पेय

बेल का शरबत के फायदे और नुकसान – Bel ka sharbat ke fayde Aur nuksan in Hindi

बेल का शरबत के फायदे और नुकसान – Bel ka sharbat ke fayde Aur nuksan in Hindi

Bel ka sharbat ke fayde बेल का शरबत पीने से गैस्ट्रिक अल्सर, सुगर, दिल से जुड़ी बीमारी, कोलेस्ट्रॉल और कब्ज की समस्या से निजात मिलती हैं बेल, जिसे बिल्व फल के रूप में भी जाना जाता है, बेल भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण पेड़ है जो ज्यादातर मंदिरों के आसपास लगा मिल जाता है। इस पेड़ के कई औषधीय गुण हैं। बेल फल कठोर, लकड़ी के समान होता है और उसके अंदर मीठा और चिकना गूदा होता है जिसे ताजा खाया या सुखाया जा सकता है। उन्हें शरबत या डेसर्ट में चीनी या गुड़ के साथ मिश्रित किया जाता है। बेल का शरबत पीने के फायदे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बेहद खास होते हैं।

बेल (wood apple) फल एक पवित्र फल के रूप जाना जाता है। बेल एक सामान्‍य सा दिखने वाला फल होता है। इसे रोगों को नष्ट करने की क्षमता के कारण बेल को बिल्व कहा गया है। जिसे अन्‍य नामों जैसे कि जापानी, कड़वा नारंगी, गोल्‍डन सेब, पत्‍थर सेब या लकड़ी सेब के नाम से जाना जाता है।

भारतीय सभ्‍यता में लोग बेल के पेड़ को पवित्र मानते हैं। बेल के फायदे कैंसर, मधुमेह और मोटापा जैसी बीमारियों को दूर करने में होता है। इसमें बहुत सारे पोषक तत्‍व व विटामिन अच्‍छी मात्रा में होते है। बेल के फल को आयुर्वेदिक दवाओं और स्‍वादिष्‍ट खाद्य पदार्थ के रूप में प्रयोग किया जाता है। इस पवित्र बेल के फल में बहुत से औषधीय गुण है। जिनका उपयोग बेल के जूस के रूप में कर सकते हैं। आज इस लेख में आप बेल का शरबत पीने के फायदे और नुकसान संबंधी जानकारी प्राप्‍त करेगें।

विषय सूची

1. बेल क्‍या है – What is Beal in Hindi
2. बेल का शरबत क्या है – What Is Bael Juice in Hindi
3. बेल के शरबत के पोषण संबंधी तथ्य – Nutritional Facts Of Bael Juice in Hindi
4. बेल का शरबत के फायदे – Bel ka juice benefits in Hindi
5. बेल का शरबत बनाने की विधि – Bel ka sharbat recipe in Hindi
6. बेल के शरबत को कैसे स्टोर करें – How To Store Bael Juice in Hindi
7. बेल का शरबत कब पीना चाहिए – Bel ka sharbat kab peena chahiye in Hindi
8. बेल के शरबत के नुकसान – Bel ka sharbat ke Nuksan in Hindi

बेल क्‍या है – What is Beal in Hindi

बेल का बाहरी आवरण बहुत ही कठोर व गोल होता है, इसके पेड़ के सभी भाग औषधीय और आयुर्वेदिक चिकित्‍सा के लिए उपयोग किये जाते है। यह प्रकृति द्वारा दिया गया नयाब उपहार है जो हल्‍के हरे रंग से शुरू होता है और पकने के बाद पीला रंग ले लेता है।इसमें पौष्टिक,मीठा, सुगंधित और रेशेदार गूदा होता है।

(और पढ़ें – बेल के फायदे, गुण और नुकसान)

बेल का शरबत क्या है – What Is Bael Juice in Hindi

बेल का रस एक प्राकृतिक पेय है जिसे बेल फलों के गूदे से निकाला जाता है। जब इसे पके फलों के साथ बनाया जाता है, तो रस एक मीठे स्वाद के साथ गहरे पीले नारंगी रंग का हो जाता है। यह रस अपने अविश्वसनीय शीतलन गुणों के लिए सबसे अच्छा गर्मियों का पेय माना जाता है। इस रस के सेवन का सबसे आम तरीका बेल शरबत के रूप में है।

