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फूड पॉइजनिंग के कारण, लक्षण, निदान, दवा और इलाज – food poisoning in Hindi

फूड पॉइजनिंग के कारण, लक्षण, निदान, दवा और इलाज - food poisoning in Hindi

Food poisoning in Hindi फूड पॉइजनिंग (विषाक्त भोजन) एक आम समस्या है लेकिन कुछ मामलों में यह बहुत गंभीर भी हो सकती है जिसके कारण व्यक्ति की मौत भी हो जाती है। गर्मी एवं बरसात के मौसम में भोजन बहुत तेजी से दूषित (contaminate) होते हैं और इनमें बैक्टीरिया एवं सूक्ष्म जीव पनप जाते हैं और भोजन को दूषित कर देते हैं। ऐसा भोजन करने से व्यक्ति फ़ूड पॉइजनिंग का शिकार हो जाता है। इस लेख में आप जानेंगे जानें फूड पाइजनिंग (विषाक्त भोजन) के लक्षण, कारण, उपचार इलाज और परहेज के तरीकों के बारे में।

मांस और अंडे सहित अन्य खाद्य वस्तुएं बहुत तेजी से बैक्टीरिया द्वारा दूषित होती हैं। इन्हें खाने से शरीर में फूड पॉइजनिंग के कई लक्षण दिखायी देते हैं जिसका शीघ्र उपचार (treatment) न कराने पर स्थिति गंभीर हो जाती है।

1. फूड पॉइजनिंग क्या है – What is food poisoning in Hindi
2. फूड पॉइजनिंग के कारण – Food poisoning Causes in Hindi

3. फूड पॉइजनिंग के लक्षण – Food poisoning Symptoms in Hindi
4. फूड पॉइजनिंग का निदान – Food poisoning Diagnosis in Hindi
5. फूड पाइज़निंग का इलाज – Treatment of food poisoning in Hindi
6. फूड पॉइजनिंग से बचाव – Prevention of food poisoning in Hindi

फूड प्वाइजनिंग क्या है – What is food poisoning in Hindi

भोजन से उत्पन्न बीमारी को फूड पॉइजनिंग कहा जाता है। फूड पॉइजनिंग आमतौर पर दूषित भोजन करने से होता है। दूषित भोजन के माध्यम से शरीर में बैक्टीरिया, परजीवी और विभिन्न तरह के वायरस संक्रमण उत्पन्न कर देते हैं जिसके कारण फूड पॉइजनिंग होना सामान्य बात है। भोजन में संक्रमण (infection) फैलाने वाले जीव भोजन को तभी संक्रमित करते हैं जब भोजन को सही तरीके से पकाया न गया हो या जिस बर्तन में पकाया जा रहा हो वह साफ न हो। इसके अलावा हाथ साफ न होने एवं भोजन को खुला रखने पर भी सूक्ष्म जीव भोजन को संक्रमित कर देते हैं जिसके कारण वह भोजन दूषित हो जाता है और कोई व्यक्ति जब वह भोजन करता है तो उसे फूड पॉइजनिंग हो जाती है।

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फूड पॉइजनिंग के कारण – Food poisoning Causes in Hindi

food poisoning /फूड पॉइजनिंग अमूमन दूषित भोजन के कारण होता है। इस बीमारी को उत्पन्न करने में सूक्ष्म जीव(microorganisms) जिम्मेदार होते हैं। फूड पॉइजनिंग के कारण बहुत से लोगों की मौत भी हो जाती है। फूड पॉइजनिंग का संक्रमण तीन प्रकार के जीवों से फैलता है।

