महिला स्वास्थ्य की जानकारी

महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के कारण, लक्षण और इलाज – Hormonal Imbalance In Females Causes, symptoms and treatment in Hindi

Hormonal imbalance in women in Hindi हार्मोन स्त्री और पुरुष दोनों के शरीर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं लेकिन महिलाओं के शरीर में इनकी भूमिका और महत्व बहुत अधिक होता है। क्योंकि यौवनावस्था शुरू होने से लेकर बच्चे को जन्म देने तक की सभी प्रक्रिया हार्मोन्स पर ही निर्भर करती है। हार्मोन असंतुलन होना हमेशा असामान्य नहीं होता है और यह समय के साथ ठीक भी हो जाता है। लेकिन कुछ महिलाओं में हार्मोन असंतुलन होने पर वह लंबे समय (lifelong) तक बना रहता है या जीवनभर हार्मोन का उतार चढ़ाव होता रहता है। इसकी वजह से उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस लेख में आप जानेंगी महिला में हार्मोनल असंतुलन की समस्या क्या है, महिला में हार्मोन असंतुलन लक्षण, कारण और उसके उपचार के बारे में।

विषय सूची

1. हार्मोन असंतुलन क्या है ? What is hormonal imbalance in Hindi
2. महिला में हार्मोन असंतुलन लक्षण – Symptoms of hormonal imbalance in Hindi
3. महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के कारण – Causes of a hormonal imbalance in Hindi
4. महिलाओं में हार्मोन असंतुलन का निदान – Diagnosis of hormonal imbalances in Hindi
5. महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के उपचार और इलाज – Treatment of hormonal imbalance in hindi
6. महिलाओं में हार्मोन असंतुलन को ठीक करे ये आहार – Foods Women Should Eat For Hormonal Balance
7. महिलाओं में हार्मोन असंतुलन में परहेज – Foods To Avoid For Hormonal Balance in hindi

हार्मोन असंतुलन क्या है ? What is hormonal imbalance in Hindi

जब ब्लडस्ट्रीम में हार्मोन बहुत अधिक या बहुत कम हो जाता है तो इस स्थिति को हार्मोन असंतुलन कहते हैं। हमारे शरीर में हार्मोन की बहुत महत्वपूर्ण एवं आवश्यक भूमिका होती है। एक छोटा सा हार्मोनल असंतुलन भी पूरे शरीर को प्रभावित करता है। हार्मोन आमतौर पर रसायन (chemicals) होते हैं जो हमारे शरीर की अंतःस्रावी तंत्र की ग्रंथियों में बनते हैं और ब्लडस्ट्रीम (bloodstream) के माध्यम से ऊतकों (tissue) और विभिन्न अंगों में यात्रा करते हैं एवं विभिन्न अंगों को सूचना भेजने का कार्य करते हैं। इसके अलावा अधिकांश शारीरिक प्रक्रियाओं को संचालित एवं नियंत्रित (regulate) करने के लिए भी हार्मोन महत्वपूर्ण होते हैं। इसलिए हार्मोन असंतुलन की समस्या होने पर पूरे शरीर पर इनका प्रभाव पड़ता है।

(और पढ़े – एचसीजी हार्मोन क्या होता है गर्भावस्था में एचसीजी की भूमिका…)

महिला में हार्मोन असंतुलन लक्षण – Symptoms of hormonal imbalance in Hindi

 

महिलाओं और लड़कियों में हार्मोन असंतुलन के विभिन्न लक्षण दिखायी देते हैं। ये सभी लक्षण आमतौर पर लड़कियों के यौवनावस्था (puberty) में कदम रखने से लेकर अर्थात् पीरियड्स आने से लेकर मेनोपॉज होने तक बने रहते हैं। हालांकि हार्मोन असंतुलन के लक्षण लगातार नहीं दिखायी देते हैं लेकिन महिलाओं में किसी भी उम्र ये लक्षण दिखायी दे सकते हैं। आइये जानते हैं कि महिलाओं और लड़कियों के शरीर में हार्मोन असंतुलन के कौन से लक्षण दिखायी देते हैं।

