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कॉपर (तांबा) के स्रोत, फायदे, नुकसान और रोग – Copper Source, Benefits And Side Effect In Hindi

कॉपर (तांबा) के स्रोत, फायदे, नुकसान और रोग - Copper Source, Benefits And Side Effect In Hindi

Copper in Hindi तांबा यानि कॉपर (copper) शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है। जिसकी पूर्ति आहार के रूप में की जाती है। मानव शरीर में कॉपर की सूक्ष्म मात्रा आयरन के साथ लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करने में सहायक होती है। यह हड्डियों, रक्त वाहिकाओं, नसों और प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है और आयरन के अवशोषण में भी योगदान देता है। इस लेख में आप जानेंगे कॉपर क्या है, कॉपर के स्रोत, फायदे, नुकसान और कॉपर की कमी या अधिकता से होने रोग वाले रोग और उनके लक्षण के बारे में।

कॉपर की कमी (Copper Deficiency) या अधिकता शरीर के कार्यों में रूकावट डाल सकती है, तथा विभिन्न प्रकार की समस्याओं को उत्पन्न कर सकती है। कॉपर की अधिकता एनीमिया का कारण बनती है, तथा शिशुओं में कुपोषण का कारण तांबा (कॉपर) की कमी होती है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति द्वारा कॉपर (copper) की एक नियमित मात्रा का सेवन किया जाना चाहिए।

इस लेख में आप जानेंगे कि, कॉपर (copper) क्या है, कॉपर के उच्च खाद्य स्रोत क्या हैं, तथा इसके फायदे और नुकसान क्या-क्या हैं।

विषय सूची

1. कॉपर क्या है – What is copper in Hindi
2. कॉपर के स्त्रोत – Copper Source In Hindi
3. कॉपर (तांबा) की अनुशंसित दैनिक मात्रा – Recommended daily intake of copper in Hindi
4. कॉपर के फायदे – Copper Benefits In Hindi

5. कॉपर (तांबा) के नुकसान – Copper Side Effects in Hindi

कॉपर क्या है – What is copper in Hindi

कॉपर (तांबा) एक खनिज है। यह एक आवश्यक धातु तत्व है, जो कई प्रकार के खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। यह मुख्य रूप में मांस, समुद्री भोजन, नट्स, बीज, गेहूं, अनाज से बने उत्पाद और कोको उत्पादों (cocoa products) में अधिक पाया जाता है। मानव शरीर में अधिकतर कॉपर (तांबा) यकृत (liver), मस्तिष्क, दिल (heart), किडनी, हड्डियों और मांसपेशियों में संचित रहता है। यकृत (liver) मानव रक्त में मौजूद तांबा (copper) की मात्रा को नियंत्रित करता है।

कॉपर (copper) शरीर के सभी ऊतकों में पाया जाता है, यह लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण तथा तंत्रिका कोशिकाओं और प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

यह शरीर द्वारा कोलेजन (collagen) के निर्माण में मदद करता है और आयरन (iron) को अवशोषित करने के साथ-साथ ऊर्जा उत्पादन में सहायक होता है। अतः कॉपर (copper) मानव शरीर को अनेक लाभकारी गुण प्रदान करने के लिए एक आवश्यक तत्व है।

मानव शरीर में कॉपर की कमी बहुत दुर्लभ है, लेकिन इसकी कमी कार्डियोवैस्कुलर बीमारी (cardiovascular disease) और अन्य समस्याओं का कारण बन सकती है।

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कॉपर के स्त्रोत – Copper Source In Hindi

कॉपर के अच्छे स्रोतों (copper rich fruits) में शामिल हैं:

  • काजू (Cashews)
  • ऑयस्टर (oysters) और अन्य सीपदार मछली (shellfish)
  • ख़मीर (yeast)
  • गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां (dark leafy greens)
  • कोको (cocoa)
  • साबुत अनाज
  • फलियां
  • आलू
  • सूखे मेवे (dried fruits)
  • काली मिर्च
  • नट्स जैसे काजू और बादाम

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कॉपर (तांबा) युक्त अन्य खाद्य पदार्थ और सिफारिश की गई दैनिक मात्रा का प्रतिशत

काजू (Cashews): काजू की 28 ग्राम मात्रा में 0.62 मिलीग्राम कॉपर होता है, जो सिफारिश की गई दैनिक मात्रा का लगभग 88% है।

काले (Kale): 2 कप काले जूस में 0.48 मिलीग्राम कॉपर होता है, जो किसी व्यक्ति के लिए सिफारिश की गई दैनिक मात्रा (RDA) का लगभग 68% है।

