गर्भावस्था

प्रेगनेंसी में मूड स्विंग के कारण, लक्षण और उपाय – Reasons Of Mood Swings In Pregnancy In Hindi

Reasons Of Mood Swings In Pregnancy In Hindi: प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में कई प्रकार के शारीरिक और मानसिक बदलाव होते है। हार्मोन परिवर्तन के कारण गर्भवती महिला को विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। प्रेगनेंसी में मूड स्विंग होना एक आम बात है और लगभग हर महिला को गर्भावस्था में इस समस्या का सामना करना पड़ता है। महिलाओं में यह हार्मोन परिवर्तन न्यूरोट्रांसमीटर के कारण होता है। न्यूरोट्रांसमीटर एक मस्तिष्क रसायन है, जो मूड को प्रभावित करता हैं। आइये प्रेगनेंसी में मूड स्विंग के कारण, लक्षण और उपाय  को विस्तार से जानते है हैं।

प्रेगनेंसी में मूड स्विंग क्या है? – What is Mood Swings in pregnancy in Hindi

बार-बार महिलाओं की मनोदशा में परिवर्तन होना या भावनात्मक उतार चढ़ाव मूड स्विंग कहलाता है। इस स्थिति में महिलाओं का मूड कुछ ही मिनटों में बदलता रहता है। प्रेगनेंसी में मूड स्विंग होने पर महिलाएं पल में बच्चे को लेकर उत्साहित हो जाती है और पल में चिंतित हो जाती है। खुश रहते हुए भी कुछ मिनटों नाराज़ या परेशान हो जाना, मूड स्विंग कहलाता है।

(यह भी पढ़ें – प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण)

प्रेगनेंसी में मूड स्विंग के कारण – Causes of mood swings in pregnancy in Hindi

गर्भावस्था के दौरान महिला शारीरिक और मानसिक परिवर्तन होते है, जिसको लेकर महिलाएं कई चीजों के बारे में एक साथ सोचती है। मां बनने और नन्हा मेहमान उसकी गोद में आने की ख़ुशी होना। इसके साथ ही गर्भकाल के दौरान तकलीफ और शिशु की देखभाल की चिंता होना। ये सब प्रेगनेंसी में मूड स्विंग के कारण होते है। इसके अलावा भी निम्न कारण होते है-

(और पढ़े – गर्भावस्था में सूजन के कारण और घरेलू उपाय…)

गर्भावस्था में मूड स्विंग होने के लक्षण – Symptoms of mood swings in pregnancy in Hindi

प्रेगनेंसी में मूड स्विंग के कारण होने वाले लक्षण निम्न है-

  • जल्दी से गुस्सा आना
  • अजीब व्यवहार करना
  • किसी भी बात की जिद पकड़ना
  • अच्छे से बात नहीं करना
  • चिड़चिड़ापन होना

(यह भी पढ़ें – गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) में होने वाली समस्याएं और उनके उपाय)

प्रेगनेंसी में मूड स्विंग के उपाय – Pregnancy me Mood Swings ke Upay In Hindi

गर्भावस्था में मूड स्विंग होने से बचने के लिए आपको निम्न उपायों को करना चाहिए।

(और पढ़े – गर्भावस्था में सूजन के कारण और घरेलू उपाय…)

आराम करें – Resting well in Hindi

प्रेग्नेंसी के दिनों में थकान और शरीर में गर्माहट महसूस होना सामान्य है। यह सब प्रेग्नेंसी के दिनों में हार्मोनल परिवर्तन के कारण होता है। गर्भावस्था के शुरूआती 12 हफ्तों में आप थकान और ज्यादा नींद

का अनुभव कर सकती हैं। थकान भी मूड स्विंग का कारण है, इससे बचने के लिए पर्याप्त आराम करें।

(यह भी पढ़ें – कमजोरी और थकान के कारण, लक्षण और इलाज)

संतुलित आहार – Eating healthy in Hindi

मूड स्विंग की समस्या से बचने के लिए महिलाएं संतुलित आहार का सेवन करें। मेटाबोलिज्म (Metabolism) में बदलाव होना मूड स्विंग का कारण होता है। इसके अलावा प्रेग्नेंसी के दिनों में शरीर में प्रोजेस्टेरॉन की वृद्धि के कारण आंत्र की गति स्लो हो जाती है, जिससे कब्ज होता है। गर्भावस्था में कब्ज से बचने के लिए फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाएं, और दिनभर में खूब सारा पानी पीएं।

योग करें – Yoga In Hindi

गर्भवती महिलाओं के लिए भी नियमित व्यायाम महत्वपूर्ण है, यह मूड को अच्छा रखने में मदद कर सकता है। योग गर्भावस्था में सामान्य लक्षणों जैसे पैर की ऐंठन, सूजन वाली एड़ियों और कब्ज के प्रभाव को कम करने में मदद करता है। प्रेगनेंसी में मूड स्विंग से बचने के लिए ताड़ासन, मार्जरासन, वज्रासन, त्रिकोणासन, वीरभद्रासन, उत्तानासन और शवासन योग को कर सकती है।

(यह भी पढ़ें – प्रेगनेंसी में किये जाने वाले योग)

तनाव दूर करें – Tanav dur kare

प्रेगनेंसी में मूड स्विंग की समस्या से बचने के लिए तनाव को दूर करना बहुत जरूरी होता होता है। इसके लिए अपने पसंदीदा कार्यों को करें या नया शौक बनायें जैसे – खाना बनाना, गार्डनिंग करना, पेंटिंग करना, किताबें पढ़ना और डायरी लिखना आदि करें।

(यह भी पढ़ें – कामकाजी महिलाओं में तनाव के कारण, लक्षण और उपाय)

दोस्तों से बातें करें – Talk to friends in Hindi

गर्भावस्था के दौरान होने वाले मूड में बदलाव को ठीक करने के लिए आप दोस्तों के साथ मस्ती कर सकती है या अपने प्रियजनों से बात करें । इसके अलवा आप दोस्तों के साथ बात करें, समय बिताएं या फिल्म देखने भी जा सकती है। यह सब मूड स्विंग की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है।

(और पढ़े – गर्भावस्था की पहली तिमाही में देखभाल केसे करे…)

मसाज कराएं – Massage in Hindi

प्रेगनेंसी में सिर दर्द होना, थकान होना, और नींद की कमी होना आदि भी मूड स्विंग का कारण बनता है। इससे बचने के लिए और मन को शांत रखने के लिए आप मसाज कराएं और साथ में मधुर संगीत सुनें।

(यह भी पढ़ें – बॉडी मसाज के लिए बेस्ट तेल और इनके फायदे)

प्रेगनेंसी में मूड स्विंग के कारण, लक्षण और उपाय (Reasons Of Mood Swings In Pregnancy In Hindi) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।

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