गर्भावस्था

जानें प्रेगनेंसी का पहला हफ्ता – Pregnancy first week in hindi

प्रेगनेंसी का पहला हफ्ता - Pregnancy first week in hindi

प्रेगनेंसी या गर्भावस्था हर महिला के जीवन का एक बेहद खास समय होता है। लेकिन आश्चर्य की बात है! एक सप्ताह की गर्भवती होने पर आप वास्तव में गर्भवती नहीं है। अधिकांश गायनेकोलॉजिस्ट आपके पिछले पीरियड के पहले दिन से गर्भावस्था की गणना करते हैं। गर्भावस्था के पहले हफ्ते के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए पढ़ें यह आर्टिकल। आज के इस लेख में आप जानेगी प्रेगनेंसी का पहला हफ्ता कैसे शुरू होता है, लक्षण, बदलाव, आहार, भ्रूण की साइज सहित सबकुछ जो आप प्रेगनेंसी के फर्स्ट वीक (Pregnancy first week in hindi) के बारे में जानना चाहतीं हैं।

अधिकांश मामलों में प्रेगनेंसी के फर्स्ट वीक में गर्भावस्था का पता लगाना बहुत कठिन होता है। गर्भधारण के कुछ हफ्तों के बाद ही कोई गर्भावस्था का पता लगा सकता है। अनियोजित गर्भावस्था के मामलों में गर्भावस्था का पता लगाना और अधिक कठिन हो जाता है। कुछ संकेतों को देखने के बाद ही, यह साबित करने के लिए प्रेगनेंसी टेस्ट किए जाते हैं कि कोई महिला गर्भवती है या नहीं। गर्भावस्था के चिकित्सा लक्षण कुछ हफ्तों के बाद दिखाई देते हैं, लेकिन बार-बार पेशाब आना, मूड में बदलाव, अवसाद और थकान जैसे संकेत होते हैं जो आमतौर पर गर्भावस्था के पहले सप्ताह से जुड़े होते हैं।

प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं और उसका शरीर भ्रूण के विकास के लिए तैयार होता है। सिर्फ इतना ही नहीं प्रेगनेंसी के दौरान महिला को कई चरणों से गुजरना पड़ता है। लगभग 40 हफ्तों की प्रेगनेंसी ड्यूरेशन पूरा करने के बाद महिला अपने शिशु को जन्म देती है।  आज के आर्टिकल में हम आपको बताएंगे प्रेगनेंसी का पहला हफ्ता क्या होता है, प्रेगनेंसी के पहले हफ्ते के लक्षण, गर्भावस्था के फर्स्ट वीक में शारीरक बदलाव, आहार, भ्रूण की साइज सहित वो सबकुछ जो आप जानना चाहतीं हैं।

प्रेगनेंसी का पहला हफ्ता – Pregnancy in first week in hindi

गर्भावस्था का पहला हफ्ता अहम होता है। हालांकि इस दौरान बहुत सी महिलाओं को अपनी प्रेगनेंसी के बारे में कुछ नहीं पता चल पाता है लेकिन जो महिलाएं अपने ओव्यूलेशन पर ध्यान रखती हैं उन्हें अपनी प्रेगनेंसी का थोड़ा आभास जरुर हो जाता है। आइये जानते हैं गर्भावस्था का पहला हफ्ता कैसा होता है।

प्रेगनेंसी के पहले हफ्ते में महिला को कितने दिनों का गर्भ रहता है

गर्भावस्था के पहले हफ्ते में महिला का शरीर कंसेप्शन या गर्भधारण करने के लिए तैयार होता है। प्रेगनेंसी के फर्स्ट वीक में महिला के गर्भ में भ्रूण बनने की शुरुआत होती है और शरीर में कुछ बदलाव महसूस होते हैं।