(और पढ़ें – गर्मियों में आम पन्ना पीने के फायदे और बनाने की विधि)

बेल के शरबत के पोषण संबंधी तथ्य – Nutritional Facts Of Bael Juice in Hindi

बेल के 100 ग्राम गूदे के साथ घर का बना बेल के शरबत में-

  • कुल कैलोरी: 134
  • कुल वसा: 3 ग्राम
  • कुल कार्बोहाइड्रेट: 18 ग्राम
  • प्रोटीन: 7 ग्राम
  • विटामिन सी: 3%
  • कैल्शियम: 13%
  • लोहा: 6%

बेल का शरबत के फायदे – Bel ka juice benefits in Hindi

कई बीमारियों का इलाज करने के लिए बेल का शरबत या बेल का रस एक उत्कृष्ट औषधि है। यह अक्सर चयापचय और पाचन में सुधार करके वजन घटाने में सहायता के लिए उपयोग किया जाता है। फाइबर से भरा हुआ, बिना पके हुए बेल का रस कब्ज का इलाज कर सकता है और सूजन को कम कर सकता है। इस रस की प्राकृतिक मिठास इसे मधुमेह के रोगियों के लिए भी उपयुक्त बनाती है। हालांकि, अनावश्यक जटिलताओं से बचने के लिए इस रस को पीने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।

भारतीय इतिहास में बेल का उपयोग आयुर्वेदि उपचार के लिए सदियों से किया जा रहा है, आइए जाने औषधीय गुणों से भरपूर बेल के शरबत के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ क्‍या हैं।

(और पढ़ें – जल्दी वजन कम करने वाले आहार, फल और सब्जियां)

बेल के शरबत के फायदे दिल के लिए – Bel ka sharbat ke fayde dil ke liye in Hindi

बेल के शरबत के फायदे दिल के लिए – Bel ka sharbat ke fayde dil ke liye in Hindi

हृदय रोगों संबंधी संभावनाओं को कम करने के लिए बेल का शरबत सबसे अच्‍छा उपाय है। आप पके हुए बेल के फल को थोड़े से घी में मिलाएं और इसका सेवन करें। इसके अलावा आप बेल के शरबत में भी घी का सेवन कर सकते हैं। यह मिश्रण दिल से जुड़ी बीमारियों जैसे हार्ट स्‍ट्रोक और अटैक को रोकने के लिए आप अपने दैनिक आहार में इस मिश्रण को शामिल करें। यह आपके शरीर में रक्‍त शर्करा के स्‍तर को 54 प्रतिशत तक कम कर सकता है।

(और पढ़ें – दिल को स्‍वस्‍थ रखने के लिए सर्वश्रेष्‍ठ आहार)

बेल का शरबत फॉर कंट्रोल डायिबिटीज – Bael Juice For Control Diabetes in Hindi

बेल जूस फॉर कंट्रोल डायिबिटीज – Bael Juice For Control Diabetes in Hindi

बेल के शरबत में ऐसे पोषक तत्‍व और खनिज पदार्थ अच्‍छी मात्रा में होते हैं जो रक्‍त शर्करा के स्‍तर को कम कर सकते हैं। मधुमेह की समस्‍या उस दौरान होती है जब हमारे रक्‍त में ग्‍लूकोज या रक्‍त शर्करा का स्‍तर सामान्‍य से अधिक हो जाता है। लेकिन नियमित रूप से बेल के जूस का सेवन करने से अग्न्याशय को उत्तेजित करने में मदद मिलती है। जिससे रक्‍त शर्करा को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन के उत्‍पादन को बढ़ाया जा सकता है। इस तरह से आप मधुमेह के लक्षणों को कम करने के उपाय में बेल के शरबत का उपयोग कर सकते हैं।

(और पढ़ें – शुगर ,मधुमेह लक्षण, कारण, निदान और बचाव के उपाय)

बिल्‍व शरबत के फायदे अल्‍सर के लिए – Bilva Juice Benefits for Gastro protection in Hindi

