आयुर्वेदिक उपचार

नेचुरोपैथी (प्राकृतिक चिकित्सा) क्या है और इसके फायदे – What Is Naturopathic Medicine And Its Benefits In Hindi

Naturopathy in Hindi: नेचुरोपैथी या प्राकृतिक चिकित्सा के बारे में तो आपने सुना होगा, लेकिन नेचुरोपैथी क्या होती है, यह बहुत कम लोग जानते हैं। हालांकि, आजकल पुरानी या बड़ी बीमारियों का उपचार के लिए प्राकृतिक चिकित्सा यानि नेचुरोपैथी बहुत प्रचलित है। इसमें बिना किसी दवाओं का उपयोग किए ही पंच तत्वों का पालन करते हुए बीमारी का इलाज किया जाता है। इसके इस्तेमाल से शरीर में छुपे हुए बरसों पुराने रोग भी बाहर आ जाते हैं। हमें अपने वेदों और अन्य प्राचीन ग्रंथों में इसका वर्णन मिलता हैं। अगर आप भी किसी पुरानी बीमारी या गंभीर रोग से गुजर रहे हैं, तो आपको नेचुरोपैथी की मदद जरूर लेनी चाहिए, लेकिन इससे पहले इसके बारे में पूरी जानकारी होना भी जरूरी है। इस लेख में आप जानेंगें नैचुरोपैथी क्‍या है, यह कैसे काम करती है, किन-किन रोगों में इसका इस्‍तेमाल किया जाता है और प्राकृतिक चिकित्सा के फायदे क्या हैं।

प्राकृतिक चिकित्सा एक बहुत प्राचीन पद्धति है। इसमें शरीर को कोई नुकसान या दर्द पहुंचाए बिना रोगों का बेहतर इलाज करने की कोशिश की जाती है। इस चिकित्सा प्रणाली के माध्यम से न केवल व्यक्ति के रोगों को दूर किया जाता है, बल्कि उसे मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य भी प्रदान किया जाता है। यह न केवल आपकी सकारात्मक सोच को प्रोत्साहित करती है, बल्कि तनाव, अवसाद और चिंता को भी कम करती है। आज भारत सरकार इस पद्धति का इस्तेमाल करने पर जोर दे रही है। आयुष मंत्रालय ने देश में जगह-जगह आयुष सेंटर और प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र खोल रखे हैं।

डॉक्टर से सलाह लेकर घर पर ही इसकी सहायता से इलाज संभव है। इसके अंतर्गत जोड़ों का दर्द, ऑर्थराइटिस, स्पॉन्डलाइटिस, सियाटिका, माइग्रेन, मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, श्वांस रोग, दमा, ब्रॉनकाइटिस, पाइल्स (बवासीर), कब्ज, गैस, एसिडिटी, पेप्टिक अल्सर, फैटी लीवर, कोलाइटिस, सीओपीडी (क्रॉनिक, ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) व त्वचा संबंधी रोगों का सफलतम उपचार किया जा सकता है। तो चलिए, आज के इस आर्टिकल में जानते हैं नेचुरोपैथी के बारे में। इससे पहले जानिए क्या है नेचुरोपैथी।

विषय सूची

1. नेचुरोपैथी क्या है – Naturopathy kya hai in Hindi
2. प्राकृतिक चिकित्सा की मुख्य विशेषताएं – Salient Features of Naturopathy in Hindi
3. नेचुरोपैथी के फायदे – Benefits of naturopathy in Hindi
4. नेचुरोपैथी के सिद्धांत – Principles of Naturopathy in Hindi
5. नेचुरोपैथी का निदान – Diagnosis of Naturopathy in Hindi
6. न्यूरोपैथी की प्रेक्टिस कौन करता है – Who practices naturopathy in Hindi
7. नेचुरोपैथी का उपयोग कौन कर सकता है – Who can use Naturopathic medicine in Hindi
8. प्राकृतिक चिकित्सा के कुछ महत्वपूर्ण उपचार – Important Treatments of Naturopathy in Hindi
9. नेचुरोपैथी की लोकप्रिय थैरेपीज – Popular therapies of Naturopathy in Hindi
10. प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़े लोगों के सवाल और जवाब – Question and answer related to naturopathy in Hindi

