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जौ के फायदे और नुकसान – Barley Benefits and side effects in Hindi

जौ के फायदे, उपयोग और नुकसान – jau (Barley) ke fayde aur nuksan in hindi

Barley In Hindi: जौ एक विशेष खाद्य आहार है जिसका उपयोग भारत में प्राचीन समय से किया जा रहा है। जौ के फायदे आपको कई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं से बचा सकते हैं। जौ का उपयोग विशेष रूप से जौ की रोटी के रूप में किया जाता है।

हालांकि जौ के औषधीय गुणों के कारण आप इसे कई व्‍यंजनों के रूप में उपयोग कर सकते हैं। जौ खाने के फायदे उच्‍च रक्‍तचाप, गठिया, अस्‍थमा, नपुंसकता, त्‍वचा समस्‍याओं और हृदय रोगों को दूर करने के लिए कर सकते हैं। आज इस लेख में आप जौ खाने के फायदे और नुकसान संबंधी जानकारी प्राप्‍त करेगें।

विषय सूची

बारले (जौ) क्‍या है – What is Barley in Hindi

बारले का हिंदी नाम जौ होता है। जौ एक प्रमुख खाद्य अनाज है जो घास परिवार (grass family) से संबंधित है। जौ का वैज्ञानिक नाम होर्डियम बल्‍गारे (Hordium vulgar) है जो कि समशीतोष्‍ण जलवायु में अच्‍छी तरह से विकास करता है। जौ का उपयोग विशेष रूप से जानवरों के चारे के रूप में किया जाता था। लेकिन अपने औषधीय गुणों और स्‍वास्‍थ्‍य लाभों के कारण इसे खाद्य आहार के रूप में इस्‍तेमाल किया जाने लगा। हालांकि जौ का उपयोग बीयर और कुछ आसुत पेय पदार्थों के लिए भी किया जाता है।

जौ की तासीर क्‍या होती है – Jo ki taseer kya hoti hai in Hindi

जौ की तासीर ठंडी होती है जिसके कारण यह पेट संबंधी समस्‍याओं को प्रभावी रूप से दूर कर सकता है। जौ की ठंडी तासीर होने के अलावा इसमें बहुत से पोषक तत्‍व और खनिज पदार्थों की अच्‍छी मात्रा होती है। जिसके कारण यह हमारी बहुत सी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को प्रभावी रूप से दूर कर सकता है।

जौ के प्रकार – Types Of Barley in Hindi

उपयोग के आधार पर जौ के कई प्रकार होते हैं जिन्‍हें आप बाजार से खरीद सकते हैं। जौ को आमतौर पर जौ के बीज या जौ के पानी के रूप में सेवन किया जाता है। हालांकि जौ के अलग-अलग प्रकार अलग-अलग उपयोग के लिए होते हैं। इसलिए यह आपको तय करना है कि जौ का कौन सा प्रकार आपके लिए अधिक उपयोगी है।

जौ घास (Barley Grass) – ये जौ के पौधे के युवा अंकुर होते हैं। इनकी ऊंचाई केवल कुछ ही इंच होती है जब ये उपयोग करने के लिए अच्‍छे होते हैं। जौ के इस रूप में एंटीऑक्‍सीडेंट, विटामिन, खनिज और प्रोटीन की अच्‍छी मात्रा होती है।

हुल्‍ड बारले (Hulled Barley) – जौ के इस प्रकार में केवल पौधे आधारित भूसी को साफ किया जाता है। जबकि जौ के ऊपरी आवरण को साफ कर पूरे चोकर को बरकरार रखते हुए बनाया जाता है। यह जौ की अन्‍य किस्‍मों की तुलना में अधिक फाइबर और पौष्टिकता से भरपूर होता है।

पर्ल जौ (Pearl Barley) – जौ का यह प्रकार बाजार में सबसे अधिक मात्रा में उपलब्‍ध होता है। इस प्रकार का जौ सफेद रंग के होते हैं, इनके दाने एक समान अकार के होते हैं जो छोटे मोती के समान दिखाई देते हैं। इस प्रकार के जौ से चोकर को साफ करके बनाया जाता है। पर्ल बारले मुख्‍य रूप से सूप और सलाद आदि में उपयोग किया जाता है।

ग्रीन जौ पाउडर (Barley Green Powder) – जौ का यह प्रकार जौ की हरी घास का पाउडर होता है। जिसके कई चिकित्‍सीय लाभ होते हैं। इसे व्‍हीटग्रास पाउडर की तरह ही बनाया जाता है। इस पाउडर में विभिन्‍न विटामिन, और खनिज पदार्थों की अच्‍छी मात्रा होती है। यह पानी में आसानी से घुलनशील होता है।

जौ का आटा (Barley Flour) – यह जौ को बीजों को पीसकर तैयार किया जाता है। बहुत से लोग इसे गेहूं के आटे के विकल्‍प के रूप में उपयोग करते हैं। जौ का आटा मौती जौ की तुलना में अधिक पोषक तत्‍वों और फाइबर का अच्‍छा स्रोत होता है।