कोको पाउडर (Cocoa powder): 1 बड़ा चमचा (unsweetened) कोको पाउडर में 0.41 मिलीग्राम कॉपर होता है, जो दैनिक मात्रा का लगभग 58% है।

बादाम (Almonds): 28 ग्राम मात्रा में 0.29 मिलीग्राम कॉपर होता है, जो सिफारिश दैनिक मात्रा का लगभग 41% है।

एवोकैडो (Avocado): ½ भाग एवोकैडो फल में 0.12 मिलीग्राम कॉपर होता है, जो आरडीए का लगभग 17% है।

बीफ यकृत (Beef liver): 30 ग्राम में 1.20 मिलीग्राम होता है, जो आरडीए का लगभग 160% होता है

मशरूम (Mushrooms): 1 कप (पके हुए मशरूम) में 1.29 मिलीग्राम कॉपर होता है, जो आरडीए का लगभग 184% होता है।

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कॉपर (तांबा) की अनुशंसित दैनिक मात्रा – Recommended daily intake of copper in Hindi

सिफारिश की जाने वाली दैनिक मात्रा (आरडीए) के आधार पर किशोरावस्था और वयस्कों के लिए एक दिन में लगभग 900 माइक्रोग्राम (mcg) या 0.90 मिलीग्राम/ दिन कॉपर (copper) की आवश्यकता होती है।

गर्भावस्था के समय 1000 माइक्रोग्राम / दिन या 1 मिलीग्राम / दिन कॉपर (copper) के सेवन की आवश्यकता होती है। और स्तनपान कराने वाली सभी महिलाओं के लिए 1300 माइक्रोग्राम / दिन या 1.3 मिलीग्राम / दिन कॉपर की आवश्यकता होती है।

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कॉपर के फायदे – Copper Benefits In Hindi

कॉपर (copper) मानव शरीर के लिए एक आवश्यक खनिज पदार्थ है, जिसकी पूर्ति शरीर को आहार के माध्यम से की जाती है। कॉपर मानव शरीर के अन्दर अनेक प्रकार के कार्यों को संपन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है और अनेक प्रकार के स्वास्थ्य सम्बन्धी लाभ प्रदान करता है। यह मुख्य रूप से मस्तिष्क को ऊर्जा प्रदान करने और तंत्रिका के कामकाज में सुधार करने के अलावा अनेक तंत्रिका कार्यों को संपन्न करने में मदद करता है। कॉपर (copper) के फायदे निम्न हैं:

कॉपर के फायदे हृदय स्वास्थ्य के लिए – Copper Benefit For Cardiovascular Health In Hindi

कॉपर के फायदे हृदय स्वास्थ्य के लिए - Copper Benefit For Cardiovascular Health In Hindi

मानव शरीर में कॉपर (तांबा) के स्तर में कमी का संबंध उच्च कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं से होता है। शोधकर्ताओं के अनुसार यह सुझाव दिया गया कि दिल की विफलता (heart failure) वाले कुछ रोगियों के लिए, कॉपर (तांबा) की खुराक (copper supplements) या कॉपर (copper) की अधिक मात्रा से फायदा मिल सकता है। अध्ययन से ज्ञात हुआ है कि तांबे के कम स्तर, कार्डियोवैस्कुलर बीमारी (cardiovascular disease) का कारण बनते हैं। अतः हृदय समस्याओं को कम करने के लिए कॉपर का उचित मात्रा में सेवन किया जाना चाहिए।

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कॉपर (तांबे) के लाभ तंत्रिका कार्यों में सहायक – Copper Benefits For Neuron Signaling In Hindi

तंत्रिका कोशिकाओं (nerve cells) के अंदर और बाहर तांबे के संचरण एवं कार्यों की जांच के आधार पर यह पता लगाया गया कि प्रत्येक तंत्रिका कोशिका के लिए कॉपर एक ब्रेक (Brake) या मंदक स्विच (dimmer switch) की तरह कार्य करता है।

अर्थात यदि कॉपर (तांबे) (copper) की उच्च मात्रा कोशिका में प्रवेश करती है, तो यह न्यूरॉन सिग्नलिंग (तंत्रिका कोशिका के कार्यों) को कम कर देती है। तथा कोशिका में कॉपर (तांबा) के स्तर में कमी होने पर सूचना प्रसारण क्रिया (signalling) फिर से शुरू हो जाती है।

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कॉपर के लाभ प्रतिरक्षा बढ़ाने में – Copper Benefits For Immunity In Hindi