नेचुरोपैथी क्या है – Naturopathy kya hai in Hindi

नेचुरोपैथी को प्राकृतिक चिकित्सा भी कहा जाता है। नैचुरोपैथी बीमारियों से लड़ने की प्राचीन पद्धति में से एक है। इसमें किसी प्रकार की औषधि का प्रयोग किए बिना ही रोगों का उपचार किया जाता है। प्रकृति के पांच मूल तत्व पृथ्वी, अग्नि, आकाश, जल , वायु का पालन करते हुए व्यक्ति को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान की जाती है। मिट्टी का इस्तेमाल शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए किया जाता है, वहीं पानी का उपयोग हाइड्रोथैरेपी के रूप में किया जाता है। इससे पेट, यूरीन आदि की समस्या को दूर करते हैं। इसमें होम्योपैथी, एक्यूपंचर, हर्बल मेडिसिन के साथ-साथ बायो रेजोनेंस, ओजोन थैरेपी और कोलोन हाइड्रोथैरेपी जैसी आधुनिक पद्धतियों का उपयोग किया जाता है। इस वक्त जब देश में व्यक्ति पर्यावरण प्रदूषण, खराब आहार और तनाव से जूझ रहा है, ऐसे में आज प्राकृतिक चिकित्सा यानि नेचुरोपैथी का रोल काफी महत्वपूर्ण है।

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प्राकृतिक चिकित्सा की मुख्य विशेषताएं – Salient Features of Naturopathy in Hindi

प्राकृतिक चिकित्सा की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • सभी रोग, उनके कारण और उपचार एक हैं। दर्दनाक और पर्यावरणीय परिस्थितियों को छोड़कर, सभी बीमारियों का कारण एक है अर्थात् शरीर में रुग्ण पदार्थ (morbid matter) का संचय। सभी रोगों का उपचार शरीर से रुग्ण पदार्थ का उन्मूलन है।
  • बीमारी का प्राथमिक कारण रुग्ण पदार्थ का संचय है। बैक्टीरिया और वायरस शरीर में प्रवेश करते हैं और रुग्ण पदार्थ के संचय के बाद ही जीवित रहते हैं जब उनके विकास के लिए अनुकूल वातावरण शरीर में स्थापित होता है। इसलिए, बीमारी का मूल कारण रुग्ण पदार्थ है और बैक्टीरिया माध्यमिक कारण हैं।
  • तीव्र रोग शरीर के स्व-उपचार के प्रयास हैं। वे हमारे दोस्त हैं, दुश्मन नहीं। पुरानी बीमारियां गलत उपचार और तीव्र बीमारियों के दमन का परिणाम भी हो सकती हैं।
  • प्रकृति सबसे बड़ी मरहम लगाने वाली है। मानव शरीर में स्वयं को रोग से बचाने और अस्वस्थ होने पर स्वास्थ्य को पुनःप्राप्त करने की उपचार शक्ति होती है।
  • नेचर क्योर में यह केवल एक बीमारी नहीं है बल्कि रोगी के पूरे शरीर में होती है जो कि बीमारी का कारण होती है और नए सिरे से उत्पन्न होती है।
  • प्राकृतिक चिकित्सा से पीड़ित रोगियों की पुरानी बीमारियों का इलाज किया जाता है, जिनका इलाज प्राकृतिक चिकित्सा में प्राकृतिक रूप से कम समय में किया जाता है।
  • नेचर क्योर में दबी हुई बीमारियों को बाहर लाया जाता है और स्थायी रूप से हटा दिया जाता है।
  • प्राकृतिक चिकित्सा एक ही समय में शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक जैसे सभी पहलुओं का इलाज करती है।
  • प्राकृतिक चिकित्सा शरीर को संपूर्ण मानती है।
  • नेचुरोपैथी के अनुसार, “भोजन ही दवा है”, इसमें कोई बाहरी दवा का उपयोग नहीं किया जाता है।
  • एक आध्यात्मिक विश्वास के अनुसार प्रार्थना करना उपचार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है (गांधीजी के अनुसार “राम नाम” सबसे अच्छा प्राकृतिक उपचार है)

