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एलर्जी के लक्षण, कारण इलाज और घरेलू उपचार – Allergy Symptoms, Causes, Treatments and Home Remedies In Hindi

एलर्जी के लक्षण, कारण इलाज और घरेलू उपचार – Allergy Symptoms, Causes, Treatments and Home Remedies In Hind

Allergy in Hindi जब मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली किसी पदार्थ के प्रति प्रतिक्रिया कर लक्षणों को उत्पन्न करती है, तब इसे एलर्जी कहा जाता है। कोई भी पदार्थ, जो एलर्जी की बीमारी का कारण बनता है, उसे एलर्जेन कहा जाता है। वर्तमान में लगभग 30 प्रतिशत वयस्कों और 40 प्रतिशत बच्चों में एलर्जी की समस्या है। एलर्जी होना एक आम बात है, लेकिन यह कुछ व्यक्तियों के लिए कष्टदायक हो सकती है। एलर्जी के लक्षण व्यक्तियों में भिन्न-भिन्न हो सकते है। यह लक्षण मामूली जलन से लेकर जीवन के लिए खतरनाक और तुरंत इलाज कराने योग्य होते हैं। कुछ स्थितियों में एलर्जी को पूर्ण तरीके से ठीक नहीं किया जा सकता है, बल्कि उपचार द्वारा एलर्जी के लक्षणों को कम किया जा सकता है।

इस लेख में आप जानेगें एलर्जी क्या है इसके लक्षण, कारण, इलाज, बचाव के तरीके और घरेलू उपचार के बारे में।

विषय सूची

एलर्जी क्या है – What is Allergy in Hindi

एलर्जी के लक्षण, कारण इलाज और घरेलू उपचार – Allergy Symptoms, Causes, Treatments and Home Remedies In Hind

एलर्जी तब होती है, जब मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली किसी बाहरी पदार्थ (या हानिरहित पदार्थ) के लिए प्रतिक्रिया करती है। इन बाहरी पदार्थों को एलर्जेन (allergens) कहा जाता है। इन पदार्थों में कुछ खाद्य पदार्थ, पराग कण या पालतू जानवरों की रूसी को शामिल किया जाता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली हानिकारक रोगजनकों (pathogens) से लड़कर शरीर को स्वस्थ रखने का कार्य करती है। एलर्जीन के आधार पर, प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया में सूजन, छींकना या अन्य लक्षण शामिल हो सकते हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली एंटीबॉडी का उत्पादन करती है। अतः जब कोई व्यक्ति एलर्जेन के संपर्क में आता है, तो प्रतिरक्षा प्रणाली उस एलर्जेन से लड़ने के लिए एंटीबॉडी का निर्माण करती है। प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया के फलस्वरूप त्वचा, साइनस, वायुमार्ग या पाचन तंत्र प्रभावित हो सकते हैं। एनाफिलेक्सिस (Anaphylaxis) एक गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया (allergic reaction) है, जो सम्बंधित व्यक्ति के लिए जानलेवा हो सकती है।

एलर्जी प्रतिक्रिया – Allergic reaction in Hindi

मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर को बैक्टीरिया और वायरस से बचाने का कार्य करती है। लेकिन जब प्रतिरक्षा प्रणाली हानिरहित पदार्थों पर प्रतिक्रिया करती है, तो उसे एलर्जी कहा जाता है। एलर्जी प्रतिक्रिया के दौरान, प्रतिरक्षा प्रणाली एंटीबॉडी का निर्माण करती है। यह एंटीबॉडी कोशिकाओं को बाहरी पदार्थ को रोकने के लिए संदेश भेजती है। जिसके फलस्वरूप कोशिकाएं हिस्टामाइन को बाहर भेजती हैं, जिसमें अन्य रसायन भी होते हैं और यह एलर्जी के लक्षणों को ट्रिगर करते हैं।
विशेष प्रकार के एलर्जेन के लिए विशेष प्रकार के एंटीबॉडी का निर्माण होता है। इसलिए इस एंटीबॉडी की जाँच कर एलर्जी के कारण का पता लगाया जा सकता है।

