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हस्तमैथुन के बारे में मिथक और तथ्य – Myths And Facts About Masturbation In Hindi

हस्तमैथुन के बारे में मिथक और तथ्य - Myths & Facts About Masturbation In Hindi

Masturbation Facts And Myths in Hindi: मास्टरबेशन यानी हस्तमैथुन। मानव जीवन में हस्‍तमैथुन का वही स्‍थान है जो सेक्‍स का है। हस्‍तमैथुन एक बहुत ही आम यौन क्रिया है जिसे अधिकांश लोग अपने जीवन में किसी न किसी स्‍तर पर करते हैं। लेकिन आज समाज में हस्‍तमैथुन के बारे में मिथक और तथ्‍य को लेकर कई भ्रांतियां हैं। बहुत से लोग हस्‍तमैथुन को सही और आवश्‍यक बतातें हैं तो कुछ लोग हस्‍तमैथुन को गलत और सामाजिक अपराध मानते हैं। इसके अलावा हस्‍तमैथुन को समाज में घृणा की दृष्टि से देखा जाता है जिसके कारण बहुत से लोग इस विषय पर खुलकर बात नहीं करते हैं। आज इस लेख में आप हस्‍तमैथुन के बारे में मिथक और तथ्‍य संबंधी जानकारी प्राप्‍त करेगें। जो हस्‍तमैथुन संबंधी आपकी अज्ञानता को दूर करने में मदद कर सकते हैं।

विषय सूची

  1. मिथक लड़कियां हस्‍तमैथुन या मास्टरबेशन नहीं करती हैं
  2. जो पुरुष नियमित रूप से हस्‍तमैथुन करते हैं उन्‍हें स्‍तंभन दोष होगा
  3. हस्‍तमैथुन करना यौन इच्‍छा को असामान्‍य रूप से बढ़ाता है
  4. मिथक यौन सहभागी आपस में हस्‍तमैथुन नहीं करते हैं
  5. मिथक हस्‍तमैथुन का कोई अच्‍छा प्रभाव नहीं होता है
  6. मिथक मास्टरबेशन या हस्‍तमैथुन के भावनात्मक दुष्‍प्रभाव होते हैं
  7. मास्टरबेशन या हस्‍तमैथुन करने के बाद खुद को दोषी महसूस करना चाहिए
  8. जो शादीशुदा लोग हस्‍तमैथुन करते हैं वे अपने साथी से संतुष्‍ट नहीं हैं
  9. जिन वयस्‍क लोगों के यौन सहभागी हैं उन्‍हें हस्‍तमैथुन की आवश्‍यकता नहीं है
  10. मिथक मास्टरबेशन या हस्‍तमैथुन गंदी सोच का एक उदाहरण है
  11. मिथक हस्‍तमैथुन करना स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक है
  12. सेक्‍स सहभागी न होने पर ही हस्‍तमैथुन किया जाना चाहिए
  13. मिथक हस्‍तमैथुन करने से वीर्य की गुणवत्‍ता में परिवर्तन आता है

मिथक लड़कियां हस्‍तमैथुन या मास्टरबेशन नहीं करती हैं

मिथक लड़कियां हस्‍तमैथुन या मास्टरबेशन नहीं करती हैं

तथ्‍य : आमतौर पर ये माना जाता है कि लड़कियां हस्‍तमैथुन या मास्टरबेशन नहीं करती। लेकिन सच इसके एकदम उलट है। लड़कियां हस्‍तमैथुन करती हैं, हाँ, उतना नहीं जितना लड़के करते हैं। महिलाएं हस्‍तमैथुन या मास्टरबेशन को खूब एंज्वॉय करती हैं और महिला हस्‍तमैथुन या मास्टरबेशन करने से उनकी सेक्स लाइफ भी बेहतर होती है। ये भी कहा जाता है कि जो महिलाएं हस्‍तमैथुन या मास्टरबेशन करती हैं वे अपनी बॉडी को लेकर ज्यादा कॉन्फिडेंड होती हैं।

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जो पुरुष नियमित रूप से हस्‍तमैथुन करते हैं उन्‍हें स्‍तंभन दोष होगा