बैक्‍टीरिया के कारण फूड पॉइजनिंग होना – Food poisoning due to bacteria in Hindi

आमतौर पर बैक्‍टीरिया के कारण सबसे अधिक फूड पॉइजनिंग की समस्या होती है। फूड पॉइजनिंग उत्पन्न करने में ई. कोलाई (E. coli), लिस्टेरिया(Listeria) और सालमोनेला (Salmonella) नाम के विभिन्न बैक्टीरिया जिम्मेदार होते हैं। इनमें से सालमोनेला बैक्टीरिया के कारण सबसे गंभीर फूड पॉइजनिंग की समस्या होती है। बीफ(beef) में 46 प्रतिशत ई कोलाई बैक्टीरिया, बीज और सब्जियों में 18 प्रतिशत सालमोनेला बैक्टीरिया और डेयरी प्रोडक्ट में 66 प्रतिशत केम्फिलोबैक्टर होता है जिन्हें खाने के बाद फूड पाइजनिंग की समस्या हो जाती है।

परजीवी के कारण फ़ूड पॉइजनिंग होना – Food poisoning due to parasite in Hindi

बैक्टीरिया की अपेक्षा परजीवियों के माध्यम से फूड पॉइजनिंग कम होता है। लेकिन भोजन के माध्यम से पेट में पहुंचे परजीवी बहुत खतरनाक होते हैं। टोक्सोप्लाज्मा (Toxoplasma) एक ऐसा परजीवी है जिसके जरिए सबसे अधिक फूड पॉइजनिंग होती है। परजीवी हमारे शरीर के पाचन तंत्र (digestive tract) में मौजूद होते हैं जिसका पता हमें कई सालों तक नहीं चल पाता है। ये हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर बना देते हैं और इसलिए परजीवी युक्त भोजन करने से फूड पॉइजनिंग हो जाती है।

वायरस के कारण फूड पॉइजनिंग होना – Food poisoning due to virus in Hindi

फूड पॉइजनिंग की समस्या वायरस के कारण भी होती है। नोरो वायरस(norovirus) जिसे नोरवॉक वायरस (Norwalk virus) भी कहते हैं, प्रति वर्ष फूड पॉइजनिंग के सबसे अधिक मामले इन्हीं वायरस के कारण होते हैं। कुछ दुर्लभ स्थितियों में ये वायरस बहुत घातक होते हैं। सैपो वायरस (Sapovirus) रोटावायरस, एस्ट्रो वायरस (astrovirus) भी इसी तरह के लक्षण उत्पन्न करते हैं जो कि आमतौर पर भोजन के माध्यम से ही शरीर में पहुंचते हैं।

फूड पॉइजनिंग के लक्षण – Food poisoning Symptoms in Hindi

आमतौर पर फूड पॉइजनिंग के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि इंफेक्शन किस चीज से हुआ है। लेकिन इस समस्या के लक्षण दूषित भोजन (contaminated food) करने के कुछ ही घंटों बाद और अचानक दिखाई देने लगते हैं। फूड पॉइजनिंग होने पर व्यक्ति को सबसे पहले उल्टी महसूस होती है। फूड पॉइजनिंग के मुख्य लक्षण निम्न हैं।

फ़ूड पॉइजनिंग होने पर इसके लक्षणों से व्यक्ति कई दिनों तक परेशान रह सकता है। जैसे फूड पॉइजनिंग के कारण उत्पन्न डायरिया तीन दिन से अधिक रह सकती है, बुखार 101.5° फारेनहाइट से अधिक हो सकता है और देखने एवं सुनने में कठिनाई हो सकती है। फूड पॉइजनिंग के मुख्य लक्षणों में शरीर में गंभीर रूप से पानी की कमी हो जाना जिसके कारण मुंह सूखने और पेशाब न होने की भी समस्या हो सकती है।

फूड पॉइजनिंग का निदान – Food poisoning Diagnosis in Hindi

फ़ूड पॉइजनिंग के निदान के लिए इस समस्या के लक्षण ही पर्याप्त होते हैं। लेकिन यदि व्यक्ति को कुछ दिनों से पतली डायरिया हो रही हो या इसमें खून आ रहा हो तो डॉक्टर समस्या के निदान के लिए मल की जांच (stool test) करके यह पता लगाते हैं कि फूड पॉइजनिंग परजीवी के कारण है या बैक्‍टीरिया के कारण। कुछ मामलों में रोटा वायरस का पता लगाने के लिए विशेष (specific) टेस्ट कराया जाता है। इसके अलावा फूड पॉइजनिंग के निदान के लिए ब्लड टेस्ट भी किया जाता है और यदि फूड पॉइजनिंग के कारण डिहाइड्रेशन की समस्या उत्पन्न हो गई हो तो डॉक्टर मरीज को पेशाब की जांच (urine test) कराने की भी सलाह देते हैं।