एलर्जी के कारण Allergy Causes in Hindi

यह निश्चित रूप से ज्ञात नहीं है, कि हानिरहित बाहरी पदार्थ (एलर्जेन) शरीर में प्रवेश करने पर प्रतिरक्षा प्रणाली, एलर्जी की प्रतिक्रिया का कारण क्यों बनती है। एलर्जी एक आनुवंशिक स्थिति हो सकती है। एलर्जी की समस्या का कारण बनने वाले विभिन्न प्रकार के एलर्जेन (allergens) या बाहरी पदार्थों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:

  • पशु उत्पाद जिनमें शामिल हैं: पशुओं के बालों की रूसी, अपशिष्ट।
  • कुछ ड्रग्स (दवाएं) जैसे, पेनिसिलिन और सल्फा ड्रग
  • खाद्य पदार्थ जैसे- गेहूं, नट्स, दूध, शीप और अंडे इत्यादि।
  • कीट डंक, जैसे- मधुमक्खी, ततैया और मच्छर
  • मोल्ड (Mold) या फफूंद
  • कुछ सामान्य एलर्जी कारक पौधे जैसे- घास, खरपतवार, poison ivy and poison oak।
  • अन्य एलर्जेन जैसे: लेटेक्स (Latex) दस्ताने और कंडोम, निकल जैसी धातुएं या रसायन।

एलर्जी के लक्षण और प्रकार – Allergy Symptoms and Types in Hindi

एलर्जी के लक्षण, कारण इलाज और घरेलू उपचार - Allergy Symptoms, Causes, Treatments and Home Remedies In Hindi

एलर्जी के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं। एलर्जेन (allergens) के संपर्क की मात्रा, सहन करने की क्षमता और पीड़ित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता के अनुसार यह लक्षण कम या ज्यादा हो सकते हैं। एलर्जेन पदार्थ व्यक्ति के वायुमार्ग, साइनस, त्वचा और पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं।

सामान्य तौर पर एलर्जी के प्रकार के आधार पर निम्न लक्षणों को देखा जा सकता है, जैसे:

मौसमी एलर्जी – Seasonal allergies in Hindi

मौसमी एलर्जी को एलर्जिक राइनाइटिस (allergic rhinitis) के नाम से भी जाना जाता है। इस एलर्जी के तहत सम्बंधित व्यक्ति में किसी विशेष मौसम में एलर्जी सम्बन्धी निम्न लक्षण देखने को मिलते हैं, जैसे:

खाद्य एलर्जी – food allergy in Hindi

विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों के सेवन करने से एलर्जी की समस्या उत्पन्न हो सकती है। फूड एलर्जी से पीड़ित व्यक्ति में किसी एक प्रकार का खाद्य पदार्थ एलर्जी का कारण बन सकता है। खाद्य एलर्जी से सम्बंधित पदार्थों में दूध, मछली, नट्स, अंडें, सोया इत्यादि शामिल हो सकते हैं। खाद्य एलर्जी की स्थिति में निम्न लक्षण देखने को मिलते हैं, जैसे:

कीट डंक से एलर्जी – insect sting allergy in Hindi

मधुमक्खी, ततैया और मच्छर इत्यादि कीड़े मकोड़ों के काटने से व्यक्ति में कुछ लक्षण उत्पन्न होने लगते हैं। इस स्थिति में व्यक्ति को कीट डंक से एलर्जी होती हैं। इस प्रकार की एलर्जी  के तहत निम्न लक्षणों को देखा जा सकता है:

ड्रग एलर्जी – drug allergy in Hindi

कुछ दवाओं और नशीले पदार्थों के सेवन से कुछ व्यक्तियों में एलर्जी सम्बन्धी लक्षण देखने को मिल सकते हैं, जिसे  ड्रग एलर्जी कहा जाता है। इस एलर्जी की स्थिति में निम्न लक्षण देखे जा सकते हैं:

त्वचा एलर्जी – skin allergy in Hindi

किसी विशेष पदार्थ का त्वचा के संपर्क में आने पर प्रभावित स्किन का लाल, खुजलीदार और सूजन युक्त हो जाना स्किन एलर्जी कहलाता है। सूर्य का प्रकाश, कुछ रसायन, निकिल धातु, लेटेक्स इत्यादि त्वचा एलर्जी के कारण बन सकते हैं। स्किन एलर्जी  की स्थिति में निम्न लक्षण उत्पन्न होते हैं, जैसे:

एनाफिलेक्सिस – Anaphylaxis in Hindi

खाद्य पदार्थों, कीटों के डंक और अन्य एलर्जी की तीव्र प्रतिक्रिया के फलस्वरूप एनाफिलेक्सिस की स्थिति उत्पन्न होती है। यह जीवन के लिए धमकी और आपातकालीन चिकित्सा की स्थिति का कारण बन सकती है। एनाफिलेक्सिस के लक्षणों में शामिल हैं:

(और पढ़ें: आंखों की एलर्जी दूर करने के घरेलू उपाय)

एलर्जी की जटिलताएं – Complications of Allergy in Hindi

एलर्जी की स्थिति कुछ अन्य चिकित्सकीय समस्याओं का का कारण बन सकती है, जिसमें शामिल हैं:

  • एनाफिलेक्सिस (Anaphylaxis) – यह एलर्जी की गंभीर स्थिति है, जो खाद्य पदार्थ, दवाएं और कीट डंक के कारण ट्रिगर हो सकती है।
  • अस्थमा (Asthma) यदि किसी व्यक्ति को एलर्जी की बीमारी है, तो उसकों अस्थमा होने की संभावना अधिक होती है। क्योंकि प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया के फलस्वरूप वायुमार्ग और श्वास प्रभावित हो सकती है।
  • साइनसाइटिस (Sinusitis) और कान या फेफड़ों का संक्रमण अगर किसी व्यक्ति को मौसमी एलर्जी (seasonal allergies) या अस्थमा की बीमारी है तो इन स्थिति में सम्बंधित व्यक्ति को साइनसाइटिस (Sinusitis) और कान या फेफड़ों में संक्रमण होने का जोखिम अधिक होता है।

एलर्जी की जांच – Allergy test in Hindi

एलर्जी के लक्षण, कारण इलाज और घरेलू उपचार – Allergy Symptoms, Causes, Treatments and Home Remedies In Hind

डॉक्टर अनेक तरीकों से एलर्जी की बीमारी का निदान कर सकता है। सबसे पहले, डॉक्टर सम्बंधित व्यक्ति से लक्षणों के बारे में जानकारी लेगा और एक शारीरिक परीक्षण करेगा। इसके अलावा डॉक्टर मरीज के द्वारा खाए गए खाद्य पदार्थ और किसी पदार्थ के संपर्क में आने की जानकारी भी ले सकता है। एलर्जी की स्थिति के सटीक कारणों का निदान करने के लिए डॉक्टर एक रक्त परीक्षण और त्वचा परीक्षण की भी सहायता ले सकता है।

रक्त परीक्षण (Allergy blood test) – एलर्जी की प्रतिक्रिया के कारण की जाँच करने के लिए डॉक्टर रक्त परीक्षण का आदेश दे सकता है। रक्त परीक्षण की मदद से एलर्जी पैदा करने वाले एंटीबॉडी इम्युनोग्लोबुलिन ई (immunoglobulin E) की उपस्थिति का पता लगाया जाता है।

स्किन टेस्ट (Allergy Skin test)एक एलर्जी विशेषज्ञ या डॉक्टर त्वचा परीक्षण (स्किन टेस्ट) की मदद से एलर्जी के प्रकार की जाँच कर सकते हैं। इस परीक्षण के दौरान त्वचा पर संभावित एलर्जी वाली छोटी सुइयों को चुभाया जाता है और त्वचा पर इसकी प्रतिक्रिया का निरीक्षण किया जाता है। यदि व्यक्ति को किसी विशेष पदार्थ से एलर्जी होती है, तो त्वचा परीक्षण वाले स्थान पर सूजन और लालिमा उत्पन्न हो जाती है।

एलर्जी का इलाज – Allergy treatments in Hindi

डॉक्टर एलर्जी की स्थिति का इलाज करने के लिए विभिन्न तरीकों को अपना सकता है, तथा कुछ सुझाव दे सकता है। उपचार प्रक्रियाओं में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:

एलर्जी दवाएं (Allergy medications) – किसी भी व्यक्ति में एलर्जी की स्थिति का इलाज करने के लिए एंटीहिस्टामाइन (antihistamines) जैसी दवाओं का उपयोग किया जाता है, जो लक्षणों को करने में मदद करती हैं। इलाज के दौरान डॉक्टर निम्न एलर्जी दवाओं की सिफारिश कर सकता है, जैसे:

  • एंटीहिस्टामाइन, जैसे डिफेनहाइड्रामाइन (बेनाड्रिल)
  • कोर्टिकोस्टेरोइड (corticosteroids)
  • सेट्रीजीन (ज़िरटेक)
  • लोराटाडिन (क्लेरिटिन)
  • क्रोमोलिन सोडियम (Gastrocrom)
  • decongestants (Afrin, Suphedrine PE, Sudafed)
  • leukotriene modifiers (Singular, Zyflo)।

इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy) – गंभीर एलर्जी या एलर्जी के अन्य उपचार से राहत नहीं मिलने की स्थिति में डॉक्टर एलर्जी इम्यूनोथेरेपी (allergen immunotherapy) की सिफारिश कर सकता है। इस उपचार में शुद्ध एलर्जीन अर्क (purified allergen extracts) के इंजेक्शनों को कुछ वर्षों के अंतर से मरीज को लगाने की सिफारिश की जाती है। सफल इम्यूनोथेरेपी में एलर्जी हमेशा के लिए दूर हो जाती है। कुछ इम्यूनोथेरेपी के अंतर्गत एक टैबलेट को जीभ के नीचे रखने की सलाह दी जाती है।

इमरजेंसी एपिनेफ्रीन (Emergency epinephrine) – यदि किसी व्यक्ति को गंभीर और तीव्र एलर्जी (एनाफिलेक्सिस) की समस्या है, तो उसे एक एपिनेफ्रीन शॉट (epinephrine shot) दी जा सकती है। यह शॉट चिकित्सा सहायता मिलने तक एलर्जी की प्रतिक्रिया को रोक सकती है। एपिनेफ्रीन शॉट के सामान्य ब्रांडों में एपीपेन (EpiPen) और ट्विनजेक्ट (Twinject) शामिल हैं।

एलर्जी के बचाव के तरीके – Ways to Protect Allergy in Hindi

एलर्जी की बीमारी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है, कि व्यक्ति को एलर्जी की प्रतिक्रिया करने वाले पदार्थों से दूर रहना चाहिए। कुछ उपाय अपनाकर व्यक्ति एलर्जी से बच सकता है, जिनमें शामिल हैं:

  • यदि किसी व्यक्ति को बालों या रूसी से एलर्जी है, तो उसे पालतू पशुओं और जानवरों के पास जाने से बचना चाहिए। घर को साफ़-सुथरा रखने के साथ-साथ कीटाणुरहित रखना चाहिए। पालतू पशुओं को लिविंग रूम से दूर रखें।
  • जानवरों और पालतू पशुओं को नियमित रूप से नहलाएं और उनके बालों को अधिक बड़ा नहीं होने दें।
  • घर में ऊन का कारपेट इस्तेमाल न करें तथा टेडी बियर (teddy bear) या अन्य सॉफ्ट टॉयज (soft toys) को साफ़ रखें।
  • एकदम गरम से ठन्डे और ठन्डे से गरम वातावरण में न जाएं।
  • ऊन के ब्लंकेट (blanket) के बजाय बाजार में मौजूद ‘एक्रिलिक’ रजाई और सिंथेटिक तकियों का इस्तेमाल करें।
  • बाइक चलाते समय मुंह और नाक पर रुमाल बांधे, तेज धूप और धूल भरे वातावरण में आँखों पर अच्छी क़्वालिटी का चश्मा लगायें।
  • घर में उचित रोशनदान (proper ventilation) की व्यवस्था रखें। मच्छर, मक्खियों और अन्य कीट को घर के अंदर आने से रोकने के लिए खिड़की, दरवाजों पर उचित जाली लगवाएं।
  • कबर्ड में सूखे और साफ़ कपड़ों को ही रखें। क्योंकि मैले या नमीयुक्त कपड़ों में फफूंद जमने की संभावना अधिक होती है।
  • ज़िन पौधों के पराग कणों से एलर्जी उत्पन्न होती है, उन पौधों से दूर रहें।
  • एलर्जी (Allergy) की स्थिति में एलर्जी टेस्ट अवश्य करवाएं, जिससे एलर्जी (Allergy) कारकों की पहचान की जा सकेl
  • खाद्य पदार्थ से एलर्जी उत्पन्न होने की स्थिति में खानपान का विशेष ध्यान दें।

