Dermatitis In Hindi डर्मेटाइटिस (जिल्द की सूजन), त्वचा रोग की सबसे आम समस्या है, जिसमें व्यक्ति की त्वचा पर रैशेज, खुजली, सूजन इत्यादि लक्षण उत्पन्न होते हैंl सभी व्यक्तियों में खुजली की समस्या आम है, लेकिन यदि खुजली या त्वचा पर रैशेज की समस्या अधिक समय तक बनी रहती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए l डर्मेटाइटिस की समस्या अक्सर गंभीर नहीं होता है, लेकिन तीव्र खुजली के कारण, त्वचा को बार-बार खरोंचने से खुले घाव और संक्रमण का कारण बन सकती है। डर्मेटाइटिस की स्थिति में पीड़ित व्यक्ति तीव्र खुजली, जलन, असुविधा और कुरूप त्वचा का अनुभव कर सकता है। अतः प्रत्येक व्यक्ति को डर्मेटाइटिस के लक्षणों और प्रकार के बारे में जानकारी होना आवश्यक है।
इस लेख में आप जानेंगे कि डर्मेटाइटिस क्या है, इसके प्रकार, कारण, लक्षण, जोखिम और जांच के साथ-साथ इलाज और बचाव के बारे मेंl
1. डर्मेटाइटिस (जिल्द की सूजन) क्या है – What Is Dermatitis in hindi
2. डर्मेटाइटिस (त्वचा रोग) के प्रकार – Types of dermatitis in hindi
3. त्वचा रोग (डर्मेटाइटिस) का कारण – Dermatitis causes in hindi
4. डर्मेटाइटिस (त्वचा रोग) के लक्षण – Dermatitis Symptoms in Hindi
5. डर्मेटाइटिस के जोखिम कारक – Dermatitis risk factor in hindi
6. डर्मेटाइटिस के लिए डॉक्टर को कब दिखाएँ – When to see a doctor for Dermatitis in Hindi
7. डर्मेटाइटिस का निदान – Dermatitis Diagnosis in hindi
8. डर्मेटाइटिस (त्वचा रोग) का इलाज – Dermatitis treatment in hindi
9. डर्मेटाइटिस की जटिलताएं – Dermatitis Complications in hindi
10. डर्मेटाइटिस से बचाव – Dermatitis Prevention in hindi
डर्मेटाइटिस को त्वचाशोथ या जिल्द की सूजन के नाम से भी जाना जाता है। यह स्थिति त्वचा की सूजन (skin inflammation) की स्थिति से सम्बंधित है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति की त्वचा आमतौर पर रूखी, सूजी और लालिमा युक्त दिखाई देती है। डर्मेटाइटिस रोग के प्रकार के आधार पर, इसके कारण और लक्षण भी भिन्न होते हैं। हालाँकि डर्मेटाइटिस एक संक्रामक रोग नहीं है।
कुछ स्थितियों में डर्मेटाइटिस की स्थिति असहज हो सकती है। इस बीमारी में त्वचा की खुजली हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकती है। कुछ प्रकार के डर्मेटाइटिस अधिक समय तक पीड़ित व्यक्ति में परेशानी का कारण बनता है, जबकि अन्य मौसम के आधार पर गंभीर हो सकते हैं। जिल्द की सूजन की समस्या बच्चों और वयस्कों को समान रूप से प्रभावित कर सकती है। हालाँकि दवाओं और सामयिक क्रीम का उपयोग कर डर्मेटाइटिस के लक्षणों से राहत प्राप्त की जा सकती है।
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जिल्द की सूजन (डर्मेटाइटिस) के कई अलग-अलग प्रकार हैं, जैसे कि:
एटॉपिक डर्मेटाइटिस (Atopic dermatitis (eczema)) – एटॉपिक डर्मेटाइटिस को एक्जिमा भी कहा जाता है। यह त्वचा से जुड़ी समस्या, आमतौर पर आनुवंशिक होती है और बचपन के दौरान विकसित होती है। एटॉपिक डर्मेटाइटिस (एक्जिमा) वाला कोई भी व्यक्ति शुष्क और खुजली वाली त्वचा के साथ-साथ त्वचा पर मोटे पैच का अनुभव कर सकता है।
