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पेट में इन्फेक्शन के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव – Stomach Infection Symptoms, Causes, Treatment In Hindi

पेट में इन्फेक्शन के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव - Stomach Infection Symptoms, Causes, Treatment In Hindi

पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) एक वायरस, बैक्टीरिया या परजीवी (parasites) के कारण होने वाला एक रोग है, जो दस्त, उल्टी, बुखार और आंतों के अस्तर की सूजन का कारण बनता है। इसे आंत्रशोथ या जठरांत्र शोध के रूप में भी जाना जाता है। पेट में इन्फेक्शन एक आम समस्या है, जो बच्चों और वयस्कों को सर्वाधिक प्रभावित करती है। जठरांत्र शोध (Gastroenteritis) वायरस या बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है। इस संक्रमण से बचने के लिए उचित घरेलू उपाय को अपनाना आवश्यक होता है। चूँकि पेट में इन्फेक्शन की गंभीर स्थिति गुर्दे की विफलता, आंत्र पथ में रक्तस्राव, एनीमिया (anemia) तथा मस्तिष्क क्षति का कारण बन सकती है। पेट में इन्फेक्शन की स्थिति में घरेलू उपचार और चिकित्सकीय सहायता प्राप्त करना आवश्यक हो जाता है।

आज के इस लेख में आप जानेगें कि पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) क्या है, इसके लक्षण, कारण और इलाज क्या है तथा बचाव और घरेलू उपचार के बारे में।

विषय सूची

पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) क्या है – What is Stomach Infection in Hindi

पेट में इन्फेक्शन के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव - Stomach Infection Symptoms, Causes, Treatment In Hindi

पेट का संक्रमण एक बहुत ही सामान्य स्थिति है, जो दस्त और उल्टी का कारण बनती है। पेट में इन्फेक्शन को गैस्ट्रोएन्टराइटिस, आंत्रशोथ या जठरांत्र शोथ आदि नामों से जाना जाता है। आमतौर पर पेट के बैक्टीरिया या वायरस, पेट में इन्फेक्शन का कारण बनते हैं। लेकिन परजीवी (Parasites) भी आंत्रशोथ का कारण बन सकता है, जिसमें जियार्डिया (giardia) और क्रिप्टोस्पोरिडियम (cryptosporidium) नामक परजीवी प्रमुख हैं। यह संक्रमण सभी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन छोटे बच्चे विशेष रूप से ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। पेट में इन्फेक्शन के अधिकतर मामले बच्चों में रोटावायरस (rotavirus) नामक वायरस के कारण उत्पन्न होते हैं, जबकि वयस्कों में पेट में इन्फेक्शन के अधिकतर मामले आमतौर पर नोरोवायरस (norovirus) या बैक्टीरियल फूड पॉइजनिंग के कारण उत्पन्न होते हैं।

गैस्ट्रोएन्टराइटिस या आंत्रशोथ एक संक्रमित बीमारी है, क्योंकि यह अन्य व्यक्तियों में बहुत आसानी से फैल सकता है। आंत्रशोथ (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) अधिक गंभीर हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर एक सप्ताह के भीतर ही दूर हो जाता है। अर्थात ज्यादातर लोग बिना इलाज के ही ठीक हो जाते हैं। पेट में इन्फेक्शन (Gastroenteritis) के लिए कोई विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है, हालांकि घरेलू उपचार पेट में इन्फेक्शन से सम्बंधित लक्षणों में सुधार ला सकते हैं।

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पेट में इन्फेक्शन के प्रकार – Types of Gastroenteritis in Hindi

पेट में इन्फेक्शन मुख्य रूप से दो प्रकार का होता हैं, (1.) बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टराइटिस या फूड पॉइजनिंग और (2.) वायरल गैस्ट्रोएन्टराइटिस या स्टमक फ्लू।

बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टराइटिस – Bacterial Gastroenteritis (food poisoning) in Hindi

पेट में इन्फेक्शन तब होता है जब बैक्टीरिया (bacteria) आंत में संक्रमण का कारण बनता है, इस स्थिति को बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टराइटिस के रूप में जाना जाता है। इस प्रकार के पेट के इन्फेक्शन के परिणामस्वरूप पेट और आंतों में सूजन आ जाती है, इसके अतिरिक्त उल्टी, पेट में ऐंठन और दस्त जैसे लक्षण प्रगट हो सकते हैं। बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टराइटिस बहुत सामान्य है। इस संक्रमण को “फूड पॉइजनिंग” (food poisoning) के नाम से भी जाना जाता है।

बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टराइटिस खराब स्वच्छता, जानवरों के साथ घनिष्ठ संपर्क या बैक्टीरिया के कारण दूषित भोजन या पानी का सेवन आदि कारणों के परिणामस्वरूप उत्पन्न हो सकता है।

वायरल गैस्ट्रोएन्टराइटिस – Viral gastroenteritis (stomach flu) in Hindi

जब कोई वायरस (viruses), पेट में इन्फेक्शन संक्रमण का कारण बनता है, तो उसे वायरल गैस्ट्रोएन्टराइटिस के नाम से जाना जाता है। यह एक अत्यधिक संक्रामक पेट और आंतों का संक्रमण है, जिसे आमतौर पर स्टमक फ्लू (Stomach flu) के रूप में भी जाना जाता है। वायरल गैस्ट्रोएन्टराइटिस या स्टमक फ्लू (Stomach flu) के सामान्य लक्षणों में पानी के समान दस्त, पेट में ऐंठन और उल्टी आदि शामिल हैं।

स्टमक फ्लू विभिन्न प्रकार के वायरस के कारण उत्पन्न होता है, जिनमें रोटावायरस (rotavirus) और नोरोवायरस (norovirus) प्रमुख हैं। प्रत्येक गैस्ट्रोएन्टराइटिस वायरस एक विशेष मौसम में सबसे अधिक सक्रिय होता है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने या दूषित भोजन तथा पानी का सेवन करने के बाद एक स्वास्थ्य व्यक्ति वायरल गैस्ट्रोएन्टराइटिस को प्राप्त कर सकता है। व्यक्ति अक्सर वायरस के संपर्क में आने के लगभग 12-48 घंटे बाद लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं, तथा यह लक्षण अक्सर 3 से 7 दिनों तक रहते हैं। फूड पॉइजनिंग (food poisoning) की अपेक्षा स्टमक फ्लू के लक्षण अधिक समय तक बने रहते हैं।

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पेट में इन्फेक्शन के लक्षण – Stomach infection (gastroenteritis) symptoms in Hindi

पेट में इन्फेक्शन के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव - Stomach Infection Symptoms, Causes, Treatment In Hindi

पेट के संक्रमण (gastroenteritis) से सम्बंधित लक्षण आमतौर पर व्यक्ति के संक्रमित होने के एक दिन बाद प्रगट हो सकते हैं। यह लक्षण आमतौर पर एक सप्ताह या इससे कम समय तक चल सकते हैं, लेकिन कभी-कभी यह लक्षण बहुत लंबे समय बने रह सकते हैं।

आंत्रशोथ (gastroenteritis) के लक्षणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:

आंत्रशोथ की स्थिति में उत्पन्न होने वाली सबसे आम समस्या निर्जलीकरण है। पेट के संक्रमण (गैस्ट्रोएंटेराइटिस) की स्थिति में निर्जलीकरण की समस्या तब उत्पन्न होती है जब उल्टी और दस्त के चलते, पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन न किया जाए। निर्जलीकरण की समस्या शिशुओं, छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों को सबसे अधिक परेशान करती है।

पेट के इन्फेक्शन का कारण – Gastroenteritis causes in Hindi

पेट के संक्रमण (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) के प्रकार के आधार पर इसके कारण भी भिन्न हो सकते हैं, जो की निम्न हैं:

वायरल गैस्ट्रोएन्टराइटिस के कारण – Stomach flu (Viral gastroenteritis) causes in Hindi

स्टमक फ्लू (Stomach flu) कई अलग-अलग वायरस के कारण होता है। यह बीमारी आमतौर पर किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने या दूषित भोजन या पानी का सेवन करने के बाद होती है। अनेक वायरस, आंत्रशोथ (Gastroenteritis) का कारण बन सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • नोरोवायरस (Noroviruses)
  • रोटावायरस (Rotavirus), इत्यादि।

बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टराइटिस के कारण – Causes of bacterial gastroenteritis in Hindi

अनेक प्रकार के बैक्टीरिया, पेट के संक्रमण (आंत्रशोथ) का कारण बन सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • पोर्क (pork) में पाया जाने वाला यर्सिनिया (yersinia) बैक्टीरिया
  • डेयरी उत्पादों, मांस और अंडे में पाया जाने वाला स्टेफिलोकोकस (staphylococcus) और साल्मोनेला (salmonella) बैक्टीरिया
  • पानी (स्विमिंग पूल) में पाया जाने वाला शिगेला (shigella) बैक्टीरिया
  • कैम्पिलोबैक्टर (campylobacter) बैक्टीरिया
  • ई कोलाई (coli) बैक्टीरिया, इत्यादि।

बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टराइटिस मुख्य रूप से व्यक्तियों द्वारा दूषित भोजन के सेवन के परिणामस्वरूप होता है। बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टराइटिस को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से प्रेषित किया (फैलाया) जा सकता है। संक्रमित व्यक्ति से बैक्टीरिया भोजन, वस्तुओं का साझा करने या छूने से फैलता है, तथा आँखों, मुंह या शरीर के अन्य खुले भागों को स्पर्श करने के दौरान शरीर में प्रवेश कर सकता है और संक्रमण का कारण बन सकता है।

पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) के जोखिम कारक – Gastroenteritis risk factor in Hindi

पेट में इन्फेक्शन सभी व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। जिन लोगों को पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) होने की अधिक संभावना हो सकती है, उनमें शामिल हैं:

  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्ति जैसी- छोटे बच्चे, वृद्ध व्यक्तियों।
  • स्कूल के बच्चे या छात्रावास के निवासी।
  • एचआईवी/एड्स, कीमोथेरेपी या किसी अन्य चिकित्सकीय स्थितियों से सम्बंधित व्यक्ति।

पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) की जटिलताएं – Complications of gastroenteritis in Hindi

पेट में इन्फेक्शन बहुत कम स्थितियों में जटिलताओं का कारण बनता है। पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) की मुख्य जटिलता निर्जलीकरण है, जो शरीर में आवश्यक लवण और खनिजों की गंभीर रूप से कमी का कारण बनती है। इसके अतिरिक्त निम्न जटिलताओं का भी सामना करना पड़ सकता है, जैसे:

  • खूनी दस्त (bloody diarrhoea)
  • उच्च बुखार
  • मांसपेशियों में दर्द
  • आंत्र आंदोलनों को नियंत्रित करने में असमर्थता
  • गुर्दे की विफलता
  • आंत्र पथ में रक्तस्राव
  • एनीमिया (anemia)
  • उपचार न किये जाने पर गंभीर संक्रमण की स्थिति मस्तिष्क क्षति और मृत्यु का कारण भी बन सकती है।

गैस्ट्रोएन्टराइटिस के लिए डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए – when to see a doctor for gastroenteritis in Hindi

यदि पेट में इन्फेक्शन (gastroenteritis) के लक्षणों में पांच दिन (बच्चों के लिए दो दिन) के बाद भी सुधार नहीं आता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अतिरिक्त किसी भी व्यक्ति को निम्न स्थितियों में तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए:

  • छोटे बच्चे को दस्त या उल्टी होने पर
  • 4°F से अधिक बुखार होने पर
  • पेट में इन्फेक्शन से सम्बंधित लक्षणों में कुछ दिनों के बाद सुधार नहीं होने पर
  • गंभीर निर्जलीकरण के लक्षण प्रगट होने पर, जैसे लगातार चक्कर आना, मूत्र त्याग करने में कठिनाई, इत्यादि ।

पेट के इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) की जांच – Diagnosis of gastroenteritis in Hindi

पेट के इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) की जांच - Diagnosis of gastroenteritis in Hindi

डॉक्टर पेट के संक्रमण (gastroenteritis) की समस्या का निदान करने के लिएरोगी से बीमारी के लक्षणों से सम्बंधित कुछ सवाल पूंछ सकता है तथा निर्जलीकरण और पेट दर्द के संकेतों की जांच कर सकता है। इसके अतिरिक्त बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण की जाँच करने के लिए निम्न परीक्षणों की सिफारिश कर सकता है, जैसे:

पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) का इलाज – Gastroenteritis treatment in Hindi

उपचार प्रक्रिया के दौरान हाइड्रेटेड रखने और जटिलताओं से बचने पर जोर दिया जाता है। जिससे सोडियम और पोटेशियम की हानि को कम किया जा सके। इसके अतिरिक्त पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) की गंभीर स्थिति में डॉक्टर द्वारा मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की सिफारिश की जा सकती है और तरल पदार्थ और लवण द्वारा उपचार किया जा सकता है। एंटीबायोटिक्स द्वारा उपचार आमतौर पर सबसे गंभीर मामलों में किया जा सकता हैं। जो दवाएं दस्त, मतली और पेट दर्द जैसे लक्षणों का इलाज करने के लिए डॉक्टर द्वारा दी जाती हैं, वह संक्रमण की स्थिति में सुधार लाने में मदद कर सकती हैं।

पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) की दवाएं – Stomach infection medicine in Hindi

पेट के इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) की स्थिति में ऐसी कोई निश्चित दवा नहीं हैं, जो उपचार के लिए उपयोग में लाई जा सके। डॉक्टर द्वारा पेट में इन्फेक्शन से सम्बंधित लक्षणों को कम करने के लिए निम्न दवाओं की सिफारिश की जा सकती है, जो स्टमक फ्लू और फूड पॉइजनिंग” (food poisoning) से राहत प्रदान कर सकती हैं। पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) की उपचार प्रक्रिया में निम्न दवाओं की सिफारिश की जा सकती है, जैसे:

  • इबुप्रोफेन (Ibuprofen) – बुखार और दर्द से राहत प्रदान करने के लिए।
  • एसिटामिनोफेन (Acetaminophen)
  • एंटीमेटिक्स (Antiemetics) – मतली की भावनाओं को राहत देने के लिए।
  • एंटी-वोमिटिंग (anti-vomiting) दवा जैसे- मेटोक्लोप्रामाइड (metoclopramide) या एंटी-डायरियल (antidiarrhoeal), इत्यादि।

पेट के संक्रमण से बचाव – Stomach infection Prevention in Hindi

पेट में इन्फेक्शन के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव - Stomach Infection Symptoms, Causes, Treatment In Hindi

पेट में इन्फेक्शन की स्थिति से बचना बहुत ही कठिन है, लेकिन कुछ उपाय इस संक्रमण की रोकथाम में मदद कर सकते हैं, जो कि निम्न हैं:

  • वायरल या बैक्टीरियल गैस्ट्रोएन्टेराइटिस की रोकथाम का सबसे अच्छा उपाय बार-बार हाथ धोना है।
  • सभी फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोना चाहिए।
  • समुद्री भोजन को अच्छी तरह से पकाकर खाना चाहिए।
  • संक्रमित होने की स्थिति में पीड़ित व्यक्ति को परिवार के सदस्यों से अलग रहना चाहिए तथा उपयोग की जाने वाली वस्तुओं का साझा नहीं करना चाहिए।
  • बीमारी की स्थिति में पर्याप्त आराम करना चाहिए।
  • डॉक्टर की सिफारिश के बिना कोई भी दवा का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • कपड़े, बिस्तर या अन्य दूषित वस्तुओं को गर्म पानी से धोना चाहिए।
  • छोटे बच्चों को संक्रमण से सम्बंधित टीका लगवाना चाहिए।
  • अच्छी स्वच्छता को अपनाना और उचित भोजन का सेवन करना चाहिए।

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पेट में इन्फेक्शन के घरेलू उपाय – Gastroenteritis Home remedies in Hindi

पेट में इन्फेक्शन (आंत्रशोथ) की स्थिति में घर पर उपस्थित कुछ सामग्री, शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित रखने और दस्त का इलाज करने में मदद कर सकती हैं। पेट के इन्फेक्शन से पीड़ित व्यक्ति कुछ घरेलू उपचार अपनाकर इस बीमारी का इलाज करने में मदद प्राप्त कर सकता है। घरेलू उपचार के तहत निम्न प्रयास किये जा सकते हैं:

  • हाइड्रेटेड (hydrated) रहने के लिए अधिक से अधिक तथा नियमित रूप से तरल पदार्थों का सेवन करें
  • थोड़ा-थोड़ा और बार-बार खाना खाने का प्रयास करना चाहिए तथा आहार में कुछ नमकीन खाद्य पदार्थ को शामिल करना चाहिए
  • पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थों का अधिक सेवन करना चाहिए, जैसे फलों का रस और केले
  • अदरक संक्रमण से निपटने और पेट के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है, अतः पेट में इन्फेक्शन की स्थिति में अदरक को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
  • एप्पल साइडर विनेगर (Apple cider vinegar) और तुलसी का सेवन संक्रमण के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है
  • पुदीना तथा नींबू शरबत
  • कम मात्रा में सादे खाद्य पदार्थ जैसे सूप, चावल, पास्ता और ब्रेड का सेवन करना चाहिए।

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पेट के संक्रमण में परहेज – gastroenteritis avoid in Hindi

पेट में इन्फेक्शन की स्थिति में कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन दस्त को बदतर बना सकता है तथा जटिलताओं का कारण बन सकता है। इसलिए पेट में इन्फेक्शन की स्थिति में कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करने की सिफारिश दी जाती है, जो कि निम्न हैं:

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