बीमारी

सिस्टाइटिस क्या है इसके लक्षण कारण जांच इलाज और बचाव – Cystitis Symptoms Causes and Treatment in Hindi

Cystitis in Hindi सिस्टाइटिस एक आम यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन है जो शरीर के ब्लैडर वॉल में संक्रमण की वजह से होता है। अगर सरल शब्दों में कहें तो मूत्राशय सूजन को ही सिस्टायटिस कहते हैं। सिस्टाइटिस एक गंभीर समस्या नहीं है लेकिन अगर इसका लम्बे समय तक इलाज नहीं किया जाये तो इससे काफी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। सिस्टाइटिस की स्थिति तब होती है जब बैक्टीरिया युरेथरा ट्यूब के अंदर पहुंच जाता है। बैक्टीरिया जब एक बार ब्लैडर के अंदर पहुंच जाता है तब वह तेजी से बढ़ने लगता है। सिस्टाइटिस की स्थिति सभी उम्र की महिलाओं में आम है। करीब 30 से 50% महिलाओं को कभी न कभी सिस्टाइटिस की समस्या से गुजरना पड़ा है।

कुछ स्थितियों में सिस्टाइटिस का होना आम हो जाता है जैसे कि जब महिला बहुत ज्यादा सेक्सुअली एक्टिव हो, या फिर कोई महिला गर्भवती हो या फिर किसी महिला में मीनोपॉज की स्थिति उत्पन्न हो गयी हो उस समय इस संक्रमण के होने की बहुत ज्यादा संभावना होती है। पुरूषों की तुलना में महिलाओं में यह समस्या ज्यादा पाई जाती है क्योंकि महिलओं का यूरेथरा छोटा होता है।

आज इस लेख में हम जानेंगे की सिस्टाइटिस क्या होता है इसके लक्षण कारण जांच इलाज और बचाव क्या है।

1. सिस्टाइटिस क्या होता है – What is Cystitis in Hindi
2. सिस्टाइटिस के प्रकार – Cystitis ke prakar in Hindi

3. सिस्टाइटिस के लक्षण – Cystitis ke lakshan in Hindi
4. सिस्टाइटिस होने के कारण – Cystitis hone ke karan in Hindi

5. सिस्टाइटिस की जांच – Cystitis ki janch in Hindi

6. सिस्टाइटिस का इलाज – Cystitis ka ilaj in Hindi

7. घरेलू उपाय से सिस्टाइटिस का इलाज – Home remedies treating Cystitis in Hindi
8. सिस्टाइटिस से बचाव – Cystitis se bachav in Hindi

सिस्टाइटिस क्या होता है – What is Cystitis in Hindi

सिस्टाइटिस ब्लैडर वॉल का संक्रमण है जो युरेथरा और ब्लेडर में उत्पन्न होता है जो सामान्य स्थिति में स्टराइल (sterile) होते हैं और बैक्टीरिया से मुक्त होते हैं लेकिन संक्रमण के बाद इसमें बैक्टीरिया पनपता है जो ब्लैडर की लाइनिंग में मिल जाते हैं और इस स्थान को संक्रमित करके उसमें सूजन पैदा कर देते है।

करीब 80% मामलों में आंतो (bowel) से बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक्ट में पहुंचते हैं जिससे यह संक्रमण उत्पन्न होता है। इन बैक्टीरिया में से अधिकांश बैक्टीरिया स्वस्थ आंतों के गुड बैक्टीरिया होते है लेकिन जब यह युरेथरा और ब्लैडर में पहुंचते हैं तब वहां यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) का खतरा पैदा कर देते हैं । यूटीआई एक अस्पताल-अधिग्रहित संक्रमण (hospital acquired infection) हैं और यह उन रोगियों में ज्यादा होता है जो यूरिनरी  कैथेटर (urinary catheter) का उपयोग करते हैं जिससे संक्रमण की वजह से और ज्यादा बुरी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

(और पढ़े – मूत्र पथ संक्रमण (यूटीआई) के कारण, लक्षण और उपचार…)