बेल के जूस का नियमित सेवन आपको पेट के अल्‍सर जैसी समस्‍याओं से राहत दिला सकता है। पेट में अल्‍सर म्‍यूकोसा के स्‍तर में होने वाले असंतुलन या गैस्ट्रिक पथ में ऑक्‍सीडेटिव तनाव के कारण होता है। बेल के शरबत के फायदे इसमें मौजूद फेनोलिक यौगिकों (phenolic compounds) के कारण होते हैं। यह घटक गैस्ट्रिक अल्‍सर को रोकने वाले एंटीऑक्‍सीडेंट भरा होता है। यदि आप भी पेट के अल्‍सर जैसी समस्‍याओं से परेशान हैं तो बेल के शरबत का सेवन कर सकते हैं।

(और पढ़ें – पेप्टिक अल्सर के कारण, लक्षण, इलाज और घरेलू उपचार )

बेल के शरबत के लाभ कोलेस्‍ट्रॉल के लिए – Bel ka sharbat ke labh Cholesterol ke liye in Hindi

बेल के शरबत के लाभ कोलेस्‍ट्रॉल के लिए – Bel ka sharbat ke labh Cholesterol ke liye in Hindi

शरीर में खराब कोलेस्‍ट्रॉल की उच्‍च मात्रा हृदय रोगों और अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं का प्रमुख कारण हो सकती है। लेकिन नियमित रूप से बेल का शरबत पीने से आप कोलेस्‍ट्रॉल के स्‍तर को कम कर सकते हैं। बेल में मौजूद पोषक तत्‍व और खनिज पदार्थ शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स (triglycerides), सीरम और ऊतक लिपिड प्रोफाइल को नियंत्रित करते हैं। यदि आप भी अपने शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल की उच्‍च मात्रा को कम या निय‍ंत्रित करना चाहते हैं तो अपने आहार में बेल और बेल के शरबत को शामिल कर सकते हैं।

(और पढ़ें – हाई कोलेस्ट्रॉल कम करने के घरेलू उपाय)

बेल के शरबत में होते हैं रोगाणुरोधी गुण – Bael Sharbat for Antimicrobial properties in Hindi

औषधीय गुणों से भरपूर बेल के शरबत में रोगाणुरोधी गुण होते हैं। नियमित रूप से बेल के शरबत का सेवन करना आपको फंगल और वायरल संक्रमण के प्रभाव से बचा सकता है। बेल के जूस में क्‍यूमिनलडिहाइड और यूजेनॉल (cuminaldehyde and eugenol) होता है। यदि आप भी इस प्रकार के संक्रमण से प्रभावित हैं तो बेल के जूस का सेवन करें। यह त्‍वचा और कोशिकाओं में होने वाले संक्रामक बैक्‍टीरिया के विकास और फैलने को रोक सकता है।

बेल का शरबत पीने के लाभ सूजन के लिए  – Bel ka sharbat pine ke fayde for swelling in Hindi

बेल का रस पीने के लाभ सूजन के लिए  - Bel ka sharbat pine ke fayde for swelling in Hindi

बेल के फल में प्राकृतिक रूप से एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। जिसके कारण बेल के शरबत पीने का फायदा सूजन संबंधी लक्षणों को दूर करने में मदद करता है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी गुण हिस्‍टामाइन प्रेरित संकुचन को कम करने में सहायक होते हैं। जिसके कारण यह सूजन वाले अंगों को शांत करने और आपको आराम दिलाने में सहायक होता है।

(और पढ़ें – सूजन के कारण, लक्षण और कम करने के घरेलू उपाय)

बेल का शरबत पीने के लाभ कब्‍ज से राहत दिलाए – Bel ka juice benefits for Constipation in Hindi

बेल का शरबत पीने के लाभ कब्‍ज से राहत दिलाए – Bel ka juice benefits for Constipation in Hindi

पाचन संबंधी समस्‍याओं जैसे कब्‍ज और पेट दर्द आदि को ठीक करने के लिए बेल का शरबत सबसे अच्‍छा उपाय है। बेल के शरबत में आंतों और पेट को साफ करने वाले गुण होते हैं। नियमित रूप से 2 से 3 माह तक प्रतिदिन बेल के शरबत का सेवन आपको पुराने से पुराने कब्‍ज से राहत दिला सकता है। बच्‍चों के पेट के दर्द को कम करने के लिए आप बेल के शरबत में चीनी मिलाकर दिन में दो बार सेवन कराएं। आप आंतों में मौजूद विषाक्‍तता को दूर करने के लिए आप बेल के शरबत में कुछ कालीमिर्च और नमक को मिलाकर बने शरबत का भी सेवन कर सकते हैं।

