जड़ीबूटी

गिलोय के फायदे, स्वास्थ्य लाभ और औषधीय गुण – Benefits Of Giloy And Medicinal Properties In Hindi

Giloy Ke Fayde: गिलोय जिसे वनस्पतिक भाषा में Tinospora cordifolia के नाम से जाना जाता है एक बहुत ही महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक हर्ब है। आयुर्वेद के अनुसार अधिकांश मनुष्य वात विकारों से पीड़ित होते हैं और गिलोय के फायदे में गिलोय के रस और पत्तियों में वात विकारों को दूर करने की गुणकारी औषधि होती है। इसको कई नामों से जाना जाता है जैसे अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी, आदि।

गिलोय के फायदे और नुकसान जान कर आप हैरान रह जाएगें। क्‍योंकि साधारण सी दिखने वाली गिलोय में आयुर्वेदिक औषधीय गुण होते हैं। यही कारण है कि आयुर्वेद का ज्ञान रखने वाले लोग गिलोय का उपयोग विभिन्‍न प्रकार के रोगों के लिए करते हैं।

जड़ी बूटी होने के नाते गिलोय के फायदे मधुमेह को नियंत्रित करने, पाचन को सुधारने, अस्‍थमा का इलाज करने, गठिया का उपचार करने, आंखों को स्‍वस्‍थ्‍य रखने और कैंसर के लक्षणों को कम करने के लिए होते हैं। आज इस आर्टिकल में आप लगभग लुप्‍तप्राय जड़ी बूटी गिलोय के फायदे और नुकसान जानेगें। आइए जाने गिलोय के बारे में।

गिलोय की पत्त‍ियों में कैल्शि‍यम, प्रोटीन, फॉस्फोरस अच्छी मात्रा में पाया जाता है और इसके तनों में स्टार्च की भी काफी मात्रा में होता है। नीम के पेड़ पर गिलोय की बेल को चढ़ा देने से इसके गुणों में अधिक बढ़ोतरी हो जाती है।

विषय सूची

गिलोय क्या है – Giloy kya hai in Hindi

गिलोय औषधीय गुणों से भरपूर एक जड़ी बूटी है जिसका आयुर्वेद में व्‍यापक उपयोग किया जाता है। कुछ लोग गिलोय को गुडूची के नाम से भी जानते हैं। गिलोय का वैज्ञानिक नाम टीनोस्‍पोरा कोर्डिफ़ोलिया (Tinospora Cordifolia) है। इस औषधी का उपयोग किसी भी उम्र के महिला पुरुषों के लिए किया जा सकता है।

यह एक प्रकार की वेल होती है जो दूसरे पेड़ों की सहायता से ऊपर की तरफ बढ़ती है। इस वेल के सभी हिस्‍सों का औषधीय उपयोग किया जा सकता है। लेकिन इसके तने और जड़ का विशेष उपयोग है। गिलोय का उपयोग इसके रस, पेस्‍ट और कैप्‍सूल आदि के रूप में किया जाता है। आइऐ जाने गिलोय पौधे के बारे में।

गिलोय का पौधा – Giloy plant in Hindi

जड़ी बूटी के रूप में उपयोग की जाने वाली गिलोय का पौधा एक पर्णपाती बेल की तरह झाड़ी होती है। इसकी शाखाएं बहुत ही फैली हुई होती हैं। इस पौधे के डंठल लगभग 15 सेंटी मीटर तक लंबे होते हैं जिनमें पत्तियां होती हैं। गिलोय की पत्तियां अंडाकार या पानी की आकृति की होती है जो लगभग 8 से 15 सेंटीमीटर लंबी होती है।

गिलोय का पत्‍ता जालीदार होता है जिसका रंग नीचे तरफ सफेद होता है। इस पौधे के फूल छोटे और हल्‍के पीले हरे रंग के होते हैं। नर फूल गुच्‍छेदार होते हैं जबकि मादा फूल आमतौर पर अकेले होते हैं। आइए जाने गिलोय के औषधीय गुण और पोषक तत्‍व क्‍या हैं।

