बीमारी

सोरायसिस के कारण, लक्षण, जाँच और इलाज – Psoriasis Causes Symptoms and Treatment In Hindi

सोरायसिस कारण लक्षण और निदान - Psoriasis Causes Symptoms and Treatment In Hindi

सोरायसिस जिसे अंग्रेजी में Psoriasis कहते हैं, यह एक चर्म रोग हैं जो मोटे, लाल पैच के रूप में विकसित होता है। कभी-कभी, इन पैच में क्रैक आ सकता है और इनसे खून भी निकल सकता है। सोरायसिस घुटनों और कोहनी को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है लेकिन यह हाथ, पैर, गर्दन, सिर और चेहरे सहित शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकता है। सोरायसिस के कुछ प्रकार ऐसे हैं जो नाखून, मुंह और जननांगों के आसपास की त्वचा को भी प्रभावित करते हैं।

इस आर्टिकल में हम आपको सोरायसिस क्या है, सोरायसिस के लक्षण, कारण, निदान और इलाज के साथ इसके प्रकार और बचाव के बारे में भी बताएंगे।

विषय सूची

सोरायसिस क्या है – What is psoriasis in Hindi

सोरायसिस एक त्वचा संबंधी रोग है जो त्वचा कोशिकाओं के 10 गुना तेजी से गुणन करने का कारण बनता है। ये कोशिकाएं त्वचा की निचली परत में वृद्धि करती हैं और फिर त्वचा की पूरी परत को घेर लेती हैं। जब कोशिकाएं विकसित हो जाती हैं तो त्वचा की नमी भी खत्म हो जाती है और त्वचा की परत रूखी हो जाती है। इसके बाद इस परत में सूजन, लालिमा और कभी-कभी जलन भी उत्पन्न हो जाती है। यह पूरी प्रक्रिया लगभग एक महीने की अवधि तक होती रहती है। आमतौर पर सोरायसिस देखने में मोटे और लाल चकत्ते या पैच जैसा होता है। कभी-कभी इन चकत्तों में दरारें पड़ जाती हैं और फिर इसमें से खून भी निकलने लगता है।

इस स्थिति में त्वचा पर ऊबड़-खाबड़ लाल धब्बों पर सफेद दाग उत्पन्न होते हैं। सोरायसिस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैल सकता है। यह कभी-कभी एक ही परिवार के सदस्यों में होता है। यह शरीर में कहीं भी हो सकता है, लेकिन ज्यादातर खोपड़ी, कोहनी, घुटनों और पीठ के निचले हिस्से पर दिखाई देता है। उपचार से त्वचा के पैच और दाग धब्बे पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं और जीवन के किसी भी पक्ष में पुनः उत्पन्न हो सकते हैं।

और पढ़ें: मानव त्वचा की संरचना, रोग…)

सोरायसिस होने के कारण Causes of  Psoriasis in Hindi

सोरायसिस एक क्रोनिक ऑटोइम्यून स्थिति है जो त्वचा कोशिकाओं के तेजी से निर्माण का कारण बनती है। लेकिन अभी तक त्‍वचा में सोरायसिस होने के कारण का पूरी तरह से स्पष्टीकरण नहीं किया गया है। लेकिन यह हमारे शरीर में T कोशिकाओं और अन्य श्वेत रक्त कोशिकाओं के साथ प्रतिरक्षा प्रणाली से जुडी समस्या है।

टी कोशिकाएं आमतौर पर वायरस एवं बैक्टीरिया जैसे बाहरी पदार्थों से बचाव के लिए शरीर में विचरण करती रहती हैं। लेकिन जब कोई व्यक्ति सोरायसिस से पीड़ित हो जाता है तो यही टी कोशिकाएं गलती से स्वस्थ त्वचा पर हमला करना शुरू कर देती हैं इस हमले के परिणामस्वरूप त्वचा कोशिकाओं का उत्पादन बहुत तेज हो जाता है, जिससे कि त्वचा मोटी होने लगती हैं और उसपर चकत्ते पड़ने शुरू हो जाते हैं।

लेकिन सोरायसिस होने के कारण के पीछे सिर्फ टी कोशिकाएं ही जिम्मेदार नहीं हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि इस रोग के पीछे आनुवांशिक और पर्यावरणीय कारक भी जिम्मेदार होते हैं।

(और पढ़ें – रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय…)

सोरायसिस ट्रिगर करने वाले जोखिम कारक – Psoriasis triggers risk factor in Hindi

कुछ स्थितियां सोरायसिस की स्थिति को उत्पन्न करने में सहायक होती हैं तथा इसके लक्षणों को ट्रिगर कर सकती हैं। सोरायसिस की समस्या को ट्रिगर करने वाले कारकों में निम्न को शामिल किया जा सकता है:

सोरायसिस के प्रकार – Types of psoriasis in Hindi

सामान्य प्रकार के सोरायसिस में निम्न को शामिल किया जाता है:

  • प्लाक सोरायसिस (Plaque psoriasis) – प्लाक सोरायसिस, सबसे आम प्रकार का सोरायसिस है। यह त्वचा पर लाल, सूजन वाले पैच (चकत्ते) उत्पन्न होने का कारण बनता है। ये प्लाक या चकत्ते आमतौर पर कोहनी, घुटनों और खोपड़ी (scalp) पर पाए जाते हैं।
  • पस्ट्यूलर सोरायसिस (Pustular psoriasis) – इस प्रकार का सोरायसिस वयस्कों में अधिक आम है। जो हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों पर छोटे-छोटे सफेद, मवाद से भरे फफोले या फुंसियों के साथ लाल और पपड़ीदार त्वचा का कारण बनता है।
  • गुटेट सोरायसिस (Guttate psoriasis) – यह सोरायसिस अक्सर बचपन या युवा वयस्कता में होता है। यह मुख्य रूप से धड़ और हाथ-पैर पर छोटे, लाल धब्बे उत्पन्न होने का कारण बनता है। श्वसन संक्रमण, गले में खराश, टॉन्सिलिटिस, तनाव, त्वचा पर चोट और मलेरिया-रोधी और बीटा-ब्लॉकर दवाएं लेना इत्यादि स्थितियों में यह रोग ट्रिगर हो सकता है।
  • इन्वर्स सोरायसिस (Inverse psoriasis) – इन्वर्स सोरायसिस मुख्य रूप से त्वचा की सिलवटों (skin folds) जैसे काँख (armpits), कमर और स्तनों के नीचे या जननांगों में दिखाई देने वाले चमकीले लाल, चमकदार घाव का कारण बनता है।
  • एरिथ्रोडार्मिक सोरायसिस (Erythrodermic psoriasis) – एरि‍थ्रोडर्मिक सोरायसिस एक गंभीर और बहुत ही दुर्लभ प्रकार का सोरायसिस है। यह सोरायसिस अक्सर शरीर के बड़े हिस्से को एक साथ कवर करता है। इस स्थिति में त्वचा धूप से झुलसी हुई दिखाई देती है। गंभीर सनबर्न, संक्रमण, कुछ दवाओं और कुछ प्रकार के सोरायसिस उपचार को रोकने के परिणामस्वरूप इस प्रकार का सोरायसिस उत्पन्न हो सकता है। यदि इसका तुरंत इलाज नहीं किया गया तो यह गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।

सोरायसिस के लक्षण – Symptoms of psoriasis in Hindi

सोरायसिस के लक्षण - Symptoms of psoriasis in Hindi

त्‍वचा संबंधी समस्‍या या सोरायसिस के लक्षण प्रत्येक व्यक्ति में अलग-अलग दिखाई पड़ते हैं। यह लक्षण इस बात पर भी निर्भर करते हैं कि व्यक्ति को किस प्रकार की सोरायसिस है। सोरायसिस त्वचा के बहुत ही छोटे स्थान को घेरता है जैसे की सिर या कोहनी या शरीर का अन्य कोई हिस्सा। सोरायसिस के मुख्य लक्षण निम्न हैं:

हालांकि यह कतई जरूरी नहीं है कि सोरायसिस से पीड़ित व्यक्ति में इनमें से ही कुछ लक्षण दिखाई दें। जो व्यक्ति कम सामान्य प्रकार के सोरायसिस से पीड़ित होते हैं उनमें कुछ अलग तरह के लक्षण दिखाई देते हैं।

ज्यादातर व्यक्ति सोरायसिस के लक्षणों के एक पूरे चक्र से गुजरते हैं। इससे पीड़ित व्यक्ति में ये लक्षण कुछ दिनों या फिर कुछ हफ्तों तक दिखाई देते हैं और फिर गायब हो जाते हैं और पहचान में नहीं आते हैं। लेकिन कुछ दिनों बाद ये लक्षण दोबारा से दिखाई देने लगते हैं। लेकिन कभी-कभी ये लक्षण पूरी तरह समाप्त भी हो जाते हैं।

(और पढ़ें – बारिश के मौसम में फंगल इन्फेक्शन से बचने के टिप्स…)