नेचुरोपैथी के फायदे – Benefits of naturopathy in Hindi

आज हमारे देश की चिकित्सा प्रणाली बेहद विकसित और कुशल है। बड़ी से बड़ी बीमारियों का इलाज संभव है। लेकिन कई बार इन नई चिकित्सा पद्धति के इस्तेमाल के कुछ साइड इफेक्ट भी देखने को मिल जाते हैं। कभी-कभी तो यह साइड इफेक्ट जानलेवा भी साबित हो सकते हैं। ऐसे में सवाल आता है कि आखिर चिकित्सा की ऐसी कौन-सी पद्धति है जो सबसे कुशल और कम साइड इफेक्ट वाली हो, तो इसका जवाब है प्राकृतिक चिकित्सा। प्राकृतिक चिकित्सा के फायदे बहुत हैं, जिसके बारे में हम आपको आगे बता रहे हैं। आइये जानतें हैं नेचुरोपैथी कैसे हमें नेचर के करीब ले जाती है और इसके फायदे क्या हैं।

रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करे नेचुरोपैथी – Naturopathy ke fayde for fight diseases in Hindi

किसी भी रोग को पहली फुर्सत में ही विकसित होने से रोकना, इसका मुकाबला करने का प्रभावी तरीका है। प्राकृतिक चिकित्सा रोग की रोकथाम में आज सबसे आगे है। इसके जरिए आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजूबत बनाया जाता है, ताकि आपका शरीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम हो सके।

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नैचुरोपैथी के फायदे विकारों को दूर करे – Benefits of Naturopathy should remove disorders in Hindi

नेचुरोपैथी में पारंपरिक चिकित्सा द्वारा सामान्य बीमारियों का इलाज करने की क्षमता होती है। प्राकृतिक चिकित्सा उपचार का उपयोग करके आम प्रकार के विकारों और पाचन विकार, एलर्जी सिरदर्द, सामान्य सर्दी, त्वचा की समस्या जैसे एक्जिमा और सोरायसिस से छुटकारा पाया जा सकता है।

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अनिद्रा में नेचुरोपैथी के फायदे – Benefits of naturopathy in insomnia in Hindi

प्राकृतिक चिकित्सा दवा अनिद्रा और अन्य नींद विकारों को दूर करने के लिए समाधान प्रदान करती है। पोषण संबंधी आहार के साथ संयुक्त प्राकृतिक चिकित्सा में किए जाने वाले हर्बल उपचार बेहतर नींद लेने में मदद करते हैं।

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नेचुरोपैथी के फायदे वैकल्पिक उपचार में – Naturopathy benefits for alternative treatment in Hindi

नेचुरोपैथी व्यक्तिगत आवश्यकताओं के आधार पर कई उपचार प्रदान करती है। इसमें नेचुरल सप्लीमेंट्स, जड़ी-बूटियों वानस्पतिक उपचार, होम्योपैथी, रेकी और एक्यूपंचर जैसे वैकल्पिक उपचार भी शामिल हैं।

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नेचुरोपैथी के लाभ आत्म जागरूकता बढ़ाए – Naturopathy to increase self-awareness in Hindi

नेचुरोपैथी ट्रीटमेंट व्यक्ति को अपने भीतर से जोड़ने में मदद करता है। इसके लिए यह रोगियों की अपने शरीर को बेहतर ढंग से समझने में भी मदद करता है। इससे व्यक्ति की आत्म जागरूकता बढ़ती है।

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प्राकृतिक चिकित्सा सोचने के तरीके में बदलाव करे – Naturopathy Change the way you think in Hindi

प्राकृतिक चिकित्सा एक ऐसा दष्टिकोण है, जो भावनात्मक, शारीरिक और आध्यात्मिक कल्याण के संयोजन पर जोर देता है। यह व्यक्ति को आध्यात्मिक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक तत्वों के महत्व को पहचानने में मदद करता है। इससे यकीनन आपके सोचने का तरीका पूरी तरह से बदल जाता है।

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प्राकृतिक चिकित्सा है सुरक्षित उपचार – Naturopathy is safe treatment in Hindi

नेचुरोपैथी या प्राकृतिक चिकित्सा पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी उपचार है। इसके साइडइफेक्ट होते ही नहीं है या बहुत कम होते हैं। इसका उदद्देश्य अंतनिर्हित बीमारी और विकारों का इलाज करना है।

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नेचुरोपैथी के सिद्धांत – Principles of Naturopathy in Hindi

