विलोम को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेना चाहिए।

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अनुलोम विलोम के फायदे माइग्रेन के लिए – Benefits of anulom vilom pranayam for migraine in hindi

यह प्राणायाम करने से व्यक्ति के मन में सकारात्मक विचार विचार आते हैं। अनुलोम विलोम का प्रतिदिन अभ्यास करने से गुस्सा, चिड़चिड़ापन, तनाव, भूलने की आदत, बेचैनी, उच्च रक्तचाप, अनिद्रा और माइग्रेन जैसी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

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एकाग्रता बढ़ाने में अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे – Anulom Vilom Pranayam Benefits for Concentration in Hindi

माना जाता है कि नियमित रूप से अनुलोम विलोम का अभ्यास करने से एकाग्रता बढ़ती है। पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए यह प्राणायाम बहुत फायदेमंद होता है। यह एकाग्रता को बढ़ाने के साथ ही निर्णय लेने की क्षमता और रचनात्मकता(creativity) को भी बढ़ाता है।

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अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे मन शांत रखने में – Anulom Vilom Benefits for calm in Hindi

अनुलोम विलोम प्राणायाम का अभ्यास करने से पूरे शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ती है और इससे व्यक्ति का शरीर और मस्तिष्क दोनों शांत रहता है। इसके अलावा ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने से तनाव एवं बुखार दूर करने एवं आंखों  और कान के उत्तकों(tissues) में परेशानी को दूर करने में भी यह प्राणायाम बहुत सहायक होता है।

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अनुलोम विलोम के चमत्कार मोटापे की समस्या में – Anulom Vilom Yoga Benefits for Obesity in Hindi

अनुलोम विलोम हृदय की ब्लॉक धमनियों (arteries) को खोलने और शरीर का मेटाबोलिज्म बढ़ाने में बहुत मदद करता है। प्रतिदिन सुबह खाली पेट शांत मन से अनुलोम विलोम का अभ्यास करने से मोटापे की समस्या नियंत्रित हो जाती है।

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अनुलोम विलोम योग के लाभ कब्ज के इलाज में – Anulom Vilom Yoga Benefits for Constipation in Hindi

यह एक ऐसा प्राणायाम है जिसका रोजाना अभ्यास करने से कब्ज, पेट में गैस बनने, एसिडिटी और एलर्जिक रिएक्शन की समस्याएं दूर हो जाती हैं। इसके अलावा खर्राटे लेने की समस्या और अस्थमा जैसे रोगों के इलाज में भी यह प्राणायाम बहुत फायदेमंद होता है।

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अनुलोम विलोम प्राणायाम करते समय बरतें सावधानियां – Precautions of Anulom Vilom Pranayama in Hindi

  1. यदि आप ब्लड प्रेशर के मरीज हैं तो आपको अनुलोम विलोम का अभ्यास करते समय लंबा और गहरा सांस खींचने और छोड़ने का अभ्यास नहीं करना चाहिए अन्यथा आपके हृदय की समस्या अधिक बढ़ सकती है।
  2. यदि कोई महिला मासिक धर्म चक्र से गुजर रही हो या वह प्रेगनेंट हो तो इस स्थिति में उसे अनुलोम विलोम का अभ्यास करने से परहेज करना चाहिए।
  3. अनुलोम विलोम का अभ्यास करते समय बाहरी दुनिया की चीजों के बारे में न सोचें और पूरे एकाग्रता से सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। श्वसन पर ध्यान देने से अपने आप एकाग्रता बढ़ेगी। इस बात का विशेषरूप से ध्यान रखें।
  4. यदि आपने पेट, हृदय और मस्तिष्क की सर्जरी करा रखी है तो अनुलोम विलोम प्राणायाम का अभ्यास न करें या फिर चिकित्सक से सलाह लेकर करें।

ऊपर के लेख में आपने जाना अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के तरीके Anulom Vilom Pranayama Yoga Steps in Hindi, अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के फायदे Benefits of Anulom Vilom Pranayama in Hindi, अनुलोम विलोम प्राणायाम करते समय सावधानियां Anulom Vilom Pranayama Precautions in Hindi के बारे में।

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