गिलोय के औषधीय गुण – Giloy ke aushadhiya gun in Hindi

पोषक तत्‍वों और गिलोय के औषधीय गुणों के कारण ही इसे विशेष जड़ी बूटी माना जाता है। गिलोय जड़ी बूटी में एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटी-आर्थ्रिटिक, एंटी-एलर्जी, मलेरिया-रोधी, एंटी-डायिबिटिक, और एंटी-इंपोटेंसी गुण होते हैं। अध्‍ययनों से पता चलता है कि गिलोय में एंटीऑक्‍सीडेंटों की भी उच्‍च मात्रा होती है।

इन सभी गिलोय के औषधीय गुणों कारण इसका विभिन्‍न प्रकार की दवाओं में व्‍यापक उपयोग किया जा रहा है। आइए जाने गिलोय के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ क्‍या हैं।

गिलोय की तासीर – Giloy ki taseer in Hindi

आयुर्वेदिक औषधी के रूप में गिलोय की जड़, तने और पत्‍ते का उपयोग किया जाता है। आयुर्वेदिक उपचार के रूप में इन्‍हें कच्‍चे ही या इनका रस निकालकर उपयोग किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार गिलोय की तासीर गर्म होती है। इसका अपना एक विशेष कड़वा स्‍वाद होता है जिसका कारण इसमें मौजूद पोषक तत्‍व और औषधीय गुण हैं।

गिलोय के फायदे – Benefits of Giloy in Hindi

गिलोय की बेल को टुकड़े-टुकड़े करके, उनका रस निकालकर इस्तेमाल किया जाता है। इसका रस कड़वा और कसैला होता है। गिलोय का पौधा अपने गुणों के कारण वात, पित्त और कफ से जुड़ी विभिन्न बीमारियों को ठीक करती है। गिलोय के स्वास्थ्य लाभ – बुखार, बवासीर, खांसी, हिचकी रोकना, मूत्रअवरोधक, पीलिया, एसिडिटी, आँखों के रोग, शुगर की बीमारी, आदि के नियंत्रण में रखने और रक्त विकारों को ठीक करने के लिए गिलोय का सेवन किया जा सकता है।

इसके रस को कई रोग जैसे पीलिया, गठिया, कब्ज, डेंगू, बुखार, पेट सम्बन्धी रोग, मूत्ररोग, त्वचा सम्बन्धी रोग आदि के लिए इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद में गिलोय का प्रयोग सांस संबंधी रोग जैसे दमा और खांसी को ठीक करने में विशेष रूप से किया जाता है। रक्तवर्द्धक होने के कारण यह खून की कमी यानी एनीमिया में बहुत लाभ पहुंचाती है।

आयुर्वेदिक चिकित्‍सा में गिलोय या गुडूची (Guduchi) को अमृत के समान माना गया है। गिलोय का संस्‍कृत नाम अमृतवल्‍ली है। जिसका उल्‍लेख प्राचीन स्‍वास्‍थ्‍य साहित्‍यों में मिलता है। वैज्ञानिक भी गिलोय के आयुर्वेदिक लाभों की पुष्टि करते हैं। सामान्‍य रूप से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का सबसे अच्‍छा विकल्‍प है। यदि सही मात्रा और पूरी जानकारी के साथ इस जड़ी बूटी का सेवन कई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं से हमें बचा सकती है।

खांसी के इलाज के लिए गिलोय – khasi ke ilaj ke liye giloy in hindi

बहुत पुरानी खांसी के इलाज के लिए गिलोय के रस का सेवन किया जाता है। दो चम्मच गिलोय का रस हर रोज सुबह लेने से खांसी से काफी राहत मिलती है। यह उपाय तब तक आजमाए जब तक खांसी पूरी तरह ठीक ना हो जाए।

गिलोय के लाभ पाचन के लिए – Giloy ke labh pachan ke liye in Hindi

कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं का सीधा असर आपके पाचन तंत्र पर पड़ता है। लेकिन इस प्रकार के लक्षणों को कम करने के लिए गिलोय का उपयोग प्रभावी माना जाता है। जिससे आपके पाचन तंत्र को स्‍वस्‍थ्‍य रखने में मदद मिलती है। यदि आपका पाचन तंत्र कमजोर है या क्षतिग्रस्‍त है ऐसी स्थिति में घरेलू उपचार के लिए गिलोय प्रभावी होता है।

