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लिंग मुद्रा करने का तरीका और फायदे – ling mudra steps and benefits in Hindi

लिंग मुद्रा करने का तरीका और फायदे - ling mudra steps and benefits in Hindi

Ling Mudra Yoga In Hindi: लिंग मुद्रा, शरीर के भीतर गर्मी को केंद्रित करने काम करती है। इसे लिंग मुद्रा इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह शरीर के अंदर के अग्नि के तत्व पर ध्यान केंद्रित करके शरीर की गर्मी को बढ़ाती है। आमतौर पर हिंदू धर्म में लिंग को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। लेकिन यह एक योग मुद्रा है जिसमें अंगूठे से लिंग के समान आकृति बनती है। लिंग मुद्रा को आध्यात्म से भी जोड़कर देखा जाता है। प्राचीन काल में ऋषि मुनि इस मुद्रा का अभ्यास करते थे, लेकिन लिंग मुद्रा का महत्व आज भी उतना ही है। यह शरीर के अग्नि तत्व को संतुलित रखने का कार्य करती है इसलिए निरोगी रहने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को लिंग मुद्रा का अभ्यास करना चाहिए।

इस मुद्रा के बारे में विस्तार से जानकारी के लिए इस आर्टिकल में हम आपको लिंग मुद्रा करने की विधि और उसके फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं।

विषय सूची

1. लिंग मुद्रा क्या है – ling mudra in Hindi
2. लिंग मुद्रा करने का तरीका – How to do Ling Mudra in Hindi
3. लिंग मुद्रा कितनी देर करनी चाहिए – Time duration for Ling Mudra in Hindi
4. लिंग मुद्रा के फायदे – Benefits of Linga Mudra in Hindi
5. लिंग मुद्रा करते समय बरतें सावधानियां – Precautions for Ling Mudra in Hindi

लिंग मुद्रा क्या है – ling mudra in Hindi

लिंग मुद्रा क्या है - ling mudra in Hindi

लिंग मुद्रा एक ऐसी मुद्रा है जिसमें हथेली को इंटरलॉक करके शरीर के भीतर विभिन्न तत्वों पर ध्यान केंद्रित करने और उनके प्रवाह को बनाए रखने में सक्षम होती है। हाथ का अंगूठा मनुष्य के शरीर में अग्नि तत्व का प्रतीक होता है। लिंग मुद्रा अग्नि तत्व को मजबूत बनाने का कार्य करती है। आमतौर पर लिंग मुद्रा को ऊष्मा (Heat ) और ऊर्जा (Energy) की मुद्रा कहा जाता है। लिंग संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ पुरुष के जननांग से है। लिंग मुद्रा शरीर की ऊष्मा ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करती है।

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लिंग मुद्रा करने का तरीका – How to do Ling Mudra in Hindi

लिंग मुद्रा का अभ्यास शुरू करने से पहले यह ध्यान रखना चाहिए कि इस मुद्रा के बारे में आपको सही जानकारी होनी चाहिए। जिससे आप सटीक तरीके से लिंग मुद्रा का अभ्यास कर सकें।

  • आप लिंग मुद्रा को खड़े होकर या बैठकर दोनों ही स्थिति में कर सकते है।
  • सबसे पहले फर्श पर चटाई बिछाकर ध्यान की मुद्रा में बैठ जाएं।
  • इसके बाद अपनी दोनों हथेलियों को मिलाएं और दोनों हाथों की उंगलियों को इंटरलॉक कर लें।
  • अपने बाएं अंगूठे को ऊपर की दिशा में रखें।
  • दूसरे हाथ की तर्जनी उंगली के बगल से अंगूठे को ऊपर बाहर की ओर निकालें।
  • यह सुनिश्चित करें कि आपका बायां अंगूठा ऊपर की ओर उठा हो और दाहिन हाथ का अंगूठा एवं तर्जनी उंगली के साथ घिरा हो।
  • इस मुद्रा में 15 मिनट तक बने रहें और सामान्य रुप से सांस लेते एवं छोड़ते रहें।

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लिंग मुद्रा कितनी देर करनी चाहिए – Time duration for Ling Mudra in Hindi

