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टिनिटस (कान बजना) क्या होता है लक्षण, कारण, जांच, इलाज और बचाव – Tinnitus (kaan bajna) Causes Symptoms And Treatment In Hindi

टिनिटस (कान बजना) क्या होता है लक्षण, कारण, जांच, इलाज और बचाव - Tinnitus (kaan bajna) Causes Symptoms And Treatment In Hindi

Tinnitus (kaan bajna) in Hindi टिनिटस (कान बजना) की समस्या क्या होती है इसके बारे में बहुत से लोगों को जानकारी नहीं है परन्तु इसके लक्षण आजकल बहुत से व्यक्तियों में पाए जा रहे है। टिनिटस या कान बजने की समस्या अक्सर 50 वर्ष के ऊपर की उम्र वालो में देखने को मिलती है परन्तु आजकल कान बजने की परेशानी युवाओं और वयस्कों में भी देखने को मिल रही है। टिनिटस की समस्या में व्यक्ति को कान में अलग अलग तरह की आवाज़े सुनाई देती है, वैसे तो इसकी ध्वनि की तीव्रता बहुत कम होती है परन्तु कभी कभी यह बहुत ही तेज हो जाती है जिससे दूसरे लोगों को भी बाहर तक ये आवाज़े सुनाई देती है और जिस व्यक्ति को यह समस्या है उसे इतनी तेज आवाज के कारण घबराहट और अवसाद की परेशानी भी हो सकती है।

अगर आपको भी टिनिटस या कान बजने जैसी समस्या के कोई लक्षण दिखाई दे रहे है तो तुरन्त अपने डॉक्टर से संपर्क करें और इसका इलाज करवाएं। आज इस लेख में हम जानेंगे की टिनिटस (कान बजना) क्या होता है और इसके लक्षण, कारण, जांच, इलाज, रोकथाम, उपचार, निदान, और बचाव के बारे में ।

  1. टिनिटस (कान बजना) क्या होता है – What is Tinnitus (kaan bajna) in hindi
  2. टिनिटस (कान बजना) के लक्षण – Tinnitus (ringing ears) ke lakshan in Hindi
  3. कान में आवाज आने के कारण – Tinnitus (kaan bajna) ke karan in hindi
  4. कान में आवाज होना (टिनिटस) के जोखिम कारक – Tinnitus (kaan ki awaz) ke risk factor in hindi
  5. कान में आवाज आने (टिनिटस) से होने वाली जटिलताएं – Tinnitus (kaan me awaz) Complications in hindi
  6. टिनिटस (कान में आवाज आने) की जांच – Tinnitus (kaan bajna) ki janch in Hindi
  7. कान में आवाज आने का इलाज – Tinnitus (ringing ears) ka ilaj in hindi
  8. टिनिटस (कान बजना) की समस्या का घरेलू उपचार – Tinnitus (ringing ears) ki samasya ka upchaar in hindi
  9. टिनिटस का आयुर्वेदिक उपचार और कम करने के घरेलू उपाय है – Tinnitus Ka Gharelu Upay In Hindi

टिनिटस (कान बजना) क्या होता है – What is Tinnitus (kaan bajna) in hindi

टिनिटस (कान बजना) क्या होता है - What is Tinnitus (kaan bajna) in hindi

टिनिटस (कान बजना), यह स्थिति तब होती है जब कोई व्यक्ति पूरे होश में होते हुए एक ऐसी ध्वनि सुनता हैं जो शरीर के बाहर किसी अन्य स्रोत से नहीं आती है बल्कि कानों के अन्दर ही सुनाई देती है। यह किसी प्रकार की बीमारी नहीं है, बल्कि यह एक खास तरह की समस्या के लक्षण है। इस तरह का शोर आमतौर पर व्यक्तिपरक (subjective) होता है, जिसका मतलब यह है कि केवल टिनिटस से पीड़ित व्यक्ति ही इसे सुन सकता हैं। इसका सबसे आम रूप है, तेज पिच वाली रिंगिंग। यह काफी कष्टदायक हो सकता है, लेकिन यह किसी गंभीर स्थिति का संकेत नहीं होता है। 1 प्रतिशत से भी कम मामलों में, यह होता है की अन्य लोग इस तरह के शोर को सुन पाते  हैं।

इस तरह का शोर व्यक्ति के शरीर में कार्डियोवैस्कुलर मूवमेंट (cardiovascular movement) या तो मस्कुलोस्केलेटल मूवमेंट (musculoskeletal movement)  के कारण हो सकता है। यह एक तरह की मेडिकल इमरजेंसी का संकेत भी हो सकता है।