अब हम बात करते हैं कि आखिर प्राकृतिक चिकित्सा किस सिद्धांत पर काम करती है? दरअसल अगर आप इसके सिद्धांत को समझ जाएंगे तो यकीनन आप भी इसको करना चाहेगें। प्राकृतिक चिकित्सा या नेचुरोपैथी का ऐसा मानना है कि मनुष्य के शरीर में खुद से ही सभी रोगों से लड़ने की क्षमता होती है। प्राकृतिक चिकित्सा के छह मूलभूत सिद्धांत हैं-

हीलिंग पॉवर ऑफ नेचर – The Healing Power of Nature in Hindi

प्राकृतिक चिकित्सा हीलिंग पॉवर ऑफ नेचर के सिद्धांत पर काम करती है। यह प्रत्येक व्यक्ति में अंतनिर्हित स्वचिकित्सा प्रक्रिया को पहचानती है। खुद से ही सभी रोगों से लड़ने की क्षमता विकसित करती है।

डू नो हार्म – Do No Harm in Hindi

नेचुरोपैथिक चिकित्सक उन तरीकों और प्राकृतिक पदार्थों का उपयोग करते हैं, जो हानिकारक दुष्प्रभावों के जोखिम को कम करते हैं, वो भी बिना चोट पहुंचाए।

बीमारी के कारण का इलाज – Identify and Treat the Causes in Hindi

स्वास्थ्य और बीमारी हमारे जीवन से जुड़े विभिन्न कारकों का परिणाम है। ऐसे में नेचुरोपैथी बीमारी के लक्षणों से परे अंर्तनिहित कारणों को देखते हैं। और उन्हें दूर करते हैं।

डॉक्टर टीचर का रूप – Doctor as Teacher in Hindi

डॉक्टर का मूल अर्थ शिक्षक है। प्राकृतिक शिक्षक प्रत्येक रोगी की समस्या को समझते हुए अपनी जिम्मेदारी को निभाते हैं। व्यक्तिगत स्वास्थ्य प्रबंधन पर रोगियों को शिक्षित करना और उनका समर्थन करना प्राकृतिक चिकित्सकों के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका है। वे रोगियों को अपने स्वयं के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेने का अधिकार देते हैं।

व्यक्ति के पूरे शरीर को समझना – Treat the Whole Person in Hindi

यह एक समग्र अवधारणा है जो शरीर को एक एकीकृत संपूर्ण के रूप में पहचानती है। प्राकृतिक चिकित्सक मरीजों का इलाज करते हैं, बीमारी का नहीं। एक प्राकृतिक मूल्यांकन एक व्यक्ति के जीवन में नूट्रिशनल की स्थिति, जीवन शैली, पारिवारिक इतिहास, शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, आनुवंशिक, पर्यावरण और सामाजिक कारकों को संबोधित करता है।

रोकथाम – Prevention in Hindi

नेचुरोपैथिक चिकित्सक बीमारी के जोखिम कारकों, अनुवांशिकता और संवेदनशीलता के आकलन और बीमारी को रोकने के लिए रोगियों के साथ मिलकर बीमारी की रोकथाम पर जोर देते हैं।

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नेचुरोपैथी का निदान – Diagnosis of Naturopathy in Hindi

प्राकृतिक चिकित्सा का लक्ष्य शरीर, मन और आत्मा को नियंत्रित करके व्यक्ति का इलाज करने का है। यह न केवल रोगों के लक्षण को दूर करती है, बल्कि बीमारी के मूल कारणों को ठीक करने का भी एक तरीका है। एक प्राकृतिक चिकित्सक एक से दो घंटे आपकी जांच कर सकता है। वह आपके स्वास्थ्य इतिहास, तनाव के स्तर और जीवनशैली की आदतों के बारे में आपसे प्रश्न कर सकता है। इसके अलावा वह कुछ लक्षणों के जानने के लिए लैब टेस्ट की भी सलाह दे सकता है। बाद में वह आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य योजना पर चर्चा करेगा।

