burning sensation in the feet in hindi आजकल हर उम्र के लोगों में पैरों में जलन की समस्या आम बात हो गई है। पैरों की नसों के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण यह समस्या उत्पन्न होती है जिसे न्यूरोपैथी (neuropathy) कहा जाता है। आमतौर पर पैरों में जलन की समस्या डायबिटीज के कारण होती है लेकिन ज्यादातर मामलों में पैरों के जलन का इलाज तंत्रिकाओं के क्षतिग्रस्त होने की वजह को ध्यान में रखकर किया जाता है। आज हम जानेगे पैरों में जलन होने का कारण और पैरों की जलन दूर करने के घरेलू उपाय के बारें में।
इसके अलावा पैरों में किसी पुरानी चोट के कारण भी यह दिक्कत पैदा हो सकती है। हमारी तंत्रिकाओं की ऐसी संरचना होती है कि वे मस्तिष्क की सूचनाओं को मांसपेशियों में भेजती हैं और उन्हें ताप और दाब के प्रतिक्रिया में सहायता करती हैं। लेकिन जब ये तंत्रिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं तो सूचनाएं भेजने का कार्य प्रभावित होने लगता है। इसकी वजह से पैरों में जलन के कई लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं और ये लक्षण आते एवं जाते रहते हैं।
1. पैरों में जलन होने के कारण – Causes of burning sensation in the feet in hindi
2. पैरों में जलन होने की जाँच – Diagnosis of Burning sensation in the Feet in hindi
3. पैरों में जलन का घरेलू इलाज – Treatment of Burning sensation in the Feet in hindi
पैरों में जलन होने के कारण – Causes of Burning Sensation in The Feet in Hindi
आमतौर पर पैरों में जलन होने का कारण मधुमेह और अधिक धूम्रपान होता है। लेकिन इसके पीछे और भी बहुत कारण हैं जिनकी वजह से पैरों में जलन की समस्या व्यक्ति को पकड़ लेती है।
- गुर्दे से जुड़ी बीमारी होने पर पैरों में जलन होना स्वाभाविक है।
- अगर थॉयराइड हार्मोन का स्तर कम हो अर्थात् हाइपोथॉयराइडिज्म की समस्या हो तो पैरों में जलन होने की समस्या हो सकती है।
- लेड, मरकरी और आर्सेनिक जैसी भारी मेटल प्वायजनिंग होने से पैरों में जलन शुरू हो जाता है।
- दवाओं का साइड इफेक्ट, विटामिन B6 का अधिक सेवन करने, एचआईवी की दवाएं लेने और कीमोथेरेपी की दवा खाने से भी पैरों में जलन होने लगता है।
- अधिक शराब पीने की आदत, एड्स, विटामिन B12, फोलेट और कभी-कभी विटामिन B6 की कमी के कारण भी पैरों में जलन की समस्या हो जाती है।
- अगर व्यक्ति की रक्त वाहिकाओं में संक्रमण हो तब भी उसके पैरों में जलन होता है।
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पैरों में जलन होने का निदान – Diagnosis of Burning Sensation in The Feet in Hindi
ज्यादातर लोगों में पैरों में जलन का मुख्य कारण डायबिटीज होता है। ऐसे लोगों में इस बीमारी के निदान के लिए किसी अतिरिक्त परीक्षण की जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन कुछ लोगों को अचानक ही पैरों में जलन होने लगता है और यह अधिक बढ़ जाता है, ऐसे लोगों को सही निदान के लिए टेस्ट करवाने की जरूरत होती है।
इलेक्ट्रोमायोग्राफी(EMG)– ईएमजी टेस्ट के लिए मांसपेशियों में सूई डाली जाती है और इसकी क्रियाओं के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाती है।
प्रयोगशाला टेस्ट (Laboratory tests)- पैरों में जलन के कारणों का पता लगाने के लिए प्रयोगशाला में खून, पेशाब और रीढ़ के लिक्विड का परीक्षण किया जाता है। सामान्य ब्लड टेस्ट के माध्यम से विटामिन के लेवल की भी जांच की जाती है।
नर्व बायोप्सी (Nerve biopsy)- गंभीर परिस्थितियों में यह टेस्ट भी किया जाता है। इसके लिए डॉक्टर नर्व टिशू का एक टुकड़ा निकालकर सूक्ष्मदर्शी से परीक्षण करते हैं।
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पैरों में जलन का घरेलू इलाज – Treatment of Burning Sensation in The Feet in Hindi
कुछ विशेष कारण होते हैं जिनके कारण पैरों की जलन का अनुभव होता है। आइए जाने पैर की जलन दूर करने के घरेलू उपाय क्या हैं।
एप्पल साइडर विनेगर पैरों के जलन में – Burning Feet Treatment Apple Cider Vinegar in Hindi
