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20, 30 और 40 की उम्र में मासिक धर्म में परिवर्तन – How is your period changes in 20s, 30s and 40s in Hindi

20, 30 और 40 की उम्र में मासिक धर्म में परिवर्तन - How is your period changes in 20s, 30s and 40s in Hindi

20, 30, 40 me periods me badlav in Hindi: क्या आप जानते हैं कि 20, 30 और 40 की उम्र में मासिक धर्म में कौन-कौन से परिवर्तन होते हैं। अगर नहीं, तो आज का हमारा ये आर्टिकल उम्र के साथ मासिक धर्म के बदलावों से गुजर रही महिलाओं के लिए बहुत मददगार है। आइये जानतें हैं उम्र के साथ  पीरियड्स में होने वाले बदलाव क्या हैं।

मासिक धर्म महिलाओं में होने वाली एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इस दौरान पेट में दर्द होना, ऐंठन, मूड स्विंग होना आम बात है। लेकिन कभी अगर पीरियड समय पर न आए, या कम आए तो अक्सर यह चिंता का कारण भी बन जाता है। किसी को महीना देर से तो किसी से समय से पहले ही आ जाता है। किशोरावस्था में पीरियड रैगुलर रहते हैं, लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, मासिक धर्म चक्र में भी परिवर्तन होना शुरू हो जाते हैं। बढ़ती उम्र के साथ लाइफस्टाइल में बदलाव और चिंता बढ़ने की वजह से शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं और मासिक धर्म चक्र में भी परिवर्तन आता है। इससे रक्तस्त्राव पर भी बुरा असर पड़ता है, जिससे कई बार पीरियड्स में ब्लीडिंग बहुत ज्यादा तो बहुत कम होती है।

आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं, किसी महिला के शरीर में 20, 30 और 40 की उम्र में मासिक धर्म किस तरह से विकास के दौर से गुजरते हैं।

विषय सूची

  1. 20 की उम्र में मासिक धर्म में बदलाव – Your Period in Your 20s in Hindi
  2. 30 की उम्र में मासिक धर्म में बदलाव – Periods in 30s in Hindi
  3. 40 की उम्र में माहवारी में परिवर्तन – Periods in 40s in Hindi
  4. 20, 30, 40 की उम्र में मासिक धर्म चक्र में बदलाव से जुड़े सवाल और जवाब – Question and answer related to change in periods during 20s, 30s and 40s in Hindi

20 की उम्र में मासिक धर्म में बदलाव – Your Period in Your 20s in Hindi

20 की उम्र में मासिक धर्म में बदलाव - Your Period in Your 20s in Hindi

लड़की की 20 साल की उम्र में पीरियड्स ज्यादातर रैगुलर होते लेकिन कभी-कभी इस दौरान मासिक धर्म इरैगुलर भी हो जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि किशोरावस्था में लड़कियां नियमित रूप से ओव्यूलेट नहीं कर सकतीं। इस उम्र में प्रजनन क्षमता अच्छी होती है। यह वह समय होता है, जब आपका शरीर बच्चे को जन्म देने के लिए पूरी तरह से तैयार रहता है। जब महिला थोड़ी मैच्योर हो जाती हैं, तो ओव्यूलेशन शुरू हो जाता है। जब ओव्यूलेशन शुरू होता है, तो आपके पीरियड्स रैगुलर रहते हैं। लेकिन अगर, आपका ओव्यूलेशन नियमित नहीं है, तो पीरियड्स इरैगुलर हो सकते हैं। हालांकि, इन रैगलुर पीरियड्स के बीच में कई समस्याएं भी होती हैं। नीचे जानते हैं, 20 की उम्र में मासिक धर्म में आने वाले बदलाव और समस्याओं के बारे में।