कॉपर के लाभ प्रतिरक्षा बढ़ाने में – Copper Benefits For Immunity In Hindi

आयरन के साथ-साथ कॉपर (तांबा), लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में शरीर की मदद करता है। अतः कॉपर (copper) प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ रखने में सहायक है। कॉपर (तांबा) में कमी से न्यूट्रोपेनिया (neutropenia) रोग हो सकता है, जो सफेद रक्त कोशिकाओं में असामान्य रूप से कमी से संबंधित है। अतः शरीर में कॉपर (तांबा) (copper) की कमी से अनेक बीमारियाँ हो सकती है। कॉपर (तांबा) (copper) की कमी के प्रभावों को शिशुओं में अधिक स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। यही कारण है कि शिशुओं को अन्य व्यक्तियों की तुलना में पर्याप्त मात्रा में कॉपर (तांबे) के सेवन की आवश्यकता होती है।

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कॉपर का उपयोग मस्तिष्क स्वास्थ्य में – Copper Use In Brain Health in Hindi

कॉपर, मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर (neurotransmitters) को सक्रिय करने वाले एंजाइमों का एक महत्वपूर्ण घटक है। शोध से पता चला है कि मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए शरीर में पर्याप्त कॉपर (तांबे) के स्तर होना आवश्यक है। चूंकि शरीर में अधिकांश कॉपर (तांबा) मस्तिष्क में पाया जाता है, इसलिए मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त कॉपर (तांबे) की आवश्यकता होती है। वयस्कों में न्यूरोडिजेनरेशन (Neurodegeneration) जैसी अनेक समस्याएं अक्सर तांबे के स्तर में असंतुलन से जुड़ी होती हैं। इसके अलावा, कॉपर (तांबा) की कमी के कुछ लक्षणों में, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और खराब मनोदशा शामिल हैं।

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तांबा के फायदे जोड़ों और हड्डी स्वास्थ्य के लिए – Copper Food Benefits For Joint And Bone Health In Hindi

तांबा के फायदे जोड़ों और हड्डी स्वास्थ्य के लिए - Copper Food Benefits For Joint And Bone Health In Hindi

कॉपर एक महत्वपूर्ण खनिज के रूप में हड्डी या जोड़ों को स्वास्थ्य रखे में योगदान देता है। इस खनिज के निम्न स्तर के कारण ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) हो सकता है, जो कि एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियां कमजोर और भंगुर हो जाती हैं। कॉपर कोलेजन (collagen) को स्वस्थ्य रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो शरीर में एक महत्वपूर्ण संरचनात्मक प्रोटीन का घटक है। शरीर में अपर्याप्त कॉपर (तांबा) के कारण कोलेजन (collagen) की कमी हो सकती है और जोड़ो से सम्बंधित रोग (joint dysfunction) उत्पन्न हो सकते हैं।

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कॉपर के फायदे त्वचा के लिए – Copper Benefits For Skin In Hindi

चूंकि त्वचा में लचीलापन बनाए रखने और त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए कोलेजन (collagen) महत्वपूर्ण प्रोटीन घटक है। चूंकि कॉपर (तांबा) कोलेजन निर्माण में मदद करता है। अतः कॉपर (copper) त्वचा को स्वस्थ्य रखने और झुर्रियों को कम करने में मदद कर सकता है। यह मेलेनिन (melanin) के उत्पादन में भी मदद करता है, जो एक प्रकार का वर्णक (pigment) है, यह त्वचा को यूवी विकिरण (UV radiation) से बचाता है। कॉपर और अन्य खनिज अवयव वाले उत्पाद का सेवन करने से मुँहासे को भी कम करने में मदद मिल सकती है।

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कॉपर का सेवन बालों के लिए फायदेमंद – Copper intake benefits for hair in Hindi

कॉपर का सेवन बालों के लिए फायदेमंद - Copper intake benefits for hair in Hindi

कॉपर पेप्टाइड्स (Copper peptides) बालो के रोम (hair follicles) के आकार को बढ़ाने और बालों को पतला होने से रोकने के लिए उपयोगी होता है। चूंकि कॉपर मेलेनिन (melanin) के उत्पादन में मदद करता है, अतः यह बालों को समय से पहले भूरे रंग के होने से भी रोक सकता है।

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कॉपर के लाभ थायराइड में – Copper benefits for Thyroid in Hindi

कॉपर (Copper) थायराइड स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषक तत्व जैसे – पोटेशियम, जिंक, कैल्शियम, और पोटेशियम के साथ मिलकर कार्य करता है और थायराइड स्वास्थ्य (Thyroid Health) को बढ़ावा देता है। अतः यह मुख्य रूप से हाइपोथायरायडिज्म (hypothyroidism) या हाइपरथायरायडिज्म (hyperthyroidism) जैसी स्थितियों को रोकने में मदद कर सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि थायराइड रोग (thyroid disease) को रोकने या कम करने के लिए कॉपर (तांबे) का सेवन आवश्यक है।