शरीर के पीएच लेवल को संतुलित रखने में एप्पल साइडर विनेगर बहुत सहायक होता है, इसके अलावा यह पैरों की जलन को भी कम करने में मदद करता है। एक गिलास गर्म जल में दो चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर प्रतिदिन पीने से पैरों में जलन(burning sensation) की समस्या नहीं होती है। इसके अलावा गर्म पानी में एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर पैरों की सिंकाई किया जा सकता है। पानी में नमक (warm water for burning sensation in feet) मिलाकर भी पैरों को धोने से जलन कम होती है।
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हल्दी से पैरों की जलन में राहत – Turmeric for Treating Burning Feet in Hindi
हल्दी में कुकुमिन (cucumin compound) नामक तत्व अधिक मात्रा में पाया जाता है जो पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसके अलावा हल्दी में एंटीइंफ्लैमेटरी गुण पाया जाता है जो पैरों की जलन को दूर करने के लिए उपयोगी है। एक गिलास गर्म जल में एक या दो चम्मच हल्दी मिलाकर नियमित दिन में दो बार पीने से पैर का जलन समाप्त हो जाता है। हल्दी और पानी का पेस्ट बनाकर पैर में लगाने से भी जलन समाप्त हो जाती है।
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पैरों के जलन के इलाज के लिए ठंडा पानी – Cold Water For Burning Sensation In The Feet in Hindi
जल्दी ही पैरों की जलन से राहत प्रदान करने के लिए ठंडा पानी (cold water for burning feet) एक बेहतरीन घरेलू उपाय है। ठंडा पानी पैरों की सूजन, पैरों की सुन्नता और झुनझुनी को समाप्त कर देता है। पानी से भरे टब में अपने पैरों को कुछ देर तक डुबोए रखें और फिर निकाल लें। दिन में यह प्रक्रिया कई बार दोहराएं, इससे पैरों की जलन समाप्त हो जाएगी। जलन समाप्त करने के लिए पैरों को पानी में अधिक देर तक भिगो कर न रखें अन्यथा इससे कई खतरनाक लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। इसके अलावा बर्फ के टुकड़े (ice pack for burning feet in hindi) को भी पैरों पर रखने से जलन दूर हो जाती है।
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पैरों के जलन का घरेलू उपाय इप्सम सॉल्ट – Epsom Salt Home Remedies For Burning Feet in Hindi
इप्सम साल्ट (Epsom salt for burning feet) मैग्नीशियम सल्फेट से बनाया जाता है जो पैरों की जलन, दर्द और सूजन को कम करने के लिए फायदेमंद माना जाता है। एक टब गर्म पानी में आधा कप इप्सम साल्ट मिलाकर पैरों को टब में दस से पंद्रह मिनट तक डुबोए रखें। कुछ दिनों तक नियमित यह प्रक्रिया दोहराने से पैरों में जलन की समस्या दूर हो जाती है।
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पैरों के जलन में अदरक फायदेमंद – Ginger For Burning Sensation On Top Of Foot in Hindi
अदरक में कई तरह से एक्टिव कंपाउंड पाये जाते हैं जो शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने में फायदेमंद होते हैं। अदरक पैरों की जलन को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक चम्मच अदरक के रस में नारियल के तेल (coconut oil) को हल्का गर्म करके मिलाएं। फिर इस मिश्रण से दस या पंद्रह मिनट तक अपने पैरों की मसाज करें। जरूर राहत मिलेगी। इसके अलावा दो या तीन कप अदरक की चाय प्रतिदिन पीने से भी पैरों का दर्द, सूजन और जलन खत्म हो जाती है।
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पैरों में जलन की समस्या से बचने के लिए करेला – Bitter Gourd For Hot Feet in Hindi
करेला का उपयोग आयुर्वेद में पैरों की जलन को दूर करने के लिए किया जाता है। इसलिए यदि आप पैरों की जलन से पीड़ित हैं तो करेले का इस्तेमाल कर सकते हैं। करेले की पत्तियों को (bitter gaurd leaf for burning feet treatment) पीसकर इसमें थोड़ा पानी मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। फिर इस पेस्ट को पैरों के प्रभावित भाग पर लगाने से जलन जल्दी समाप्त हो जाती है। इस प्रक्रिया को कई बार दोहराने से शीघ्र लाभ मिलता है।
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