  • 20 की उम्र में यदि आपका पीरियड कम आता है, तो आपको पीएमएस, स्तन कोमलता और ऐंठन का अनुभव हो सकता है। यदि आपको हर महीने ऐसी समस्या से गुजरना पड़ता है, तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
  • यह वह समय होता है, जब कई महिलाएं गर्भनिरोधक उपाय शुरू करती हैं। गर्भनिरोधक गोली शुरू करने की संभावना आपके सामान्य प्रवाह में परिवर्तन को ट्रिगर करेगी। वास्तव में गर्भनिरोधक गोली, लेने से आपके पीरियड्स बंद भी हो सकते हैं। दरअसल, जन्म नियंत्रण की गोलियां ओव्यूलेशन को रोकती हैं और ओव्यूलेशन के बिना यूटेरीन लाइनिंग संभव नहीं है।
  • 20 के दशक में नीजि जिन्दगी से जुड़ी कई चीजों को लेकर तनाव शुरू हो जाता है। चाहे वह करियर हो, नौकरी हो या फिर शादी। ये सभी चीजें आपकी अवधि को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि स्ट्रेस हार्मोन आपके मास्तिष्क से अंडाशय में सिग्नल को बाधित करते हैं। यह कुछ महीनों के लिए इरैगुलर पीरियड्स का कारण हो सकता है।
  • 20 की उम्र में आप स्ट्रेस फ्री हैं और गर्भवती भी नहीं हैं, लेकिन फिर भी आपके पीरियड्स अनियमित हैं यानि पीरियड्स कम दिनों के हैं या फिर सप्ताह तक चल रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की समस्या हो सकती है। यह एक हार्मोनल इंबैलेंस है, जो आपके अंडाशय पर बढ़ने के लिए छोटे अल्सर की एक स्ट्रिंग की तरह दिखाई देता है। यह 20 की उम्र में महिलाओं में ज्यादा दिखता है। पीसीओएस एक गंभीर स्थिति है, जो आपकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है।
  • प्रजनन वर्षों के दौरान कुछ समान्यताओं में पॉलिप्स, फाइब्रॉएड्स के साथ अनोव्यूलेशन, एंडोमेट्रिओसिस में वृद्धि शामिल हो सकती है।
  • 20 या उससे ज्यादा उम्र की महिलाएं दर्दनाक मासिक धर्म में ऐंठन का अनुभव कर सकती हैं। इसके लिए दर्द निवारक गोलियों के अलावा हीटिंग पैड से ऐंठन का इलाज किया जा सकता है।

(और पढ़े – लड़की के पहले मासिक धर्म या पीरियड से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी…)

30 की उम्र में मासिक धर्म में बदलाव – Periods in 30s in Hindi

30 की उम्र में मासिक धर्म में बदलाव - Periods in 30s in Hindi

एक महिला के लिए मासिक धर्म की अवधि नियमित होनी चाहिए, जब तक की वह 30 की उम्र पार नहीं कर जाती। लेकिन, कई महिलाओं में 30 की उम्र के बाद मासिक धर्म में सामान्य परिवर्तन होते हैं। जैसे, कि गर्भावस्था या जन्म नियंत्रण को रोकना। ये मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए महिलाओं को अपने पीरियड्स को लेकर सचेत रहना चाहिए। मासिक धर्म प्रवाह, लंबाई और समय में अचानक आया परिवर्तन चिंता का संकेत हो सकता है। तो आइए जानते हैं, कि 30 की उम्र में महिलाओं के मासिक धर्म चक्र में क्या परिवर्तन होते हैं।