आपको बता दें, कि प्राकृतिक चिकित्सा शिक्षा और रोकथाम पर केंद्रित है, इसलिए डॉक्टर आपको व्यायाम, आहार और स्ट्रेस मैनेजमेंट के टिप्स भी दे सकता है। सभी जानकारी एकत्रित हो जाने के बाद एक उपचार योजना तैयार की जाती है, जो व्यक्ति के जीवन के सभी क्षेत्रों को संबोधित करती है, जिससे शरीर को स्वयं को ठीक करने का अच्छा मौका मिलता है। उपचार योजना में आहार, जीवनशैली, व्यायाम, हर्बल दवा, या अन्य उपयुक्त उपचार शामिल हैं। प्राकृतिक चिकित्सा के अलावा होम्योपैथी, हर्बल मेडिसिन और एक्यूपंचर का भी उपयोग कर सकते हैं। आपके शरीर में संतुलन बनाने के लिए मसाज और प्रेशर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे न्यूरोपैथिक मैनिपुलेटिव थैरेपी कहा जाता है।

(और पढ़े – शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व…)

न्यूरोपैथी की प्रेक्टिस कौन करता है – Who practices naturopathy in Hindi

न्यूरोपैथी से जुड़े लोग आपको अस्पतालों, क्लीनिक, सामुदायिक केंद्र और नीजि कार्यालयों में मिल जाएंगे। ये तीन ग्रुप्स में बंटे होते हैं और सभी की अलग-अलग शिक्षा और पृष्ठभूमि होती है।

नेचुरोपैथिक फिजिशियन- इन्हें नेचुरोपैथिक डॉक्टर्स या डॉक्टर्स ऑफ नेचुरोपैथिक मेडिसिन भी कहा जाता है। ये आमतौर पर एक मान्यता प्राप्त चार साल का ग्रेजुएशन कोर्स करते हैं। ये एक आम डॉक्टर्स की ही तरह साइंस सीखते हैं, लेकिन इसके साथ ही ये पोषण, मनोविज्ञान और पूरक चिकित्सा जैसे हर्बल दवा के अलावा होम्योपैथी की भी स्टडी करते हैं। कुछ राज्यों और क्षेत्रों को लाइसेंस प्राप्त करने के लिए प्राकृितक चिकित्सकों की आवश्यकता होती है। इसका मतलब है, कि उन्हें निरंतर अभ्यास करने के लिए परीक्षा पास करनी होती है।

ट्रेडिश्रल न्यूरोपैथी – ये चिकित्सक एक मान्यता प्राप्त प्राकृितक चिकित्सा विद्यालय में नहीं पढ़ते और न ही इन्हें लाइसेंस प्राप्त होता है। इनकी शिक्षा व्यापक रूप से बहुत अलग होती है।

हेल्थकेयर प्रोवाइडर- कुछ मेडिकल डॉक्टर्स, डेंटिस्ट, अस्थि रोग विशेषज्ञ और नर्स नेचुरोपैथिक मेडिसन में ट्रेनिंग लेती हैं।

नेचुरोपैथी की उत्पत्ति- नेचुरोपैथी के सिद्धांतों का प्रयोग पहली बार हिप्पोक्रेटिक स्कूल ऑफमेडिसिन द्वारा लगभग 400 ईसा पूर्व में किया गया था। यूनानी दार्शनिक ने बीमारी का कारण खोजने के लिए प्रृकति के नियमों का उपयोग किया। आज नेचुरोपैथी में मॉर्डन सांइस के साथ पारंपरिक उपचार भी जोड़ दिए गए हैं।

नेचुरोपैथी का उपयोग कौन कर सकता है – Who can use Naturopathic medicine in Hindi

वैसे तो नेचुरोपैथी का इस्तेमाल कोई भी कर सकता है, लेकिन ये उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है, जो पारंपरिक चिकित्सा के माध्यम से अपनी पुरानी बीमारी से राहत नहीं पा सके हैं। कई मामलों में एक बीमारी के इलाज के लिए पारंपरिक और प्राकृतिक चिकित्सा दोनों का उपयोग किया जा सकता है। उदाहरण के लिए प्राकृतिक चिकित्सा उपचार कीमोथैरेपी के दुष्प्रभावों को कम करने में मदद कर सकते हैं। लेकिन अपने चिकित्सक को प्राकृतिक उपचार के बारे में बताना ना भूलें। इस तरह दोनों प्रदाता आपके स्वास्थ्य के लिए एक टीम के रूप में काम कर सकते हैं।

प्राकृतिक चिकित्सा के कुछ महत्वपूर्ण उपचार – Important Treatments of Naturopathy in Hindi

