गर्भावस्था

सर्जिकल गर्भपात की प्रकिया, देखभाल और कमजोरी होने पर क्या खाएं – Surgical Abortion Procedure, Recovery, Periods and sex In Hindi

Surgical Abortion In Hindi आमतौर पर बच्चे को जन्म न देने की इच्छा या अनचाही प्रेगनेंसी होने पर महिलाएं गर्भपात कराती हैं। गर्भपात कई तरह से किया जाता है और यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि महिला की प्रेगनेंसी कितने दिनों की है। इस आर्टिकल में हम आपको सर्जिकल गर्भपात कैसे होता है, सर्जिकल एबॉर्शन प्रक्रिया, सुरक्षित गर्भपात समय सीमा, शल्य गर्भपात या ऑपरेशन के द्वारा गर्भपात के बाद सावधानियां क्या क्या होती है और क्लिनिकल या सर्जरी एबॉर्शन के बाद केयर के बारे में बताने जा रहे हैं।

विषय सूची

  1. सर्जिकल गर्भपात क्या है – What Is A Surgical Abortion In Hindi
  2. सर्जिकल गर्भपात कराने से पहले करें तैयारी – Preparing for a surgical abortion in Hindi
  3. सर्जिकल गर्भपात प्रक्रिया – Surgical Abortion procedure in Hindi
  4. सर्जिकल गर्भपात के बाद ठीक होने में कितना समय लगता है – Recovery after surgical abortion in Hindi
  5. सर्जिकल गर्भपात कितना कारगर है – Effectiveness of surgical abortion in Hindi
  6. सर्जिकल गर्भपात के बाद अपनी देखभाल कैसे करें – How to care for yourself after an abortion in Hindi
  7. सर्जिकल गर्भपात के बाद कमजोरी दूर करने के लिए क्या खाएं – What To Eat After Surgical Abortion In Hindi
  8. सर्जिकल एबॉर्शन के नुकसान – Surgical Abortion side effects In Hindi
  9. सर्जिकल एबॉर्शन के मासिक धर्म और सेक्स – Periods and sex after Surgical Abortion in Hindi

सर्जिकल गर्भपात क्या है – What Is A Surgical Abortion In Hindi

शल्य गर्भपात या ऑपरेशन के द्वारा गर्भपात एक ऐसी प्रक्रिया है जिसे चूषण या खींचकर निकालना (suction or vacuum) के नाम से भी जाना जाता है। सर्जिकल गर्भपात की पूरी प्रक्रिया एक दिन में समाप्त हो जाती है। लेकिन इस तरह का गर्भपात कराने के लिए यह बेहद जरूरी है कि महिला की प्रेगनेंसी कम से कम 12 हफ्ते की हो। इसका कारण यह है कि जब सर्विक्स या गर्भाशय का द्वार अपने आप जब थोड़ा खुलता है तभी इसमें एक छोटे ट्यूब पर चूषण लगाकर गर्भाशय में डालकर नाल को बाहर निकाला जाता है।

सर्जिकल गर्भपात कराने से पहले महिला को डॉक्टर से (करीब तीन घंटे तक) बात करनी पड़ती है और इसके बारे में जरूरी जानकारी लेनी पड़ती है। सर्जिकल गर्भपात की पूरी प्रक्रिया संपन्न होने में आमतौर पर कुल पांच से 10 मिनट का समय लगता है और इसके बाद महिला अपने घर जा सकती है।

(और पढ़े – गर्भपात के बाद होने वाली समस्‍याएं…)

सर्जिकल गर्भपात कराने से पहले करें तैयारी – Preparing for a surgical abortion in Hindi

आमतौर पर हर महिला को सर्जिकल गर्भपात कराने से पहले थोड़ी तैयारी करनी पड़ती है। इससे गर्भपात के दौरान महिला को अधिक परेशानी नहीं होती है और गर्भपात आसानी से हो जाता है। हालांकि सर्जिकल गर्भपात से पहले महिला को कुछ सामान्य दिशा निर्देश दिये जाते हैं।