फ़ूड पोइज़निंग ट्रीटमेंट इन हिंदी – food poisoning Treatment in Hindi

Food poisoning\फूड पॉइजनिंग का इलाज आमतौर पर घर पर ही किया जा सकता है और ज्यादातर यह 3 से 5 दिनों के अंदर ठीक भी हो जाता है। आइये जानते हैं कि घर पर फूड पॉइजनिंग का इलाज कैसे करें।

फूड पॉइजनिंग की समस्या होने पर लगातार शरीर को हाइड्रेट करते रहना जरूरी होता है ताकि शरीर में पानी की कमी न हो और ऐसा करने से कुछ दिनों में यह समस्या ठीक हो जाती है।

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स्पोर्ट्स ड्रिंक में उच्च मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट होता है जिसका सेवन फूड पॉइजनिंग के उपचार में बहुत प्रभावी (effective) होता है। इसके अलावा फलों के रस और नारियल पानी का भी सेवन किया जा सकता है। इसमें पर्याप्त कार्बोहाइड्रेट होता है जो फूड पॉइजनिंग के कारण उत्पन्न थकान को दूर करता है।

फ़ूड पॉइजनिंग होने पर कुछ जड़ी बूटियां कैमोमाइल (chamomile), पिपरमिंट और डंडेलियॉन का चाय पीने पर पेट को राहत मिलती है। खराब पेट को ठीक करने के लिए यह एक बेहतर उपाय है।

फूड पॉइजनिंग होने पर पर्याप्त आराम करने से भी राहत (relief) मिलती है।

लेकिन यदि आप फूड पॉइजनिंग को ठीक करने के लिए दवाएं खाना चाहते हैं तो इमोडिएम (Imodium) और पेप्टो-बिस्मोल (Pepto-Bismol) डायरिया और जी मिचलाने की समस्या को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इन दवाओं का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।

फ़ूड पॉइजनिंग के कुछ गंभीर मामलों में मरीज के शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए अस्पतालों में इंट्रावेनस (intravenous) या आईवी(IV) नामक तरल पदार्थ(fluids) दिया जाता है।

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फूड पॉइजनिंग से बचाव – Prevention of food poisoning in Hindi

फ़ूड पॉइजनिंग से बचने सबसे आसान तरीका यह है कि हम अपने भोजन को अधिक सुरक्षित रखें। आइये जानते हैं कि फूड पॉइजनिंग से कैसे बचा जा सकता है।

किचन में साफ-सफाई न रखने से फूड पॉइजनिंग की समस्या किसी भी समय हो सकती है इसलिए किचन को हमेशा साफ-सुथरा रखें।

पर्याप्त आंच और तापमान पर भोजन को सही तरीके से पकाएं ताकि भोजन में मौजूद सभी बैक्टीरिया नष्ट हो जाएं। पके हुए मांस और अंडे की जर्दी में बैक्टीरिया की जांच करने के लिए थर्मोमीटर (thermometer) का भी प्रयोग किया जा सकता है।

पके हुए भोजन को कच्चे फल,सब्जियां या कच्चे भोजन के पास न रखें अन्यथा पके हुए भोजन में भी बैक्टीरिया पहुंच सकता है।

भोजन को नमी (moisture) वाले स्थानों पर न रखें अन्यथा इसमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं।

खाने-पीने के बर्तनों को बिल्कुल साफ रखें और अपने हाथ को भी लगातार साफ करते रहें, विशेषरूप से तब जब आप हाथ से अपने मुंह को छूते हैं या हाथ से कच्चे मांस या अंडे को छूते हैं।

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