जौ का पानी (Barley water) – यह जौ के बीजों को रात भर पानी में भिगोकर या कुछ मिनिट के लिए पानी में उबाल कर तैयार किया जाता है। जौ के पानी में विशेष औषधीय गुण होते हैं जो किड़नी और मूत्राशय संबंधित समस्‍याओं को दूर करने में मदद करते हैं।

आइए जाने जौ में पाए जाने वाले पोषक तत्‍व क्‍या हैं।

(यह भी पढ़ें – जौ के पानी के फायदे, स्वास्थ्य लाभ और नुकसान)

जौ के पोषक तत्‍व – Jo ke Poshak Tatva in Hindi

जौ के पोषक तत्‍व – Jo ke Poshak Tatva in Hindi

जौ आपके आहार के लिए स्‍वादिष्‍ट और पौष्टिक विकल्‍प होता है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि जौ में पोषक तत्‍वों की उच्‍च मात्रा होती है। जौ की 100 ग्राम मात्रा में निम्न पोषक तत्व होते है –

जौ कोलेस्‍ट्रॉल से मुक्‍त खाद्य पदार्थों की श्रेणी में आता है। इन पोषक तत्‍वों की उच्‍च मात्रा मौजूद होने के कारण ही जौ के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ होते हैं। आइए जाने जौ के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ क्‍या हैं।

जौ खाने के फायदे – Barley Health Benefits in Hindi

स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याओं को दूर करने के लिए जौ का औषधीय उपयोग किया जाता है। जौ के लाभ न केवल स्‍वास्‍थ्‍य बल्कि सौंदर्य के लिए भी जाने जाते है। आप अपनी बालों संबंधी समस्‍याओं को दूर करने के लिए भी जौ का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। यहां जौ से प्राप्‍त होने वाले कुछ स्‍वास्‍थ्‍य लाभों को सूचीबद्ध किया गया है। आइए जाने उपभोग करने पर जौ के फायदे क्‍या हैं।

जौ के फायदे रक्‍तचाप के लिए – Jo ke fayde raktchap ke liye in Hindi

जौ के फायदे रक्‍तचाप के लिए – Jo ke fayde raktchap ke liye in Hindi

रक्‍तचाप संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए जौ बहुत ही फायदेमंद होती है। नियमित रूप से अपने आहार में जौ को शामिल कर आप रक्‍तचाप असंतुलन को नियंत्रित कर सकते हैं। क्‍योंकि जौ में पोटेशियम की अच्‍छी मात्रा होती है जो शरीर में सोडियम (नमक) के उच्‍च स्‍तर को संतुलित कर सकता है। 2006 में हुए एक अध्‍ययन से पता चलता है कि नियमित रूप से जौ के साबुत अनाज का सेवन करने से उच्‍च रक्‍तचाप और वजन बढ़ना जैसी समस्‍याओं को रोका जा सकता है। क्‍योंकि इसमें फाइबर की अच्‍छी मात्रा होती है। यदि आप भी उच्‍च रक्‍तचाप के लक्षणों से बचना चाहते हैं तो जौ को अपने दैनिक आहार का हिस्‍सा बनाना चाहिए। (1)

(और पढ़ें – उच्च रक्तचाप के लिए घरेलू उपचार)

जौ खाने के फायदे कोलेस्‍ट्रॉल कम करे – Jo khane ke fayde Cholesterol kam kare in Hindi

जौ खाने के फायदे कोलेस्‍ट्रॉल कम करे – Jo khane ke fayde Cholesterol kam kare in Hindi

शरीर में खराब कोलेस्‍ट्रॉल की अधिक मात्रा आपके लिए हानिकारक हो सकती है। खराब कोलेस्‍ट्रॉल आपकी रक्‍तवाहिकाओं और विशेष रूप से हृदय को नुकसान पहुंचा सकता है। लेकिन आप नियमित रूप से जौ का सेवन कर कोलेस्‍ट्रॉल की उच्‍च मात्रा को कम कर सकते हैं। जौ की नियमित खपत करने से सीरम लिपिड और कोलेस्‍ट्रॉल के स्‍तर को कम किया जा सकता है। 2009 में किये गए एक अध्‍ययन से पता चलता है कि 12 सप्‍ताह तक नियमित रूप से जौ का सेवन करने पर यह शरीर में कुल कोलेस्‍ट्रॉल, एलडीएल और ट्राइग्लिसराइड के स्‍तर को काफी हद तक कम कर सकता है जो कि खराब कोलेस्‍ट्रॉल होता है। जबकि यह एचडील या अच्‍छे कोलेस्‍ट्रॉल के स्‍तर को प्रभावित नहीं करता है। (2)

(और पढ़ें – जानें कि क्या होता है अच्छा (HDL) एवं बुरा (LDL) कोलेस्ट्रॉल)