यदि आप सर्जिकल गर्भपात करवाने जा रही हैं तो आपको गर्भपात कराने से छह घंटे पहले कुछ भी खाना पीना नहीं चाहिए। यहां तक की पानी भी नहीं पीना चाहिए।

सर्जिकल गर्भपात कराने वाली महिला को अपने साथ सैनिटरी पैड, रेफरल लेटर, ब्लड ग्रुप कार्ड और हेल्थ कार्ड लेकर जाना चाहिए।

इसके अलावा हॉस्पिटल से घर आने के लिए पहले से ही अच्छा बंदोबस्त कर लेना चाहिए।

(और पढ़े – जानबूझकर सिजेरियन डिलीवरी कराने से पहले इन 3 बातों को जान लें…)

सर्जिकल गर्भपात प्रक्रिया – Surgical Abortion procedure in Hindi

सर्जिकल गर्भपात शुरू करने से पहले महिला को गर्भाशय ग्रीवा (cervix) में सीधे लोकल एनेस्थेशिया (local anaesthetia) दिया जाता है। इसके बाद डॉक्टर योनि के अंदर की स्थिति का परीक्षण करते हैं और एक दवा लगाकर योनि और सर्विक्स को साफ करते हैं।

इसके बाद गर्भाशय ग्रीवा या सर्विक्स पर दवा लगाकर इसे पूरी तरह से सुन्न करते हैं।

सर्विक्स सुन्न हो जाने के बाद महिला को जब दर्द नहीं होता है तब डॉक्टर गर्भाशय के द्वार या सर्विक्स को एक प्लास्टिक के रॉड से फैलाते हैं या चौड़ा करते हैं।

इसके बाद एक छोटा, संकरा और लचीले ट्यूब को गर्भाशय के अंदर डालते हैं और ट्यूब के दूसरे छोर पर एक कोमल चूषण (suction) लगाते हैं ताकि ट्यूब में लगा यह चूषण गर्भाशय से प्रेगनेंसी के सभी ऊतकों को बाहर खींच कर निकाल दे।

चूषण या संक्शन की सहायता से जब गर्भ के ऊतक, नाल और भ्रूण बाहर निकल आते हैं तो इसका अर्थ है कि महिला का सर्जिकल गर्भपात पूरी तरह से सफल रहा।

सर्जिकल गर्भपात की पूरी प्रक्रिया समाप्त होने के बाद महिला के शरीर, गर्भाशय और पेट में उसी तरह का दर्द होता है जैसा कि उसे मासिक धर्म के दौरान होता है। इसका कारण यह है कि सर्जिकल गर्भपात के बाद आमतौर पर गर्भाशय अपने वास्तविक आकार से कुछ सिकुड़ जाता है। हालांकि सर्जिकल गर्भपात में चूषण का इस्तेमाल सिर्फ दो मिनट के लिए किया जाता है।

(और पढ़े – गर्भाशय की जानकारी, रोग और उपचार…)

सर्जिकल गर्भपात के बाद ठीक होने में कितना समय लगता है – Recovery after surgical abortion in Hindi

क्लिनिक गर्भपात कराने के बाद महिला को कुछ घंटों तक आराम करने के लिए कहा जाता है और इसके बाद वह चाहे तो घर जा सकती है। इस दौरान महिला के शरीर में ऐंठन और दर्द हो सकता है इसलिए उसे डॉक्टर हीट पैक, मैक्सी पैड और साथ में जूस की बॉटल भी देते हैं।  इसके साथ ही डॉक्टर महिला को बर्थ कंट्रोल के लिए एंटीबायोटिक्स भी देते हैं। कुछ दवाएं खाने के एक या दो दिन बाद महिला फिर से अपनी सामान्य दिनचर्या में लौट सकती है। जब महिला ठीक महसूस करने लगे तो उसके बाद एक बार डॉक्टर को जरूर दिखा लेना चाहिए। हालांकि कुछ महिलाओं को पूरी तरह से ठीक होने में इससे भी ज्यादा समय लगता है। आमतौर पर सर्जिकल गर्भपात के बाद ब्लीडिंग बंद होने में छह हफ्तों का समय लग सकता है।