इसके लिए आप गिलोय पाउडर का उपयोग कर सकते हैं। आप आधा ग्राम गिलोय पाउडर और आंवले के पाउडर का कुछ दिनों तक नियमित सेवन करें। जल्‍दी राहत पाने के लिए आप छाछ या मठ्ठा के साथ गिलोय रस का भी सेवन कर सकते हैं। यह आपके मानसिक तनाव को कम कर अपच को रोकने में मदद करता है।

गिलोय के फायदे बुखार करे ठीक – Benefits of Giloy for Fever in Hindi

गिलोय में antipyretic गुण पाए जाते हैं इसलिए इस हर्ब को बुखार कम करने वाली आयुर्वेदिक दवाइयों में इस्तेमाल किया जाता है। गिलोय को शहद के साथ लेने से मलेरिया का बुखार भी दूर हो जाता है|
आजकल चिकनगुनिया जैसे वायरल बुखार के ठीक होने के बाद भी मरीज महीनों तक जोड़ों के दर्द से परेशान रहते है इस स्थिति में गिलोय की पत्तियों से बना काढ़ा लाभ करता है। इसमें 10-20 मि.ली. अरंडी के तेल को मिलाकर पीने से और भी लाभ मिलता है।

(और पढ़े – बुखार कम करने के घरेलू उपाय)

गिलोय का उपयोग बवासीर का इलाज करे – Giloy ka upyog bawasir ka ilaj kare in Hindi

गिलोय के लाभ पाचन समस्‍या को दूर करने के साथ ही बवासीर का इलाज करने में भी होते हैं। अध्‍ययनों से पता चलता है कि गिलोय में बवासीर का इलाज करने के गुण होते हैं। एंटीऑक्‍सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर गिलोय बवासीर की सूजन और दर्द से भी राहत दिला सकते हैं। इसके लिए गिलोय के रस का नियमित सेवन करना लाभकारी होता है।

(और पढ़े – बवासीर (हेमोरॉहाइड्स) क्या है: कारण, लक्षण, निदान, इलाज, रोकथाम और घरेलू उपचार)

गिलोय का इस्तेमाल इम्युनिटी बढ़ाये – Giloy ka istemal immunity badhaye in Hindi

कई प्रकार के फंगल संक्रमण और सामान्‍य बीमारियों का कारण कमजोर प्रतिरक्षा शक्ति है। जिन लोगों की इम्‍यूनिटी पावर कम होती है वे आसानी से सर्दी, जुकाम और अन्‍य समस्‍याओं के शिकार हो जाते हैं। लेकिन गिलोय का इस्‍तेमाल आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट आपके स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने में सहायक होते हैं।

यह शरीर में मौजूद हानिकारक जीवाणुओं से लड़ते हैं और फ्री रेडिक्‍ल्‍स के प्रभाव से बचाते हैं। इस तरह से मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए गिलोय एक अच्‍छा विकल्‍प हो सकता है। आप भी गिलोय का इस्‍तेमाल कर इस प्रकार की समस्‍या से बच सकते हैं।

इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं सर्दी जुकाम, बुखार आदि में एक अंगुल मोटी व 4 से 6 इंच लम्बी गिलोय का तना लेकर 400 मि.ली पानी में उबालें, 100 मिली रहने पर पिएं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून-सिस्टम) को मजबूत करती है बुजुर्ग व्यक्तियों में कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता होने की वजह से बार-बार होने वाली सर्दी-जुकाम, बुखार आदि को ठीक करता है।

(और पढ़े – रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय)

गिलोय के फायदे मधुमेह को रोके – Giloy ke fayde diabetes ke liye in Hindi

डायिबिटीज भारत जैसे देशों में एक आम समस्‍या बन चुकी है। लेकिन गिलोय के फायदे मधुमेह को रोकने में सहायक होते हैं। गिलोय में हाइपोग्‍लाइकेमिक (hypoglycaemic) गुण होते हैं जो रक्‍त शर्करा के स्‍तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसलिए यह जड़ी बूटी मधुमेह रोगीयों के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है।

