Meningitis in Hindi मैनिंजाइटिस (meningitis) को दिमागी बुखार या मस्तिष्क ज्वर के रूप में भी जाना जाता है। यह बीमारी मस्तिष्क और तंत्रिका की क्षति का कारण बनती है। मैनिंजाइटिस रोग आम तौर पर सिरदर्द, बुखार और कठोर गर्दन जैसे लक्षणों को ट्रिगर करता है। कुछ मेनिंजाइटिस संक्रामक रोग खांसने, छींकने या संपर्क के द्वारा संचरित किया जा सकता है। मैनिंजाइटिस (meningitis) शिशुओं और बच्चों को अधिक प्रभावित करता है। वयस्कों में इसके लक्षणों हल्के होते हैं तथा अधिकांश स्थितियों में यह गंभीर नहीं होता है, लेकिन बच्चों के लिए यह काफी जोखिमदायक होता है। यदि इस बीमारी का निदान समय पर न किया जाये तो यह जीवन के लिए जोखिम दायक समस्याओं का कारण बन सकती है, तथा सम्बंधित व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। अतः प्रत्येक व्यक्ति को इस बीमारी के लक्षणों की समय पर पहचान कर उचित इलाज प्राप्त करना चाहिए।
अतः आज के इस लेख में आप जानेंगे कि मैनिंजाइटिस (meningitis) क्या है, इसके प्रकार, लक्षण, कारण और जोखिम कारक क्या हैं तथा इस बीमारी के निदान, उपचार और रोकथाम के लिए क्या उपाय अपनाये जाने चाहिए।
- मैनिंजाइटिस क्या है – What is meningitis in Hindi
- मैनिंजाइटिस के प्रकार – Meningitis types in Hindi
- मैनिंजाइटिस के कारण – meningitis causes in Hindi
- मैनिंजाइटिस के लक्षण – meningitis symptoms in Hindi
- मैनिंजाइटिस के जोखिम कारक – Meningitis Risk factors in Hindi
- मैनिंजाइटिस की जटिलताएं – Meningitis Complications in hindi
- मैनिंजाइटिस का निदान – meningitis diagnosis in Hindi
- मैनिंजाइटिस का उपचार – Meningitis Treatment In Hindi
- मैनिंजाइटिस के लिये टीकाकरण – Meningitis Vaccinations in hindi
- मैनिंजाइटिस की रोकथाम – Meningitis Prevention In Hindi
मैनिंजाइटिस क्या है – What is meningitis in Hindi
मैनिंजाइटिस (meningitis) एक दुर्लभ संक्रमण है, जो मेनिन्जेस (meninges) नामक झिल्ली को प्रभावित करता है। यह झिल्ली मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को ढके हुए रहती है। अतः मैनिंजाइटिस, रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क के आस-पास की झिल्ली (मेनिंग) में सूजन है। यह बीमारी बैक्टीरिया (bacterial), वायरल (viral) और कवक (fungal) सहित अनेक प्रकार से हो सकती है। इसमें से बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस (Bacterial meningitis) जीवन के लिए काफी खतरनाक है और लोगों के बीच घनिष्ठ संपर्क में रहने के दौरान फैल सकता है।
मैनिंजाइटिस की स्थिति में मस्तिष्कावरण (meninges) के आसपास का तरल पदार्थ संक्रमित हो जाता है। आमतौर पर इसे मस्तिष्कावरण की सूजन के रूप में भी जाना जाता है।
मैनिंजाइटिस के प्रकार – Meningitis types in Hindi
वायरल संक्रमण (Viral infections) और बैक्टीरियल संक्रमण (bacterial infections), मैनिंजाइटिस के सबसे आम कारण हैं। अतः मैनिंजाइटिस के अनेक प्रकार हो सकते हैं, जैसे।
वायरल मैनिंजाइटिस (Viral meningitis) – वायरल मैनिंजाइटिस (Viral meningitis), मैनिंजाइटिस का सबसे सामान्य प्रकार है। ऐंट्रोवायरस (Enterovirus) समूह का वायरस इसका मुख्य कारण बनता है। यह मैनिंजाइटिस बीमारी गर्मीयों के दौरान व्यक्तियों को अधिक प्रभावित करती है। वायरल मैनिंजाइटिस (Viral meningitis) का कारण बनने वाले ऐंट्रोवायरस (Enterovirus) की श्रेणी में निम्न को शामिल किया जाता है:
- कॉक्सस्कीविरस ए (coxsackievirus A)
- कॉक्सस्कीविरस बी (coxsackievirus B)
- इकोवायरस (echoviruses)
इसके अतिरिक्त अन्य वायरस भी मेनिनजाइटिस (meningitis) का कारण बन सकते हैं। इसमें शामिल है:
- इंफ्लुएंजा (influenza)
- मम्प्स (Mumps)
- एचआईवी (HIV)
- खसरा (measles)
- हर्पस वायरस (herpes viruses)
वायरल मैनिंजाइटिस (Viral meningitis) आमतौर पर उपचार के बिना ही गायब हो जाता है। लेकिन, कुछ मामलों में इसका इलाज कराने की आवश्यकता होती है।