जो पुरुष नियमित रूप से हस्‍तमैथुन करते हैं उन्‍हें स्‍तंभन दोष होगा

तथ्‍य : यह समाज में व्‍यापक रूप से फैला यह एक मिथक है। वास्‍तविकता यह है कि हस्‍तमैथुन करने से किसी पुरुष को स्‍तंभन दोष नहीं होता है। हां यह हस्‍तमैथुन करने वाले व्‍यक्ति की शारीरिक क्षमता के अनुसार सामान्‍य या अधिक कड़ा या ढीला हो सकता है। हस्‍तमैथुन करना यौन संतुष्टि प्राप्‍त करने और सेक्‍स से पहले अपने शरीर को उत्‍तेजित करने का भी एक सरल माध्‍यम है। व्‍यक्ति के शरीर को कुछ प्रकार के स्‍पर्श की आदत होती है जैसे कि आपके हाथ या कंपन। इसलिए एक साथी के साथ आनंद प्राप्‍त करने के लिए थोड़े अभ्‍यास या हस्‍तमैथुन की आवश्‍यकता होती है।

हालांकि यह स्‍तंभन दोष का कारण नहीं बनता है। यह एक आम धारणा है कि हस्‍तमैथुन करने वाले लोग यौन रूप से थक जाते हैं और सेक्‍स करने के दौरान वे उचित प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। लेकिन यह कहना गलत है क्‍योंकि जब तक पुरुष उत्‍तेजित होता है तब तक वह सेक्‍स की इच्‍छा रखता है।

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हस्‍तमैथुन करना यौन इच्‍छा को असामान्‍य रूप से बढ़ाता है

हस्‍तमैथुन करना यौन इच्‍छा को असामान्‍य रूप से बढ़ाता है

तथ्‍य : बहुत से लोगों द्वारा इसे अस्‍वीकार किया जा चुका है। ऐसे बहुत से अध्‍ययन हुए हैं जिनमें यह बताया गया है कि 15 से 18 वर्ष की आयु के लगभग 70 प्रतिशत लड़के और 60 प्रतिशत लड़कियां हस्‍तमैथुन करते हैं। इससे यह पता चलता है कि हस्‍तमैथुन करना उम्र बढ़ने का एक बहुत ही समान्‍य लक्षण या हिस्सा है। इसलिए बच्‍चों को शिक्षित किया जाना चाहिए कि जननांगों को छूना और उनको उत्तेजित करना सामान्‍य है।

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मिथक यौन सहभागी आपस में हस्‍तमैथुन नहीं करते हैं

मिथक यौन सहभागी आपस में हस्‍तमैथुन नहीं करते हैं

तथ्‍य : यह भी एक मिथक है जो अधिकांश लोग हस्‍तमैथुन को लेकर मानते हैं। हस्‍तमैथुन केवल जननांगों को उत्‍तेजित करने और यौन सुख प्राप्‍त करने का एक तरीका है। बेशक हस्‍तमैथुन करना और सेक्‍स करना दोनों में अंतर है लेकिन दो सहभागियों के बीच में भी हस्‍तमैथुन किया जा सकता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है के वे दोनों अपने रिश्‍तों में नाखुश हैं। यौन इच्‍छा और उत्‍तेजना के स्‍तरों के आधार पर कुछ साथी के साथ स्‍वस्‍थ संबंध होने के बावजूद हस्‍तमैथुन करते हैं। कुछ लोग यौन संबंध बनाने के दौरान गर्भावस्‍था से बचने के लिए भी हस्‍तमैथुन का उपयोग करते हैं।

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मिथक हस्‍तमैथुन का कोई अच्‍छा प्रभाव नहीं होता है

मिथक हस्‍तमैथुन का कोई अच्‍छा प्रभाव नहीं होता है

तथ्‍य : यह कहना गलत है कि हस्‍तमैथुन का अच्‍छा प्रभाव नहीं होता है। जिस तरह से सेक्‍स एक अच्‍छे स्‍ट्रेस बस्‍टर का काम करता है ठीक उसी तरह से हस्‍तमैथुन भी तनाव कम करने में प्रभावी होता है। हस्‍तमैथुन के अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य लाभों में बेहतर नींद, तनाव और अवसाद में कमी, एकाग्रता में सुधार होना, सिरदर्द कम होना, आत्‍म-सम्‍मान में वृद्धि होना और मानसिक रूप से स्‍वस्‍थ रहना शामिल है। इसके अलावा हस्‍तमैथुन महिलाओं में योनि के सूखापन को बेहतर बनाने में सहायक होता है और योनि को गीला करने में मदद करता है। योनि में सूखापन सेक्‍स के दौरान गंभीर योनि दर्द का कारण होता है।