जौ की रोटी के फायदे वजन कम करे – barley benefits for weight loss in Hindi

जौ की रोटी के फायदे वजन कम करे – barley benefits for weight loss in Hindi

यदि आप अपना वजन कम करने का प्रयास कर रहे हैं तो जौ आपकी मदद कर सकता है। जौ में आवश्‍यक विटामिन और खनिज पदार्थों की अच्‍छी मात्रा होती है। इसके अलावा जौ में फाइबर और प्रोटीन भी भरपूर होता है जबकि इसमें वसा, कोलेस्‍ट्रॉल और चीनी आदि सामग्री बहुत ही कम होती है। जिसके कारण जौ का वजन कम करने वाले उत्‍पादों के रूप में उपयोग किया जा सकता है। आप अपने मोटापे को कम करने के लिए जौ की रोटी का सेवन कर सकते हैं। क्‍योंकि इसमें घुलनशील फाइबर अच्‍छी मात्रा में होता है। यह वसा और कोलेस्‍ट्रॉल को रक्‍त में अवशोषित होने से रोकता है। यदि आप वजन कम करने वाले अन्‍य उपायों को अपना रहे हैं तो नियमित व्‍यायाम और जौ के सेवन को भी शामिल करें। यह आपको वजन घटाने में सहायक होता है। (3)

(और पढ़ें – वजन घटाने और कम करने वाले आहार)

जौ घास के फायदे कैंसर के लिए – Barley grass Benefits for Cancer in Hindi

जौ घास के फायदे कैंसर के लिए – Barley grass Benefits for Cancer in Hindi

अध्‍ययनों से पता चलता है कि जौ घास में कैंसर रोधी और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। लेकिन जौ घास के साथ ही जौ का नियमित सेवन करना आपको कैंसर के लक्षणों से बचा सकता है। जौ के साबुत अनाज में फाइटोकेमिकल्‍स सामग्री जैसे फोलेट, फ्लेवोनाइड्स और लिग्नन्‍स (flavonoids and lignans) होते हैं जो कैंसर की संभावनाओं को कम करते हैं। इसके अलावा कुछ अध्‍ययन भी पुष्टि करते हैं कि जौ में एंटी-कार्सिनोजेनिक गुण होते हैं जो कई प्रकार के कैंसरों का इलाज करने में मदद करते हैं। आप भी कैंसर के लक्षणों को कम करने या भविष्‍य में कैंसर के प्रभाव से बचने के लिए जौ का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। ( 4, 5 )

(और पढ़ें – कैंसर क्या है कारण लक्षण और बचाव के उपाय)

जौ के लाभ हृदय स्‍वास्‍थ्‍य के लिए – Jo ke labh Hirday swasth ke liye in Hindi

जौ के लाभ हृदय स्‍वास्‍थ्‍य के लिए – Jo ke labh Hirday swasth ke liye in Hindi

हृदय संबंधी समस्‍याओं को दूर करने के लिए आप जौ का उपयोग कर सकते हैं। एथेरोस्‍क्लेरोसिस (Atherosclerosis) एक ऐसी स्थिति है जब धमनी की दीवारें कोलेस्‍ट्रॉल जैसी फैटी सामग्री के जमावट या जमाव के कारण मोटी हो जाती हैं। जिससे स्‍वतंत्र रक्‍त परिसंचरण में व्‍यवधान होता है। जौ में नियासिन जो कि एक बी विटामिन है यह अच्‍छी मात्रा में होता है। यह समग्र कोलेस्‍ट्रॉल और लिपोप्रोटीन के स्‍तर को कम करने और हृदय संबंधी समस्‍याओं को कम करने में सहायक होता है।

एक अध्‍ययन से पता लता है कि उच्‍च रक्‍तचाप के रोगियों के लिए जौ एक अच्‍छा आहार होता है। (6)

(और पढ़ें – हार्ट अटैक से बचने के उपाय)

जौ खाने के लाभ अस्‍थमा रोगी के लिए – Jo khane ke labh asthma rogi ke liye in Hindi

जौ खाने के लाभ अस्‍थमा रोगी के लिए – Jo khane ke labh asthma rogi ke liye in Hindi

अस्‍थमा और अन्‍य श्वसन समस्‍याओं वाले रोगी के लिए जौ का नियमित सेवन लाभकारी होता है। अस्‍थमा रोगी को नियमित रूप से जौ खाने के फायदे अस्‍थमा के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। यह एलर्जी आदि के प्रभाव को भी आसानी से दूर कर सकता है। इस तरह के लाभ प्राप्‍त करने के लिए आप गेहूं के आटे में जौ के आटे को मिला कर उपभोग कर सकते हैं।

(और पढ़ें – अस्थमा (दमा) के कारण, लक्षण, उपचार एवं बचाव)

जौ के सत्‍तू के फायदे मधुमेह के लिए – Jo ke sattu ke fayde Diabetes ke liye in Hindi

जौ के सत्‍तू के फायदे मधुमेह के लिए – Jo ke sattu ke fayde Diabetes ke liye in Hindi