  • मड पैक, मड एप्लीकेशन (Mud pack, Mud Applications)
  • मड बाथ, अंडरग्राउंड मड बाथ, मड पूल बाथ (Mud Bath, Underground Mud Bath, Mud Pool Bath)
  • हिप स्नान (Hip Bath)
  • स्पाइनल बाथ, स्पाइनल स्प्रे बाथ (Spinal Bath, Spinal Spray Bath)
  • विसर्जन स्नान, घर्षण स्नान (Immersion Bath, Friction Bath)
  • फुट बाथ, आर्म बाथ (Foot Bath, Arm Bath)
  • स्टीम बाथ, सौना बाथ (Steam Bath, Sauna Bath)
  • सन बाथ, कलर सन बाथ (क्रोमो बाथ), (Sun Bath, Colour Sun Bath (Chromo Bath))
  • हरी पत्तियां सूर्य स्नान (Green Leaves Sun Bath)
  • हॉट एंड कोल्ड फ़ोमेंटेशन (Hot & Cold Fomentation)
  • गीला चादर लेप, छाती लेप, पेट लेप, ट्रंक लेप (Wet Sheet Pack, Chest Pack, Abdomen Pack, Trunk Pack)
  • घुटने पर लेप, गर्दन लेप, गीले करधनी लेप (Knee Pack, Neck Pack, Wet Girdle Pack)
  • एनीमा-वार्म वॉटर, बटर मिल्क, टेंडर कोकोनट वॉटर आदि। (Enema-Warm Water, Butter Milk, Tender Coconut Water etc.)
  • परिपत्र जेट स्नान (Circular Jet Bath)
  • कोलोन सिंचाई (Colon Irrigation)
  • डीलक्स हाइड्रो मसाज, जकूज़ी (Deluxe Hydro Massage, Jacuzi)
  • गर्म और ठंडे पानी के पाउच, बहाव (Hot and Cold Water Douches, Effusions)
  • भंवर में स्नान करना (Whirlpool Bath)
  • पानी के नीचे व्यायाम (Under Water Exercises)
  • चुंबक थेरेपी (Magnet Therapy)
  • रंग चिकित्सा (Colour Therapy)
  • एक्यूपंक्चर (Acupuncture)
  • एक्यूप्रेशर (Acupressure)
  • संवेदनशीलता (Reflexology)
  • फिजियोथेरेपी उपचार – व्यायाम चिकित्सा, इलेक्ट्रो थेरेपी (Physiotherapy Treatments – Exercise Therapy, Electro Therapy)

(और पढ़े – स्टीम बॉथ के इन बड़े फायदों को जानते हैं आप…)

नेचुरोपैथी की लोकप्रिय थैरेपीज – Popular therapies of Naturopathy in Hindi

नेचुरोपैथी में ऐसे कई बेहतरीन थैरेपीज हैं, जिनका इस्तेमाल आजकल नेचुरोपैथिक सेंटर में किया जाता है।

यहां हम आपको कुछ लोकप्रिय थैरेपीज के बारे में बता रहे हैं।

मड थैरेपी – Mud therapy in naturopathy in Hindi

नेचुरोपैथी में प्रकृति से मिलने वाली चीजों का उपयोग कर रोगों का इलाज किया जाता है। उन्हीं में से एक है मड थैरेपी। मिट्टी प्रकृति के पांच तत्वों में से एक है। इसके लिए जमीन की तीन से चार फीट गहराई में मिलने वाली मिट्टी का प्रयोग होता है। डॉक्टर उपयोग से पहले इस मिट्टी को पूरी तरह से साफ करते हैं, ताकि इसमें कोई पत्थर या कंकड़ न रह जाए। मिट्टी से की जाने वाली थैरेपी के बहुत से फायदे हैं।

यह आपके मुंहासों की समस्या को दूर करती है, पाचन को सही रखती है। कब्ज, डायरिया, ड्राय स्किन, सिर दर्द और हाई बीपी जैसी बीमारियों को ठीक करने में ये बहुत फायदेमंद है। सिरदर्द की स्थिति में पानी के साथ मिट्टी को मिलाकर माथे पर लगाएं और आधे घंटे तक लगा रहने दें। सिरदर्द दूर हो जाएगा। वहीं कब्ज से बचने के लिए मिट्टी के पैक को पेट पर 20 से 30 मिनट तक लगा रहने दें। इससे पेट से संबंधित सभी समस्या दूर हो जाएगी।