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मिथक मास्टरबेशन या हस्‍तमैथुन के भावनात्मक दुष्‍प्रभाव होते हैं

मिथक मास्टरबेशन या हस्‍तमैथुन के भावनात्मक दुष्‍प्रभाव होते हैं

तथ्‍य : हस्‍तमैथुन की लत या आदत निश्चित रूप से दैनिक कार्य, स्‍कूल या सामाजिक जीवन को प्रभावित कर सकता है। लेकिन यह हर किसी के लिए सच नहीं है। यदि ऐसा है तो व्‍यक्ति को परामर्श की आवश्‍यकता होती है। लेकिन नियमित और नियंत्रित मात्रा में हस्‍तमैथुन करना सामान्‍य है और इससे कोई शारीरिक या मानसिक समस्‍या नहीं होती है। यदि आपको हस्‍तमैथुन करने के दौरान या बाद में किसी प्रकार की समस्‍या होती है तो आप एक सेक्‍सोलॉजिस्‍ट से सलाह ले सकते हैं।

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मास्टरबेशन या हस्‍तमैथुन करने के बाद खुद को दोषी महसूस करना चाहिए

मास्टरबेशन या हस्‍तमैथुन करने के बाद खुद को दोषी महसूस करना चाहिए

तथ्‍य : यह वास्‍तविकता नहीं है। जीवन के सभी चरणों में हस्‍तमैथुन करना सामान्‍य है। सभी उम्र के लोग और विशेष रूप से युवा खुशी प्राप्‍त करने के लिए हस्‍तमैथुन करते हैं। युवावस्‍था में हस्‍तमैथुन की कल्‍पनाएं पासस्‍परिक यौन देने और लेने के बारे में तलाश शुरु कर देती हैं। जिससे किशोरों को यौन सुख प्राप्‍त करने के लिए घर से दूर या एकांत में जाना पड़ता है। वयस्‍कता में हस्‍तमैथुन हमारे परिवारों और रिश्‍तों में एक अधिक जटिल मुद्दा माना जाता है।

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जो शादीशुदा लोग हस्‍तमैथुन करते हैं वे अपने साथी से संतुष्‍ट नहीं हैं

जो शादीशुदा लोग हस्‍तमैथुन करते हैं वे अपने साथी से संतुष्‍ट नहीं हैं

तथ्‍य : ऐसा मानना पूरी तरह से गलत है कि लोग अपने सहभागी से संतुष्‍ट न होने के कारण हस्‍तमैथुन करते हैं। स्‍वाभाविक है कि यौन सहकर्मी का स्‍पर्श और योनि सेक्‍स यौन आनंद प्राप्‍त करने का सबसे शानदार और प्रभावी तरीका है। लेकिन हस्‍तमैथुन भी यौन सुख प्राप्‍त करने का आसान और सुरक्षित तरीका है। बहुत से लोग कम समय में ही यौन आनंद प्राप्‍त करना चाहते हैं। जबकि सहभागी के साथ यौन क्रिया करने के दौरान वे अधिक से अधिक समय लेना चाहते हैं। हस्‍तमैथुन करने के दौरान महिलाएं या पुरुष 2 से 4 मिनिट के अंदर ही चरम सुख प्राप्‍त कर लेते हैं। हस्‍तमैथुन कामोन्‍माद प्राप्‍त करने का सबसे तेज तरीका है। इसका अपने सहभागी से संतुष्टि या असंतुष्टि से कोई संबंध नहीं है।

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जिन वयस्‍क लोगों के यौन सहभागी हैं उन्‍हें हस्‍तमैथुन की आवश्‍यकता नहीं है

