बच्चो की देखभाल

शिशु को डायपर रैशेज से बचाने के लिए घरेलू उपाय – Home remedies to Treat Baby’s Diaper Rash in Hindi

शिशु को डायपर रैशेज से बचाने के लिए घरेलू उपाय - Home remedies to Treat Baby's Diaper Rash in Hindi

Home Remedies For Diaper Rash in Hindi बच्चों में डायपर रैशेस एक आम समस्या है जिसके कारण बच्चे की त्वचा या कूल्हों पर रैशेस पड़ जाते हैं और यह आमतौर पर डायपर पहनाने के कारण होता है। इसे डायपर डर्मेटाइटिस भी कहा जाता है। यह एक प्रकार का संक्रमण होता है जो बच्चे की त्वचा अधिक नाजुक और संवेदनशील होने के कारण ही उन्हें प्रभावित करता है। इसलिए चाहे बच्चे की कितनी भी अच्छे तरीके से देखभाल की जाए लेकिन एक समय ऐसा आता है जब उसे डायपर रैशेस की समस्या हो ही जाती है। हालांकि शिशु पर बहुत विशेष ध्यान (special care) देकर और उसके पेशाब या मल करने के तुरंत बाद डायपर बदलकर इस समस्या से उसे बचाया जा सकता है।

विषय सूची

1. शिशु में डायपर रैश के कारण – Diaper Rash Causes In Babies in Hindi
2. शिशु में डायपर रैश के लक्षण – Symptoms Of A Diaper Rash In Babies in Hindi
3. बच्चो के डायपर रैशेस हटाने के लिए बेहतर घरेलू उपचार – Best Natural Remedies For Diaper Rashes in Hindi

शिशु में डायपर रैश के कारण – Diaper Rash Causes In Babies in Hindi

शिशु में डायपर रैश के कारण - Diaper Rash Causes In Babies in Hindi

आमतौर पर हर मां अपने शिशु का बहुत अच्छे से देखभाल करती है लेकिन इसके बावजूद भी बच्चे की त्वचा नाजुक और संवेदनशील होने के कारण उसे किसी न किसी कारण से संक्रमण हो ही जाता है। शिशु में डायपर रैशेस आमतौर पर कई कारणों से होते हैं।

  • शिशु को डायपर रैशेस होने का पहला कारण त्वचा रोग (skin disease) के संपर्क में आना है। यदि बच्चे का डायपर गीला है और उसे लंबे समय तक न बदला जाए तो इसके कारण बच्चे की त्वचा पर रैशेस आ जाते हैं।
  • बच्चे की त्वचा बहुत तेजी से संक्रमण के चपेट में आ जाती है। शिशु में बैक्टीरिया या कवक के कारण त्वचा संक्रमित हो जाती है जिसके कारण उसे डायपर पहनाने पर बहुत आसानी से रैशेज आ जाते हैं।
  • यदि बच्चे को एलर्जिक रिएक्शन हो तो इसके कारण भी उसे डायपर पहनाने पर रैशेस आ जाते हैं।
  • बार-बार मल और पेशाब करने के कारण शिशु की त्वचा लाल हो जाती है और डायपर पहनाने पर रैशेस आने की संभावना बनी रहती है।
  • बच्चे को डायरिया की समस्या होने पर भी उसे डायपर रैशेज आ जाते हैं।

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शिशु में डायपर रैश के लक्षण – Symptoms Of A Diaper Rash In Babies in Hindi

शिशु में डायपर रैश के लक्षण - Symptoms Of A Diaper Rash In Babies in Hindi

बच्चो की त्वचा या कूल्हों पर डायपर रैशेज के लक्षण निम्न तरीकों से पहचाने जा सकते हैं।

  • प्रभावित त्वचा का अधिक लाल पड़ जाना।
  • त्वचा पर छोटे-छोटे दाने या फफोले (blisters) आ जाना।
  • प्रभावित स्थान पर छोटे पिंपल आ जाना।
  • शिशु की त्वचा छिल जाना।