(और पढ़े – मुंहासों के लिए मुल्तानी मिट्टी का उपयोग कैसे करें…)

मैग्रेट थैरेपी – Magnet therapy in naturopathy in Hindi

नेचुरोपैथी में मैग्रेट थैरेपी का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसमें बिना दर्द और तकलीफ के ट्रीटमेंट किया जाता है। मैग्रेट थैरेपी की मदद से विभिन्न अंगों के ऊर्जा मार्ग पर स्थित बिन्दुओं पर अलग-अलग आकार की मैग्रेट को चिपका देते हैं। चुंबकीय प्रभाव से यह बिन्दु सक्रिय हो जाते हैं और ऊर्जा का संचार शुरू हो जाता है। इसमें कंधे, कोहनी, कमर, घुटने, एड़ी में दर्द, स्लिप डिस्क, पाचन, थायरॉइड जैसे रोगों में बहुत फायदा होता है।

(और पढ़े – क्या मैग्नेटिक ब्रेसलेट (चुंबकीय कंगन) सच में दर्द कम करते है…)

कलर थैरेपी – Color therapy in naturopathy in Hindi

प्राकृतिक चिकित्सा में कलर थैरेपी भी बहुत कॉमन है। रंग लोगों के व्यवहार और मास्तिष्क को प्रभावित करने के लिए जाने जाते हैं। रंग तनाव से उत्पन्न विकारों को ठीक कर सकते हैं। हर रंग का मानव मन पर अलग प्रभाव पड़ता है। इंद्रधनुष के सात रंग शरीर के सात रंगों से संबंधित हैं। रंग चक्रों के इस संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। एक क्रोमोथैरेपिस्ट विभिन्न विकारों को दूर करने के लिए रंग और प्रकाश का उपयोग करता है।

एक्यूपंक्चर – Acupuncture in naturopathy in Hindi

यह प्राकृतिक चिकित्सा की एक लोकप्रिय थैरेपी है। इसमें शरीर के किसी भी बिंदु पर पतली-पतली सुइंया चुभाई जाती हैं। इस बिंदु का कनेक्शन आपकी बीमारी से होता है। इससे दर्द में राहत मिलती है। एक सामान्य इलाज में 5 से 20 सुई का प्रयोग होता है। यह उन मरीजों के लिए बहुत उपयोगी है, जिन्हें पेन किलर्स से भी कोई फायदा नहीं हो रहा हो।

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एक्यूप्रेशर – Acupressure in naturopathy in Hindi

यह एक प्रकार की बहुत पुरानी चिकित्सा पद्धति है, जिसमें शरीर के विभिन्न स्थानों पर स्थित पॉइंट को दबाकर सेहत की समस्या को हल किया जाता है। इन सभी पॉइंटस का संबंध उस जगह से होता है, जहां आपको समस्या होती है। अगर आपको चक्कर आना, तनाव या सिर में दर्द है, तो कान के पीछे की तरफ झुके हुए भाग को दबाने से बहुत फायदा होगा। इसी तरह कोलेस्ट्रॉल, उल्टी, बीपी की समस्याओं में कोहनी के पीछे वाला हिस्सा दबाने से लाभ मिलेगा।

(और पढ़े – एक्यूप्रेशर के फायदे विशेष पॉइंट्स और नुकसान…)

डाइट थैरेपी – Diet therapy in Hindi

इस थैरेपी के अनुसार, भोजन को प्राकृतिक रूप में लिया जाता है। जैसे ताजे मौसमी फल, हरी पत्तेदार सब्जियां और अंकुरित अनाज। अल्कलाइन होने के कारण ये आहार स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, शरीर को शुद्ध करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करने में मदद करते हैं। बता दें, कि नेचुरोपैथी में भोजन को औषधि माना जाता है।

(और पढ़े – संतुलित आहार के लिए जरूरी तत्व , जिसे अपनाकर आप रोंगों से बच पाएंगे…)

फास्टिंग थैरेपी- Fasting therapy in Hindi

नेचुरोपैथी में माना जाता है, कि उपवास स्वास्थ्य के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। नेचुरोपैथी में उपवास की अवधि उम्र, बीमारी का प्रकृति और पूर्व दवा के प्रयोग पर निर्भर करती है। उपवास को दो से तीन दिन तक किया जा सकता है और फिर धीरे-धीरे अवधि बढ़ाई जा सकती है। इस उपवास के दौरान कच्ची सब्जियों के रस और पानी का सेवन किया जाता है, जो एकदम ताजा होना चाहिए। इस दौरान कम से कम छह से आठ गिलास तरल पदार्थ का सेवन करना ही चाहिए।