जिन वयस्‍क लोगों के यौन सहभागी हैं उन्‍हें हस्‍तमैथुन की आवश्‍यकता नहीं है

तथ्‍य : ऐसा नहीं है कि जो लोग यौन लिप्‍त हैं उन्‍हें हस्‍तमैथुन की आवश्‍यकता नहीं है। अध्‍ययनों से पता चलता है कि बच्‍चे शिशु अवस्‍था से ही यौन उत्‍तेजना प्राप्‍त करने का प्रयास करते हैं। जो कि बुजुर्ग होने तक की उम्र तक रहता है। जब हम युवा अवस्‍था में आते हैं तब अपनी यौन इच्‍छाओं की पूर्ति के लिए यौन सहकर्मी की तलाश करते हैं। यौन सहकर्मी होने के बाद भी कभी-कभी लोग कम समय के लिए यौन सनसनी या यौन उत्‍तेजना चाहता है। इसका मतलब यह नहीं है कि वह यौन विनिमय करना चाहता है। हो सकता है उन्‍हें थोड़े तनाव से राहत की जरूरत हो। कभी-कभी लोग हस्‍तमैथुन सिर्फ इसलिए करते हैं क्‍योंकि यह उन्‍हें अच्‍छा लगता है।

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मिथक मास्टरबेशन या हस्‍तमैथुन गंदी सोच का एक उदाहरण है

मिथक मास्टरबेशन या हस्‍तमैथुन गंदी सोच का एक उदाहरण है

तथ्‍य : यह पूरी तरह से गलत है। अपने पहले नाइट फाल के बाद ही लड़के हस्‍तमैथुन करना सीखते हैं जो उनके युवावस्‍था की शुरुआत होती है। लगभग 75 प्रतिशत किशोर लड़कियां हस्‍तमैथुन के माध्‍यम से संभोग करना सीखती हैं। इसके अलावा संभोग के दौरान जिन महिलाओं को ऑर्गेज्‍म तक पहुंचने में परेशानी होती है उनके लिए हस्‍तमैथुन एक अच्‍छी सेक्‍स थेरेपी है। इससे स्‍पष्‍ट है कि हस्‍तमैथुन किसी प्रकार की गंदी सोच नहीं है। बल्कि यह युवावस्‍था की शुरुआत और यौन आनंद प्राप्‍त करने का बेहतरीन तरीका है।

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मिथक हस्‍तमैथुन करना स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक है

मिथक हस्‍तमैथुन करना स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक है

तथ्‍य : हस्‍तमैथुन करना स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक नहीं होता है। सामान्‍य रूप से हस्‍तमैथुन करना आपके मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ाने और कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ दिलाने में सहायक होता है। हां यदि आवश्‍यकता से अधिक हस्‍तमैथुन करना शारीरिक कमजोरी का कारण बन सकता है। लेकिन हस्‍तमैथुन करने की कोई निश्चित सीमा निर्धारित नहीं की गई है। यह किसी भी व्‍यक्ति की शारीरिक क्षमता पर निर्भर करता है। हस्‍तमैथुन करने की दर किसी व्‍यक्ति के लिए अधिक हो सकती है तो वही दर किसी व्‍यक्ति के सामान्‍य हो सकती है। इसका मतलब यह है अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार हस्‍तमैथुन करने से शरीर में किसी प्रकार की दुर्बलता नहीं आती है।

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सेक्‍स सहभागी न होने पर ही हस्‍तमैथुन किया जाना चाहिए

सेक्‍स सहभागी न होने पर ही हस्‍तमैथुन किया जाना चाहिए

तथ्‍य : आमतौर पर हस्‍तमैथुन का अभ्‍यास किशोरावस्‍था के दौरान शुरू होता है। लेकिन वयस्‍क जीवन में भी लोग किसी न किसी चरण में हस्‍तमैथुन करते हैं। हस्‍तमैथुन करना और कुछ नहीं बल्कि यौन ऊर्जा जारी करने का एक स्‍वस्‍थ तरीका है। इसका यह मतलब नहीं है कि जिनके पास यौन सहकर्मी है वे हस्‍तमैथुन नहीं कर सकते हैं। कभी-कभी त्वरित यौन आनंद प्राप्‍त करने के लिए हस्‍तमैथुन का सहारा लिया जा सकता है।

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मिथक हस्‍तमैथुन करने से वीर्य की गुणवत्‍ता में परिवर्तन आता है

मिथक हस्‍तमैथुन करने से वीर्य की गुणवत्‍ता में परिवर्तन आता है

तथ्‍य : वीर्य की मात्रा और गुणवत्‍ता का हस्‍तमैथुन से किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं है। हस्‍तमैथुन के माध्‍यम से स्‍खलन करने से शुक्राणुओं की संख्‍या कम नहीं होती है। क्‍योंकि शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य के अनुसार शुक्राणुओं का उत्‍पादन सतत् बना रहता है।

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