  • महिलाओं में वजन बढ़ना, थकान, त्वचा का शुष्क पड़ना, अचानक वजन घटना, हार्ट रेट (heart rate) धीमा हो जाना, प्यास अधिक लगना, मांसपेशियों का कमजोर हो जाना, बार-बार पेशाब लगना, सेक्स करने की इच्छा में कमी होना (decreased sex drive), डिप्रेशन आदि हार्मोन असंतुलन के लक्षण होते हैं।
  • हार्मोन असंतुलन के कारण लड़कियों का पीरियड देर से आता है और उन्हें पीरियड के दौरान दर्द होता है। कभी-कभी तेज ब्लीडिंग होना भी हार्मोन असंतुलन के लक्षण माने जाते हैं।
  • महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) यानि हड्डियों का कमजोर हो जाना हार्मोन असंतुलन के लक्षण हैं।
  • रात में सोते समय महिलाओं को अधिक पसीना आना (sweating) हार्मोन असंतुलन के मुख्य लक्षण हैं।
  • योनि में सूखापन (dryness), स्तन कोमल हो जाना, भोजन न पच पाना (indigestion), कब्ज और डायरिया की समस्या हार्मोन असंतुलन के लक्षण हैं।
  • लड़कियों के चेहरे पर मुंहासे और दाने निकलना और महिलाओं के चेहरे पर मासिक धर्म से पहले मुंहासे (acne) आना हार्मोन असंतुलन के लक्षण हैं।
  • लड़कियों और महिलाओं के चेहरे, गर्दन, छाती (chest) और कमर के आसपास बाल उग आना हार्मोन असंतुलन के लक्षण हैं।
  • महिलाओं में बांझपन, वजन बढ़ना, बाल कमजोर होना, बाल तेजी से टूटना, क्लिटोरिस का बड़ा होना, आवाज भारी होना आदि हार्मोन संतुलन के अन्य कारण हैं।
  • लडकियों में वेजाइनल एट्रॉफी (vaginal atrophy) और स्किन टैग्स भी हार्मोन असंतुलन के लक्षण हैं।

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महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के कारण – Causes of a hormonal imbalance in Hindi

आमतौर पर हर महिला अपने जीवन में एक विशेष अवस्था में हार्मोन असंतुलन या हार्मोन के उतार चढ़ाव (fluctuations) का अनुभव करती है। लेकिन हार्मोन असंतुलन की स्थिति तब पैदा होती है जब अंतःस्रावी ग्रंथियां (endocrine glands) सही तरीके से काम करना बंद कर देती हैं।

अंतःस्रावी ग्रंथियां (endocrine glands) एक विशेष कोशिकाएं  होती हैं जो ब्लड में हार्मोन का उत्पादन करती हैं, उसे जमा करती हैं और उसका स्राव करती हैं। शरीर में कई तरह की अंतस्रावी ग्रंथियां पायी जाती हैं जो शरीर के विभिन्न अंगों को नियंत्रित (regulate) करती हैं। शरीर में विभिन्न बीमारियां होने पर अंतःस्रावी ग्रंथियां प्रभावित हो जाती हैं जिसके कारण हार्मोन बनना कम हो जाता है। इसके अलावा खराब जीवनशैली और पर्यावरणीय कारक (environmental factors) भी हार्मोन असंतुलन के कारण हो सकते हैं।

महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के मुख्य कारण निम्न हैं-

  • लंबे समय तक और गंभीर तनाव होने के कारण
  • टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज होने के कारण
  • हाइपरग्लाइसिमिया (hyperglycemia) अर्थात् ब्लड में ग्लूकोज से अधिक इंसुलिन बनने के कारण।
  • हाइपोथॉयराइडिज्म की समस्या के कारण।
  • हाइपरथॉयराइडिज्म (hyperthyroidism) के कारण।
  • पैराथॉयराइड हार्मोन का कम या आवश्यकता से अधिक उत्पादन होने पर।
  • खराब भोजन खाने और पोषक तत्वों (nutrients) की कमी होने पर।
  • पिट्यूटरी ट्यूमर होने पर।
  • कॉर्टिसोल नामक हार्मोन अधिक बनने के कारण।
  • अंतःस्रावी ग्रंथि में चोट लगने या घाव हो जाने के कारण।
  • कई तरह के एलर्जिक रिएक्शन और संक्रमण होने पर।
  • अंतःस्रावी ग्रंथियों में कैंसर होने के कारण
  • कीमोथेरेपी (chemotherapy) और रेडिएशन थेरेपी या हार्मोन थेरेपी के कारण।
  • शरीर में आयोडिन की कमी होने पर।
  • टर्नर सिंड्रोम (Turner syndrome) होने पर
  • समय पर भोजन न करने के कारण
  • गर्भनिरोधक दवाओं (birth control pills) के सेवन से
  • मेनोपॉज और प्रेगनेंसी के कराण।
  • बच्चे को स्तनपान कराने और पीसीओएस (PCOS) के कारण।

(और पढ़े – जानिए कैसे प्रेगनेंट होती हैं महिलाएं…)

महिलाओं में हार्मोन असंतुलन का निदान – Diagnosis of hormonal imbalance in Hindi

शरीर में हार्मोन असंतुलन की समस्या होने पर इसका निदान (diagnosis) बहुत आसानी से किया जा सकता है। आमतौर पर कुछ डॉक्टर मरीज के उनके शरीर में दिखने वाले लक्षणों की जानकारी के आधार पर ही इस समस्या का निदान कर देते हैं जबकि कुछ डॉक्टर जांच (test) के माध्यम से हार्मोन असंतुलन का निदान करते हैं।