(और पढ़ें – कब्ज में क्या खाएं और क्या ना खाएं)

बेल के शरबत का इस्‍तेमाल दस्‍त के लिए – Beal ke Juice ka Istemal Diarrhoea ke liye in Hindi

बेल के जूस का इस्‍तेमाल दस्‍त के लिए – Beal ke Juice ka Istemal Diarrhoea ke liye in Hindi

 

आयुर्वेद में दस्‍त और पेचिश जैसी समस्‍याओं को दूर करने के लिए बेल के शरबत का सेवन किया जाता है। दस्‍त होने के दौरान शरीर में पानी और आवश्‍यक पोषक तत्‍वों की कमी होना सामान्‍य है। लेकिन दस्‍त के दौरान नियमित रूप से बेल के शरबत का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद होता है। क्‍योंकि यह पानी की कमी को दूर करने के साथ ही आवश्‍यक सभी पोषक तत्‍वों को प्राप्‍त करने में सहायक होता है। दस्‍त और पेचिश का इलाज करने के लिए आप बेल के शरबत को गुड़ या चीनी के साथ सेवन कर सकते हैं।

(और पढ़ें – दस्‍त (डायरिया) के दौरान क्‍या खाएं और क्‍या ना खाएं)

बेल का शरबत का उपयोग शीतलता दिलाये – Bilva Fruits for Cooling effects in Hindi

आप अपने शरीर की थकान को दूर करने और शरीर को आराम दिलाने के लिए बेल के शरबत का सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा बेल का जूस एसिडिटी को ठीक करने में भी सहायक होता है। इसके लिए आप शहद और पके हुए बेल के फल का भी सेवन कर सकते हैं। यदि आप मुंह के छालों से परेशान हैं तब भी बेल का शरबत फायदेमंद होता है। आप बेल के शरबत को अपने मुंह में लें और इसे कुछ देर तक मुंह में घूमाते रहें। अपने कूलिंग इफेक्‍ट्स के कारण बेल का शरबत गर्मी और प्‍यास को भी कम करने में सहायक होता है। इसके लिए आप गर्मीयों के दौरान नियमित रूप से बेल का रस पिएं।

(और पढ़ें – थकान दूर करने के उपाय)

बेल के शरबत के लाभ त्‍वचा चकत्ते दूर करे – Bel ka sharbat ke labh Skin rash dur kare in Hindi

त्‍वचा में मौजूद चकते और खुजली जैसी स्थिति को ठीक करने के लिए बेल का शरबत बहुत ही लाभकारी होता है। इसके लिए आप 30 मिलीलीटर बेल पत्‍ती के (bay leaf) रस के साथ जीरा पाउडर को बेल के शरबत में मिलाएं। इस मिश्रण का नियमित सेवन करने से त्‍वचा के दाने, चकते, खुजली और अन्‍य त्‍वचा समस्‍याओं के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। आप भी त्वचा संक्रमण संबंधी समस्‍याओं से बचने के लिए बेल के शरबत का सेवन कर सकते हैं।

(और पढ़ें – खुजली से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय)

बेल के शरबत का उपयोग मां का दूध बढ़ाये – Bilva Juice for increase Breast milk in Hindi

बेल जूस का उपयोग मां का दूध बढ़ाये – Bilva Juice for increase Breast milk in Hindi

जो महिलाएं स्‍तनपान करा रही हैं उनके लिए बेल के शरबत के लाभ बहुत अधिक होते हैं। इस दौरान बेल के शरबत का नियमित सेवन न केवल महिला बल्कि शिशु के लिए भी होते हैं। क्योंकि बेल का जूस मां के दूध उत्‍पादन की क्षमता को उत्‍तेजित करता है। इस दौरान महिलाओं को बेल के शरबत के साथ सूखे अदरक के पाउडर और गुड़ का सेवन करना चाहिए। यह शिशुओं के लिए अधिक दूध उत्‍पादन करने में मदद करता है।