मधुमेह एक गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या है जिसके उपचार के लिए जौ एक अच्‍छा औषधीय विकल्‍प है। जौ अपने उच्‍च फाइबर सामग्री के कारण मधुमेह प्रकार 2 का प्रभावी इलाज करने में सहायक होता है। अध्‍ययनों से इस बात की पुष्टि भी हो चुकी है। जौ में आवश्‍यक विटामिन और खनिज पदार्थ होते हैं विशेष रूप से बीटा-ग्‍लूकन घुलनशील फाइबर। 2006 में हुए एक अन्‍य अध्‍ययन से पता चलता है कि बीटा-ग्‍लूकन घुलनशील फाइबर वाले जौ का सेवन करने से इंसुलिन प्रतिरोध को कम किया जा सकता है। जिससे मधुमेह के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। यदि आप भी मधुमेह रोगी हैं तो अपने नियमित आहार में जौ को शामिल कर लाभ प्राप्‍त कर सकते हैं।

(और पढ़ें – मधुमेह को कम करने वाले आहार)

जौ के पानी पीने के फायदे एनीमिया के लिए – Jo ke pani pine ke fayde Anemia ke liye in Hindi

जौ के पानी पीने के फायदे एनीमिया के लिए – Jo ke pani pine ke fayde Anemia ke liye in Hindi

जौ पौष्टिक होने के साथ ही आयरन में समृद्ध खाद्य पदार्थ है। क्‍योंकि यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और सर्दी, फ्लू जैसी समस्‍याओं से बचाता है। इसमें मौजूद आयरन की उच्‍च मात्रा रक्‍त के उत्‍पादन को बढ़ाने में सहायक होती है। इसके अलावा जौ के पोषक तत्‍व गुर्दे की कार्य प्रणाली को व्‍यवस्थित करने और लाल रक्‍त कोशिकाओं के उत्‍पादन को बढ़ाने में प्रभावी योगदान देते हैं। इस तरह से आप अपने शरीर में खून की कमी होने के कारण एनीमिया और अन्‍य प्रकार की रक्‍त संबंधी समस्‍याओं को दूर करने के लिए जौ के पानी का उपयोग कर सकते हैं।

(और पढ़ें – जौ के पानी के फायदे, स्वास्थ्य लाभ और नुकसान)

जौ के औषधीय गुण गठिया के लिए – Barley ke fayde gathiya ke liye in Hindi

जौ के औषधीय गुण गठिया के लिए – barley ke fayde gathiya ke liye in Hindi

गठिया शरीर के जोड़ों में होने वाली एक विशेष सूजन संबंधी समस्‍या है जो कि बहुत ही पीड़ादायक होती है। लेकिन अध्‍ययनों से पता चलता है कि उच्‍च फाइबर युक्‍त आहार का नियमित सेवन करने से गठिया के लक्षणों को कम किया जा सकता है। जौ में फाइबर के साथ ही अन्‍य खनिज पदार्थ और पोषक तत्‍व उच्‍च मात्रा में होते हैं। जिसके कारण यह गठिया के दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होता है। अध्‍ययनों से यह भी पता चलता है कि जौ में मौजूद घुलनशील फाइबर शरीर को पोषक तत्‍वों को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद करते हैं। जिससे जोड़ों या गठिया की सूजन और सूजन संबंधी दर्द को कम करने में मदद मिलती है।

(और पढ़ें – गठिया (आर्थराइटिस) कारण लक्षण और वचाब)

जौ के सत्‍तू खाने के फायदे हड्डियों के लिए – Jo ke sattu khane ke fayde bone health ke liye in Hindi

जौ के सत्‍तू खाने के फायदे हड्डियों के लिए – Jo ke sattu khane ke fayde bone health ke liye in Hindi

जौ में कई आवश्‍यक विटामिन और खनिज पदार्थ होते हैं। जिनमे फॉस्‍फोरस, मैंगनीज, कैल्शियम और कॉपर शामिल हैं। ये सभी पोषक तत्‍व हड्डियों और दांतों को स्‍वस्‍थ रखने में सहायक होते हैं। अध्‍ययनों से यह भी पता चलता है कि 1 गिलास जौ का पानी पीने से 11 गिलास दूध में मौजूद कैल्शियम की मात्रा प्राप्‍त की जा सकता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि नियमित रूप से जौ के पानी का सेवन कर ऑस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर बीमारी का इलाज किया जा सकता है।

(और पढ़ें – हड्डियों को मजबूत बनाने के घरेलू उपाय)

जौ के गुण पथरी का इलाज करे – Jo ke gun pathri ka ilaj kare in Hindi

जौ के गुण पथरी का इलाज करे – Jo ke gun pathri ka ilaj kare in Hindi

पथरी भी एक गंभीर समस्‍या है। जौ महिलाओं में पित्‍ताशय की पथरी के गठन को प्रभावी रूप से रोक सकता है। हम सभी जानते हैं कि जौ में फाइबर  की अच्‍छी मात्रा होती है जिसके कारण यह पित्‍त एसिड के स्राव को कम करने में सहायक होता है। जिससे इं‍सुलिन संवेदनशीलता बढ़ती है और शरीर में ट्रारइग्लिसराइड्स (triglycerides) के स्‍तर को कम करने में मदद मिलती है। जो महिलाएं नियमित रूप से फाइबर युक्‍त आहार का सेवन करती हैं उनमें अन्‍य महिलाओं की तुलना में पथरी होने की संभावना कम होती है। जौ को गुर्दे की पथरी रोकने और गुर्दे को साफ और डिटॉक्सिफाई करके गुर्दे के स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ाने में भी जाना जाता है। हालांकि इस बात का समर्थन करने के लिए पर्याप्‍त शोध नहीं हैं।