कांटेक्ट डर्मेटाइटिस (Contact dermatitis) – कांटेक्ट डर्मेटाइटिस की स्थिति में, किसी पदार्थ से एलर्जी के फलस्वरूप त्वचा पर चकत्ते, दाग-धब्बे और खुजली जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं।
डिशिड्रोटिक डर्मेटाइटिस (Dyshidrotic dermatitis) – इस प्रकार के डर्मेटाइटिस में, त्वचा स्वयं की रक्षा करने में सक्षम नहीं होती है। डिशिड्रोटिक डर्मेटाइटिस की स्थिति में शुष्क त्वचा के परिणामस्वरूप, हथेलियों, उंगलियों और पैरों के तलवों पर छोटे, द्रव से भरे फफोले उत्पन्न होते हैं।
सेबोरिक डर्मेटाइटिस (Seborrheic dermatitis) – सेबोरिक डर्मेटाइटिस को शिशु के सिर पर पपड़ी या क्रेडल कैप (cradle cap) के रूप में भी जाना जाता है। यह समस्या खोपड़ी (scalp) को सबसे अधिक प्रभावित करने के साथ, चेहरे और छाती को भी प्रभावित कर सकती है। सेबोरिक डर्मेटाइटिस अक्सर पपड़ीदार पैच (चकत्ते), लाल त्वचा और रूसी का कारण बनता है।
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कुछ अन्य प्रकार के त्वचाशोथ (Dermatitis) में शामिल हैं:
न्यूरोडर्माटाइटिस (Neurodermatitis) – इस प्रकार के डर्मेटाइटिस में त्वचा पर खुजली वाले पैच (patch) या धब्बे उत्पन्न होते हैं। खरोंच के कारण प्रभावित त्वचा मोटी हो जाती है।
नुम्मूलर डर्मेटाइटिस (Nummular dermatitis) – नुम्मूलर डर्मेटाइटिस में त्वचा पर अंडाकार घाव या सिक्के के आकर के चकत्ते उत्पन्न होते हैं, जो अक्सर त्वचा की चोट के परिणामस्वरूप उत्पन्न होते हैं।
स्टैसिस डर्मेटाइटिस (Stasis dermatitis) – तरल पदार्थ के निर्माण के कारण निचले पैरों में त्वचा की सूजन की स्थिति को स्टैसिस डर्मेटाइटिस के नाम से जाना जाता है। इस प्रकार का डर्मेटाइटिस खराब रक्त परिसंचरण के कारण उत्पन्न होता है।
डर्माटाइटिस नेगलेक्ट (Dermatitis neglecta) – डर्माटाइटिस नेगलेक्ट, स्वच्छता की कमी से उत्पन्न होने वाली स्किन समस्या है, जिसमें त्वचा पर सीबम, केराटिन, पसीना, गंदगी का संचय होता है और डर्मेटाइटिस का कारण बनता है।
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प्रकारों के आधार पर डर्मेटाइटिस के कारण भी भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। कुछ प्रकार के डर्मेटाइटिस, जैसे डिशिड्रोटिक डर्मेटाइटिस, न्यूरोडर्माटाइटिस और नुम्मूलर डर्मेटाइटिस के कारण अज्ञात होते हैं।
कांटेक्ट डर्मेटाइटिस के कारण (Contact dermatitis causes) – कांटेक्ट डर्मेटाइटिस तब उत्पन्न होता है, जब व्यक्ति की त्वचा एलर्जेन के सीधे संपर्क में आती है। कांटेक्ट डर्मेटाइटिस की स्थिति में एलर्जी का कारण बनने वाले सामान्य पदार्थों में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
एटॉपिक डर्मेटाइटिस का कारण (Atopic dermatitis causes) – एटॉपिक डर्मेटाइटिस या एक्जिमा (eczema) के मुख्य कारण निम्न हैं, जैसे:
सेबोरिक डर्मेटाइटिस का कारण (Seborrheic dermatitis causes) – सेबोरिक डर्मेटाइटिस, तेल ग्रंथियों में खमीर या कवक (yeast (fungus)) के कारण उत्पन्न होता है। यह वसंत ऋतु और सर्दियों में अधिक प्रभावी होता है।
स्टैसिस डर्मेटाइटिस का कारण (Stasis dermatitis causes) – स्टैसिस डर्मेटाइटिस शरीर में खराब रक्त परिसंचरण के कारण होता है, जो आमतौर पर निचले पैरों में होता है।