लेकिन इस समस्या के निदान से पहले डॉक्टर मरीज से कुछ सवाल पूछते हैं।

  • मरीज कब से और किस तरह के लक्षणों का अनुभव कर रहा है?
  • क्या वह किसी ऐसी चीज का प्रयोग कर रहा है जिससे ये लक्षण कम हो जाते हैं?
  • क्या अचानक से उसके शरीर का वजन बढ़ या घट गया है?
  • उसे सेक्स के दौरान उत्तेजित (excite) होने में परेशानी होती है क्या?
  • क्या योनि शुष्क हो गई है या सेक्स के दौरान दर्द होता है?

मरीज से इन सवालों का जवाब मिलने के बाद डॉक्टर टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। आइये जानते हैं कि हार्मोन असंतुलन के निदान के लिए कौन-कौन से टेस्ट कराए जाते हैं।

हार्मोन असंतुलन की जांच के लिए ब्लड टेस्ट (Blood test)

डॉक्टर मरीज के खून का नमूना (sample) लेकर लैब में परीक्षण करते हैं। ब्लड टेस्ट आमतौर पर थॉयराइड, एस्ट्रोजन और कॉर्टिसोल (cortisol) के स्तर के जांच के लिए किया जाता है।

(और पढ़े – एस्ट्रोजन हार्मोन की महिलाओं के शरीर में भूमिका…)

पेल्विक परीक्षण हार्मोन असंतुलन की जांच के लिए (Pelvic test)

यह परीक्षण महिलाओं में असामान्य ट्यूमर, सिस्ट और गांठ (lump) के जांच के लिए किया जाता है।

हार्मोन असंतुलन की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)

अल्ट्रासाउंड मशीन से शरीर के अंदर ध्वनि तरंगों का प्रयोग कर अल्ट्रासाउंड किया जाता है।

इसके माध्यम से डॉक्टर गर्भाशय, अंडाशय (ovaries), थॉयराइड आदि की इमेज प्राप्त कर समस्या का निदान करते हैं।

इसके अलावा हार्मोन असंतुलन के निदान के लिए बायोप्सी, थॉयराइड स्कैन, और एक्स-रे भी किया जाता है।

(और पढ़े – अल्ट्रासाउंड क्या है और सोनोग्राफी की जानकारी…)

महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के उपचार और इलाज – Treatment of hormonal imbalances in hindi

हार्मोन असंतुलन का इलाज आमतौर पर इसके कारणों पर ही निर्भर करता है। इस समस्या को ठीक करने के लिए हर व्यक्ति को अलग-अलग इलाज की आवश्यकता होती है। आइये जानते हैं हार्मोन असंतुलन की समस्या को ठीक करने के उपचार के बारे में।

महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के उपचार के लिए हार्मोन कंट्रोल या बर्थ कंट्रोल

जो महिलाएं कुछ समय तक प्रेगनेंट नहीं होना चाहती हैं उन्हें एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन (progesteron) की दवाएं दी जाती हैं जो मासिक धर्म को नियमित करने में मदद करता है। इसके अलावा बर्थ कंट्रोल के लिए गोलियां, रिंग और पैचेज (patches) का प्रयोग किया जाता है जो हार्मोन असंतुलन के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।

(और पढ़े – पीरियड्स की जानकारी और अनियमित पीरियड्स के लिए योग और घरेलू उपचार…)

महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के उपचार के लिए वेजाइनल एस्ट्रोजन

योनि के सूखापन को कम करने के लिए और एस्ट्रोजन के स्तर में परिवर्तन करने के लिए योनि में एस्ट्रोजन युक्त क्रीम लगाने की सलाह दी जाती है। जो हार्मोन असंतुलन के लक्षणों को कम करने में मदद करती है। इसके अलावा योनि के सूखापन (vaginal dryness) को कम करने के लिए एस्ट्रोजन के टेबलेट भी मरीज को दिया जाता है।

(और पढ़े – योनि में सूखेपन का कारण और दूर करने के घरेलू उपाय…)

महिला में हार्मोनल असंतुलन के इलाज के लिए हार्मोन रिप्लेसमेंट दवाएं

मेनोपॉज के कारण हार्मोन असंतुलन की समस्या होने पर हार्मोन रिप्लेसमेंट दवाएं (hormone replacement medicine) दी जाती हैं जो हार्मोन असंतुलन की समस्या को अस्थायी रूप से कम कर देती हैं।

इसके अलावा रात में पसीना आने (sweating) की समस्या को दूर करने के लिए भी दवाएं दी जाती हैं।

