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वृक्षासन के फायदे और करने का तरीका – Vrikshasana (Tree Pose) Steps and Benefits in Hindi

वृक्षासन के फायदे और करने का तरीका - Vrikshasana (Tree Pose) Steps and Benefits in Hindi

Vrikshasana in Hindi वृक्षासन संस्कृत भाषा का शब्द है जहां वृक्ष का अर्थ पेड़ (Tree) और आसन का अर्थ बैठना या मुद्रा है। जब इस मुद्रा का अभ्यास प्रभावी ढंग से किया जाता है तो यह मुद्रा पेड़ की आकृति का दिखायी देता है, यही कारण है कि इसे वृक्षासन (Vrikshasana) कहा जाता है। इस मुद्रा के दौरान शरीर को ठीक उसी प्रकार स्थिर रखना पड़ता है जैसे पेड़ जमीन पर स्थिर रहता है। वृक्षासन का अभ्यास करते समय हमारा पैर वृक्ष की जड़ों (roots) की तरह कार्य करता है और पूरे शरीर के भार (weight) को संभाले रखता है। यह आसन स्वास्थ्य के लिए कई मायनों में फायदेमंद होता है। आइये जानते है वृक्षासन के फायदे और करने के तरीके के बारे में।

आज इस आर्टिकल में हम आपको वृक्षासन करने के तरीके (Vrikshasana Yoga Steps in Hindi), वृक्षासन करने के फायदे (Benefits of Vrikshasana in Hindi), वृक्षासन करते समय सावधानियों के बारे में बताएंगे।

विषय सूची

1. वृक्षासन करने की विधि- Steps of Vrikshasana (Tree Pose) in hindi
2. वृक्षासन योग करने का सही समय – Right time to do Vrikshasana (Tree Pose) in Hindi
3. वृक्षासन करने के फायदे – Benefits Of Vrikshasana (Tree Pose)in hindi

4. वृक्षासन करते समय बरतें सावधानियां – Precautions Of Vrikshasana(Tree pose) in hindi

वृक्षासन करने की विधि- Steps of Vrikshasana (Tree Pose) in hindi

आइये जानते हैं कि वृक्षासन करने का सही तरीका क्या है।

  1. सर्वप्रथम जमीन पर एकदम सीधे खड़े हो जाएं। दोनों पैर एक दूसरे से चिपके हों और घुटने (knees) बिल्कुल सीधे रखें।
  2. अपने दोनों हथेलियों को शरीर के दोनों तरफ रखें।
  3. अपने बाएं पैर के घुटने (left knee) को सीधे रखें और दाएं हाथ से दाएं पैर को उठाकर बाएं पैर के घुटने के जोड़ पर रखें।
  4. इसके बाद अपने दाएं पैर को हल्का सा मोड़ते हुए बाएं घुटने के जोड़ पर आराम से रखें।
  5. आपसे जितना संभव हो सके अपने दाएं पैर की एड़ी (heel) को बाएं जंघे पर ऊपर की ओर रखें। आपके पैरों की उंगलियां नीचे की ओर झुकी होनी चाहिए।
  6. आपके दाएं पैर की एड़ी का दबाव बाएं जांघ पर पड़ना चाहिए।
  7. इसके बाद बाएं पैर से अपने शरीर का बैलेंस बनाने की कोशिश करें।
  8. शरीर का संतुलन बन जाने के बाद अपने दोनों हथेलियों और उंगलियों को जोड़ें और दोनों हाथों को ऊपर उठाएं।
  9. आपके दोनों हाथ भगवान को नमस्कार करते हुए मुद्रा में ऊपर की उठा होना चाहिए।
  10. इसके बाद सांस लें (breathe in) और अपने दोनों हाथों को धीरे-धीरे (gradually) सिर के ऊपर उठाएं।
  11. अपने शरीर को ढीला नहीं बल्कि एकदम तानकर रखें और शरीर का संतुलन बिगड़ने न दें।
  12. कुछ देर तक इसी मुद्रा में बने रहें और सांस छोड़ते हुए (Breathe) हाथों को सीने पर रखें और पहले के पोजिशन में वापस आ जाएं।
  13. इस पोज का अभ्यास अब दूसरे पैर की सहायता से करें। इस क्रिया को बार-बार दोहराएं।

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वृक्षासन योग करने का सही समय – Right time to do Vrikshasana (Tree Pose) in Hindi

वृक्षासन का अभ्यास सुबह के समय एक शांत (calm) वातावरण में सही तरीके से करें। सुबह के समय मस्तिष्क अधिक शांत रहता है और आसन के फायदे भी प्रभावी ढंग से प्राप्त होते हैं।

किसी भी आसन का अभ्यास सही तरीके से करने पर ही इसके फायदे मिलते हैं। आपको बता दें कि वृक्षासन को खाली पेट (empty stomach) किया जाता है और यदि आप भोजन के बाद इस आसन का अभ्यास(practice) करना चाहते हैं तो आसन करने से करीब 4 से 6 घंटे पहले भोजन कर लें ताकि भोजन आसानी से पच जाए और आसन के लिए शरीर को सक्रिय बना सके।