सोरायसिस का निदान – Psoriasis Diagnosis in Hindi

सोरायसिस का निदान - Psoriasis Diagnosis in Hindi

आमतौर पर शरीर की जांच और बायोप्सी के जरिए डॉक्टर सोरायसिस का पता लगाते हैं।

शारीरिक परीक्षण शारीरिक परीक्षण में डॉक्टर मरीज के शरीर पर उभरे लक्षणों को देखकर इस बीमारी का पता लगाते हैं। इस दौरान डॉक्टर पीड़ित व्यक्ति के प्रभावित त्वचा की अच्छे से जांच करते हैं। लेकिन इस दौरान मरीज को यह भी बताना होता है कि उसके परिवार में कोई व्यक्ति सोरायसिस से ग्रस्त था या नहीं। यह बताने से डॉक्टर का आसानी से सोरायसिस का निदान कर सकता है।

बायोप्सी – अगर इस बीमारी के लक्षण शारीरिक परीक्षण के माध्यम से स्पष्ट रूप से पता नहीं चल पाते हैं, तो डॉक्टर मरीज की प्रभावित त्वचा का एक छोटा सा सैंपल लेते हैं और फिर परीक्षण करते हैं, इसे बायोप्सी कहा जाता है। इस त्वचा नमूने को लैब में भेजा जाता है, जहां माइक्रोस्कोप से इसकी जांच की जाती है। इसमें यह स्पष्ट पता चल जाता है कि व्यक्ति किस प्रकार के सोरायसिस से पीड़ित है।

सोरायसिस का इलाज Psoriasis Treatments in Hindi

सौभाग्य से सोरायसिस की स्थिति में इलाज के दौरान लक्षणों को दूर करने के अनेक तरीके हैं। सामान्य सोरायसिस की स्थिति में उपचार के लिए निम्न को शामिल किया जा सकता है:

  • स्टेरॉयड क्रीम
  • रूखी त्वचा के लिए मॉइस्चराइजर
  • कोल तार (Coal tar) लोशन या शैंपू
  • रेटिनोइड क्रीम
  • एन्थ्रेलिन क्रीम
  • विटामिन डी एनालॉग (vitamin D analogues)।

सोरायसिस की दवा – Psoriasis medicine in Hindi

सोरायसिस की दवा - Psoriasis medicine in Hindi

मध्यम से गंभीर सोरायसिस की स्थिति में इलाज करने के लिए मौखिक या इंजेक्शन वाली दवाओं का उपयोग किया जा सकता है। डॉक्टर आमतौर निम्न दवाओं की सिफारिश कर सकते हैं:

  • साइक्लोस्पोरिन (cyclosporine)
  • मेथोट्रेक्सेट (Methotrexate)
  • रेटिनोइड्स (retinoids) – यह विटामिन ए से संबंधित दवाओं की एक श्रेणी हैं।
  • बायोलॉजिक्स (biologics) – बायोलॉजिक दवाएं सोरायसिस से होने वाली सूजन और अन्य लक्षणों को बेहतर ढंग से नियंत्रित करने के लिए, सोरायसिस में अति सक्रिय शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को अवरुद्ध करने का काम करती हैं।

ध्यान रहें कि यह दवाएं गंभीर साइड इफ़ेक्ट उत्पन्न कर सकती हैं, अतः इन्हें डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए।

सोरायसिस के इलाज के लिए लाइट थेरेपी – Light therapy for psoriasis treatment in Hindi

इस थेरेपी में डॉक्टर मरीज की त्वचा के ऊपर पराबैंगनी प्रकाश डालते हैं। इस थेरेपी की आवश्यकता मरीज को जल्दी से जल्दी इस रोग से छुटकारा दिलाने के लिए होती है। सोरायसिस के इलाज में यह प्रक्रिया हमेशा डॉक्टर की देखरेख में होनी चाहिए अन्यथा अधिक पराबैंगनी प्रकाश त्वचा को हानि पहुंचा सकता है।

(और पढ़ें: स्किन इन्फेक्शन से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय..)