(और पढ़े – उपवास (व्रत) के फायदे और नुकसान…)

हाइड्रोथैरेपी – Hydrotherapy in Hindi

नेचुरोपैथी में हाइड्रोथैरेपी सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। इसमें रोगों का उपचार जल से किया जाता है। इस पद्धति में जल से भरे टब में हर्बल प्रोडक्ट्स को मिलाकर स्नान कराया जाता है। इस प्रक्रिया में शरीर स्वच्छ होता है और आपकी त्वचा में ऊर्जा का संचार भी होता है। इस थैरेपी को लेने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है, मांसपेशियों में सुधार होता है, रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है और पाचन क्रिया मजबूत बनती है।

(और पढ़े – कोल्ड वाटर बॉथ थेरेपी क्या है, इसके फायदे और सावधानियां…)

एयर थैरेपी- Air therapy in Hindi

एयर थैरेपी का लाभ वायु स्नान के माध्यम से मिलता है। नेचुरोपैथी की इस प्रक्रिया में कपड़े निकालने के बाद रोजाना टहलना चाहिए। इससे ब्लड फ्लो तेज होता है। यह थैरेपी घबराहट, गठिया, त्वचा, मानसिक और अन्य विभिन्न विकारों में को दूर करने में बहुत फायदेमंद है।

(और पढ़े – शाम को टहलने के फायदे और स्वास्थ्य लाभ…)

मसाज थैरेपी – Massage therapy in Hindi

मसाज भी प्राकृतिक चिकित्सा का ही एक साधन है और अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी भी है। इसमें हाथ, पैरों, उंगलियों, कोहनी, घुटने और अग्र भुजाओं की मालिश की जाती है। मसाज थैरेपी का उद्देश्य रक्त परिसंचरण में सुधार करना और शारीरिक अंगों को मजबूती प्रदान करना है।

(और पढ़े – बॉडी मसाज के लिए बेस्ट तेल और इनके फायदे…)

प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़े लोगों के सवाल और जवाब – Question and answer related to naturopathy in Hindi

क्या नेचुरोपैथी पूरी तरह से सुरक्षित है – Is Naturopathy completely safe in Hindi

नेचुरोपैथी आमतौर पर स्वास्थ्य उपचार का एक सुरक्षित रूप है। हालांकि, प्राकृतिक चिकित्सा के कुछ पहलू विवादास्पद हो सकते हैं।

प्राकृतिक चिकित्सा लेने से पहले क्या पता होना चाहिए – What to know before taking Naturopathy in Hindi

चूङ्क्षक, नेचुरोपैथिक विधियां व्यापक रूप से बहुत अलग होती हैं, इसलिए इसे लेने से पहले अपने नेचुरोपैथी डॉक्टर के बारे में सब कुछ पता होना चाहिए। प्राकृतिक चिकित्सा के पीछे की फिलॉस्फी को भी समझना चाहिए।

नेचुरोपैथी का इलाज कैसे किया जाता है – How Naturopathy is treated in Hindi

प्राकृतिक चिकित्सा (नेचुरोपैथी) में मिट्टी के लेप यानि मड थैरेपी, वॉटर ट्रीटमेंट, एनिमा, एक्यूपंचर, एक्यूप्रेशर, सूर्य चिकित्सा, व्रत रखकर, संतुलित आहार यानि डाइट थैरेपी, होम्योपैथिक दवाओं आदि माध्यम से नेचुरोपैथी में इलाज किया जाता है।

नेचुरोपैथी किसी विशिष्ट बीमारी का इलाज नहीं करती। यह एक कॉम्प्लीमेंट्री थैरेपी है। किसी भी गंभीर या पुरानी बीमारी के लिए प्राकृतिक चिकित्सा का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से चर्चा जरूर करें। इसके अलावा जिस डॉक्टर से आप ट्रीटमेंट ले रहे हैं, उसके बैकग्राउंड के बारे में जरूर जान लें।

(और पढ़े – मुल्तानी मिट्टी के फायदे और नुकसान…)

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