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बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस (Bacterial meningitis)
बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस (Bacterial meningitis) अधिक संक्रामक होता है। अगर समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो यह जीवन के लिए घातक हो सकता है। यह रोग मृत्यु का कारण भी बन सकता है। यह संक्रमण कुछ बैक्टीरिया के कारण होता है। बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस का कारण बनने वाले बैक्टीरिया के सबसे सामान्य प्रकार में निम्न शामिल हैं:
स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया (Streptococcus pneumonia) – यह बैक्टीरिया शिशुओं, छोटे बच्चों और वयस्कों में बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस (Bacterial meningitis) का सबसे सामान्य कारण है। जो आमतौर पर श्वसन तंत्र (respiratory tract), साइनस (sinuses) और नाक में संक्रमण का कारण बनता है। इसे “न्यूमोकोकल मैनिंजाइटिस” (pneumococcal meningitis) कहा जाता है।
निसेरिया मेनिंगिटिडीस (Neisseria meningitides) – नेइसेरिया मेनिंगिटिडीस (Neisseria meningitides) संक्रमण लार और अन्य श्वसन सम्बन्धी तरल पदार्थ के माध्यम से फैलता है। यह वायरस रक्त प्रवाह में प्रवेश कर ” मेनिंगोकोकल मेनिनजाइटिस” (meningococcal meningitis) का कारण बनता है। यह बहुत ही संक्रामक संक्रमण है, जो मुख्य रूप से किशोरों और युवा वयस्कों को प्रभावित करता है।
हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा (Haemophilus influenza) – हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा (Haemophilus influenza), मेनिनजाइटिस संक्रमण के साथ-साथ रक्त संक्रमण, श्वास नली (windpipe) में सूजन, सेल्युलाइटिस (cellulitis) और संक्रामक गठिया (infectious arthritis) का कारण बन सकता है।
लिस्टरिया मोनोसाइटोजेनेस (Listeria monocytogenes) – यह एक प्रकार का खाद्य जीवाणु (foodborne bacteria) है, जो गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों को सबसे अधिक प्रभावित करता है। यह वायरस लिस्टरिया मोनोसाइटोजेनेस (Listeria monocytogenes ) का कारण बनता है।
स्टाफीलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus) – यह वायरस आमतौर पर त्वचा और श्वसन मार्ग में पाया जाता है, और ” स्टाफीलोकोकस मेनिंगजाइटिस” (staphylococcal meningitis) का कारण बनता है।
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फंगल मेनिंजाइटिस (Fungal meningitis)
फंगल मेनिनजाइटिस (Fungal meningitis) एक बहुत ही दुर्लभ प्रकार का मेनिनजाइटिस है। यह एक प्रकार के फंगस (fungus) के कारण उत्पन्न होता है, यह फंगस (कवक) शरीर को संक्रमित करता है और रक्त प्रवाह के माध्यम से मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी में फैलता है।
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों में फंगल मेनिंजाइटिस (Fungal meningitis) को विकसित करने की अधिक संभावना पाई जाती है। इस संक्रमण का शिकार कैंसर या एचआईवी से पीड़ित व्यक्ति अधिक होते हैं।
फंगल मैनिंजाइटिस से संबंधित फंगस (कवक) में निम्न शामिल हैं:
- ब्लास्टोमाइसेस (Blastomyces), मिट्टी में पाया जाने वाला एक प्रकार का कवक,
- क्रिप्टोकोकस (Cryptococcus),
- हिस्टोप्लाज्मा (Histoplasma),
- कोक्किडीओडेस (Coccidioides)
परजीवी मैनिंजाइटिस (Parasitic meningitis)
परजीवी मैनिंजाइटिस (Parasitic meningitis) अन्य प्रकार की मैनिंजाइटिस से काफी दुर्लभ है और यह परजीवी (parasites) के कारण होता है। इसे इओसिनोफिलिक मेनिनजाइटिस (ईएम) (eosinophilic meningitis) कहा जाता है।