(और पढ़ें – ब्रेस्ट मिल्क (मां का दूध) बढ़ाने के लिए क्या खाएं)

बिल्‍व शरबत के फायदे खून साफ करे – Bilva Juice for Blood purifier in Hindi

बिल्‍व शरबत के फायदे खून साफ करे – Bilva Juice for Blood purifier in Hindi

शरीर में अधिकांश स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं रक्‍त में मौजूद अ‍शुद्धियों के कारण होती हैं। लेकिन आप अपने रक्‍त शुद्ध करने के लिए नियमित रूप से बेल के शरबत का सेवन कर सकते हैं। क्‍योंकि बेल के जूस में रक्‍त को शुद्ध करने वाले गुण मौजूद होते हैं। ब्‍लड प्‍यूरिफाई करने के लिए आप गर्म पानी में बेल का गूदा मिलाकर शरबत बनाएं और इसमें 2 चम्‍मच शहद मिलाएं। इस मिश्रण का नियमित सेवन कर आप अपने रक्‍त को शुद्ध कर सकते हैं।

(और पढ़ें – खून साफ करने के घरेलू उपाय)

बेल के शरबत के औषधीय गुण बवासीर का इलाज करे – Bael juice for Haemorrhoids in Hindi

औषधीय गुणों से भरपूर बेल में टैनिन की अच्‍छी मात्रा होती है। टैनिन दस्‍त, हैजा, बवासीर और विटिलिगों को ठीक करने के लिए उपयोगी होता है। इसके आवा नि‍यमित रूप से बेल के शरबत का सेवन एनीमिया, कान और आंखों संबंधी विकारों को दूर करने में सहायक है। आयुर्वेद में बेल के रस को हल्‍दी और घी के साथ मिलाकर हड्डी के फ्रैक्‍चर को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है।

(और पढ़ें – बवासीर के लिए घरेलू इलाज, उपचार और उपाय)

बेल का शरबत स्‍कर्वी का इलाज करे – Bael ka sharbat Scurvy ka ilaj kare in Hindi

मसूड़ों के कमजोर होने और उनसे खून निकलने की समस्‍या को स्‍कर्वी कहा जाता है। यह बीमारी विशेष रूप से विटामिन सी की कमी के कारण होती है। विटामिन सी की कमी होने से रक्‍त वाहिकाओं पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। लेकिन श्‍रीर में विटामिन सी की कमी को दूर करने का सबसे अच्‍छा तरीका बेल के शरबत का नियमित सेवन करना है। क्‍योंकि बेल विटामिन सी का अच्‍छा स्रोत होता है। जिससे आप नियमित सेवन कर स्‍कर्वी का इलाज कर सकते हैं।

(और पढ़ें – स्कर्वी रोग क्या है, लक्षण, कारण, उपचार और रोकथाम)

बेल के शरबत के फायदे श्वसन समस्‍याओं के लिए – Bael Juice for Respiratory Problems in Hindi

बेल के रस के फायदे श्वसन समस्‍याओं के लिए – Bael Juice for Respiratory Problems in Hindi

श्वसन संबंधी समस्‍याओं को दूर करने के लिए आप बेल के फल और बेल के जूस का सेवन कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि बेल के फल में अस्‍थमा या जुकाम संबंधी लक्षणों को कम करने की क्षमता होती है। इसके अलावा यह बुखार के दौरान शरीर के तापमान को भी नियंत्रित कर सकता है। इस तरह से आप श्वसन संबंधी संक्रमण और अन्‍य समस्‍याओं को दूर करने के लिए बेल के शरबत का उपयोग कर सकते हैं।

(और पढ़ें – अस्थमा (दमा) के कारण, लक्षण, उपचार एवं बचाव)

