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खाने की नली के कैंसर का कारण, लक्षण, इलाज और बचाव – Esophageal Cancer Causes, Symptoms, Treatment In Hindi

खाने की नली के कैंसर का कारण, लक्षण, इलाज और बचाव - Esophageal Cancer Causes, Symoptoms, Treatment In Hindi

खाने की नली का कैंसर एक सामान्य कैंसर है, जो महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक देखने को मिलता है। खाने की नली के कैंसर को अनेक नामों से जाना जाता है, जैसे- ग्रसिका का कैंसर , आहार नली या भोजन नली का कैंसर । समय पर निदान नहीं किया जाए तो, यह बीमारी पीड़ित व्यक्ति में असुविधा के साथ-साथ मृत्यु का कारण भी बन सकती है। इसलिए आपको खाने की नली में कैंसर की पूर्ण जानकारी होना आवश्यक है। अधिक मात्रा में तम्बाकू और शराब का सेवन, एसोफैगल कैंसर के लिए जिम्मेदार हो सकती है। इसके अतिरिक्त अनेक प्रकार के कारक, खाने की नली में कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं, जिनके बारे में आप इस लेख में जानेगें। इसके अलावा इसमें आप जानेगें एसोफैगल (खाने की नली) कैंसर के कारण, लक्षण क्या हैं और इसकी जांच, इलाज और रोकथाम कैसे की जाती है के बारे में।

विषय सूची

खाने की नली का कैंसर क्या है – What is Esophageal Cancer in Hindi

एसोफैगल कैंसर (Esophageal cancer) की स्थिति में कैंसर कोशिकाएं खाने की नली (ग्रासनली) में विकसित होती हैं। ग्रासनली (esophagus) एक मांसपेशियों से बनी खोखली नली होती है, जो गले से पेट तक भोजन ले जाने का कार्य करती है, इसे खाने की नली या आहार नली भी कहा जाता है। जब खाने की नली (esophagus) के अस्तर में एक घातक ट्यूमर का निर्माण होता है, तब इसे एसोफैगल कैंसर (भोजन नली का कैंसर) के नाम से जाना जाता है। कैंसर की शुरुआत ग्रासनली की आंतरिक परत से होती है। जैसे-जैसे ट्यूमर बढ़ता है, यह ग्रासनली के अधिक गहरे ऊतकों और मांसपेशियों को प्रभावित कर सकता है। खाने की नली (esophagus) की लंबाई में कहीं भी एक ट्यूमर का निर्माण हो सकता है।

(और पढ़े: गले का कैंसर कारण, लक्षण, जाँच, इलाज और बचाव)

खाने की नली में कैंसर का प्रकार – Esophageal Cancer Types in Hindi

भोजन नली का कैंसर (Esophageal cancer), कोशिकाओं के प्रकार के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। खाने की नली में कैंसर के दो मुख्य प्रकार हैं:

  • स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (Squamous cell carcinoma) – स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा प्रकार का एसोफैगल कैंसर, खाने की नली (ग्रासनली) के अस्तर को बनाने वाली फ्लैट, पतली कोशिकाओं (Squamous cell) में शुरू होता है। इस प्रकार का कैंसर, खाने की नली के ऊपरी या मध्य भाग में सबसे अधिक दिखाई देता है।
  • एडेनोकार्सिनोमा (Adenocarcinoma) – जब ग्रासनली में श्लेष्म जैसे तरल पदार्थ का उत्पादन करने वाली ग्रंथियों की कोशिकाओं में कैंसर की शुरूआत होती है, तब यह ग्रसिका का कैंसर एडेनोकार्सिनोमा प्रकार का होता है। एडेनोकार्सिनोमा सबसे अधिक खाने की नली के निचले हिस्से को प्रभावित करता है।
  • अन्य दुर्लभ प्रकार (Other rare types) – अन्य दुर्लभ प्रकार के एसोफैगल कैंसर में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे – स्माल सेल कार्सिनोमा (small cell carcinoma), सारकोमा (sarcoma), लिम्फोमा (lymphoma), मेलेनोमा (melanoma) और कोरियोकार्सिनोमा (choriocarcinoma) इत्यादि।

खाने की नली में कैंसर के चरण – Stages of Esophageal Cancer in Hindi

भोजन नली के कैंसर के चरणों (स्टेज) को व्यक्त करने के लिए 0 से IV तक की संख्या का उपयोग किया जाता है। संख्या जितनी अधिक होती है, कैंसर उतना ही विकसित और उन्नत होता है। खाने की नली में कैंसर के चरण निम्न हैं:

0 स्टेजइस चरण में कैंसर का विकास नहीं होता है, केवल असामान्य कोशिकाएं पाई जाती है।

I स्टेज इस स्टेज में कैंसर केवल आहार नली की परत में पाई जाने वाली कोशिकाओं तक ही सीमित होता है।

II स्टेज– इस स्टेज में ट्यूमर कोशिकाएं, आहार नली की बाहरी दीवार तक फ़ैल चुकी होती हैं। इसके अलावा, कैंसर पास के 1 से 2 लिम्फ नोड्स तक फैल सकता है।

III स्टेज– इस स्टेज का मतलब है कि कैंसर आंतरिक मांसपेशियों की परत या संयोजी ऊतक (connective tissue) की दीवार में गहराई तक फ़ैल गया है। तथा यह कैंसर आहार नली के आस पास के अंग या पास के अधिकांश लिम्फ नोड्स में फैल सकता है।

IV स्टेज – यह कैंसर का सबसे विकसित और उन्नत चरण है। इसका मतलब है कि कैंसर शरीर में अन्य अंगों या आहार नली से दूर लिम्फ नोड्स तक फैल गया है।

खाने की नली के कैंसर के लक्षण – Esophageal Cancer Symptoms in Hindi

भोजन नली में कैंसर (Esophageal cancer) के शुरुआती चरणों में पीड़ित व्यक्ति आमतौर पर किसी भी प्रकार के स्पष्ट लक्षणों का अनुभव नहीं करता है। लेकिन जैसे-जैसे कैंसर विकसित होता है, पीड़ित व्यक्ति निम्न लक्षणों का अनुभव कर सकता है, जैसे:

(और पढ़ें: महिलाओं में कैंसर के लक्षण)

खाने की नली के कैंसर का कारण – Esophageal Cancer Causes in Hindi

अधिकांश कैंसर की तरह ही खाने की नली के कैंसर का कारण भी अभी तक अज्ञात है। कैंसर को आहार नली से संबंधित कोशिकाओं के डीएनए में उत्परिवर्तन (mutations) से संबंधित माना जाता है। उत्परिवर्तन के कारण प्रभावित कोशिकाओं में अधिक तेजी से विभाजन और वृद्धि होती है। यह कोशिकाएं एकत्रित होकर ट्यूमर बनाती हैं। उत्परिवर्तन (mutations) का स्पष्ट कारण ज्ञात नहीं है, लेकिन कुछ ऐसे कारक ज्ञात है, जो एसोफैगल कैंसर के विकास के जोखिम को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।

खाने की नली का कैंसर के जोखिम कारक – Esophageal Cancer Risk factors in Hindi

कुछ आदतें और स्थितियाँ खाने की नली में कैंसर (Esophageal cancer) के जोखिम को उत्पन्न कर सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • शराब का सेवन
  • धूम्रपान
  • गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (gastroesophageal reflux disease)
  • बैरेट एसोफैगस (Barrett’s esophagus) – यह खाने की नली का अस्तर क्षतिग्रस्त होने की स्थिति है।
  • अधिक वजन या मोटापा
  • पर्याप्त मात्रा में फल और सब्जियों का सेवन नहीं करना
  • एकैल्शिया (achalasia) – इस स्थिति में ग्रासनली और पेट के मध्य स्थित पेशी वाल्व ठीक से काम नहीं करता है।
  • लिंग – महिलाओं की तुलना में पुरुषों को एसोफैगल कैंसर विकसित होने की संभावना तीन गुना अधिक होती है।
  • उम्र – बढती उम्र के साथ खाने की नली (एसोफैगल) में कैंसर के विकास की संभावना बढ़ जाती है। 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों में खाने की नली में कैंसर का जोखिम अधिक होता है।

आहार नली के कैंसर की जटिलताएं – Esophageal Cancer Complications in Hindi

खाने की नली में कैंसर (Esophageal cancer) के बढ़ते चरणों के साथ कुछ जटिलताओं के उत्पन्न होने की संभावना भी बढ़ती जाती है, जिनमें शामिल हैं:

  • गंभीर दर्द
  • आहार नली (ग्रासनली) में रक्तस्राव
  • आहार नली में रुकावट या भोजन और तरल को निगलना मुश्किल होना।