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सर्जिकल गर्भपात कितना कारगर है – Effectiveness of surgical abortion in Hindi

 क्लिनिक गर्भपात अत्यधिक प्रभावी होते हैं। यह मेडिकल (गोली द्वारा) गर्भपात से अधिक प्रभावी होता है, जिनकी प्रभावशीलता दर 90 प्रतिशत से अधिक है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रक्रिया पूरी तरह सफल हुई है, आपको अपने डॉक्टर से फॉलो उप लेना होगा।

(और पढ़े – डाइलेशन और क्यूरेटेज क्या होता है (डी एंड सी) और इससे जुड़ी जरुरी बातें)

सर्जिकल गर्भपात के बाद अपनी देखभाल कैसे करें – How to care for yourself after an abortion in Hindi

शल्य गर्भपात या ऑपरेशन के द्वारा गर्भपात के बाद कुछ दिनों तक महिला को ब्लीडिंग हो सकती है इसलिए उसे अपनी सही तरीके से देखभाल करने की जरूरत पड़ती है। एबॉर्शन के बाद महिला को बहुत जल्दी इंफेक्शन होने का भी खतरा बना रहता है इसलिए उसे अपनी उचित देखभाल करने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • सर्जिकल गर्भपात के बाद महिला को अपने अगले मासिक धर्म में टैम्पोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, बल्कि इसकी जगह सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • सीधे नहाने के बजाय शॉवर लेना चाहिए।
  • महिला को यौन संबंध नहीं बनाना चाहिए और पूरी तरह से ठीक होने का इंतजार करना चाहिए।
  • सर्जिकल एबॉर्शन के बाद महिला को स्वीमिंग पुल में नहीं नहाना चाहिए।
  • इसके अलावा गर्भपात के बाद महिला को अपनी देखभाल करने के लिए अपने पेट पर मसाज करनी चाहिए ताकि गर्भाशय के ऊतकों में ऐंठन कम हो जाए।
  • महिला को अपने पेट की सिंकाई करनी चाहिए।
  • यदि सर्जिकल गर्भपात के बाद महिला को बहुत ज्यादा दर्द हो रहा हो तो उसे इबुप्रोफेन (ibuprofen) नामक दर्दनिवारक दवा का सेवन करना चाहिए। लेकिन डॉक्टर से सलाह लेकर।
  • अपने शरीर के तापमान को मापना चाहिए और यह देखना चाहिए कि संक्रमण के कारण बुखार की संभावना तो नहीं है।
  • सर्जिकल एबार्शन कराने के बाद महिला को अपनी देखभाल करने के लिए कुछ हफ्तों तक अपने शरीर पर पूरी तरह से निगरानी रखनी चाहिए।

(और पढ़े – टैम्पोन का उपयोग कैसे करें फायदे और नुकसान…)

सर्जिकल गर्भपात के बाद कमजोरी दूर करने के लिए क्या खाएं – What To Eat After Surgical Abortion In Hindi

हल्दी और दूध: सर्जिकल गर्भपात के बाद शरीर से अधिक खून निकलने के कारण महिला का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। इस स्थिति में शरीर की कमजोरी दूर करने के लिए महिला को एक चम्मच हल्दी पाउडर को दो चम्मच देसी घी में फ्राई करके इसे दूध में डालकर उबाल लेना चाहिए और मेवे डालकर इस दूध को दिन में दो या तीन बार पीना चाहिए।

अंडा और दूध: अंडे में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है जो महिला के शरीर में रक्त कोशिकाओं का बहुत तेजी से निर्माण करता है। एक गिलास गर्म दूध के साथ एक उबला हुआ अंडा नियमित खाने से महिला कुछ ही दिनों में खून को एनर्जेटिक महसूस करने लगेगी।