सिस्टाइटिस के प्रकार – Cystitis ke prakar in Hindi

  1. केमिकल सिस्टाइटिस – Chemical Cystitis in Hindi
  2. फॉरेन बॉडी सिस्टाइटिस – Foreign body Cystitis in Hindi
  3. दवा प्रेरित सिस्टाइटिस – Drug induced cystitis in Hindi
  4. रेडिएशन सिस्टाइटिस – Radiation cystitis in Hindi
  5. हनीमून सिस्टाइटिस – Honeymoon cystitis in Hindi
  6. बैक्टीरियल सिस्टाइटिस – Bacterial cystitis in Hindi

सिस्टाइटिस दो तरह के हो सकते है या तो तीव्र (acute) या अंतरालीय (interstitial)। तीव्र (acute) सिस्टाइटिस वह स्थिति है जिसमें संक्रमण अचानक से उत्पन्न होता है, जबकि अंतरालीय (interstitial) सिस्टाइटिस वह स्थिति है जो लंबे समय तक चलती है और यह ब्लेडर की कई सारी परतों को संक्रमित करती है। सिस्टाइटिस के कारण उसके विभिन्न प्रकार पर निर्भर करते है।सिस्टाइटिस के प्रकार में शामिल है-

केमिकल सिस्टाइटिस – Chemical Cystitis in Hindi

कुछ सामान जो स्वच्छता उत्पाद के तौर पर इस्तेमाल किये जाते है वह ब्लैडर में परेशानी उत्पन्न करते है, जिनकी सूचि इस प्रकार है- शुक्राणुनाशक जेली इस्तेमाल करने से (spermicidal jellies) शुक्राणुनाशक के साथ एक डायाफ्राम (diaphragm) का उपयोग करने से  फेमिनाइन स्वच्छता स्प्रे (feminine hygiene spray) बुलबुला स्नान से उत्पन्न रसायन से (chemicals from bubble bath )

इन सभी उत्पादों के इस्तेमाल से आपको ब्लैडर में जलन और खुजली उत्पन्न हो सकती है जो संक्रमण का खतरा और ज्यादा बढ़ा सकती है।

(और पढ़े – योनी में खुजली, जलन और इन्फेक्शन के कारण और घरेलू इलाज…)

फॉरेन बॉडी सिस्टाइटिस – Foreign body Cystitis in Hindi

अस्पताल में लगातार कैथेटर का इस्तेमाल (एक तरह का ट्यूब जो यूरिन को ब्लैडर से बाहर लाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है) से बैक्टीरिया से संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है,आपके यूरिनरी ट्रैक्ट के टिश्यू डैमेज हो सकते है। बैक्टीरिया और खराब हुए टिश्यू दोनों की वजह से यूरिनरी ट्रैक्ट में संक्रमण हो सकता है और सूजन भी आ सकती है।

(और पढ़े – वैजिनाइटिस (योनिशोथ या योनि में सूजन) के कारण लक्षण और बचाव…)

दवा प्रेरित सिस्टाइटिस – Drug induced cystitis in Hindi

कुछ दवाइयों की वजह से ब्लैडर में सूजन उत्पन्न हो सकती है। यह दवाइयां  आपके शरीर से होती हुई अंत में आपके यूरिनरी सिस्टम से बाहर आती हैं जिसकी वजह से दवाइयां शरीर से बाहर निकलते समय आपके ब्लैडर में जलन पैदा कर सकती हैं। कुछ कीमोथेरेपी ड्रग्स जैसे साइक्लोफॉस्फेमाइड  (cyclophosphamide) और इफोसफेमाइड (ifosfamide) की वजह से भी सिस्टाइटिस होने की संभावना हो सकती है।

(और पढ़े – कीमोथेरेपी क्या है फायदे और नुकसान…)

रेडिएशन सिस्टाइटिस – Radiation cystitis in Hindi

रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल कैंसर सेल्स को मारने के लिए और ट्यूमर को छोटा करने के लिए किया जाता है लेकिन यह शरीर के लिए बहुत ज्यादा नुकसानदायक होती है।क्योकि पेल्विक एरिया में रेडिएशन चिकित्सा का उपयोग करने से आपके ब्लैडर में सूजन आ सकती है।