गिलोय विशेष रूप से मधुमेह प्रकार 2 का प्रभावी इलाज कर सकता है। मधुमेह रोगी अपने रक्‍त शर्करा के स्‍तर को कम करने के लिए गिलोय जूस का सेवन कर सकते हैं। यदि आप भी मधुमेह रोगी हैं तो गिलोय के फायदे आपके लिए हो सकते हैं।

(और पढ़े – शुगर ,मधुमेह लक्षण, कारण, निदान और बचाव के उपाय)

गिलोय का रस तनाव कम करे –
Giloy ka ras tanav kam kare in Hindi

अध्‍ययनों से पता चलता है कि तनाव कई बीमारियों का प्रमुख कारण होता है। तनाव न केवल व्‍यक्तिगत जीवन को प्रभावित करता है बल्कि स्‍वास्‍थ्‍य के लिए भी हानिकारक है। यदि आप तनाव से छुटकारा चाहते हैं तो गिलोय जूस का उपयोग कर सकते हैं। गिलोय के रस में एडाप्‍टोजेनिक (adaptogenic) गुण होते हैं। जिसके कारण यह मानिसक तनाव और चिंता आदि को कम करने में मदद करता है।

नियमित रूप से गिलोय रस का सेवन शरीर से विषाक्‍त पदार्थों को बाहर करने में सहायक होता है। इसके अलावा मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने के लिए भी गिलोय को अन्‍य जड़ी बूटीयों के साथ उपयोग किया जाता है। यदि आप तनाव और अवसाद जैसी समस्‍या से ग्रसित हैं तो गिलोय के लाभ प्राप्‍त कर सकते हैं।

(और पढ़े – मानसिक तनाव दूर करने के घरेलू उपाय)

गिलोय का प्रयोग अस्‍थमा के लिए – Giloy ka ka prayog asthma ke liye in Hindi

एक प्रकार सांस संबंधी गंभीर समस्‍या जिसे अस्‍थमा के नाम से जाना जाता है। अस्‍थमा के कारण सीने में जकड़न, सांस लेने में दिक्‍कत, खांसी, आवाज में घरघराहट आदि की समस्‍या हो सकती है। अस्‍थमा जैसी गंभीर समस्‍या के लिए गिलोय का प्रयोग फायदेमंद होता है।

इस बीमारी को दूर करने के लिए गिलोय की जड़ को चबाने या इस जड़ का रस पीने के फायदा होता है। यदि आपके आसपास कोई दमा रोगी है तो आप उसे गिलोय का उपयोग करने की सलाह दे सकते हैं।

(और पढ़े – अस्थमा (दमा) के कारण, लक्षण, उपचार एवं बचाव)

गिलोय का सेवन युवा त्वचा के लिए – Benefits of Guduchi for Skin in Hindi

गिलोय में एंटी ageing, एंटीऑक्सीडेंट, और दुसरे skin friendly गुण पाए जाते हैं जो की आपको असमय बुढ़ापे से बचाते हैं और आपकी त्वचा को लम्बे समय तक जवान और सुन्दर बनाये रखने में मदद करते हैं| इसलिए गिलोय उम्र बढ़ने के लक्षणों के इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। चेहरे पर झाइयाँ, मुंहासे, pimples, झुर्रियां,काले धब्बे, एक्जिमा आदि गिलोय के रस को लगाने से सब त्वचा रोग ठीक हो जाते हैं।

गिलोय के औषधीय उपयोग आंखों के लिए – Giloy ke aushadhiya upyog aankho ke liye in Hindi

प्राचीन काल से ही भारत के निवासी आयुर्वेदिक औषधीयों का व्‍यापक उपयोग कर रहे हैं। कुछ हिस्‍सों में आंखों के देखने की क्षमता को बढ़ाने के लिए भी गिलोय का उपयोग किया जा रहा है। इसके लिए गिलोय के रस को आंखों पर लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि गिलोय का रस दृष्टि स्‍पष्‍टता को बढ़ाने में सहायक होता है।