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कॉपर का सेवन बढ़ाये चयापचय को – Copper Promotes Metabolism in Hindi

दैनिक मात्रा के आधार पर कॉपर की उचित मात्रा का सेवन शरीर में रोजाना 50 से अधिक एंजाइमेटिक क्रियाओं (enzymatic reactions) का समर्थन करता है। यह एक स्वस्थ चयापचय (healthy metabolism) को बढ़ावा देता  है। यह खनिज पदार्थ ATP (adenosine triphosphate) के संश्लेषण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, ATP को शरीर के ऊर्जा स्रोत के रूप में जाना जाता है। यही कारण है कि कॉपर की कमी, सुस्त (मंद) चयापचय का कारण बन सकती है।

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कॉपर (तांबा) के नुकसान – Copper Side Effects in Hindi

कॉपर की कमी और अधिकता दोनों ही मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होती है

अतः कॉपर का सेवन उचित मात्रा में किया जाना अति आवश्यक होता है।

आइये जानते है कि कॉपर की कमी और अधिकता से होने वाली समस्याएं क्या हैं:

कॉपर की अधिकता से नुकसान – Side Effects Of Excess Copper in Hindi

कॉपर (तांबे) की आहार के रूप में सामान्य खपत से शरीर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है, लेकिन अत्यधिक कॉपर सप्लीमेंट का सेवन, पीने के पानी में कॉपर (तांबे) के उच्च स्तर, तांबे के उच्च स्तर वाले रसायनों और खाना पकाने के लिए तांबा बर्तन का इस्तेमाल आदि, ये सभी उपाय शरीर में कॉपर की अधिक मात्रा का कारण बन सकते है। कॉपर की अधिक मात्रा विषाक्तता (copper toxicity) उत्पन्न कर सकती है, परन्तु यह काफी दुर्लभ समस्या है।

कॉपर की अधिकता से सम्बंधित व्यक्ति में निम्न लक्षणों को देखा जा सकता है:

कॉपर की अधिकता से विल्सन रोग (Wilson’s disease) – तांबा की अधिक मात्रा का सेवन विल्सन रोग (Wilson’s disease) की स्थिति को ओर अधिक खराब कर सकता है और इस रोग के उपचार में हस्तक्षेप कर सकता है। विल्सन रोग विरासत में प्राप्त एक विकार है, जो शरीर के अंगों में कॉपर (तांबे) जमा होने के कारण होता है।

कॉपर (तांबे) की अधिकता सिरोसिस और पीलिया जैसी समस्याओं को भी जन्म देती है। यह अधिक मात्रा लिवर को नुकसान पहुँचा सकती है। अतः कॉपर के स्तर में वृद्धि कार्डियोवैस्कुलर बीमारी के उच्च जोखिम से सम्बंधित है।

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कॉपर की कमी के कारण होने वाली समस्याएं – Copper Deficiency side effect in Hindi

कॉपर की कमी के कारण होने वाली समस्याएं - Copper Deficiency side effect in Hindi

कॉपर (तांबा) की कमी निम्नलिखित समस्याओं का कारण बन सकती है:

  • रक्ताल्पता (Anemia)
  • ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)
  • कम शरीर का तापमान (low body temperature)
  • हड्डी फ्रैक्चर (Bone fractures)
  • थायराइड समस्या (Thyroid problems)
  • बाल और त्वचा के पिग्मेंटेशन (pigmentation) का नुकसान
  • मेंकेस डिसीज़ (Menkes disease) (शिशुओं में न्यूरोडिफाइमेंटल डिसऑर्डर)

हेमोडायलिसिस (Hemodialysis) – गुर्दे की बीमारी (kidney disease) का इलाज करने के लिए हेमोडायलिसिस (Hemodialysis) उपचार प्रक्रिया प्राप्त करने वाले लोग में कॉपर (तांबा) की कमी का जोखिम अधिक होता हैं। जो व्यक्ति हेमोडायलिसिस (hemodialysis) प्रक्रिया से गुज़र रहे हैं उनको कॉपर (तांबा) की अतिरिक्त खुराक (copper supplements) की आवश्यकता हो सकती है। लेकिन कॉपर सप्लीमेंट (copper supplements) लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

तांबे की कमी को रोकने का एकमात्र तरीका यह सुनिश्चित करना है कि आप इसे पर्याप्त लें रहें हैं।

(और पढ़े – डायलिसिस क्या है, प्रकार, उपचार प्रक्रिया, कीमत, फायदे और आहार योजना…)

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