(और पढ़े – रजोनिवृत्ति के कारण, लक्षण और दूर करने के उपाय…)

महिला में हार्मोन के असंतुलन के इलाज के लिए एफ्लोर्निथिन (Eflornithine)

यह एक क्रीम है जो हार्मोन असंतुलन के कारण महिलाओं के चेहरे पर उगे बाल (facial hair) को कम करने के लिए लगाया जाता है।

हार्मोन असंतुलन के उपाय क्लोमिफिन (Clomiphene) और लेट्रोजोन (letrozole)

ये दवाएं महिलाओं में पीसीओएस (PCOS) की समस्या को कम करने के लिए दिया जाता है।

इसके अलावा बांझपन को दूर करने के लिए गोनैडोट्रॉपिन्स (gonadotropins) के इंजेक्शन दिये जाते हैं जो प्रेगनेंसी की संभावना को बढ़ाने में मदद करता है।

(और पढ़े – पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के कारण,लक्षण और उपचार के उपाय…)

हार्मोनल असंतुलन के उपचार के लिए मेटफॉर्मिन (Metformin)

हार्मोन असंतुलन के कारण टाइप 2 डायबिटीज की बीमारी को ठीक करने के लिए मेटफॉर्मिन नामक दवा (metformin medicine) दी जाती है जो ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता है।

(और पढ़े – वजन कम कर मधुमेह को ठीक किया जा सकता है अध्ययन से हुआ खुलासा…)

महिलाओं में हार्मोन असंतुलन को ठीक करे ये आहार – Foods For Hormonal Balance in hindi

हार्मोनल बैलेंस के लिए इन खाद्य पदार्थों को खाएं

कुक्कुट (Poultry), फैटी मछली, और सोया प्रोटीन: शोध में पाया गया है कि रजोनिवृत्ति वाली महिलाएं अधिक वजन कम करती हैं जब उनका अधिकांश प्रोटीन इन अवयवों से आता है। सैल्मन, मैकेरल और सार्डिन जैसे फैटी मछली, हृदय रोग और कैंसर के खिलाफ भी रक्षा करती है।

पत्तेदार सब्जियां: ब्रोकली, गोभी, अंकुरित बीज, फूलगोभी, स्तन कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए अतिरिक्त एस्ट्रोजेन के स्तर को लम करने में सहायक होती हैं।

अत्यधिक एस्ट्रोजेन उन महिलाओं में प्री-रजोनिवृत्ति का कारण हो सकती है जो अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं।

विटामिन बी: विटामिन बी में समृद्ध खाद्य पदार्थों की कमी अवसाद की भावनाओं में योगदान दे सकती है।

विटामिन और लीन मांस जैसे विटामिन बी में उच्च भोजन का उपयोग करें।

शतावरी, और खरबूजे: ये खाद्य पदार्थ सबसे कष्टप्रद मिडलाइफ़ लक्षणों में से एक का मुकाबला करने में मदद करते हैं।

(और पढ़े – विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के फायदे, स्रोत और नुकसान…)

महिलाओं में हार्मोन असंतुलन में परहेज – Foods To Avoid For Hormonal Balance in hindi

 

हार्मोनल बैलेंस के लिए इन खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें

चीनी: ब्राउन शुगर, श्वेत शक्कर, उच्च फ्रक्टोज मकई सिरप आदि चीनी, महिलाओं में हार्मोनल लक्षणों को बढ़ाने के लिए दिखाया गया है।

यही कारण है कि अतिरिक्त शर्करा के सेवन को सीमित करना महत्वपूर्ण है।

कैफीनयुक्त पेय पदार्थ: आप नॉनफैट या कम वसा वाले दूध के साथ कॉफी और चाय पी सकते हैं। हालांकि, कैफीनयुक्त पेय गर्म चमक (गर्मी की अचानक भावना) को ट्रिगर कर सकते हैं। यदि आप गर्म चमक या रात को पसीना आने (hot flashes or night sweats) से जूझ रहीं हैं, तो कैफीन का सेवन न करें।

शराब: कैफीन की तरह, शराब हार्मोन असंतुलन का कारण बन सकती है। यद्यपि आप हर रात मिठाई के स्थान पर अपने पूरे भोजन के खाने के साथ एक गिलास शराब या बियर पी सकती हैं, अगर आपको गर्म चमक (गर्मी की अचानक भावना) हो रही है तो शराब का सेवन न करें।

चटपटा खाना: हार्मोन असंतुलन से बचने के लिए गर्मी को कम करने वाले और बिना जड़ी बूटियों वाले और हल्के मसालों से बने भोजन का सेवन करें।

(और पढ़े – शराब पीने के फायदे और नुकसान और शरीर पर इसका प्रभाव…)

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