  • 30 वर्ष की आयु में या इसके बाद मासिक धर्म चक्र तो नियमित रहता है, लेकिन ब्लीडिंग कभी कम, तो कभी ज्यादा हो सकती है। इस उम्र में फाइब्रॉएड और एंडोमेट्रिओसिस भी सामान्य ही होता है।
  • इस दौरान कई कारक आपके पीरियड्स को हैवी बना सकते हैं। पहला जन्म नियंत्रण को रोकने के कारण ऐसा होता है। आमतौर पर, हार्मोनल बर्थ कंट्रोल पीरियड्स को हल्का और छोटा बना देते हैं। इसलिए इसे रोकने से कई बार पीरियड्स में भारीपन और लंबी अवधि का अनुभव होता है।
  • 30 की उम्र में मासिक धर्म अनियमित हो सकता है। यदि आपने इस उम्र में या इसके बाद बच्चे को जन्म दिया है, तो आपके पीरियड्स इरैगुलर हो सकते हैं। हालांकि, इसे रैगुलर होने में समय लग सकता है, खासतौर से तब तक जब तक की आप स्तनपान करा रही हैं। क्योंकि स्तनपान कराते समय, महिलाएं कई हार्मोन्स का निर्माण करती हैं, जिन्हें प्रोलेक्टीन कहते हैं। यह आपको गर्भवती होने से बचाने में मदद करता है।
  • वैसे, तो इस उम्र में एंडोमेट्रिओसिस सामान्य होता है, लेकिन कुछ स्थितियों में महिलाओ को एंडोमेट्रिओसिस की समस्या रहती है, ऐसे में उनमें मासिक धर्म से जुड़े परिवर्तन हो सकते हैं। उन्हें भारी और दर्दनाक पीरियड्स हो सकते हैं।
  • 30 की उम्र में सौम्य गर्भाशय, फाइब्रॉएड और पोलिप्स के बढऩे की समस्या ज्यादा रहती है। हालांकि, इससे आपको कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन हां, ये आपके मासिक धर्म पर असर जरूर डालती हैं।
  • सर्दन कैलिफॉर्निया रिप्रोडक्टिव सेंटर के अनुसार 30 की उम्र में, एक महिला की उम्र और हार्मोनल उतार-चढ़ाव दोनों में पीरियड्स के बीच मासिक धर्म की अनियमितता या लंबाई बढ़ सकती है।
  • 30 के दशक में कुछ करियर से जुड़े परिवर्तन भी आपके शरीर में होते हैं। जैसे लंबे समय तक काम करना, तनाव में रहना आदि। यही चीजें आपके पीरियड्स को इरैगुलर कर सकती हैं और इनमें बदलाव कर सकती हैं। तनाव अच्छा हो या बुरा यह आपके पीरियड्स को बुरी तरह से प्रभावित कर देगा। यह इस बात पर निर्भर करता है, कि आप इसका व्यक्तिगत रूप से कैसे सामना करते हैं। यदि आपको तनाव बहुत ज्यादा है और आप पौष्टिक खाद्य पदार्थ भी नहीं खा पा रहे हैं, तो आपको मासिक धर्म के दौरान ऐंठन की समस्या हो सकती है।
  • 30 की उम्र में आपकी नई जीवनशैली के कारण भी पीरियड्स में बदलाव हो सकते हैं। दरअसल, इस उम्र में महिलाएं अपनी हेल्थ को लेकर बहुत कुछ नया ट्राई करती हैं। जैसे फिटनेस, नए हेल्थ प्लान आदि। जीवनशैली में कुछ ऐसे बड़े बदलावों से आपका चक्र कुछ समय के लिए प्रभावित हो सकता है।
  • जैसा कि हम बता चुके हैं, कि 30 की उम्र में आपका मासिक धर्म लंबा हो सकता है, कभी-कभी 40 दिनों तक भी रहता है। लेकिन कई बार उम्र बढऩे के साथ मासिक धर्म छोटा भी हो सकता है। यह 29-30 दिनों के बजाए 25-26 दिनों का भी हो सकता है। जो पेरिमेनोपॉज का पहला संकेत है। इस स्थिति में हार्मोन्स कम होने लगते हैं।
  • जैसे-जैसे आप 30 की उम्र में आगे बढ़ते हैं, आपके पीएमएस के लक्षण खराब होने लगते हैं। एस्ट्रोजन छोड़ने के कारण महिला के 30 के दशक में पीएमएस की समस्या बढ़ जाती है। नतीजतन, आप कई लक्षणों का अनुभव कर सकती हैं। जैसे कि थकान, सूजन आदि।
  • यदि इनमें से कोई भी समस्या आपको परेशान करती है, तो निश्चित रूप से अपने डॉक्टर से बात करें। वे आपके द्वारा देखे गए किसी भी बदलाव की तह तक जाने में आपकी मदद करेंगे और अंतनिर्हित स्थितियों जैसे हार्मोनल असंतुलन या गर्भाशय फाइब्रॉएड आदि का निदान भी कर सकते हैं।

(और पढ़े – अनियमित मासिक धर्म के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार…)

40 की उम्र में माहवारी में परिवर्तन – Periods in 40s in Hindi

40 की उम्र में माहवारी में परिवर्तन - Periods in 40s in Hindi

आपको बता दें कि 40 वर्ष की उम्र भावनात्मक रूप से महिलाओं के जीवन का सबसे अच्छा समय होता है। कई अध्ययनों से पता चला है, कि 40 वर्ष और इससे अधिक उम्र की महिलाएं ज्यादा कॉन्फिडेंट होती हैं। 40 की उम्र में आते ही बच्चे बड़े हो जाते हैं और वे थोड़ी स्वतंत्र हो जाती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार,40 प्लस में महिलाओं के शरीर में होने वाले कई तरह के बदलावों के कारण महावारी में भी कई बदलाव आते हैं। यह मेनोपॉज से पहले का समय होता है। जिसमें मासिक धर्म में अनियमितता, मासिक धर्म समय पर न आना, या महावारी के दौरान थोड़ी-थोड़ी ब्लीडिंग होने जैसी समस्याएं रहती ही हैं। नीचे जानते हैं, कि 40 की उम्र में माहवारी में कौन-कौन से परिवर्तन होते हैं।