इसके लिए आप गिलोय पाउडर को पानी में उबालें और इसे ठंडा होने दें। ठंडा होने के बाद इस काढ़े को आंखों की पलकों के ऊपर लगाएं। गिलोय के औषधीय गुण देखने की क्षमता में वृद्धि कर सकते हैं।

(और पढ़े: आँखे खराब कर सकती हैं ये 5 गलतियां )

गिलोय का सेवन गठिया का इलाज करे – Giloy ka ka sevan gathiya ka ilaj kare in Hindi

गंभीर बीमारी के रूप में गठिया को जाना जाता है जिसमें शरीर के जोड़ वाले हिस्‍सों में दर्द और सूजन होती है। यह बहुत ही कष्‍टदायक रोग है जिसका प्रभावी इलाज गिलोय से किया जा सकता है। गिलोय में एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटी आर्थ्रिटिक गुण होते हैं। इन गुणों के कारण गिलोय का उपयोग गठिया के लक्षणों को कम कर सकता है।

गठिया के दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप गिलोय के तने को सुखा कर पाउडर बना लें। इसके बाद इस पाउडर को दूध के साथ उबालकर सेवन करें। यह गठिया के इलाज में अहम योगदान देता है। इस तरह से आप भी गिलोय का सेवन कर गठिया का उपचार कर सकते हैं।

गिलोय के फायदे यौन स्‍वास्‍थ्‍य के लिए – Giloy ke fayde sexual health ke liye in Hindi

आयुर्वेद के अनुसार गिलोय का उपयोग सेक्‍स लाइफ को बेहतर बना सकता है। गिलोय में ऐसे गुण होते हैं जो शारीरिक कमजोरियों को दूर कर सकते हैं। इसके अलावा गिलोय के लाभ कामेच्‍छा को बढ़ाने और यौन संबंधों को सुधारने में सहायक होते हैं। अध्‍ययनों से स्‍पष्‍ट होता है कि गिलोय का नियमित सेवन कर यौन कमजोरी को दूर किया जा सकता है।

(और पढ़े – यौन शक्ति बढ़ाने के लिए प्राक्रतिक जड़ी बूटी)

गिलोय की बेल सूजन का इलाज करे – Giloy ki bel sujan ka ilaj kare in Hindi

एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होने के कारण गिलोय के लाभ सूजन से छुटकारा दिला सकते हैं। य‍ही कारण है कि गठिया रोगी के लिए यह दवा बहुत प्रभावी होती है। इसके अलावा आप सामान्‍य चोट आदि की सूजन का इलाज भी गिलोय से कर सकते हैं। इसके लिए आप गिलोय उत्पादों का सेवन कर सकते हैं या फिर गिलोय पाउडर के लेप को प्रभावित क्षेत्र में लगा सकते हैं।

(और पढ़े – सूजन के कारण, लक्षण और कम करने के घरेलू उपाय)