(और पढ़ें: एलर्जी के घरेलू उपाय और उपचार)

एलर्जी के लिए घरेलू उपचार – Home remedies for Allergy in Hindi

कोई भी व्यक्ति एलर्जी की समस्या को दूर करने के लिए कुछ प्रभावी घरेलू उपचार अपना सकते हैं, जो कि इस प्रकार हैं:

एलर्जी का घरेलू उपाय ज्यादा से ज्यादा पानी पीना

पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में शरीर की मदद करता है। अतः स्किन एलर्जी या खाद्य एलर्जी से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना फायदेमंद होता है।

एलर्जी का घरेलू इलाज सुबह की धूप लेना

सुबह की धूप त्वचा के लिए अनेक प्रकार से फायदेमंद होती है। सुबह की धूप स्किन एलर्जी और फंगस जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए प्रकृति उपचार का कार्य करती है। अतः प्रत्येक व्यक्ति को सुबह 20 मिनट तक धूप सेकने का नियम बनाना चाहिए।

स्किन एलर्जी का घरेलू उपाय कॉड लिवर ऑयल और विटामिन ई

स्किन एलर्जी की स्थिति में विटामिन ई तेल में कॉड लिवर ऑयल मिलाकर, प्रभावित त्वचा पर लगाना फायदेमंद होता है। इस उपाय की मदद से स्किन एलर्जी के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।

एलर्जी के लिए घरेलू नुस्खा तुलसी पत्ते का पैक (Basil leaf pack)

तुलसी पत्ते को पीस कर, इसमें एक चम्मच जैतून का तेल, लहसुन की दो कलियां, एक चुटकी नमक और एक चुटकी काली मिर्च मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को एलर्जी (allergy) से प्रभावित त्वचा पर लगाने से लक्षण कम हो जाते हैं।

नीम द्वारा स्किन एलर्जी का घरेलू इलाज

एंटी बैक्टीरियल गुण के कारण नीम का उपयोग, स्किन की हर तरह की समस्याओं को दूर करने के लिए जा सकता है। एलर्जी को दूर करने के लिए नीम की पत्तियों को 6 से 8 घंटे के लिए पानी में भिगो कर रखें। फिर इन्हें पीसकर प्रभावित त्वचा पर 30 मिनट के लिए लगायें रखें। इसके अलावा नीम की पत्ती को पानी में उबालकर, नीम युक्त पानी से नहाने से भी स्किन एलर्जी दूर हो सकती है।

एलर्जी दूर करने का घरेलू उपाय है हल्दी

हल्दी से बनी आयुर्वेद दवा हरिद्रा खंड त्वचा के रोगों में बहुत फायदेमंद होती हैl अतः व्यक्ति एलर्जी की स्थिति में आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह पर इस दवा का सेवन कर सकते हैंl

एलर्जी दूर करने के लिए पपीता

पपीते में मौजूद एन्जाइम स्किन एलर्जी को दूर करने में मददगार होता है। अतः एलर्जी होने पर पपीते के गूदे का पेस्ट बनाकर प्रभावित त्वचा पर लगाएं। इस पेस्ट को 15 मिनट लगा रहने दें और फिट धो लें।

एलर्जी के अन्य घरेलू उपाय

  • नाक की एलर्जी से पीड़ित व्यक्तिय एलर्जी से छुटकारा पाने के लिए निम्न घरेलू उपाय अपना सकते हैं। व्यक्ति को सुबह भूखे पेट 1 चम्मच गिलोय और 2 चम्मच आंवले के रस को 1 चम्मच शहद में मिलाकर, कुछ दिनों तक सेवन करना चाहिए। इससे नाक की एलर्जी में आराम मिलता है।
  • आयुर्वेद की दवा सितोपलादि चूर्ण एवं गिलोय पाउडर को 1-1 ग्राम लेकर, इसे शहद के साथ मिलाकर सुबह शाम खाली पेट खाने से कुछ दिनों में ही नाक एवं श्वसन सम्बन्धी एलर्जी से छुटकारा मिल सकता है।
  • इसके अलावा हर्वल चाय पीने से भी एलर्जी के लक्षणों को कम किया जा सकता है।

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