  • 40 की उम्र में या इसके बाद गर्भाशय का खतरा ज्यादा बना रहता है। ये इरैगुलर पीरियड्स का पहला संकेत है। इसलिए, यदि इस दौरान आपके पीरियड्स इरैगुलर हों, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
  • वैसे, तो मेनोपॉज 51 की उम्र के बाद ही शुरू होता है, लेकिन कुछ महिलाओं में यह 10 साल पहले ही हो सकता है। इसमें आपका ओव्यूलेशन रैगुलर नहीं होगा। अगर आपका पीरियड छह महीने या इससे ज्यादा समय तक नहीं आया है, तो इसका मतलब है, कि आप पेरीमोनोपॉज में प्रवेश कर चुकी हैं। इस स्थिति में प्रोजेस्टेरॉन और एस्ट्रोजन हार्मोन पूरी तरह से काम करना बंद कर देते हैं।
  • 40 की उम्र तक पहुचंते ही आपके मासिक धर्म में परिवर्तन कुछ गंभीर संकेत दे सकता है। इससे कई बार यूटेराइन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
  • इस उम्र में आपके पीरियड्स असामान्य या सुपर हैवी हो सकते हैं। ऐसे में आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
  • 40 बर्ष के बाद एक्सरसाइज रूटीन के बदलने से भी आपके पीरियड्स प्रभावित होते हैं। लेकिन जैसा ही आपका शरीर इस नई जीवनशैली को अपना लेता है, तो पीरियड्स पहले की तरह नियमित हो जाते हैं। यदि ऐसा नहीं होता, तो आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
  • इस उम्र में आप मेनोपॉज में प्रवेश कर सकते हैं। इस दौरान आपकी अवधि में उतार-चढ़ाव आते है। अवधि लंबी या फिर छोटी हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि मासिक धर्म चक्र के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन अपने सामान्य पैटर्न को फॉलो करना बंद कर देते हैं और आपके चक्र में बदलाव को ट्रिगर करते हैं। मेडिकल शब्दों में बताया जाए, तो मेनोपॉज तब तक नहीं होता, जब तक की आपकी अवधि पूरे एक वर्ष तक दिखाई देना बंद न हो जाए। एक साल बाद अगर आपको हल्की ब्लीडिंग या स्पॉटिंग होती है, तो यह चिंता का विषय है। इसे अनदेखा किए बिना डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
  • 40 की उम्र तक पहुंचते ही आपके पीरियड्स मिस होने लगते हैं। दरअसल, सामान्य हार्मोन परिवर्तन के कारण ओव्यूलेशन अधिक अनियमित हो जाता है। एस्ट्रोजन लेवल में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं, जो मिस्ड पीरियड्स का संकेत होता है। वैसे तो, इस उम्र में गर्भवती होना मुश्किल होता है, लेकिन अगर आपका ओव्यूलेशन नियमित है, तो अब भी गर्भवती होने की संभावना बनी रहती है।
  • इस उम्र में अनियमित पीरियड्स या प्रवाह में भारी बदलाव थायराइड, ड्राई स्किन, स्लो मेटाबॉलिज्म के साथ भारी रक्तस्त्राव, पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम या अन्य कई स्वास्थ्य चिंताओं का संकेत हो सकते हैं।
  • पेरिमेनोपॉजल परिवर्तनों के साथ आपको रात में पसीना, मूड स्विंग जैसी समस्याएं भी दिखाई दे सकती हैं।

(और पढ़े – रजोनिवृत्ति के कारण, लक्षण और दूर करने के उपाय…)

20, 30, 40 की उम्र में मासिक धर्म चक्र में बदलाव से जुड़े सवाल और जवाब – Question and answer related to change in periods during 20s, 30s and 40s in Hindi

20, 30, 40 की उम्र में मासिक धर्म चक्र में बदलाव से जुड़े सवाल और जवाब - Question and answer related to change in periods during 20s, 30s and 40s in Hindi

क्या आपकी उम्र के अनुसार पीरियड्स खराब हो जाते हैं – Do periods get worse as you age in Hindi

कुछ महिलाओं को बच्चे के बाद भारी, लंबे या अधिक दर्दनाक पीरियड्स का अनुभव होता है, जबकि अन्य की अवधि में सुधार होता है। कई महिलाओं को स्तनपान करते समय भी पीरियड्स नहीं होते हैं। जैसे ही आप 30 की उम्र में कदम रखती हैं, आपकी अवधि कम या कम नियमित हो सकती है।

उम्र बढ़ने के साथ महावारी में कई तरह के बदलाव आते हैं। ये बदलाव 20, 30 और 40 की उम्र में देखने को मिलते हैं। इन बदलावों को महिलाएं आसानी से स्वीकार नहीं कर पातीं और उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ता है। विशेषज्ञों की मानें, तो एक महिला को स्वस्थ जीवनशैली के विकल्प चुनकर शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तनों के लिए खुद को तैयार करने में मदद मिल सकती है।

(और पढ़े – पीरियड्स की जानकारी और अनियमित पीरियड्स के लिए योग और घरेलू उपचार…)

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