परजीवी मैनिंजाइटिस (Parasitic meningitis) एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पारित नहीं किया जा सकता है। ये परजीवी भोजन के माध्यम से फैलते हैं। इसके अंतर्गत एमेबिक मेनिंगजाइटिस, बहुत ही दुर्लभ प्रकार का परजीवी मेनिंजाइटिस है, जो जीवन के लिए कड़ी चिनोतियों को उत्पन्न करता है। इस प्रकार का संक्रमण मतिभ्रम (hallucinations), दौरे (seizures) और अन्य गंभीर लक्षणों का कारण बन सकता है।
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मैनिंजाइटिस के कारण – meningitis causes in Hindi
मैनिंजाइटिस (meningitis) मुख्य रूप से बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के कारण होता है, जो कान (ear), साइनस (sinus) या गले में संक्रमण के साथ शुरू होता है। मैनिंजाइटिस के कारणों में निम्न शामिल हैं:
- फंगल इन्फेक्शन (Fungal infection)
- सिफलिस (Syphilis)
- ट्यूबरकुलोसिस (Tuberculosis)
- ऑटोम्यून्यून डिसऑर्डर (Autoimmune disorders)
- कैंसर की दवाएं (Cancer medications)
- बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस (Bacterial Meningitis)
- कुछ वायरल और बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस संक्रामक हैं। उन्हें खांसी, छींकने या निकट संपर्क से संचरित किया जा सकता है।
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मैनिंजाइटिस के लक्षण – meningitis symptoms in Hindi
मैनिंजाइटिस (meningitis) के लक्षण कई घंटों या कुछ दिनों में विकसित हो सकते हैं। वायरल और बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस के शुरुआती लक्षण समान हो सकते हैं। आमतौर पर बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस के लक्षण अधिक गंभीर होते हैं। आयु के आधार पर इसके लक्षणों में भिन्नता पाई जा सकती है। मैनिंजाइटिस के प्रकारों के आधार पर इसके लक्षण निम्न हैं:
वायरल मैनिंजाइटिस के लक्षण (Viral meningitis symptoms)
शिशुओं (infants) में वायरल मैनिंजाइटिस के लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:
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वयस्कों में (In adults), वायरल मैनिंजाइटिस के लक्षण निम्न हैं:
- सिर दर्द
- बुखार
- गर्दन में अकड़न (stiff neck)
- seizures
- चमकीले प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
- आलस्य
- सुस्ती
- जी मिचलाना और उल्टी
- भूख में कमी, आदि।
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बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस के लक्षण (Bacterial meningitis symptoms)
बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस (Bacterial meningitis) के लक्षण अचानक विकसित होते हैं। इस प्रकार के मैनिंजाइटिस के लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:
- मानसिक स्थिति में बदलाव आना
- जी मिचलाना
- उल्टी होना
- प्रकाश की संवेदनशीलता
- चिड़चिड़ापन
- सरदर्द होना
- बुखार आना
- ठंड लगना
- गर्दन में अकड़न
- त्वचा पर बैंगनी धब्बे, जो चोटों के समान दिखाई देते हैं,
- आलस्य,
- नींद से जागने में कठिनाई
यदि कोई व्यक्ति इन लक्षणों का अनुभव करता है, तो उसे तत्काल चिकित्सा प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। बैक्टीरियल और वायरल मैनिंजाइटिस घातक हो सकते हैं।
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फंगल मैनिंजाइटिस के लक्षण (Fungal meningitis symptoms)
फंगल मैनिंजाइटिस (Fungal meningitis) के लक्षण भी अन्य मैनिंजाइटिस के प्रकारों के सामान ही होते हैं। इन लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
- जी मिचलाना
- उल्टी होना
- ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
- प्रकाश की संवेदनशीलता
- बुखार
- सरदर्द
- भ्रम उत्पन्न होना
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मैनिंजाइटिस के जोखिम कारक – Meningitis Risk factors in Hindi
मैनिंजाइटिस (meningitis) के जोखिम कारकों में निम्न शामिल हैं:
- उम्र – वायरल मैनिंजाइटिस (viral meningitis) मुख्य रूप से 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में अधिक होता है। जबकि बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस (Bacterial meningitis) 20 साल से कम उम्र के व्यक्तियों में बहुत आम है।
- गर्भावस्था – गर्भावस्था में लिस्टरियोसिस (Listeriosis) का खतरा बढ़ जाता है, जो मैनिंजाइटिस का कारण बनता है
- कीमोथेरपी (chemotherapy)
- प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होना
- एचआईवी / एड्स से संक्रमित होना
- जानवरों के साथ काम करना (Working with animals), आदि।
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मैनिंजाइटिस की जटिलताएं – Meningitis Complications in Hindi
मैनिंजाइटिस (meningitis) से सम्बंधित जटिलताएं अत्यधिक गंभीर हो सकती है। इसके अंतर्गत दौरे और तंत्रिका संबंधी स्थायी क्षति का कारण बन सकता है। इस बीमारी की जटिलताओं में शामिल हैं:
- बहरापन (Hearing loss)
- मस्तिष्क की क्षति (Brain damage)
- कोई भी कार्य सीखने में असमर्थता
- गठिया (arthritis)
- दौरे आना (Seizures)
- दृष्टि हानि (vision loss)
- सदमा (Shock)
- याद रखने की क्षमता में कमी
- किडनी फेल होना (Kidney failure)
- मौत (Death), आदि।
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मैनिंजाइटिस का निदान – meningitis diagnosis in Hindi
मैनिंजाइटिस (meningitis) का निदान करने के लिए स्वास्थ्य सम्बन्धी इतिहास और शारीरिक परीक्षण के माध्यम से किया जाता है। डॉक्टर द्वारा स्पष्ट रूप से मैनिंजाइटिस (meningitis) का निदान करने के लिए अन्य परीक्षणों का भी आदेश दिया जा सकता है। इन परीक्षणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
ब्लड कल्चर (Blood cultures) – ब्लड कल्चर (Blood cultures) टेस्ट की सहायता से रक्त में बैक्टीरिया की पहचान की सकती है। यह बैक्टीरिया रक्त के माध्यम से मस्तिष्क तक यात्रा कर सकते हैं। नेइसेरिया मेनिंगिटिडीस (Neisseria meningitides) और स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया (Streptococcus pneumonia) ये दोनों ही सेप्सिस (sepsis) और मेनिनजाइटिस (meningitis) का कारण बन सकते हैं।
पूर्ण रक्त गणना (complete blood count) – पूर्ण रक्त गणना (CBC) एक मानव स्वास्थ्य की सूचना देने वाला महत्वपूर्ण परीक्षण है। यह रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं और सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या की जांच करता है। यह परीक्षण संक्रमण की स्थिति को प्रगट कर सकता है।
छाती एक्स-रे (Chest X-rays) – डॉक्टर छाती एक्स-रे (Chest X-rays) की मदद से निमोनिया (pneumonia), तपेदिक (tuberculosis) या कवक संक्रमण (fungal infections) की उपस्थिति का पता लगा सकते हैं। जो कि मैनिंजाइटिस की स्थिति को प्रगट कर सकते हैं।
सीटी स्कैन (CT scan) – सीटी स्कैन (CT scan) की मदद से मस्तिष्क में सूजन, मस्तिष्क फोड़ा (brain abscess) या साइनोसाइटिस (sinusitis) जैसी समस्याओं का पता लगाया जा सकता है।
रीढ़ की हड्डी में छेद (लम्बर पंचर) (Spinal tap (lumbar puncture)) – डॉक्टर मैनिंजाइटिस का निदान करने के लिए लम्बर पंचर (lumbar puncture) की भी सिफारिश कर सकते हैं। इस परीक्षण को रीढ़ की हड्डी में छेद (spinal tap) भी कहा जाता है। लम्बर पंचर की सहायता से रीढ़ की हड्डी में उपस्थित तरल पदार्थ (spinal fluid) का परीक्षण करके सूजन, संक्रमण या बैक्टीरिया का पता लगाया जा सकता है।
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मैनिंजाइटिस का उपचार – Meningitis Treatment In Hindi
मैनिंजाइटिस (meningitis) का उपचार मुख्य रूप से मैनिंजाइटिस के प्रकार पर निर्भर करता है।
बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस का इलाज (Bacterial Meningitis Treatment) – एक्यूट बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस (Acute bacterial meningitis) का इंट्रावेनस एंटीबायोटिक्स (intravenous antibiotics) और कभी-कभी कॉर्टिकोस्टेरॉइड (corticosteroids) के साथ इलाज किया जा सकता है। यह उपचार इसके लक्षणों को कम करने और इसकी और जटिलताओं के जोखिम को रोकने में मदद करता है।