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बच्चो के डायपर रैशेस हटाने के लिए बेहतर घरेलू उपचार – Best Natural Remedies For Diaper Rashes in Hindi

बच्चो के डायपर रैशेस हटाने के लिए बेहतर घरेलू उपचार - Best Natural Remedies For Diaper Rashes in Hindi

आमतौर पर छोटे बच्चों को हमेशा कोई न कोई समस्या जकड़े रहती है लेकिन बच्चे को हर बार डॉक्टर के पास ले जाने की जरूरत नहीं होती है। बच्चों से जुड़ी कुछ समस्याएं ऐसी होती हैं जिनका घर पर भी बहुत अच्छे से इलाज किया जा सकता है। तो आइये जानते हैं कि शिशु को डायपर रैशेस से बचाने के लिए क्या घरेलू उपाय अपनाना चाहिए।

शिशु को डायपर रैश से बचाने का घरेलू इलाज नारियल का तेल – Coconut Oil for Diaper Rash In Babies in Hindi

शिशु को डायपर रैश से बचाने का घरेलू इलाज नारियल का तेल - Coconut Oil for Diaper Rash In Babies in Hindi

शिशु की कोमल त्वचा से डायपर के रैशेस हटाने के लिए प्रभावित जगह पर नारियल का तेल लगाने से रैशेज गायब हो जाते हैं। बच्चे की त्वचा के लिए नारियल का तेल सबसे सुरक्षित माना जाता है और डायपर रैशेज दूर करने के लिए यह कई प्राकृतिक उपचारों में से एक है। नारियल के तेल में संतृप्त वसा (saturated fats) पायी जाती है जो बच्चे की त्वचा को मॉश्चराइज करता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण पाये जाते हैं जो रैशेस के इलाज में मदद करता है। सौ प्रतिशत शुद्ध आधा चम्मच नारियल का तेल अपनी हथेली पर लेकर शिशु के कूल्हों पर हल्के हाथों से मसाज करें। डारपर रैशेस गायब हो जाएंगे।

(और पढ़े – नारियल तेल के फायदे, उपयोग और नुकसान…)

दही है डायपर रैश का उपचार – Plain Yogurt for Diaper Rash In Babies in Hindi

दही है डायपर रैश का उपचार - Plain Yogurt for Diaper Rash In Babies in Hindi

दही में प्रोबायोटिक्स और एंटीइंफ्लैमेटरी गुण पाया जाता है जिसके कारण यह यीस्ट संक्रमण और माइक्रोबियल संक्रमण को बहुत प्रभावी तरीके से ठीक करने में मदद करता है। दही में ये सभी गुण एक साथ मौजूद होने के कारण यह डायपर रैशेज के लिए एक बेहतर घरेलू उपचार है। यदि आपका बच्चा दूध पीने के अलावा कुछ ठोस पदार्थ (solids) भी खाता है तो उसे प्रतिदिन दही खिलाएं। लेकिन यदि शिशु दही नहीं खाता है तो उसके कूल्हों (baby’s bottom) में दही की मोटी परत लगाएं और कुछ देर बाद धो दें। बच्चे की त्वचा से डायपर रैशेस आपको गायब मिलेंगे।

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बचो के रशेस का इलाज एलोवेरा से – Aloe Vera for Diaper Rash In Babies in Hindi

बचो के रशेस का इलाज एलोवेरा से - Aloe Vera for Diaper Rash In Babies in Hindi

गुणकारी औषधि होने के कारण एलोवेरा का उपयोग सदियों से बीमारियों के इलाज में किया जाता रहा है। यदि आपका शिशु डायपर रैशेस से बेचैन है तो आप बच्चे की त्वचा पर एलोवेरा का रस या एलोवेरा जेल लगाकर हल्के हाथों में मालिश करें। एलोवेरा में एंटीइंफ्लैमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण पाया जाता है जिसके कारण वह डायपर रैशेस से त्वचा पर उत्पन्न बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है। इसलिए डायपर रैशेस के इलाज में एलोवेरा बहुत फायदेमंद होता है