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जिल्द की सूजन (डर्मेटाइटिस) एक प्रकार का त्वचा रोग है, जिसके लक्षण हल्के से बहुत गंभीर तक हो सकते हैं और शरीर के प्रभावित हिस्से पर निर्भर करते हैं। डर्मेटाइटिस से पीड़ित सभी व्यक्ति एक समान लक्षणों का अनुभव नहीं करते हैं।
डर्मेटाइटिस के विभिन्न प्रकार के लक्षणों और संकेतों में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
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डर्मेटाइटिस होने की संभावनाओं को बढ़ाने वाले जोखिम कारकों में निम्न को शामिल किया जाता है:
नवजात शिशुओं और 30 से 60 वर्ष की आयु के वयस्कों में सेबोरिक डर्मेटाइटिस (Seborrheic dermatitis) होने की अधिक संभावना होती है। बार-बार हाथ धोना और सुखाना भी डर्मेटाइटिस के जोखिम को बढ़ाता है। बार बार हाथ धोने से त्वचा की सुरक्षात्मक तेलीय परत निकल जाती है और इसके पीएच संतुलन में बदलाव हो जाता है।
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यदि किसी व्यक्ति को दर्दनाक या असुविधाजनक त्वचा के साथ-साथ संक्रमित त्वचा का आभास होता है, तो डर्मेटाइटिस की संभवनाओं का निदान करने के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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डॉक्टर डर्मेटाइटिस के लक्षणों का निदान करने के लिए एक शारीरिक परीक्षण करेगा और मरीज के मेडिकल इतिहास के बारे में चर्चा करेगा। कुछ मामलों में, एक त्वचा विशेषज्ञ (dermatologist) केवल त्वचा को देखकर ही डर्मेटाइटिस (जिल्द की सूजन) की स्थिति और इसके प्रकारों का निदान कर सकता है।
यदि मरीज के लक्षणों को देखकर डॉक्टर को एलर्जी का संदेह होता है, तो इसका निदान करने के लिए डॉक्टर त्वचा पैच परीक्षण (skin patch test) या स्किन एलर्जी टेस्ट की सिफारिश कर सकता है।
एक स्किन पैच टेस्ट (skin patch test) में, डॉक्टर मरीज की त्वचा पर विभिन्न पदार्थों की एक छोटी सी मात्रा को डालता है। कुछ दिनों के बाद, डॉक्टर त्वचा पर विभिन्न पदार्थों की प्रतिक्रियाओं की जांच कर यह निर्धारित करता है कि सम्बंधित व्यक्ति को एलर्जी है या नहीं।
कुछ मामलों में, एक त्वचा विशेषज्ञ (dermatologist), त्वचा रोग और कारणों का निदान करने के लिए त्वचा की बायोप्सी कर सकता है। त्वचा बायोप्सी के दौरान डॉक्टर मरीज की प्रभावित त्वचा के एक छोटे से नमूने को एकत्रित कर, माइक्रोस्कोप के तहत परीक्षण के लिए भेजता है।
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जिल्द की सूजन (डर्मेटाइटिस) का उपचार इसके प्रकार, लक्षणों की गंभीरता और विभिन्न कारणों पर निर्भर करता है। उपचार के दौरन त्वचा एक से तीन सप्ताह के बाद पूरी तरह ठीक हो सकती है।
डॉक्टर या त्वचा विशेषज्ञ (डर्मेटोलॉजिस्ट), डर्मेटाइटिस के इलाज के दौरान निम्न उपचार प्रक्रियाओं की सिफारिश कर सकता है:
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डर्मेटाइटिस के कारण उत्पन्न, खुजली वाले चकत्ते को खरोंचने से खुले घाव उत्पन्न हो सकते हैं, जिससे संक्रमण का ख़तरा बढ़ जाता है।
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डर्मेटाइटिस की रोकथाम और बचाव सम्बन्धी उपाय अपनाकर व्यक्ति खुजली जैसे लक्षणों से निजात पा सकता है। डर्मेटाइटिस के बचाव के उपाय में निम्न शामिल हैं, जैसे:
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