बेल का जूस बनाने की विधि – Bel ka sharbat recipe in Hindi


बेल का शरबत बनाने की विधि – बेल के फल से बना शरबत गर्मियों के लिए एक ठंडा पेय है बेल का शरबत तैयार करने के लिए, आपको पके हुए बेल की आवश्यकता होगी। बेल का जूस बनाने के लिए इसका गूदा निकाल दिया जाता है और फिर इसे मैश किया जाता है (मसला जाता है)। और पानी में मिलाया जाता है और 20 मिनिट के लिए छोड़ दिया जाता है। इसके बाद इसे छानकर इसमें चीनी या गुड़ मिलाया जाता है। आप चाहें तो इसमें भुना जीरा पाउडर, दालचीनी पावडर और काला नमक भी मिला सकते हैं आपको बेल का शरबत बनकर तैयार है आप अपनी इक्षा के अनुसार इसमें पानी मिलकर इसे पतला या गाढ़ा रख सकते हैं।

(और पढ़ें – दालचीनी के फायदे, गुण, लाभ और नुकसान)

बेल के शरबत को कैसे स्टोर करें – How To Store Bael Juice in Hindi

एक रेफ्रिजरेटर में 5 दिनों तक बेल का रस रखा जा सकता है। बेल के रस को स्टोर करने का सबसे अच्छा तरीका एक एयरटाइट ग्लास कंटेनर में इसे रखना है। कमरे के तापमान में बेल के शरबत को खुला छोड़ने से यह खराब हो सकता है और पीने के लिए अयोग्य हो सकता है। इसके अलावा गुड़, नमक या किसी अन्य मसाला को जोड़ने से बेल के शरबत की गुणवत्ता प्रभावित नहीं होगी।

(और पढ़े – फ्रिज में भूलकर भी नहीं रखनी चाहिए ये चीजें)

बेल का शरबत कब पीना चाहिए – Bel ka sharbat kab peena chahiye in Hindi

बेल का जूस कब पीना चाहिए - Bel ka sharbat kab peena chahiye in Hindi

बेल रस के लिए कोई विशेष मात्रा की सीमा नहीं है, क्योंकि यह आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, यदि आप किसी साइड इफेक्ट का अनुभव किए बिना इस पेय का आनंद लेना चाहते हैं, तो आप 30 मिलीलीटर -50 मिलीलीटर रस को दिन में दो बार ले सकते हैं। इससे अधिक बेल का जूस स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं और अवांछित समस्याओं को जन्म दे सकता है

बेल के शरबत के नुकसान – Bel ka sharbat ke Nuksan in Hindi

सामान्‍य रूप से बेल का शरबत और बेल फल का उपयोग स्‍वास्‍थ्‍य लाभ प्राप्‍त करने के लिए किया जाता है। लेकिन कुछ परिस्थितियों में बेल के शरबत के नुकसान भी हो सकते हैं। जैसे कि :

  • गर्भावस्‍था या स्‍तनपान कराने के दौरान महिलाओं को बेल के शरबत का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए।
  • बेल के फल में एंटी-फर्टीलिटी (Anti-fertility) गुण होते हैं। जिसके कारण अधिक मात्रा में बेल के शरबत का सेवन करना महिला और पुरुषों दोनों को बांझपन संबंधी समस्‍याएं हो सकती हैं।
  • अधिक मात्रा में बेल के शरबत का सेवन करने से भूख कम होने की समस्‍या भी हो सकती है।
  • मधुमेह रोगियों के लिए बेल का शरबत फायदेमंद होता है। लेकिन इन्‍हें भी बहुत ही कम मात्रा बेल का जूस का सेवन करना चाहिए।
  • यदि आप किसी विशेष स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या के लिए दवाओं का सेवन कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में बेल के शरबत का सेवन करने से पहले अपने डॉक्‍टर से सलाह लेनी चाहिए।

कभी नहीं सोचा था कि यह अनोखा दिखने वाला बेल का फल आपके स्वास्थ्य के लिए इतना अच्छा हो सकता है? तपेदिक, संक्रमण और पाचन समस्याओं के उपचार के लिए आयुर्वेद के प्राचीन इतहास में बेल के रस का महत्व लंबे समय से माना जाता है। ताजे बेल के रस का सेवन न केवल आपका नया ग्रीष्मकालीन पेय हो सकता है, बल्कि आपको बेहतर जीवन जीने में भी मदद कर सकता है।

इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।

Leave a Comment

1 Comment

Subscribe for daily wellness inspiration