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वृक्षासन करने के फायदे – Benefits Of Vrikshasana (Tree Pose)in hindi

योगा विशेषज्ञों का मानना है कि अन्य आसन की तरह वृक्षासन के भी बहुत फायदे होते हैं। यह आसन शरीर को सही आकार प्रदान करने में मदद करता है और पैरों एवं नितंबों को भी मजबूत बनाता है। मांसपेशियों को टोन करता है और भुजाओं (arms) को शक्ति प्रदान करता है। इसके अलावा कई तरह की बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए यह एक दवा का कार्य करता है। आइये जानते हैं कि वृक्षासन का अभ्यास करने से शरीर को क्या-क्या फायदे होते हैं।

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वृक्षासन के फायदे रीढ़ के लिए फायदेमंद – Benefits of vrikshasana yoga for Spine in Hindi

वृक्षासन करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और इससे हड्डियों में दर्द की समस्या नहीं होती है। यह आसन शरीर के संतुलन को भी बनाने में मदद करता है। इसके अलावा यह न्यूरो पेशी(neuro-muscular) को भी बेहतर बनाने में सहायक होता है।

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मांसपेशियों को टोन करने में वृक्षासन के फायदे – Benefits of vrikshasana for Muscle tone in Hindi

यह आसन पैरों के अस्थिबंधन(ligaments) और मांसपेशियों को मजबूत करने में बहुत मदद करता है। वृक्षासन करने से पैरों के घुटने मजबूत होते हैं और कूल्हों के जोड़ लचीले बनते हैं।

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वृक्षासन के लाभ कान के लिए फायदेमंद – Benefits of vrikshasana Yoga for ear in Hindi

वृक्षासन करने से आंख, कान का अंदरूनी हिस्सा और कंधे (shoulder) मजबूत होते हैं। यह आसन कान के लिए फायदेमंद तो होता ही है साथ में साइटिका (sciatica) की बीमारी को भी दूर करने में मदद करता है।

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वृक्षासन के फायदे मस्तिष्क के लिए फायदेमंद – Benefits of vrikshasana Yoga for Brain in Hindi

 प्रतिदिन इस आसन का अभ्यास करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और काम में ध्यान केंद्रित (concentration) होता है। यह आसन शरीर को अधिक सक्रिय रखता है और दिमाग को शांत रखता है।

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शरीर को स्वस्थ रखने में वृक्षासन है फायदेमंद – Benefits of vrikshasana Yoga for Body in Hindi

यह आसन सिर से लेकर पैर की उंगलियों (toes) तक को स्वस्थ रखने में मदद करता है। शरीर को लचीला (flexible) बनाने के साथ ही कंधे को मजबूत बनाने और शरीर के विभिन्न विकारों को दूर करने में यह आसन बहुत फायदेमंद होता है।

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वृक्षासन करते समय बरतें सावधानियां – Precautions Of Vrikshasana(Tree pose) in hindi

आमतौर पर आसन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद और बहुत महत्वपूर्ण होता है। लेकिन हर स्थिति में आसन के फायदे नहीं प्राप्त किये जा सकते हैं। कोई विशेष ऑपरेशन, चोट या समस्या होने पर हमें आसन नहीं करना चाहिए या करते समय सावधानियां बरतनी चाहिए। आइये जानते हैं वृक्षासन करते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।

जिन लोगों को उच्च रक्चचाप (high blood pressure) की समस्या हो उन्हें वृक्षासन करते समय अपनी भुजाओं को सिर के ऊपर अधिक देर तक नहीं उठाकर रखना चाहिए। अन्यथा इससे सीने में दर्द शुरू हो सकता है।

  1. वृक्षासन का अभ्यास करते समय अपने एक पैर को दूसरे पैर के जोड़ या जांघ पर सही स्थान पर रखें और अधिक नीचे या ऊपर न रखें अन्यथा शरीर का संतुलन खराब हो सकता है और आप गिर सकते हैं।
  2. यदि आपको अनिद्रा (insomnia) या माइग्रेन हो तो वृक्षासन का अभ्यास न करें।
  3. अगर आपका ब्लड प्रेशर बहुत कम है तो इस स्थिति में भी वृक्षासन का अभ्यास करने से बचें।
  4. यदि आपके घुटनों में दर्द हो तो इस आसन का अभ्यास न करें अन्यथा आपकी परेशानी अधिक बढ़ सकती है।
  5. अगर आपके कूल्हों में चोट लगी हो तो इस स्थिति में वृक्षासन करने से परहेज करें।
  6. यदि आपके टखने में कोई समस्या हो या लगातार चक्कर(dizziness) महसूस होता हो तो वृक्षासन का अभ्यास न करें।

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ऊपर के लेख में आपने जाना वृक्षासन करने का तरीका (Vrikshasana Yoga Steps in Hindi), वृक्षासन करने के फायदे (Benefits of Vrikshasana in Hindi), वृक्षासन करते समय सावधानियां Vrikshasana Precautions in Hindi के बारे में।

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