(और पढ़ें – पथरी होना क्या है? (किडनी स्टोन) पथरी के लक्षण, कारण और रोकथाम)

जौ दलिया के लाभ पाचन के लिए – Jo daliya ke labh Pachan ke liye in Hindi

जौ दलिया के लाभ पाचन के लिए – Jo daliya ke labh Pachan ke liye in Hindi

यदि आप पाचन संबंधी समस्‍या से परेशान हैं और उपचार खोज रहे हैं तो जौ के दलिया का सेवन करें। क्‍योंकि जौ में अन्‍य अनाजों की तुलना में फाइबर की अच्‍छी मात्रा होती है। 1 कप जौ में लगभग 13 ग्राम फाइबर होता है। जौ में मौजूद अघुलनशील फाइबर आंत में अच्‍छे जीवाणुओं को लाभ पहुंचाने के लिए प्रोबायोटिक के रूप में काम करता है। साथ ही यह मल त्‍याग को आसान बनाने और पाचन प्रणाली को मजबूत बनाने में भी सहायक होता है। आप भी अपनी पाचन संबंधी समस्‍याओं को दूर करने के लिए जौ के लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

(और पढ़ें – पाचन शक्ति बढ़ाने के घरेलू उपाय)

गर्भवती महिलाओं के लिए जौ फायदेमंद – Barley Benefits for Pregnancy in Hindi

गर्भवती महिलाओं के लिए जौ फायदेमंद – Barley Benefits for Pregnancy in Hindi

गर्भवती महिलाओं के लिए जौ एक अच्‍छा आहार माना जाता है। क्‍योंकि इसमें वे सभी पोषक तत्‍व अच्‍छी मात्रा में होते हैं जो गर्भावस्‍था के दौरान बहुत ही आवश्‍यक होते हैं। जौ का पानी महिलाओं के पाचन को ठीक करने और मॉर्निंग सिकनेस को कम करने में भी सहायक है। इसके अलावा यह गर्भवास्‍था के दौरान महिलाओं के शरीर में रक्‍त शर्करा के स्‍तर को भी निय‍ंत्रित करता है। महिलाएं गर्भावस्‍था के दौरान शारीरिक कमजोरी और अन्‍य समस्‍याओं को दूर करने के लिए जौ को अपने नियमित आहार में शामिल कर लाभ प्राप्त कर सकती हैं।

(और पढ़ें – गर्भावस्‍था के पहली तिमाही में क्‍या खाना चाहिए और क्‍या नहीं)

जौ से करें नपुंसकता का इलाज – Jo se kare Impotence ka ilaj in Hindi

जौ घास में आर्गिनिन और नाइट्रिक ऑक्‍साइड होता है। ये दोनों ही घटक पेनाइल इरेक्‍शन के लिए जिम्‍मदार होते हैं और पेनाइन डिस्‍फंक्‍शन का इलाज कर सकते हैं। जौ को शुक्राणुओं और अंडे की कोशिकाओं के उत्‍पादन को बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है। इस तरह से जौ घास का नियमित सेवन करने से पुरुषों और महिलाओं दोनों में यौन प्रदर्शन को बढ़ाने और नपुंसकता का इलाज करने में सहायक होती है। यदि आप भी ऐसी ही समस्‍या का सामना कर रहे हैं तो जौ घास का उपयोग कर सकते हैं।

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जौ का इस्‍तेमाल मूत्र पथ संक्रमण रोके – Jo ka Istemal UTI roke in Hindi

जौ का इस्‍तेमाल मूत्र पथ संक्रमण रोके – Jo ka Istemal UTI roke in Hindi

नियमित रूप से जौ के पानी का सेवन करना आपको मूत्र पथ संबंधी संक्रमण से बचा सकता है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि जौ के पानी को सबसे अच्‍छे मूत्र वर्धक के रूप में उपयोग किया जाता है। 2012 में हुए एक अध्‍ययन में उन लोगों को शामिल किया गया जिन्‍हें मूत्र पथ संबंधी संक्रमण था। इन लोगों को नियमित रूप से कुछ दिनों तक जौ के पानी का सेवन कराया गया। जिससे कुछ ही दिनों में उन्‍हें मूत्र पथ संबंधी संक्रमण से छुटकारा मिल गया। जिससे साबित होता है कि नियमित रूप से जौ के पानी का सेवन करने से मूत्र पथ संबंधी संक्रमणों का प्रभावी इलाज किया जा सकता है।

(और पढ़ें – मूत्र पथ संक्रमण (यूटीआई) के कारण, लक्षण और उपचार)