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टिनिटस (कान बजना) के लक्षण – Tinnitus (ringing ears) ke lakshan in Hindi

कान बजना एक ना सुनाई देने वाली आंतरिक ध्वनि है जो कभी कभी या निरंतर हो सकती है। कान बजने की समस्या एक कान या दोनों कानों में हो सकती है और टिनिटस की समस्या में ध्वनी या तो कम पिच की होगी या तो कभी उच्च-पिच की भी सुनाई दे सकती है।

कान बजते समय अलग-अलग ध्वनियां जैसे कान में सीटी की आवाज सुनाई देना, चहकने की आवाज, कान में साय साय की आवाज आना, क्लिक की आवाज, चिल्लाने की आवाज, कान में सनसनाहट की आवाज या भनभनाहट की आवाज या संगीत की आवाज के रूप में सुनाई दे सकती हैं।

ध्वनि की पिच की मात्रा में उतार-चढ़ाव भी हो सकता है। टिनिटस की समस्या अक्सर रात में या शांत वातावरण में सबसे ज्यादा उत्पन्न होती है, जिससे बहरेपन की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है।

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कान में आवाज आने के कारण – Tinnitus (kaan bajna) ke karan in hindi

कान में आवाज आने के कारण - Tinnitus (kaan bajna) ke karan in hindi

कई स्वास्थ्य स्थितियां टिनिटस या कान में आवाज आने का कारण बन सकती हैं। परन्तु कई मामलों में इसका सही कारण पता नहीं चल पाता है।

टिनिटस या कान में आवाज आने का एक सबसे सामान्य कारण जो डॉक्टर मानते है वह यह है की जब हमारे कान के अंदर के बालों को क्षति पहुँचती है तब टिनिटस की समस्या उत्पन्न होती है। हमारे कान के अंदर बहुत छोटे और नाजुक बाल पाए जाते है जो ध्वनि तरंगों के दबाव से चलते है और यही छोटे बालों की कोशिकाएं मस्तिष्क तक ध्वनी के रूप में संकेत पहुँचाने का काम करती है। ऐसे में यदि कान के अंदर के बाल मुड़े हुए या टूटे हुए होते हैं, तो वे मस्तिष्क में विद्युत आवेगों (electrical impulse) का रिसाव करने लगते हैं, जिससे टिनिटस या कान बजने की समस्या उत्पन्न होती है।

कान में आवाज आने के अन्य कारणों में शामिल हो सकते है-

  • कोई पुरानी कान की समस्या
  • पुरानी स्वास्थ्य स्थिति
  • कोई चोट आपके कान या आपके मस्तिष्क के हियरिंग सेंटर को प्रभावित कर सकती हैं।

टिनिटस (कान में आवाज होना) के अन्य संभावित कारण भी हो सकते हैं, जैसे-

  • सिर और गर्दन में चोट लगी हो
  • कान में संक्रमण हुआ हो
  • यूस्टेशियन ट्यूब (eustachian tube) (मध्य कान) में होने वाली समस्याएं
  • टेम्पोरोमैंडिबुलर जॉइंट (temporomandibular joint )(TMJ) विकार की वजह से
  • मस्तिष्क में किसी तरह की चोट लगने से
  • हृदय रोग के कारण
  • मधुमेह के कारण

इन सभी कारणों की वजह से टिनिटस या कान बजने की समस्या हो सकती है, यदि आपको इनमे से कोई भी कारण दिखाई दे रहे हो तो तुरन्त अपने डॉक्टर से जांच करवाएं।

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कान में आवाज होना (टिनिटस) के जोखिम कारक – Tinnitus (kaan ki awaz) ke risk factor in hindi

कान में आवाज होना (टिनिटस) के जोखिम कारक - Tinnitus (kaan ki awaz) ke risk factor in hindi

टिनिटस (कान बजना) के कारणों को कुछ जोखिम कारक कान में आवाज आने को बढ़ावा दे सकते है जैसे-

उम्र – कई लोगों में उम्र के साथ बहरेपन की समस्या उत्पन्न होती है, यह आमतौर पर 60 वर्ष की उम्र के आसपास वाले लोगों में ज्यादा होती है। बहरापन टिनिटस (कान में सनसनाहट की आवाज) का कारण बन सकता है। इस प्रकार के बहरेपन की स्थिति को प्रेस्बीसिस (presbycusis) कहा जाता है।