गर्भावस्था के पहले हफ्ते में भ्रूण कितना बड़ा होता है

प्रेगनेंसी के फर्स्ट वीक में न तो भ्रूण की कोई साइज होती है और ना ही वजन। पहले हफ्ते में शरीर भ्रूण बनाने के लिए खुद को तैयार करता है लेकिन भ्रूण का निर्माण नहीं होता है। कई महिलाओं को अपनी प्रेगनेंसी का पहला हफ्ता पता ही नहीं चल पाता है लेकिन गर्भावस्था के 40 हफ्तों में प्रेगनेंसी के फर्स्ट वीक को भी काउंट किया जाता है।

प्रेगनेंसी के पहले सप्ताह में महिला को क्या करना चाहिए

गर्भावस्था के पहले हफ्ते में प्रेगनेंट महिला को अपनी लाइफस्टाइल में सुधार करनी चाहिए और गलत आदतों जैसे स्मोकिंग, ड्रिंकिंग और अधिक मात्रा में कैफीन एवं कार्बोनेटेड पेय पदार्थों का सेवन करना छोड़ देना चाहिए।

महिला को रोजाना शारीरिक संबंध बनाना चाहिए और अपनी पिछली दो माहवारी चक्र को नोट करके रखना चाहिए।

इसके साथ ही महिला को नियमित रुप से पर्याप्त मात्रा में विटामिन्स और फोलिक एसिड लेना चाहिए।

महिला को पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए ताकि सर्वाइकल म्यूकस अच्छी तरह हाइड्रेट हो जाए और स्पर्म को म्यूकस तक पहुंचने में आसानी हो।

वन वीक की प्रेगनेंसी में महिला का पेट कितना निकलता है

प्रेगनेंसी के पहले सप्ताह में महिला का शरीर सिर्फ पिछले महीने के अनिषेचित अंडों को ही बाहर नहीं निकालता है बल्कि गर्भाशय की एक नई परत का निर्माण भी करता है, जो अगले महीने के अंडे को संभालता है और उसे फर्टिलाइज कर भ्रूण बनने में सहायता करता है। चूंकि प्रेगनेंसी के पहले हफ्ते में सिर्फ इस प्रक्रिया की शुरूआत होती है इसलिए महिला का पेट सामान्य ही दिखता है।

गर्भावस्था का पहला सप्ताह कैसे शुरू होता है – How to start First Week of Pregnancy in Hindi

1 सप्ताह की गर्भावस्था वह समय होता है जब आपके पीरियड्स रुक जाते हैं। शिशु की नियत तिथि की गणना उसी के अनुसार की जाती है। हालांकि, जब अंडाशय (ovary) में अंडाणु (egg) शुक्राणु (sperm) द्वारा निषेचित होता है और जाइगोट (zygote) गर्भाशय (uterus) में पहुंचता है, तो एक महिला गर्भवती (pregnant) होती है। यह वास्तविक गर्भावस्था है क्योंकि मासिक धर्म के तुरंत बाद अंडे का निषेचन नहीं होता है। मासिक धर्म (menstrual cycle) के बाद गर्भवती होने में दो सप्ताह का समय लगता है। इस समय के दौरान गर्भवती महिलाएं अपनी सामान्य गतिविधियों को कर सकती हैं। हालाँकि गर्भावस्था के लक्षण एक महिला से दूसरी महिला में भिन्न-भिन्न होते हैं। कुछ लोगों में, लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं जबकि कुछ में वे कुछ दिनों के बाद दिखाई देते हैं।

गर्भावस्था के पहले सप्ताह के दौरान, बच्चे को ब्लास्टोसाइट (blastocyte) कहा जाता है। ब्लास्टोसाइट का बाहरी हिस्सा नाल (placenta) बन जाता है और भीतरी हिस्सा भ्रूण (embryo) बन जाता है।