एंटीबायोटिक (antibiotic) या एंटीबायोटिक्स दवाओं का संयोजन संक्रमण के कारण और बैक्टीरिया के प्रकार पर निर्भर करता है।
वायरल मैनिंजाइटिस का इलाज (Viral meningitis treatment) – एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) की मदद से वायरल मैनिंजाइटिस का इलाज नहीं किया जा सकता है, और ज्यादातर मामलों में मैनिंजाइटिस (meningitis) की स्थिति में कुछ हफ्तों में अपने आप सुधार होता है। डॉक्टर वायरल मैनिंजाइटिस के हल्के मामलों में उपचार के लिए आमतौर पर बिस्तर पर आराम, तरल का अधिक सेवन करने, बुखार को कम करने और शरीर में दर्द से छुटकारा पाने के लिए ओवर-द-काउंटर दवाओं का सेवन करने की सिफारिश कर सकता है।
डॉक्टर मस्तिष्क में सूजन को कम करने के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (corticosteroids) और दौरे को नियंत्रित करने के लिए एक एंटीकोनवल्सेंट (anticonvulsant) दवाओं की सिफारिश कर सकता है। यदि हर्पीस वायरस (herpes virus), मेनिनजाइटिस का कारण बनता है, तो एंटीवायरल दवा (antiviral medication) दी जा सकती है।
फंगल मेनिंजाइटिस (Fungal meningitis) का इलाज करने के लिए एंटीफंगल एजेंटों (antifungal agents) की मदद ली जा सकती है।
मैनिंजाइटिस के लिये टीकाकरण – Meningitis Vaccinations in hindi
टीकाकरण, मैनिंजाइटिस (meningitis) की उपचार प्रक्रिया में एक उचित कदम है टीकाकरण की मदद से बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस (bacterial meningitis) की रोकथाम की जा सकती है। मैनिंजाइटिस (meningitis) की रोकथाम के लिए निम्न टीके उपलब्ध किये जा सकते हैं:
हैमोफिलस इन्फ्लूएंजा प्रकार बी टीका (Haemophilus influenzae type b (Hib) vaccine) – यह टीका लगभग 2 महीने की उम्र से शुशुओं को दिया जाता है। मैनिंजाइटिस के जोखिम वाले कुछ वयस्कों के लिए इस टीके की सिफारिश की जा सकती है।
न्यूमोकोकल संयुग्मन टीका (पीसीवी 13) (Pneumococcal conjugate vaccine) (PCV13) – यह टीका लगभग 2 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत दिया जाता है।
न्यूमोकोकल पॉलिसाक्राइड टीका (पीपीएसवी 23) (Pneumococcal polysaccharide vaccine) (PPSV23) – जिन बच्चों और वयस्कों को न्यूमोकोकल बैक्टीरिया (pneumococcal bacteria) से संक्रमित होने की सम्भावना है, वे इस टीका को प्राप्त कर सकते हैं।
जो बैक्टीरिया मैनिंजाइटिस के उच्च जोखिम से सम्बंधित व्यक्तियों के लिए इन टीकों की सिफारिश की जा सकती है।
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मैनिंजाइटिस की रोकथाम – Meningitis Prevention In Hindi
सामान्यतः मैनिंजाइटिस (meningitis) का कारण बनने वाले बैक्टीरिया या वायरस खांसने, छींकने, किस करने (kissing) या खाने के बर्तन, टूथब्रश और सिगरेट का साझा करने से फैलते हैं। अतः निम्न तरीके मैनिंजाइटिस (meningitis) की रोकथाम में मदद कर सकते हैं:
- अच्छी तरह से हाथ धोने के तरीकों का पालन कर रोगाणुओं के प्रसार को रोकने में मदद मिलती है।
- सार्वजनिक स्थानों या जानवरों के साथ समय व्यतीत करते समय स्वक्षता का ध्यान रखें और संक्रमण से बचें।
- पेय पदार्थ, खाद्य पदार्थ, खाने के बर्तन, होंठ बाम या टूथब्रश को किसी के साथ साझा न करें।
- बीमार लोगों के साथ संपर्क बनाने से बचें।
- पर्याप्त आराम, नियमित रूप से व्यायाम और ताजा फल, सब्जियां और साबुत अनाज के साथ स्वस्थ आहार का सेवन करने, और स्वास्थ्य प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने के लिए उचित कदम उठायें।
- खांसते या छींकने समय मुंह और नाक को ढकें।
- धूम्रपान न करें
- गर्भावस्था के दौरान संतुलित भोजन का सेवन करें। कच्चा मांस, अनचाहे दूध उत्पादों से बचें।
- टीकाकरण सुनिश्चित करें।
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