खाने की नली के कैंसर की जांच – Esophageal Cancer Diagnosis in Hindi

खाने की नली में कैंसर का निदान करने के लिए, डॉक्टर लक्षणों और चिकित्सकीय इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त कर, रक्त परीक्षण और एक्स-रे की सिफारिश कर सकता है। खाने की नली के कैंसर का निदान करने के लिए उपयोग की जाने वाली प्रक्रियाओं और टेस्ट के अंतर्गत निम्न को शामिल किया जाता है, जैसे:

  • एंडोस्कोपी (endoscopy) – एंडोस्कोपी की सहायता से आहार नली (esophagus) में असमानताओं की जांच की जाती है। इस प्रक्रिया में एक पतली लचीली ट्यूब (एंडोस्कोप) को मुंह से होते हुए गले के नीचे डाला जाता है, तथा खाने की नली के अस्तर का निरीक्षण किया जाता है।
  • एक्स-रे इमेजिंग परीक्षण (X-ray imaging test) – एक्स-रे इमेजिंग परीक्षण की मदद से डॉक्टर ग्रासनली के अस्तर को देख सकता है। एक्स-रे इमेजिंग परीक्षण के दौरान बेरियम नामक एक रसायन को निगलने की भी सिफारिश की जा सकती है।
  • बायोप्सी (biopsy) बायोप्सी प्रक्रिया के दौरान खाने की नली में कैंसर की जाँच करने के लिए डॉक्टर एंडोस्कोप की मदद से भोजन नली के ऊतक का नमूना लेता है और प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेजता है।
  • स्कैनिंग परीक्षण – स्कैनिंग परीक्षण की मदद से कैंसर की स्टेज और इसकी गंभीरता का पता लगाया जा सकता है। स्कैनिंग परीक्षण के तहत सीटी स्कैन (CT scan), पोजीट्रान एमिशन टोमोग्राफी (PET scan) या एमआरआई (MRI) का उपयोग किया जा सकता है।

खाने की नली में कैंसर का इलाज – Esophageal Cancer Treatment in Hindi

भोजन नली के कैंसर का उपचार करने के लिए मुख्य रूप से डॉक्टर सर्जरी की सिफारिश कर सकता है। सर्जरी के अलावा कीमोथेरेपी या विकिरण थेरेपी को सर्वोत्तम उपचार के रूप में शामिल किया जाता है।

सर्जरी – Surgery

यदि आहार नली का कैंसर छोटा है और फैल नहीं रहा है, तो डॉक्टर एंडोस्कोप और न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी का उपयोग करके ट्यूमर को हटा सकता है। गंभीर मामलों में, सर्जरी के दौरान पेट के ऊपरी हिस्से को भी हटाना संभव है। सर्जरी के बाद व्यक्ति को कुछ स्थितियों में जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है, जिनमें शामिल हैं:

कीमोथेरपी Chemotherapy

कीमोथेरेपी के अंतर्गत कुछ दवाओं का उपयोग कर कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। सर्जरी से पहले या बाद में कीमोथेरेपी की सिफारिश की जा सकती है। कभी-कभी रेडिएशन थेरेपी के साथ भी कीमोथेरेपी का उपयोग किया जा सकता है। कीमोथेरेपी के अंतर्गत कुछ संभावित दुष्प्रभाव उत्पन्न हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

रेडिएशन थेरेपी – Radiation therapy

रेडिएशन थेरेपी के अंतर्गत कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए रेडिएशन की बीम का उपयोग किया जाता है। कैंसर का इलाज करने के लिए रेडिएशन को बाह्य या आंतरिक रूप से दिया जा सकता है। आंतरिक रेडिएशन थेरेपी को ब्रैकीथेरेपी (Brachytherapy) कहा जाता है। आमतौर पर रेडिएशन थेरेपी के साथ-साथ कीमोथेरेपी का उपयोग किया जाता है। रेडिएशन थेरेपी के बाद व्यक्ति निम्न दुष्प्रभावों को महसूस कर सकता है, जैसे:

  • धूप से झुलसी हुई त्वचा (sunburned skin) का दिखाई देना
  • निगलने में दर्द या कठिनाई का अनुभव होना
  • थकान महसूस होना
  • भोजन नली के अस्तर में दर्दनाक अल्सर उत्पन्न होना, इत्यादि।

टारगेटेड थेरेपी – Targeted therapy

कैंसर का इलाज करने के लिए डॉक्टर टारगेट थेरेपी का भी उपयोग कर सकता है। टारगेटेड थेरेपी में कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने में मदद करने वाले विशिष्ट प्रोटीन को अवरुद्ध किया जाता हैं। खाने की नली में कैंसर का इलाज करने के लिए उपयोग की जाने वाली टार्गेटेड थेरेपी के अंतर्गत निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:

  • त्रास्तुज़ुमाब (Trastuzumab)
  • रामुसिरुमाब (Ramucirumab)।

अन्य उपचार – Other treatments

यदि खाने की नली में कैंसर के परिणामस्वरूप रूकावट उत्पन्न होती है, तो डॉक्टर इस समस्या का इलाज करने के लिए ग्रासनली में एक धातु से बना ट्यूब प्रत्यारोपित कर सकता है। इसके अतिरिक्त फोटोडायनामिक थेरेपी (photodynamic therapy) भी खाने की नली के कैंसर का इलाज करने में सक्षम हो सकता है, जिसमें फोटोसेंसिटिव ड्रग (photosensitive drug) को ट्यूमर में इंजेक्ट किया जाता है। यह ड्रग लाइट को अवशोषित कर ट्यूमर को नष्ट करने में मदद कर सकता है।

एसोफैगल कैंसर के चरणों का इलाज – Treatment of esophageal cancer stages in Hindi

खाने की नली में कैंसर का इलाज कैंसर की स्टेज (चरण) के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकता है। खाने की नली के कैंसर के चरणों के आधार पर निम्न उपचार प्रक्रियाओं को शामिल किया जा सकता है:

  • कैंसर के चरण 0 में सर्जरी, फोटोडायनामिक थेरेपी, रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन (radiofrequency ablation), या इंडोस्कोपिक मस्कुलर रिसेप्शन इत्यादि उपचार प्रक्रियाओं का उपयोग किया जा सकता है।
  • कैंसर के चरण (स्टेज) I, II और III में इलाज के दौरान सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी का उपयोग किया जा सकता है।
  • कैंसर के चरण (स्टेज) IV में उपचार के दौरान कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, टारगेटेड थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी का उपयोग किया जा सकता है।

खाने की नली के कैंसर से बचाव – Esophageal Cancer Prevention in Hindi

हालांकि ग्रसिका का कैंसर रोकने का कोई निश्चित तरीका नहीं है। फिर भी कुछ बचाव के तरीके अपनाकर व्यक्ति खाने की नली के कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है। कैंसर के जोखिम को कम करने के तरीके इस प्रकार हैं, जैसे:

  • धूम्रपान न करें
  • तम्बाकू के सेवन से परहेज करें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • शराब का अनुचित मात्रा में सेवन करने से बचें।
  • बहुत सारे फलों और सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें।
  • स्वस्थ वजन बनाए रखें।

खाने की नली में कैंसर के लिए आहार – Esophageal Cancer Diet in Hindi

ग्रसिका का कैंसर (Esophageal Cancer) के जोखिम को कम करने तथा इससे बचने के लिए निम्न आहार के अत्यधिक सेवन पर ध्यान देना चाहिए, जैसे:

  • रंगीन फल और सब्जियां (Colorful fruits and vegetables) – हरे और पीले रंग के फल और सब्जियाँ कैंसर से लड़ने में मदद कर सकती हैं, जिनमें शामिल हैं: फूलगोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट, काले, ब्रोकली, चार्ड (chard) और पत्ता गोभी इत्यादि।
  • चाय या ग्रीन टी – चाय में एंटीऑक्सिडेंट गुण पाए जाते हैं, जो कैंसर को रोकने में मदद कर सकते हैं। अतः प्रत्येक व्यक्ति को दैनिक रूप से चाय का सेवन करना चाहिए।
  • काली रसभरी (Black raspberries) – एंटीऑक्सिडेंट गुणों से युक्त ब्लैक रास्पबेरी को ब्लैककैप (blackcaps) कहा जाता है। अतः काली रसभरी सहित अन्य बेरीज भी एसोफैगल कैंसर के साथ शरीर की सूजन को कम करने में मदद कर सकती है।  
  • साबुत अनाज – ब्राउन राइस, होल ग्रेन ब्रेड, गेहूं पास्ता, ओटमील और अन्य साबुत अनाज पोषक तत्वों और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं जो एसोफैगल कैंसर को दूर करने में मदद कर सकते हैं।

आहार नली के कैंसर में परहेज – Esophageal Cancer avoid food in Hindi

खाने की नली के कैंसर की स्थिति में कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। अतः विशेषज्ञों द्वारा इन पदार्थों के सेवन से परहेज करने की सलाह दी जाती है, जिनमें शामिल हैं:

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