(और पढ़े – महिलाओं में कैंसर के लक्षण…)

हनीमून सिस्टाइटिस – Honeymoon cystitis in Hindi

आजकल महिलओं में हनीमून सिस्टाइटिस की समस्या बहुत देखने को मिल रही है और बहुत सी महिलाये यह जानना चाहती है की यह स्थिति क्या है और कब उत्पन्न होती है। हम आपको बता दें की यह स्थिति नव विवाहित महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती क्योकि यह उन महिलओं के साथ होता है जो बहुत लम्बे समय तक किसी शारीरक सम्बन्ध में ना रही हो या पहली बार सम्बन्ध बना रही हो जिस वजह से इस स्थिति का नाम हनीमून सिस्टाइटिस रखा गया है। यह समस्या महिलओं में आमतौर पर देखी जाती है। यह भी एक तरह का ब्लैडर का संक्रमण है जिसका समय से इलाज करवाकर इससे निजात पाया जा सकता है।

(और पढ़े – पहली बार सेक्स के दौरान लड़कियों को सताता है इन बातों का डर…)

बैक्टीरियल सिस्टाइटिस – Bacterial cystitis in Hindi

बैक्टीरियल सिस्टाइटिस तब उत्पन्न होता है जब ब्लैडर या यूरेथरा में बैक्टीरिया प्रवेश कर जाते हैं और संक्रमण पैदा कर देते हैं। जब शरीर में सामान्य रूप से बढ़ने वाले बैक्टीरिया असंतुलित हो जाते है तब भी संक्रमण की स्थिति पैदा हो सकती है। ब्लैडर इन्फेक्शन का इलाज करना जरूरी है क्योंकि यदि यह संक्रमण आपकी किडनी तक पहुंच गया तो स्थिति और भी घातक हो सकती है।

कभी-कभी सिस्टाइटिस अन्य चिकित्सा स्थितियों के लक्षण के रूप में भी हो सकता है जैसे-

(और पढ़े – महिलाओं में एचआईवी एड्स के लक्षण…)

सिस्टाइटिस के लक्षण – Cystitis ke lakshan in Hindi

अगर आपको सिस्टाइटिस है तो आपको इन लक्षणों पर ध्यान देने की जरूरत है जैसे-

छोटे बच्चों में दिन के समय में कपड़े गीला कर लेना भी सिस्टाइटिस का एक संकेत हो सकता है, लेकिन रात के समय में बिस्तर का गीला होना इसका लक्षण नहीं है इसलिए बच्चों का किसी भी तरह का इलाज करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरुर लें।

(और पढ़े – पेशाब में जलन और दर्द (डिस्यूरिया) के कारण, लक्षण और उपचार…)

सिस्टाइटिस होने के कारण – Cystitis hone ke karan in Hindi

  1. भरे हुए ब्लेडर की वजह से सिस्टाइटिस होना – Full bladder causing Cystitis in Hindi
  2. म्यूकस में कमी होने के कारण सिस्टाइटिस होना – Lack of mucus can cause Cystitis in Hindi
  3. जन्म नियंत्रण के लिए डायाफ्राम के उपयोग से सिस्टाइटिस होना – Use of diaphragm for birth control cause Cystitis in Hindi
  4. बार-बार या बहुत तीव्रता से सेक्स से सिस्टाइटिस होना – Frequent and vigorous sex causing Cystitis in Hindi
  5. यूरिनरी कैथेटर का लगातार इस्तेमाल है सिस्टाइटिस का कारण – Urinary catheter causing cystitis in Hindi
  6. सेक्सुअल एक्टिविटी से हो सकता है सिस्टाइटिस – Sexual activity causing Cystitis in Hindi
  7. टेम्पोन का इस्तेमाल से ब्लैडर की समस्या – Cystitis due to use of tampon in Hindi
  8. ब्लैडर या किडनी की समस्या से सिस्टाइटिस होना – Bladder or kidney problems causing cystitis in Hindi
  9. एस्ट्रोजन के स्तर में कमी से सिस्टाइटिस होना – Lack of estrogen leads to Cystitis in Hindi
  10. जेंडर भी है सिस्टाइटिस होने का कारण – Gender causes Cystitis in Hindi