लिंग मुद्रा का अभ्यास कभी भी किया जा सकता है। लेकिन इसे अधिक देर तक नहीं करना चाहिए क्योंकि यह शरीर में गर्म ऊर्जा (heat energy) को उत्पन्न करती है। सर्दी के मौसम में भी लिंग मुद्रा का अभ्यास करने से व्यक्ति को पसीना होता है। आवश्यकता के अनुसार लिंग मुद्रा का अभ्यास दिन में पंद्रह मिनट तक तीन बार करना चाहिए। कई विशेषज्ञों का मानना है कि लिंग मुद्रा को नियमित रुप से नहीं बल्कि आवश्यकता पड़ने पर करना चाहिए। जैसे कि अगर किसी व्यक्ति को बहुत  ठंडा लगती है, कंपकंपी होती है या फिर सर्दी खांसी और कफ की समस्या है तो इस स्थिति में लिंग मुद्रा का अभ्यास किया जा सकता है।

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लिंग मुद्रा के फायदे – Benefits of Linga Mudra in Hindi

अन्य योग क्रियाओं एवं मुद्राओं की तरह लिंग मुद्रा भी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। विशेषरुप से यह श्वसन से जुड़े विकारों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कफ, बलगम एवं गले की खराश दूर करने सहित लिंग मुद्रा के अनेकों फायदे हैं। आइये जानते हैं कुछ मुख्य फायदे के बारे में।

लिंग मुद्रा के फायदे अस्थमा के इलाज में – Linga Mudra Benefits for asthma attack in Hindi

लिंग मुद्रा के फायदे अस्थमा के इलाज में - Linga Mudra Benefits for asthma attack in Hindi

सेहत के लिए लिंग मुद्रा बहुत फायदेमंद मानी जाती है। यह मौसम में बदलाव से उत्पन्न बीमारियों एवं कंपकंती को दूर करने में उपयोगी साबित होती है। इसके अलावा यह सांस से संबंधित रोगों एवं अस्थमा के अटैक को ठीक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लिंग मुद्रा का अभ्यास करने से गले में कफ जमा नहीं होता और खांसी की समस्या से भी छुटकारा मिलता है। पुरुषों में यौन शिथिलता को दूर करने में भी यह मुद्रा काफी लाभदायक है।

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लिंग मुद्रा योग करने के फायदे प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए – Ling Mudra ke fayde immune system ke liye in Hindi

लिंग मुद्रा योग करने के फायदे प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए - Ling Mudra ke fayde immune system ke liye in Hindi

वातावरण में बदलाव के कारण सर्दी खांसी एवं बुखार जैसी बीमारियां होना आम बात है। माना जाता है कि लिंग मुद्रा करने से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है जिसके कारण मौसम संबंधी समस्याएं नहीं होती है। इस मुद्रा को नियमित रुप से करने से यह कफ या बलगम नहीं बनने देता है और फेफड़ों को भी मजबूत रखता है। यही कारण है कि सेहत के लिए लिंग मुद्रा फायदेमंद है।

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लिंग मुद्रा के फायदे संभोग के लिए – Linga Mudra ke fayde sexual intercourse in hindi

लिंग मुद्रा के फायदे संभोग के लिए - Linga Mudra ke fayde sexual intercourse in hindi

यह एक ऐसी मुद्रा है जो महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद होती है। माना जाता है कि लिंग मुद्रा का अभ्यास करते समय महिलाएं यौन कल्पनाएं कर सकती हैं और अपनी सेक्सुअल लाइफ को बेहतर बना सकती हैं। लिंग मुद्रा महिलाओं को मानसिक शांति प्रदान करने के साथ ही यौन उत्तेजना बढ़ाने में भी मददगार साबित होती है। यह मुद्रा व्यक्ति के ब्रह्मचर्य की रक्षा करती है।

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लिंग मुद्रा के फायदे सर्दी से निपटने के लिए – Linga Mudra Benefits for common cold in Hindi

लिंग मुद्रा के फायदे सर्दी से निपटने के लिए - Linga Mudra Benefits for common cold in Hindi

इस मुद्रा का उपयोग आम सर्दी से निपटने के लिए कर सकते हैं। यह मुद्रा शरीर में गर्मी पैदा करती है और सर्दियों में भी पसीना पैदा कर सकती है। यह सर्दी, अस्थमा, खांसी, साइनस और सूखे कफ को नियंत्रित करने में मदद करती है। यह मुद्रा आपके गले में कफ को ढीला कर इससे राहत दे सकती है। यदि आपको पुरानी खांसी या सर्दी है, तो यह मुद्रा आपकी मदद कर सकती है। इसको करने से सर्दी से होने वाले बुखार से राहत मिलती है।