तेज शोर – तेज शोर में ज्यादा रहने से जैसे पोर्टेबल म्यूजिक डिवाइस, एमपी 3 प्लेयर या आईपॉड सुनने से या लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से बहरेपन का कारण उत्पन्न हो  सकता है और कान में आवाज आने की समस्या हो सकती है।

इयरवैक्स ब्लॉकेज (Earwax blockage) – ईयरवैक्स गंदगी और बैक्टीरिया के विकास को रोकता है और हमारे कान के कैनाल (canal) की रक्षा करता है। जब गंदगी और बैक्टीरिया की वजह से कान में बहुत अधिक ईयरवैक्स जमा हो जाता है, तो उसे साफ करना बहुत मुश्किल हो जाता है, जिससे सुनने में परेशानी उत्पन्न होती है या इयरड्रम में जलन होने लगती है, जिसकी वजह से टिनिटस (कान बजने) की समस्या हो सकती है।

कान की हड्डी में बदलाव-आपके मध्य कान जिसे ओटोस्क्लेरोसिस (otosclerosis) कहा जाता है उसमे हड्डियों में कड़कपन आ जाने से भी आपकी सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है और टिनिटस (कान में आवाज आने) का कारण बन सकती है।

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कान में आवाज आने (टिनिटस) से होने वाली जटिलताएं – Tinnitus (kaan me awaz) Complications in hindi

कान में आवाज आने (टिनिटस) से होने वाली जटिलताएं - Tinnitus (kaan me awaz) Complications in hindi

टिनिटस (कान से आवाज आने) की समस्या रोगी के जीवन की गुणवत्ता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है।और टिनिटस की समस्या से विभिन्न तरह की जटिलताएं उत्पन्न हो सकती है जैसे-

इन सभी जटिलताओं का इलाज करने से टिनिटस की समस्या पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, परन्तु इन जटिलताओं का इलाज करने से आपको बेहतर महसूस करने में मदद मिल  सकती है।

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टिनिटस (कान में आवाज आने) की जांच – Tinnitus (kaan bajna) ki janch in Hindi

टिनिटस (कान में आवाज आने) की जांच - Tinnitus (kaan bajna) ki janch in Hindi

डॉक्टर टिनिटस (कान बजना) की समस्या के संभावित कारणों की तलाश करने के लिए कान, सिर और गर्दन की जांच करते है। इसमें कुछ टेस्ट शामिल हैं जैसे-

हियरिंग (ऑडियोलॉजिकल) एग्जाम- इस तरह के टेस्ट में डॉक्टर आपको एक ध्वनिरहित कमरे में ईयरफ़ोन पहना कर बैठाते है, ईयरफ़ोन के माध्यम से एक बार में एक ही कान में विशिष्ट तरह की ध्वनियाँ बजाई जाती है। जब आपको ध्वनि सुनाई देगी तब आप संकेत देंगे और तब डॉक्टर आपके परिणामों की तुलना आपकी उम्र के हिसाब से सामान्य माने जाने वाले परिणामों से करेंगे। यह टेस्ट टिनिटस (कान बजना) के संभावित कारणों को पता लगाने में मदद करता है।

मूवमेंट- इस तरह के परिक्षण में डॉक्टर आपको अपनी आँखें इधर उधर घुमाने के लिए कह सकता है या अपने जबड़े को हिलाने के लिए या अपनी गर्दन, हाथ और पैर को हिलाने के लिए कह सकता है। ऐसा करने से यदि आपके कान में आवाज आने की समस्या के लक्षणों में बदलाव आता है या बिगड़ता है, तो यह एक आंतरिक विकार की पहचान हो सकती है जिसे इस परिक्षण के द्वारा ठीक किया जा सकता है।

इमेजिंग परीक्षण- टिनिटस (कान में आवाज आने) की समस्या के संदिग्ध कारणों के आधार पर डॉक्टर आपको सीटी स्कैन या एमआरआई जैसे इमेजिंग परीक्षणों को करवाने की सलाह दे सकते है।

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कान में आवाज आने का इलाज – Tinnitus (ringing ears) ka ilaj in hindi

कान में आवाज आने का इलाज - Tinnitus (ringing ears) ka ilaj in hindi

टिनिटस (कान बजना) का इलाज करने के लिए डॉक्टर विभिन्न तरीके अपना सकते है, जिनसे टिनिटस की समस्या का निवारण किया जा सकता है जैसे-