सोरायसिस से बचने के तरीके – Psoriasis prevention in Hindi

प्रत्येक व्यक्ति अपने शरीर की देखभाल कर सोरायसिस की समस्या से बच सकता है। इन बचाव संबंधी उपाय में निम्न शामिल हैं:

  • मॉइस्चराइजिंग लोशन का प्रयोग करें।
  • त्वचा और खोपड़ी की देखभाल करें।
  • शुष्क, ठंडे मौसम से अपने शरीर को बचा कर रखें।
  • त्वचा को नम रखने के लिए ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें।
  • खरोंच, कट और संक्रमण से अपनी रक्षा करें।
  • अधिक धूप में न रहें।
  • शराब का अधिक सेवन न करें।
  • व्यायाम करें, स्वास्थ्य भोजन खाएं और स्वस्थ वजन बनाए रखें।

सोरायसिस आहार – Psoriasis diet in Hindi

भोजन सोरायसिस का इलाज नहीं कर सकता है, लेकिन बेहतर खाना इसके लक्षणों को कम कर सकता है। सोरायसिस की स्थिति में ओमेगा-3 फैटी एसिड, साबुत अनाज और पौधों से भरपूर आहार का अधिक सेवन करें। ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त आहार में निम्न को शामिल किया जा सकता है:

सोरायसिस को ट्रिगर करने वाले फूड्स – Avoid trigger foods for Psoriasis in Hindi

सोरायसिस को ट्रिगर करने वाले फूड्स - Avoid trigger foods for Psoriasis in Hindi

सोरायसिस त्वचा की सूजन का कारण बनता है। अतः इस स्थिति में कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे भी है, जो सूजन और अन्य लक्षणों को गंभीर कर सकते हैं, तथा बीमारी को बढ़ा सकते हैं। इस बजह से सोरायसिस की स्थिति में लक्षणों में सुधार लाने के लिए निम्न खाद्य पदार्थों के सेवन से बचने की सलाह दी जाती हैं:

सोरायसिस का घरेलू इलाज Psoriasis home remedies in Hindi

त्वचा संक्रमण असुविधाजन होने के साथ ही कई बार लोगों में शर्मिंदगी का भी कारण बन सकता है। हालांकि सोरायसिस इतनी गंभीर समस्‍या नहीं है कि इसका उपचार नहीं किया जा सकता है। यदि आप भी सोरायसिस से परेशान हैं तो घबराएं नहीं। क्‍योंकि सोरायसिस के घरेलू और प्राकृतिक उपाय भी होते हैं। जिन्‍हें अपनाकर आप सोरायसिस जैसी त्‍वचा संबंधी समस्‍या से आ‍सानी से निपट सकते हैं। आइए जाने सोरायसिस का घरेलू इलाज किस प्रकार किया जा सकता है।

सोरायसिस के इलाज में हल्दी उपयोगी – Try turmeric for treating psoriasis in Hindi

सोरायसिस के इलाज में हल्दी उपयोगी - Try turmeric for treating psoriasis in Hindi

त्वचा के रोगों के इलाज में हल्दी बहुत ही असरदार होती है। हल्दी सोरायसिस से उत्पन्न सूजन को कम करती है। आप चाहें तो हल्दी का सेवन भोजन के माध्यम से या फिर गोली के रूप में कर सकते हैं। इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। माना जाता है कि डेढ़ से तीन ग्राम हल्दी का रोजाना उपयोग करने से सोरायसिस के लक्षणों से बचा जा सकता है।

(और पढ़े – हल्दी और दूध के फायदे और नुकसान)

सोरायसिस से बचने के लिए तनाव को कम करें Reduce stress to prevent psoriasis in Hindi

त्‍वचा में होने वाले सोरायसिस की एक मुख्य कारण तनाव भी है। तनाव इस बीमारी के लक्षणों को और गंभीर बना सकता है, इसलिए जितना संभव हो तनाव से बचें और योग एवं मेडिटेशन करें।

(और पढ़े – मानसिक तनाव के कारण, लक्षण एवं बचने के उपाय)

सोरायसिस से बचने के लिए गंध से दूर रहें – Avoid fragrances to prevent psoriasis in Hindi

सोरायसिस से बचने के लिए गंध से दूर रहें - Avoid fragrances to prevent psoriasis in Hindi

ज्यादातर साबुन, परफ्यूम इत्यादि में डाई और केमिकल होते हैं जो कभी-कभी त्वचा में जलन पैदा कर देते हैं। इनकी खुशबू भले ही अच्छी हो लेकिन ये सोरायसिस को ज्यादा बढ़ा देते हैं। अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है तो ऐसे उत्पादों का इस्तेमाल करने से बचें।

ऊपर आपने जाना सोरायसिस क्या है, इसके होने के कारण, लक्षण, सोरायसिस के प्रकार, जाँच, इसका इलाज और सोरायसिस का घरेलू इलाज करने के लिए क्या खाएं और क्या न खाएं

सोरायसिस के कारण, लक्षण, जाँच और इलाज (Psoriasis Causes Symptoms and Treatment In Hindi) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।

इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।

Leave a Comment

Subscribe for daily wellness inspiration