बारले बेनिफिट्स फॉर स्किन – Barley Benefits for Skin in Hindi

बारले बेनिफिट्स फॉर स्किन – Barley Benefits for Skin in Hindi

आप जौ के स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी लाभों को प्राप्‍त करने के साथ ही त्‍वचा संबंधी लाभ भी प्राप्‍त कर सकते हैं। जौ केवल दिखने में छोटे होते हैं लेकिन इनमें एंटीऑक्‍सीडेंट की उच्‍च मात्रा होती है। साथ ही इसमें पोषक तत्‍व भी भरपूर मात्रा में होते हैं जो त्वचा को स्‍वस्‍थ रखने में सहायक होते हैं। आइए जाने जौ के फायदे त्‍वचा के लिए क्‍या होते हैं।

जौ में होते हैं त्वचा उपचार गुण – Jo me hote hai healing gun in Hindi

जौ में मौजूद जस्‍ता त्‍वचा को ठीक करने और घावों का उपचार करने में सहायक होता है। आप अपनी त्वचा में मौजूद घावों और फोड़ों का इलाज करने के लिए जौ के पाउडर को मौखिक रूप से सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ दिनों तक जौ के पाउडर का पेस्‍ट बनाकर घाव पर लगाएं। ऐसा करने से भी आपको त्‍वचा के घावों को दूर करने में मदद मिल सकती है।

जौ के लाभ त्‍वचा की लोच में सुधार करे – Jo Improves Skin Elasticity in Hindi

जौ में सेलेनियम की उच्‍च मात्रा होती है। यह घटक त्‍वचा की लोच बनाए रखने में मदद करती है। आप अपनी त्वचा को टोंड रखने के लिए भी जौ का उपयोग कर सकते हैं। नियमित रूप से इस्तेमाल करने पर जौ के एंटीऑक्‍सीडेंट त्‍वचा कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्‍स के प्रभाव से बचाते हैं। सेलेनियम अग्नयाशय, हृदय और प्रतिरक्षा प्रणाली के उचित कामकाज के लिए महत्‍वपूर्ण है। इसलिए आप अपने दैनिक आहार में जौ का उपयोग कर अपनी त्‍वचा को स्‍वस्‍थ और सुंदर रख सकते हैं।

(और पढ़ें – त्वचा को खूबसूरत बनाए रखने के लिए लगाएं फ्रूट फेस मास्क)

जौ का इस्‍तेमाल त्‍वचा को चमकदार बनाये – Jo ka Istemal Twacha ko chamakdar Banaye in Hindi

जौ का इस्‍तेमाल त्‍वचा को चमकदार बनाये – Jo ka Istemal Twacha ko chamakdar Banaye in Hindi

जौ में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। जब आप अपने चेहरे पर जौ का पानी लगाते हैं तो यह मुंहासों को कम करने में मदद करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट त्‍वचा के संक्रमण को दूर करने में प्रभावी योगदान देता है। जौ को एक सौम्‍य एक्सफोलिएटर के रूप में भी उपयोग किया जाता है। जिससे यह त्‍वचा में प्राकृतिक तेल की अतिरिक्‍त मात्रा को कम करने में मदद करता है।

आप अपने चेहरे को चमकदार बनाने के लिए जौ के आटे और नींबू के रस का पेस्‍ट अपने चेहरे पर लगाएं। लगभग 10 से 15 मिनिट के बाद या इस पेस्‍ट को पूरी तरह से सूखने के बाद आप अपने चेहरे को ठंडे पानी से धो लें। ऐसा करने से आपके चेहरे के दाग धब्‍बे को दूर कर त्‍वचा को चमकदार बनाया जा सकता है।

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जौ के लाभ त्‍वचा को हाइड्रेट रखे – Jo ke labh Twacha ko hydrates rakhe in Hindi

एक अध्‍ययन से पता चलता है कि 8 सप्‍ताह तक पूरक के रूप में जौ का नियमित सेवन करने से त्‍वचा में प्राकृतिक नमी को बनाए रखने में मदद मिलती है। जिससे आपको उम्र बढ़ने संबंधी लक्षणों को रोकने में मदद मिलती है।

(और पढ़ें – डिहाइड्रेशन से बचने के घरेलू उपाय, जानलेंगें तो कभी नहीं होगी पानी की कमी )

जौ का प्रयोग त्‍वचा छिद्रों का इलाज करे – Barley for Treats Clogged Pores in Hindi

जौ का प्रयोग त्‍वचा छिद्रों का इलाज करे – Barley for Treats Clogged Pores in Hindi

नियमित रूप से जौ का पानी पीने से आपके चेहरे पर मुंहासे होने की संभावना को कम किया जा सकता है। आप अपने चेहरे को धोने के लिए भी जौ के पानी का उपयोग कर सकते हैं। जौ में एजेलेइक एसिड होता है जो मुंहासों से लड़ने और बंद रोमछिद्रों का इलाज करने में सहायक होता है। इस तरह से आप अपने चेहरे के बंद त्‍वचा छिद्रों का इलाज करने के लिए जौ के लाभ प्राप्‍त कर सकते हैं।

(और पढ़ें – त्वचा के बड़े रोम छिद्रों को कम करने के घरेलू उपाय)