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लिंग मुद्रा के फायदे वजन घटाने के लिए – Linga Mudra ke fayde Wajan ghatane ke liye in Hindi

लिंग मुद्रा के फायदे वजन घटाने के लिए - Linga Mudra ke fayde Wajan ghatane ke liye in Hindi

बढ़ते वजन को नियंत्रित करने के लिए भी यह मुद्रा काफी फायदेमंद है। हालांकि वजन घटाने के लिए लिंग मुद्रा को दिन में तीन बार 15 मिनट तक करने की आवश्यकता पड़ती है। इसके अलावा वजन घटाने के लिए लिंग मुद्रा की शुरूआत करने पर कम से कम दिन में आठ गिलास पानी पीना चाहिए और ठंडा भोजन जैसे दही, चावल, केला और खट्टे फलों का सेवन करना चाहिए। इसके नियमित अभ्यास से अतिरिक्त कैलोरी बर्न होती हैं। यह शरीर की अतिरिक्त कैलौरी को घटाने का कार् करती है और मोटापे की समस्या से मुक्ति दिलाती है।

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लिंग मुद्रा के फायदे ब्लड प्रेशर में – Linga Mudra ke fayde blood pressure mein in Hindi

लिंग मुद्रा के फायदे ब्लड प्रेशर में - Linga Mudra ke fayde blood pressure mein in Hindi

उम्र बढ़ने के साथ ही रक्तचाप की समस्या से भी व्यक्ति ग्रसित होने लगता है। ऐसी स्थिति में लिंग मुद्रा का नियमित रुप से अभ्यास करना बेहद फायदेमंद होता है। यह मुद्रा करने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है और हृदय से जुड़ी बीमारियों का खतरा नहीं रहता है और व्यक्ति की सेहत अच्छी होती है।

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शरीर की ऊर्जा बढ़ाने के लिए लिंग मुद्रा के फायदे – Body energy ke liye Linga Mudra ke fayde in Hindi

शरीर की ऊर्जा बढ़ाने के लिए लिंग मुद्रा के फायदे - Body energy ke liye Linga Mudra ke fayde in Hindi

जब शरीर और मन काम करते हुए थक जाता है और व्यक्ति को आत्मविश्वास में कमी महसूस होने लगती है, ऐसे समय में लिंग मुद्रा का अभ्यास करने से शरीर को तुरंत एनर्जी मिलती है और खोया हुआ आत्मविश्वास वापस लौट आता है। यह मुद्रा शरीर एवं आत्मा दोनों को ऊर्जा प्रदान करने के साथ ही शुद्ध करने का भी कार्य करती है।

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विषाक्त पदार्थों को दूर करने के लिए लिंग मुद्रा के फायदे – Toxins dur karne ke liye Linga Mudra ke fayde in Hindi

विषाक्त पदार्थों को दूर करने के लिए लिंग मुद्रा के फायदे - Toxins dur karne ke liye Linga Mudra ke fayde in Hindi

एक अध्ययन में पाया गया है कि नियमित रुप से लिंग मुद्रा का अभ्यास करने से शरीर में जमा विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और व्यक्ति के शरीर पर अतिरिक्त चर्बी नहीं जमा होती है। इसके अलावा यह मुद्रा शरीर को टोन करने का भी कार्य करती है और शरीर को शुद्ध रखती है।

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लिंग मुद्रा करते समय बरतें सावधानियां – Precautions for Ling Mudra in Hindi

इस मुद्रा का अभ्यास आप चाहे किसी भी समय करें लेकिन यह ध्यान रखें कि अधिक देर तक अभ्यास करने से अत्यधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है।

  • पित्त दोष से ग्रसित लोगों को लिंग मुद्रा का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  • उच्च रक्तचाप से से पीड़ित लोगों को यह मुद्रा नहीं करनी चाहिए।
  • अगर किसी व्यक्ति के पेट में ट्यूमर हो तो उसे लिंग मुद्रा नहीं करनी चाहिए।
  • लिंग मुद्रा का अभ्यास करते समय हमेशा बायां अंगूठा ऊपर उठाना चाहिए।

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