पहले हफ्ते में गर्भावस्था के लक्षण – First week pregnancy symptoms in Hindi

प्रेगनेंसी का फर्स्ट वीक गर्भावस्था का शुरुआती स्टेज होता है और पहले हफ्ते में पीरियड से जुड़े ही लक्षण दिखायी देते हैं। वास्तव में प्रेगनेंसी के पहले हफ्ते में महिला प्रेगनेंट नहीं होती है लेकिन शरीर में कुछ बदलाव के साथ कई लक्षण (first week pregnancy lakshan in hindi) नजर आते हैं जो तीन से सात दिनों तक रहते हैं।

वेजाइनल ब्लीडिंग

योनि से हल्की ब्लीडिंग होती है और जिसे कुछ महिलाएं पीरियड समझ बैठती हैं। वास्तव में यह पीरियड नहीं होता है बल्कि गर्भाशय की परत बाहर निकलती है। यह ब्लीडिंग पीरियड जितनी हैवी नहीं होती है और जल्दी बंद भी हो जाती है।

कमर और पीठ के निचले हिस्से में दर्द और ऐंठन

यूटेरस लाइनिंग जब रिलीज होती है तो गर्भाशय सिकुड़ता है जिसके कारण पेट और कमर में दर्द और ऐंठन महसूस होती है।

सूजन

पहले हफ्तों में शरीर के हार्मोन्स में उतार चढ़ाव होता है जिसके कारण पेट में सूजन महसूस होती है।

मूड स्विंग

हार्मोन में बदलाव के कारण चिड़चिड़ापन या मूड स्विंग जैसी समस्या होती है और कई बार महिला बहुत इमोशनल फील करती है।

सिरदर्द

बहुत सी महिलाओं को प्रेगनेंसी के पहले हफ्ते में माइग्रेन की समस्या होती है जो कि हार्मोन से जुड़ी होती है। हालांकि एक्सरसाइज करने और अपनों के बीच बैठने से काफी राहत मिलती है।

1 सप्ताह की गर्भावस्था के दौरान बाहरी रूप से बहुत अधिक शारीरिक परिवर्तन नहीं दिखाई देते हैं लेकिन कई आंतरिक परिवर्तन होते हैं। सबसे आम बदलाव मोर्निंग सिकनेस (morning sickness), गैस बनना, मतली, कब्ज और बेचैनी का अनुभव होना है। गर्भावस्था के दौरान कई हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जिसके कारण अवसाद के लक्षण होते हैं। स्तन बड़े होने के साथ-साथ उनका घेरा (areola) अधिक डार्क हो जाता है। हालाँकि कई महिलाएं ऐसी भी हैं जो प्रेगनेंसी के कुछ हफ्तों के बाद इन परिवर्तनों का अनुभव करती हैं।

गर्भावस्था के पहले हफ्ते में महिला का आहार कैसा होना चाहिए – First week pregnancy diet in Hindi

प्रेगनेंसी के फर्स्ट वीक से ही महिला को ऐसे आहार लेने शुरु कर देना चाहिए जिसमें पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि उसे अपने शरीर की भी देखभाल करनी चाहिए और किसी भी तरह का तनाव नहीं लेना चाहिए। गर्भावस्था के पहले सप्ताह में महिला को अपनी बॉडी एक्टिव रखने के लिए रोजाना एक्सरसाइज करनी चाहिए और शांत वातावरण में रहने की कोशिश करने के साथ ही अपनी दिनचर्या में अच्छी और हेल्दी चीजों को शामिल करना चाहिए।

डेयरी प्रोडक्ट

प्रेगनेंसी के पहले हफ्ते में अपनी डाइट में बदलाव करना चाहिए और ऐसी चीजें खानी चाहिए जिनकी शरीर को आवश्यकता हो। चूंकि गर्भावस्था के पहले हफ्ते में शरीर कंसेप्शन के लिए तैयार होता है इसलिए शरीर को पर्याप्त प्रोटीन और कैल्शियम की आवश्यकता होती है। इस दौरान दूध, पनीर और दही अधिक मात्रा में खाना चाहिए। दही में प्रोबायोटिक बैक्टीरिया होते हैं जो गर्भवती महिला के हेल्थ के लिए अच्छे होते हैं। इसके साथ ही दूध और पनीर से भी महिला के शरीर में कैल्शियम की भरपायी होती है।