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डायपर रैश का घरेलू उपचार मां के स्तन का दूध – Breast Milk for Diaper Rash In Babies in Hindi

डायपर रैश का घरेलू उपचार मां के स्तन का दूध - Breast Milk for Diaper Rash In Babies in Hindi

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि शिशु को डायपर रैशेस से बचाने के लिए स्तन का दूध सबसे सुरक्षित और एक बेहद आसान उपचार है। हर मां को यह पहले से ही पता होता है कि शिशु को भरपूर स्तनपान कराने से उसकी इम्यूनिटी मजबूत होती है जिससे वह विभिन्न बीमारियों से लड़ने में सक्षम हो पाता है। इसलिए यदि बच्चे के त्वचा पर डायपर के कारण रैशेस आ जाएं तो प्रभावित त्वचा पर स्तन का दूध लगाएं। इससे डायपर रैशेस ठीक हो जाते हैं।

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डायपर रैश ट्रीटमेंट पेट्रोलियम जेली से – Petroleum jelly for Diaper Rash In Babies in Hindi

डायपर रैश ट्रीटमेंट पेट्रोलियम जेली से - Petroleum jelly for Diaper Rash In Babies in Hindi

यह एक प्राकृतिक मॉश्चराइजर है और इसमें एंटीइंफ्लैमेटरी गुण पाये जाते हैं जिसके कारण पेट्रोलियम जेली डायपर रैशेस को ठीक करने में बहुत सहायक होती है। इसके अलावा यह डायपर से उत्पन्न संक्रमण को भी दूर करती है और सूक्ष्म जीवों (microbes) से शिशु की त्वचा की सुरक्षा (safety) करती है। बच्चे के कूल्हों को हल्के गुनगुने पानी से अच्छी तरह से साफ कर लें और फिर इसे कपड़े से पोछकर त्वचा के ऊपर पेट्रोलियम जेली की पतली परत (thin layer) लगाएं। यह डायपर रैशेस के इलाज के लिए एक अचूक उपाय है।

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बच्चों के रशेस का इलाज चाय और शहद – Tea with Honey for Diaper Rash In Babies in Hindi

बच्चों के रशेस का इलाज चाय और शहद - Tea with Honey for Diaper Rash In Babies in Hindi

यदि शिशु की त्वचा पर डायपर रैशेस के कारण उसे बहुत बेचैनी और तेज खुजली हो रही हो तो इसे जल्द से जल्द ठीक करने के लिए दो कप कैमोमाइल चाय (chamomile tea) को शहद में मिलाएं और इसे एक स्प्रे बॉटल में भरकर रख लें। इसके बाद दिन में कई बार प्रभावित जगह पर इस पेस्ट का छिड़काव करें। कैमोमाइल चाय और शहद में एंटीसेप्टिक गुण पाये जाते हैं जो डायपर रैशेज को जल्द ठीक करने में मदद करते हैं।

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डायपर साइड इफेक्ट दूर करे एपल साइडर विनेगर – Apple Cider Vinegar for Diaper Rash In Babies in Hindi

डायपर साइड इफेक्ट दूर करे एपल साइडर विनेगर - Apple Cider Vinegar for Diaper Rash In Babies in Hindi

 

एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच एपल साइडर विनेगर अच्छी तरह से मिलाएं और इसमें एक साफ कपड़े का एक टुकड़ा भिगोकर इससे पानी निचोड़ लें और डायपर रैशेस से प्रभावित बच्चे की त्वचा को उस कपड़े से पोछें। दिन में तीन से चार बार यह प्रक्रिया अपनाएं, बच्चे को जल्द ही डायपर रैशेस से निजात मिल जाएगी। एपल साइडर विनेगर मुख्य रूप से एसिटिक एसिड से बनाया जाता है जो एक प्राकृतिक कीटाणुरोधक(disinfectant) होता है। इसके अलावा इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण पाये जाते हैं जिसके कारण यह डायपर रैशेज को बहुत आसानी से (easily) ठीक कर देता है।

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