अदरक पाउडर, गेहूं और गुड़: एक किलो गेहूं को रात भर पानी में भिगोएं और सुबह इसे ताजे पानी में उबालकर इसमें पर्याप्त गुड़ डालें। जब यह मिश्रण उबलकर सूखा हो जाए तब इसमें दो चम्मच अदरक पाउडर डालें और ठंडा होने के बाद इसमें मेवे डालकर दिन में दो बार खाएं। यह सर्जिकल गर्भपात के बाद शरीर को फिर से सामान्य बनाने में बहुत मदद करता है।

संतरे का जूस: संतरे के रस में विटामिन और खनिज पाया जाता है जो शरीर को स्वस्थ और हड्डियों को मजबूत रखता है। गर्भपात के बाद महिलाओं की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और उन्हें जोड़ों में खिंचाव या तनाव की समस्या हो जाती है। इस स्थिति से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में नियमित संतरे का जूस पीना चाहिए। क्योंकि इसमें विटामिन सी होता है जो सर्जिकल गर्भपात के बाद महिला को ठीक करने में मदद करता है।

(और पढ़े – हल्दी और दूध के फायदे और नुकसान…)

सर्जिकल एबॉर्शन के नुकसान – Surgical Abortion side effects In Hindi

सर्जिकल प्रक्रिया के तुरंत बाद और रिकवरी समय के दौरान, आप कुछ दुष्प्रभावों का अनुभव कर सकती हैं। सर्जिकल गर्भपात के सामान्य दुष्प्रभावों में शामिल हैं:

एक बार आपकी डॉक्टर यह सुनिश्चित करती है कि आपका स्वास्थ्य स्थिर है, तो आपको घर जाने के लिए कह दिया जाएगा। अधिकांश महिलाओं में योनि से रक्तस्राव का अनुभव होता है और मासिक धर्म चक्र के समान दो से चार दिनों तक क्रैम्पिंग (दर्द) होता है।

(और पढ़े – पीरियड्स में दर्द का इलाज…)

अगर ये लक्षण दिखें तो अपने डॉक्टर को तुरंत दीखाना चाहिए

यदि आपको निम्न लक्षणों का अनुभव होता है तो आपको अपने डॉक्टर को कॉल करना चाहिए या तत्काल चिकित्सा के लिए उनके पास जाना चाहिये:

  • दो घंटों से अधिक समय तक नींबू से बड़े रक्त के थक्के जाना
  • खून का बहाव इतना भारी है कि आपको अपने पैड को एक घंटे में दो बार बदलना पड़ रहा है वो भी लगातार दो घटें से
  • बहुत गन्दी गंध वाला योनि निर्वहन
  • बुखार
  • दर्द या क्रैम्पिंग जो बेहतर होने की बजाय बदतर होती जाती है, खासकर 48 घंटों के बाद
  • गर्भावस्था के लक्षण जो एक सप्ताह के बाद बने रहते हैं।

(और पढ़े – प्रेगनेंसी (गर्भावस्था) के शुरूआती लक्षण…)

सर्जिकल एबॉर्शन के मासिक धर्म और सेक्स – Periods and sex after Surgical Abortion in Hindi

गर्भपात के बाद आपका पीरियड (मासिक धर्म) चार से आठ सप्ताह में वापस आना चाहिए। लेकिन ओव्यूलेशन बिना किसी संकेत या लक्षण के हो सकता है, और अक्सर सामान्य मासिक धर्म चक्रों को फिर से शुरू करने से पहले भी, इसलिए आपको हमेशा संभोग के दौरान गर्भनिरोधक का उपयोग करना चाहिए। गर्भपात के बाद आपको कम से कम एक से दो सप्ताह तक यौन संबंध बनाने के लिए  इंतजार करना चाहिए, जो की संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। आपको टैम्पोंन का उपयोग करने या योनि में कुछ भी डालने के लिए पहले मासिक धर्म का  इंतजार करना चाहिए।

(और पढ़े – पीरियड्स की जानकारी और अनियमित पीरियड्स के लिए योग और घरेलू उपचार…)

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