गिलोय के अन्य स्वास्थ्य लाभ – Other health benefits of Giloy in hindi

  • स्वास्थ लाभ में गिलोय के रस से शरीर में रक्त बढ़ता है। रक्ताल्पता (एनीमिया) के रोगी को गिलोय के रस का सेवन करने से बहुत लाभ होता है।
  • गिलोय के रस का सेवन करने से हृदय की निर्बलता ठीक होती है। गिलोय के फायदे द्वारा हृदय को शक्ति मिलने से दिल की कई बीमारियाँ दूर रहती है।
  • सभी तरह के बुखारो को ठीक करने के लिए गिलोय का रस अत्यंत गुणकारी औषधि है।
  • पीलिया रोग में गिलोय की पत्तियों का पाउडर शहद के साथ लेने से लाभ होता है इसके अतिरिक्त इसकी पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीने से भी पीलिया की बीमारी में मरीज को फायदा होता है |
  • हाथ पैरो या हथेलियों में जलन होने पर इसकी पत्तियों को पीसकर सुबह-शाम पैरों पर और हथेलियों पर लगाएं जलन ठीक हो जाएगी।
  • पथरी के ऑपरेशन के बाद गिलोय का रस के सेवन से बहुत लाभ होता है। इसके सेवन से दुबारा पथरी होने की संभावना नहीं होती है।
  • स्त्रियों के रक्त प्रदर रोग में गिलोय के रस का सेवन करने से बहुत लाभ होता है।
  • गिलोय के रस में बाकुची का चूर्ण मिलाकर लेप करने से शीतपित्त (Urticaria/अर्टिकरिया) की बीमारी में बहुत लाभ होता है। इस बीमारी में त्वचा पर लाल चकत्ते उभर आते है।
  • छाछ के साथ एक चम्मच गिलोय की पत्तियों का पाउडर लेने से बवासीर रोगी को बहुत लाभ होता है और पाईल्स की बीमारी से जल्द ही मुक्ति मिलती है।
  • गिलोय के पतों के रस में हल्दी मिलाकर शरीर पर लेप करने से खुजली ठीक होती है और गिलोय के फायदे से त्वचा भी चमक उठती है।
  • गिलोय और शतावरी का रस बराबर मात्रा में लेकर उसमें गुड़ मिलाकर पीने से ठंड का बुखार ठीक होता है।
  • खून की खराबी होने पर गिलोय को पानी में उबालकर क्वाथ (काढ़ा) बनाएं। इस क्वाथ को छानकर शहद और मिश्री मिलाकर सुबह-शाम पीने से खून साफ़ होता है।
  • गिलोय के फायदे में गिलोय के रस का सेवन करने से सभी तरह के प्रमेह विकार (वीर्य विकार) ठीक होते हैं।
  • गिलोय का इस्‍तेमाल बुखार को ठीक करने के लिए किया जाता है। बुखार होने के दौरान गिलोय के काढ़े को खाली पेट घी के साथ सेवन करना चाहिए।
  • नियमित रूप से गिलोय का सेवन स्‍खलन के समय को बढ़ा सकता है। इस तरह से गिलोय शीघ्रपतन आदि समस्‍याओं के सबसे अच्‍छे उपचारों में से एक है।
  • स्‍तनपानी कराने वाली महिलाओं की दूध उत्‍पादन क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
  • पेट से संबंधित समस्‍याओं जैसे कब्‍ज, अपच, पेट दर्द और गैस आदि के लिए गिलोय प्रभावी औषधी है।
  • दिमाग तेज करने और स्‍मणशक्ति को बढ़ाने में गिलोय की सहायता ली जा सकती है।

गिलोय जूस बनाने की विधि – Giloy Juice Recipe in Hindi

आप अपने उचित स्‍वास्‍थ्‍य के लिए गिलोय जूस का सेवन कर सकते हैं। इस जूस को बनाने के लएि आपको केवल गिलोय की बेल (लगभग 8-10 फीट लंबी) की आवश्‍यकता होती है। आप इस बेल को लें और इसे अच्‍छी तरह से साफ कर लें। आप इस बेल की छाल को भी निकाल दें। अब इस बेल को छोटे-छोटे टुकडे कर लें और इन्‍हें अच्‍छी तरह से पीस लें। जब यह अच्‍छा पेस्‍ट बन जाए तो इसे पानी में मिलाकर उबाल लें। इस उबले हुए पानी को पहले ठंडा होने दें और फिर इसके बाद इसे छान कर किसी बर्तन में इक्‍हट्ठा कर लें। आपका औषधीय गिलोय जूस तैयार है।

गिलोय के नुकसान – Giloy ke Nuksan in Hindi

विभिन्‍न प्रकार के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ होने के बाद भी गिलोय के कुछ दुष्‍प्रभाव होते हैं। इसलिए इस औषधी का उपयोग करने से पहले गिलोय के नुकसान जान लेना फायदेमंद होता है। इसके अलावा अधिक मात्रा में इस जड़ी बूटी का सेवन नुकसान दायक हो सकता है।

  • अधिक मात्रा में गिलोय का उपभोग कब्‍ज और पेट की समस्‍याओं को बढ़ा सकता है।
  • स्‍वास्‍थ्‍य वर्धक होने के बाद भी गर्भवती महिलाओं को बिना डॉक्‍टर की अनुमति के गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • मधुमेह संबंधी रोगी को दवाओं के साथ गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए। क्‍योंकि यह शरीर में रक्‍त शर्करा के स्‍तर को बहुत ही कम कर सकता है।

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