सिस्टाइटिस होने के बहुत से कारण हो सकते है। इसमें से ज्यादातर संक्रामक होते है परन्तु ज्यादातर मामलों में यह पहले से हुए किसी संक्रमण की वजह से जल्दी फैलता है। बैक्टीरिया बाहरी जननांगीय संरचनाओं (genitourinary structure) से शरीर में प्रवेश करते है जिससे सिस्टाइटिस होने की संभावना बढ़ जाती है जो एक मुख्य कारण भी हो सकता है। सिस्टाइटिस के और भी कई कारण है जैसे-

भरे हुए ब्लेडर की वजह से सिस्टाइटिस होना – Full bladder causing Cystitis in Hindi

अगर ब्लैडर पूरी तरह से खाली नहीं है तो यह बैक्टीरिया के लिए पनपने का वातावरण बना सकता है। यह स्थिति उन गर्भवती महिलाओं और पुरुषों में आम है जिनके प्रोस्टेट बढ़े हुए होते हैं।

(और पढ़े – प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण, कारण, जांच, इलाज और बचाव…)

म्यूकस में कमी होने के कारण सिस्टाइटिस होना – Lack of mucus can cause Cystitis in Hindi

रजोनिवृत्ति (menopause) की स्थिति उत्पन्न होने पर महिलाओं के वेजाइनल एरिया में म्यूकस कम उत्पन्न होता है, आमतौर पर यह म्युकस सुरक्षा की परत बना कर बैक्टीरिया से बचाव करती है जिसकी कमी की वजह से संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है।

(और पढ़े – योनि में सूखेपन का कारण और दूर करने के घरेलू उपाय…)

जन्म नियंत्रण के लिए डायाफ्राम के उपयोग से सिस्टाइटिस होना – Use of diaphragm for birth control cause Cystitis in Hindi

जो महिलाये ज्यादा सेक्सुअली एक्टिव होती है और डायाफ्राम का उपयोग नहीं करती है उनके मुकाबले सिस्टाइटिस होने की अधिकतम संभावना उन महिलाओं में ज्यादा होती है जो शुक्राणुनाशकों (spermicides) के साथ डायाफ्राम का इस्तेमाल करती है।

(और पढ़े – डायाफ्राम क्या है, कार्य, उपयोग और सावधानियां…)

बार-बार या बहुत तीव्रता से सेक्स से सिस्टाइटिस होना – Frequent and vigorous sex causing Cystitis in Hindi

बार-बार या तेजी से सेक्स करने की वजह से भी शरीर में चोट लग सकती है जिसके कारण सिस्टाइटिस की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

(और पढ़े – फर्स्ट टाइम सेक्स टिप्स महिला और पुरुष दोनों के लिए…)

यूरिनरी कैथेटर का लगातार इस्तेमाल है सिस्टाइटिस का कारण – Urinary catheter causing cystitis in Hindi

अस्पताल में यूरिनरी कैथेटर का लगातार इस्तेमाल जैसे कि इसे अंदर डालना बदलना आदि से भी बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक्ट तक पहुंच सकते हैं जिससे सिस्टाइटिस की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

(और पढ़े – मूत्राशय में संक्रमण के कारण, लक्षण और बचाव…)

सेक्सुअल एक्टिविटी से हो सकता है सिस्टाइटिस – Sexual activity causing Cystitis in Hindi

सेक्शुअली एक्टिव महिलाओं में सिस्टाइटिस होने का खतरा बहुत ज्यादा होता है क्योंकि यह बैक्टीरिया उनके मूत्रमार्ग से प्रवेश करके संक्रमण पैदा कर सकता है।

(और पढ़े – महिलाओं की सेक्‍सुअलिटी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य…)