जौ के फायदे बालों के लिए – Barley Benefits for Hair in Hindi

जौ के फायदे बालों के लिए – Barley Benefits for Hair in Hindi

जौ में मौजूद पोषक तत्‍व और खनिज पदार्थ न केवल आपके स्‍वास्‍थ्‍य बल्कि बालों के लिए भी फायदेमंद होते हैं। आइए जाने बालों के लिए जौ के लाभ क्‍या हैं।

जौ के लाभ बालों को बढ़ने में मदद करे – Barley Benefits for Hair growth in Hindi

जौ में प्रोसीनेडिन-बी3 (procyanidin-B3), थियामिन और नियासिन जैसे विटामिन अच्‍छी मात्रा में होते हैं। ये सभी घटक बालों को वृद्धि करने में सहायक होते हैं। यदि आप भी अपने बालों को बढ़ाना चाहते हैं तो जौ का दैनिक आधार पर उपयोग कर सकते हैं।

(और पढ़ें – बालों को तेजी से बढ़ाने के घरेलू उपाय)

जौ का प्रयोग बाल झड़ने से रोके – Jo ka Prayog hair fall se bachaye in Hindi

जौ का प्रयोग बाल झड़ने से रोके – Jo ka Prayog hair fall se bachaye in Hindi

जौ में आयरन और कॉपर की अच्‍छी मात्रा होती है जिससे यह एनीमिया जैसी रक्‍त संबंधी बीमारियों का प्रभावी इलाज कर सकता है। एनीमिया (anemia) बालों के झड़ने की प्रमुख बजह भी हो सकती है। लेकिन ऐसी स्थिति में जौ का नियमित सेवन आपको एनीमिया और बालों के झड़ने संबंधी समस्‍या से बचा सकता है।

(और पढ़ें – बाल झड़ना कैसे रोकें, कारण और घरेलू उपाय)

जौ का उपयोग बालों को सफ़ेद होने से बचाये – Barley for Restores Hair Colour in Hindi

जौ का उपयोग बालों को भूरा होने से बचाये – Barley for Restores Hair Colour in Hindi

आप अपने बालों के प्राकृतिक रंग को बनाए रखने के लिए जौ का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। जौ में कॉपर की अच्‍छी मात्रा होती है जो मेलेनिन (melanin) के उत्‍पादन को बढ़ाता है। जिससे बालों को प्राकृतिक रंग प्राप्‍त करने में मदद मिलती है।

(और पढ़ें – सफेद बालों की समस्या से छुटकारा पाने के लिए घरेलू नुस्खे)

जौ का पानी कैसे बनाएँ  – jo ka pani kaise banaye in Hindi

बारले वाटर या जौ का पानी बनाना बहुत ही आसान है। इसके लिए आपको आसान सी विधि का उपयोग करना चाहिए।

एक लीटर पानी में दो बड़े चम्मच जौ डालकर उबालें। उबालने के वक्त ढक्कन को अच्छी तरह से लगा दें ताकि जौ के दाने अच्छी तरह से पक जायें। जब यह मिश्रण पानी के साथ घुलकर हल्के गुलाबी रंग का पारदर्शी मिश्रण बन जायें तो समझ जाना चाहिए कि यह पीने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस मिश्रण को एक जालीदार कपड़े से छान लें। अच्छी सेहत पाने के लिए रोजाना 1 से 2 कप जौ का पानी पियें। अगर आपको इसका स्वाद पसंद नही आ रहा है तो इसमें नींबू, शहद और नमक भी डाल सकते हैं। आप छिलके वाले और बिना छिलके वाले दोनों में से किसी भी प्रकार के जौ ले सकते हैं। छिलके वाले में ज्यादा फाइबर होता है और पकाने में ज्यादा समय लगता है इसलिए बिना छिलके वाले पकाने में आसान हैं।

जौ को अपने दैनिक आहार में कैसे लें – How To Incorporate Barley In Your Diet in Hindi

आप अपने दैनिक आहार में इस सुपर फुड को कई प्रकार से उपयोग कर सकते हैं। आइए जाने यह हमारे दैनिक आहार का हिस्‍सा किस प्रकार बन सकता है।

आप सूप बनाने के लिए जौ के बीजों का उपयोग कर सकते हैं। जो कि आपके सूप के स्‍वाद को बढ़ाने और आपको अधिक ऊर्जा दिलाने में मदद करता है।

  • जौ के बीजों को पके हुए चावल या उबले हुए आलू के साथ मिलकार उपभोग कर सकते हैं।
  • आप कई प्रकार के आटे वाली रोटी का सेवन करें जिसमें जौ के आटे को भी मिलाया जा सकता है।
  • आप सुबह के नाश्‍ते के रूप में जौ के दलिया का इस्‍तेमाल कर सकते हैं।
  • भोजन पकाने और अन्‍य व्‍यंजनों के लिए जौ के आटे का उपयोग किया जा सकता है।
  • आप अपने शरीर की ऊर्जा बनाए रखने के लिए जौ के पानी का सेवन कर सकते हैं।
  • जौ के बीजों के पाउडर को आप स्‍मूदी या मिल्‍कशेक में मिलकर सेवन कर सकते हैं।