ईयरवैक्स रिमूवल (Earwax removal)- इस विधि के द्वारा डॉक्टर आपके कान में एक प्रकार का तरल पदार्थ डाल कर कान में जमा मैल को साफ करेंगे जिससे आपको टिनिटस (कान बजना) की समस्या से निजात मिलेगी।

रक्तवाहिकाओं (blood vessels) से उत्पन्न समस्या का इलाज- अगर आपको टिनिटस (कान बजना) की समस्या किसी रक्तवाहिका से उत्पन्न समस्या की वजह से हो रही है तो इसके लिए डॉक्टर आपका इलाज दवाओं द्वारा, सर्जरी द्वारा या अन्य किसी उपचार के द्वारा कर सकते है।

दवा बदलकर- यदि आप पहले से किसी बीमारी की दवा ले रहे है और आपके डॉक्टर को  जांच के बाद यह लगता है की टिनिटस (कान में आवाज होना) की समस्या आपको उन्ही दवाओं की वजह से हो रही है तो डॉक्टर आपको उसे बदलने या उसके डोस को कम करने के लिए भी कह सकता है इस तरह से भी आप टिनिटस की समस्या का निवारण कर सकते है।

वाइट नॉइज़ मशीन (White noise machine)- यह उपकरण एक तरह की नकली आवाज पैदा करता है जैसे बारिश या समुद्री लहरों की नकली आवाज निकालता है। इस मशीन को आप रात में सोते समय भी अपने तकिये पर लगा सकते है। यह मशीन उसमे से निकलने वाली नकली आवाज से आसपास की आवाजे जैसे पंखे या एसी की आवाज को भी कम कर देगा और आपको बेहतर नींद का अनुभव होगा।

इस उपकरण को टिनिटस (कान बजना) की समस्या के लिए सबसे अच्छा तरीका माना जाता है।

कान की मशीन का उपयोग- यदि आपको टिनिटस (कान बजना) की समस्या के साथ साथ बहरेपन की भी समस्या है तो यह मशीन आपके लिए उपयोगी हो सकती है जिसे हियरिंग एड्स कहा जाता है।

मास्किंग डिवाइस- यह उपकरण भी कान में पहना जाता है और यह बिल्कुल हियरिंग एड्स की तरह ही काम करता है। इस डिवाइस से हमेशा एक निम्न स्तरीय वाइट नॉइज़ आता है जो कान में आवाज होने की समस्या को दबाता है और कम कर देता है।

इन सभी तरीको से टिनिटस (कान बजना) की समस्या का इलाज किया जा सकता है।

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टिनिटस (कान बजना) की समस्या का घरेलू उपचार – Tinnitus (ringing ears) ki samasya ka upchaar in hindi

टिनिटस (कान बजना) की समस्या का वैसे तो कोई खास घरेलू उपचार नहीं है। यह समस्या समय के साथ आती और जाती है और कुछ पीड़ित लोगों को इससे कुछ समय बाद परेशानी होना भी कम हो जाती है और वह इसी के साथ जीने लगते है, परन्तु कुछ लोगों को टिनिटस की वजह से ज्यादा परेशानी होती है जिससे वह अवसादग्रस्त हो जाते है, इसलिए ऐसे लोग अपनी जीवनशैली में कुछ परिवर्तन करके और कुछ नुस्खे आजमा कर टिनिटस (कान बजना) की परेशानी को कम कर सकते है।

टिनिटस का आयुर्वेदिक उपचार और कम करने के घरेलू उपाय है – Tinnitus Ka Gharelu Upay In Hindi

टिनिटस का आयुर्वेदिक उपचार और कम करने के घरेलू उपाय है - Tinnitus Ka Gharelu Upay In Hindi

ऐसे जोखिम कारकों से दूरी बनाये जिनकी वजह से आपकी टिनिटस की समस्या को बढ़ावा  मिल सकता है जैसे ज्यादा शोर वाली जगह न जायें, शराब या कैफीन का सेवन ना करें।

अपने तनाव को कम करने के लिए कुछ विभिन्न थेरेपी का सहारा ले सकते है जैसे विश्राम चिकित्सा (relaxation therapy) , एक्यूपंक्चर (acupuncture) या कोई व्यायाम करें।

इन उपचारों के आलावा आप अपनी जीवनशैली को नियमित करके और सही खानपान से भी टिनिटस (कान बजना) की समस्या से निजात पा सकते है।

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