टेम्पोन का इस्तेमाल से ब्लैडर की समस्या – Cystitis due to use of tampon in Hindi

टेम्पोन का ज्यादा इस्तेमाल करने से बैक्टीरिया की युरेथरा से शरीर में जाने की अधिक संभावना होती है जिससे संक्रमण का खतरा हो सकता है।

(और पढ़े – टैम्पोन का उपयोग कैसे करें फायदे और नुकसान…)

ब्लैडर या किडनी की समस्या से सिस्टाइटिस होना – Bladder or kidney problems causing cystitis in Hindi

ब्लैडर में कोई चिकित्सीय समस्या या फिर किडनी की बीमारी के कारण भी सिस्टाइटिस हो सकता है।

(और पढ़े – किडनी रोग क्या है कारण, लक्षण, जांच, इलाज और रोकथाम…)

एस्ट्रोजन के स्तर में कमी से सिस्टाइटिस होना – Lack of estrogen leads to Cystitis in Hindi

मीनोपॉज के समय महिलाओं में एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट आती है और यूरेथरा की लाइनिंग पतली होने लगती है। जिससे संक्रमण और क्षति होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है।

(और पढ़े – एस्ट्रोजन हार्मोन की महिलाओं के शरीर में भूमिका…)

जेंडर भी है सिस्टाइटिस होने का कारण – Gender causes Cystitis in Hindi

पुरुषों की तुलना में महिलाओं की यूरेथरा ओपनिंग ऐनस के करीब होती है। इसीलिए बैक्टीरिया के आंतों से निकलकर यूरेथरा में पहुंचने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है।

(और पढ़े – महिलाओं की यौन स्वास्थ्य समस्याएं और समाधान…)

सिस्टाइटिस की जांच – Cystitis ki janch in Hindi

  1. सिस्टोस्कोपी से सिस्टाइटिस की जांच – Cystoscopy se Cystitis ki janch in Hindi
  2. इमेजिंग टेस्ट द्वारा सिस्टाइटिस की जांच – Imaging test dwara Cystitis ki janch in Hindi

सिस्टाइटिस की जांच करने के कई तरीके हैं जिनसे आप इस बीमारी का पता लगा सकते है और समय रहते इलाज करवा सकते है। कुछ जांचो की सूचि नीचे दी गयी है-

सिस्टोस्कोपी से सिस्टाइटिस की जांच – Cystoscopy se Cystitis ki janch in Hindi

सिस्टोस्कोपी तकनीक में डॉक्टर आपके ब्लैडर में एक पतली ट्यूब डालता है जिसमें एक कैमरा और लाइट लगा हुआ होता है। अगर आवश्यक हो तो सिस्टोस्कोपी का इस्तेमाल आपके ब्लैडर के टिश्यू की बायोप्सी करने में भी कर सकते हैं। बायोप्सी में आपके टिश्यू का छोटा से सेम्प्ल लिया जाता है जिसका इस्तेमाल आगे के परिक्षण के लिए  किया जाता हैं।

(और पढ़े – बायोप्सी कराने का उद्देश्य, तरीका, फायदे और नुकसान…)

इमेजिंग टेस्ट द्वारा सिस्टाइटिस की जांच – Imaging test dwara Cystitis ki janch in Hindi

ज्यादातर मामलों में इमेजिंग टेस्ट की जरूरत नहीं पड़ती है लेकिन यह सिस्टाइटिस की स्थिति को जांचने में मदद कर सकती हैं। एक्स रे या अल्ट्रासाउंड के द्वारा सिस्टाइटिस के अन्य कारणों जैसे संरचनात्मक टिश्यू  (structural tissue) या ट्यूमर की जांच की जा सकती है।

(और पढ़े – अल्ट्रासाउंड क्या है और सोनोग्राफी की जानकारी…)

सिस्टाइटिस का इलाज – Cystitis ka ilaj in Hindi

  1. सिस्टाइटिस के लिए दवाइयां – Medications to cure Cystitis in Hindi
  2. सर्जरी से सिस्टाइटिस में राहत पायें – Surgeries for getting relief in Cystitis in Hindi