अनाज और दालें

गर्भवती महिला को अपनी प्रेगनेंसी के फर्स्ट वीक से ही अंकुरित अनाज और दालों का सेवन करना चाहिए। इनमें भरपूर मात्रा में फाइबर, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम और फोलेट पाया जाता है जिनकी प्रेगनेंसी के दौरान अधिक जरुरत होती है। प्रेगनेंट महिला इस दौरान मटरस बीन्स, सोयाबीन, राजमा और मूंगफली का सेवन कर सकती है।

मछली

प्रेगनेंसी के फर्स्ट वीक से मछली खाना फायदेमंद माना जाता है। मछली में भरपूर मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है जो प्रेगनेंट महिला के शरीर के लिए बहुत जरुरी होता है। सालमन मछली विटामिन डी का श्रोत है जो शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में मदद करती है। इसके साथ ही टूना फिश खाना भी फायदेमंद है।

इन सभी आहारों के साथ ही गर्भवती महिला को हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे ब्रोकली, पालक, काले, अंडा, लीन मीट, फिश लिवर ऑयल, बेरी, होल ग्रेन, एवोकैडो और ड्राई फ्रूट्स का सेवन करने के साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।

क्या प्रेगनेंसी के पहले हफ्ते में अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए – first week pregnancy ultrasound in hindi

वास्तव में गर्भावस्था के पहले हफ्ते में ज्यादातर महिलाओं को पता ही नहीं चल पाता है कि वे प्रेगनेंट हैं। पहले हफ्ते में अल्ट्रासाउंड कराने या डॉक्टर के पास जाने की विशेष जरुरत नहीं पड़ती है। प्रेगनेंसी के पहले हफ्ते में शरीर कंसिव करने के लिए तैयार होता है इसलिए अल्ट्रासाउंड कराने का खास फायदा नहीं होता है। हालांकि प्रेगनेंसी के चौथे या पांचवें हफ्ते से डॉक्टर के पास जाना शुरू कर देना चाहिए और सभी नियमों का पालन करना चाहिए।

क्या गर्भावस्था के पहले हफ्ते में सेक्स करना चाहिए

प्रेगनेंसी का पहला हफ्ता महिला की अंतिम माहवारी (period) के पहले दिन से शुरू होता है इसलिए इस दौरान सेक्स करने में कोई दिक्कत नहीं है। अगर महिला को माहवारी के दौरान दर्द या कोई अन्य परेशानी हो तो संभोग करने से बचना चाहिए।

प्रेगनेंसी फर्स्ट वीक टिप्स – first week pregnancy tips in hindi

गर्भावस्था या प्रेगनेंसी के पहले हफ्ते में महिला को तनावमुक्त रहना चाहिए और अपनी गर्भावस्था को एंजॉय करना चाहिए।

गर्भावस्था के पहले हफ्ते से ही महिला को अलग-अलग तरह की हल्की एक्सरसाइज शुरु कर देना चाहिए और साथ में ताजे फलों का जूस और सब्जियों का सूप लेना चाहिए।

प्रेगनेंसी के फर्स्ट वीक में ही अगले हफ्तों का पूरा प्लान और अपनी देखभाल करने की योजना तैयार करें।

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  • आपका पोस्ट पढ़ने में बहुत दिलचस्प है। यह बहुत जानकारी पूर्ण और सहायक है। आमतौर पर, मैं कभी भी ब्लॉग पर टिप्पणी नहीं करती हूं लेकिन आपका लेख इतना आश्वस्त करता है कि मैं खुद को इसके बारे में कहने के लिए नहीं रोक पाई । आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, इसे बनाए रखें।

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