जौ का सत्‍तू रेसिपी – Jo ka sattu recipe in Hindi

इसका सत्‍तू आपको गर्मी से राहत दिलाने का सबसे अच्‍छा तरीका है। यह स्‍वादिष्‍ट होने के साथ ही पौष्टिक भी होता है। इसके अलावा जौ की ठंडी तासीर गर्मी के समय में आपके शरीर को ठंडा बनाए रखने में मदद करती है। जौ का सत्‍तू बनाने की विधि बहुत ही सरल है।

जौ का सत्‍तू बनाने के लिए आप 1 कप जौ के बीजों को लें और इसे हल्‍की आंच में भून लें। जब यह अच्‍छी तरह से भुन जाए तो इसे एक प्‍लेट में लेकर ठंडा होने दें और फिर इसे बारीक पाउडर में पीस लें। इसके अलावा आप इसमें कुछ अन्‍य खाद्य पदार्थों को भी मिला सकते हैं जो कि चने के सत्‍तू को बनाने में उपयोग किये जाते हैं। आप सभी प्रकार के सत्‍तू बनाने वाले उत्‍पादों का उपयोग कर सकते हैं। जैसे कि

2 कप भुने हुए चने, 1 कप जौ का दलिया, 1 कप गेंहू का दलिया, ½ कप चीनी, ½ छोटा चम्‍म्‍च काला नमक, 2 मध्‍ययम आकार के नींबू का रस, ¼ छोटा चम्‍मच सादा नमक, ¼ छोटा चम्‍मच जीरा और पुदीने की पत्तियां।

पुदीने की पत्तियों और नींबू को छोड़ इन सभी सूखे उत्‍पादों को आप पीसकर पाउडर बनाएं। फिर आप अपनी आवश्‍यकता के अनुसार जौ के सत्‍तू का सेवन कर सकते हैं।

(और पढ़ें – सत्तू खाने के फायदे और नुकसान)

जौ का दलिया बनाने की विधि – Jo ka daliya banane ki vidhi in Hindi

जौ का दलिया बनाने की विधि – Jo ka daliya banane ki vidhi in Hindi

जौ का दलिया भी बनाना बहुत ही आसान है। जौ का दलिया बनाने के लिए आपको ½ कप जौ, 4 कप पानी, 1 मध्‍ययम आकार की दालचीनी का टुकड़ा, शहद और दूध।

जौ का दिलया बनाने का तरीका –

आप जौ को 1 कप पानी में 1 घंटे के लिए भीगने दें। लगभग 1 घंटे के बाद आप इसमें 3 कप पानी और मिलाएं और इसमें दालचीनी मिलाकर इसे उबलने दें। लगभग 30 मिनिट या जब तक जौ नरम न हो जाए तब उबालें और अच्‍छी तरह से पकने के बाद आप इसमें अपनी इच्‍छानुसार दूध और शहद मिलाएं। आपके जौ का दलिया तैयार है। बस आप गर्मागरम दलिया का सेवन कर सकते हैं।

लेकिन जो खाद्य पदार्थ स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद होते हैं वे कुछ लोगों के लिए नुकसान भी पैदा कर सकते हैं। आइए जाने जौ खाने के नुकसान क्‍या है।

जौ के नुकसान – Jo ke Nuksan in Hindi

हम सभी जानते हैं कि किसी भी खाद्य पदार्थ का अधिक मात्रा में सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है। ठीक उसी तरह से जौ का भी कम मात्रा में सेवन करना फायदेमेंद होता है। अन्‍यथा यह आपके लिए कुछ नुकसान का कारण भी बन सकता है।

  • अधिक मात्रा में जौ का सेवन करने से आपको पेट में ऐंठन, गैस और पेट फूलना जैसी समस्‍या हो सकती है।
  • गर्भावस्‍था के दौरान महिलाओं को जौ का अधिक मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए।
  • जौ में ग्‍लूटन की मौजूदगी होती है। जिसके कारण अधिक उपभोग करने से यह सीलियाक बीमारी (Celiac disease) के लक्षणों को बढ़ा सकता है।
  • जौ के बीज रक्‍त शर्करा को नियंत्रित करने में प्रभावी होते हैं। लेकिन अधिक मात्रा में इनका सेवन करने से मधुमेह रोगी को बचना चाहिए। क्‍योंकि यह शरीर में रक्‍त शर्करा के स्‍तर को बहुत ही निम्‍न स्‍तर पर ले जा सकते हैं।
  • यदि आपको जौ और इस परिवार से संबंधित खाद्य पदार्थों से एलर्जी है तो आपको जौ का सेवन करने से बचना चाहिए।
  • यदि आप किसी विशेष प्रकार की दवाओं का सेवन कर रहे हैं। और औषधीय लाभ के लिए जौ का सेवन करना चाहते हैं तो पहले अपने डॉक्‍टर से अनुमति लें।

जौ के फायदे और नुकसान (Barley Benefits and side effects in Hindi) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।

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