सिस्टाइटिस की स्थिति जांचने के बाद आप इसका इलाज कई तरह के  उपचारों से करवा सकते हैं, जिनकी सूचि नीचे दी गयी है-

सिस्टाइटिस के लिए दवाइयां – Medications to cure Cystitis in Hindi

सिस्टाइटिस के इलाज में एंटीबायोटिक्स की मदद ली जा सकती है। इंटरस्टीशिअल सिस्टाइटिस में भी दवाईयां ली जा सकती हैं परन्तु यह इसके कारणों पर निर्भर करता है की किस तरह की दवाईया लेना चाहिए इस स्थिति में उसी हिस्साब से इसका इलाज संभव है।

सर्जरी से सिस्टाइटिस में राहत पायें – Surgeries for getting relief in Cystitis in Hindi

सर्जरी से सिस्टाइटिस का इलाज किया जा सकता है लेकिनं इसकी प्राथमिकता डॉक्टरों के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं होती है। यह ज्यादातर क्रोनिक स्थितियों में की जाती है और कुछ मामलों में सर्जेरी से स्ट्रक्चरल टिश्यू को रिपेयर करने में मदद मिलती है।

(और पढ़े – क्रोहन (क्रोन) रोग क्या है, कारण, लक्षण, जांच, उपचार, रोकथाम और आहार…)

घरेलू उपाय से सिस्टाइटिस का इलाज – Home remedies treating Cystitis in Hindi

घरेलू उपाय सिस्टाइटिस में काफी आराम दिला सकती है। कुछ उपाय इस प्रकार हैं-

  • क्रैनबेरी का जूस पीना चाहियें
  • बहुत ज्यादा तरल पेय पीना चाहियें
  • कोई भी ऐसा खाना खाने से बचें जो सिस्टाइटिस के लक्षणों को बढ़ावा दे
  • हीटिंग पैड्स को पेट य पीठ पर लगाना
  • ओवर द काउंटर मेडिसिन लेना जैसे की इबूप्रोफिन (ibuprofen) और एसेटामिनोफेन (acetaminophen)
  • भारी काम करने के बाद आराम करें
  • सूती कपड़े की अंडर गारमेंट्स पहनें
  • बाथरूम जाते वक्त अपना ब्लैडर पूरी तरह खाली करें

(और पढ़े – संतुलित आहार के लिए जरूरी तत्व , जिसे अपनाकर आप रोंगों से बच पाएंगे…)

सिस्टाइटिस से बचाव – Cystitis se bachav in Hindi

सिस्टाइटिस की रोकथाम के लिए आप कुछ आसान तरीके अपना सकते हैं जैसे-

  • स्पर्मिसाइड और डाईफ्रॉम का इस्तेमाल ना करें
  • सेक्स करने के दौरान एक अच्छा लुब्रिकेंट यूज़ करें
  • भरपूर मात्रा में पानी पियें
  • अपने जननांग या जेनिटल एरिया में साबुन या परफ्यूम वाले उत्पाद का इस्तेमाल ना  करें
  • बार-बार बाथरूम जाएं और अपने ब्लेडर को खाली करें, पेशाब को रोके नहीं
  • ऐनल सेक्स करते समय हमेशा कंडोम का यूज़ करें और वजाइनल सेक्स के समय इसे हटा दें ताकि बैक्टीरिया ऐनस से आपकी वजाइना में ना पहुँच  सके
  • सेक्स करने के बाद तुरंत बाथरूम करने जाएं
  • टाइट फिटिंग के कपड़े ना पहनें

इन सभी बातों का ध्यान रखकर आप अपनी सेहत का ख्याल रख सकते हैं। जेनिटल एरिया में हो रही किसी भी परेशानी को नज़रंदाज़ ना करें और तुरन्त डॉक्टर से सलाह लेकर उसका इलाज करवाएं।

(और पढ़े – ज्यादा देर तक पेशाब रोकने से हो सकते है ये नुकसान…)

Diksha

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