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कार्डियक अरेस्ट से हुआ सुषमा स्वराज का निधन, जानें हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर और लक्षण

कार्डियक अरेस्ट से हुआ सुषमा स्वराज का निधन, जानें हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर और लक्षण - Sushma Swaraj Passes Away Following Cardiac Arrest in Hindi

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जी (67) का मंगलवार (06-08-19) देर रात एम्स में निधन हो गया। सुषमा जी को दिल का दौरा पड़ने के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था, लेकिन कुछ ही देर बाद वहां के डॉक्‍टर्स ने बताया क‍ि कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) के कारण उनकी म्रत्यु हुई है। ऐसा अक्सर होता है जब लोग हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर को नहीं समझ पाते हैं।

अक्‍सर ज्‍यादात्तर लोग द‍िल का दौरा या छाती में दर्द होने का मतलब हार्ट अटैक से जोड़कर देखते हैं। आइए जानते है कि हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में क्या अंतर होता है।

क्या है कार्डियक अरेस्ट – What is cardiac arrest in Hindi

कार्डियक अरेस्ट को अगर आसान भाषा में समझना है तो हम यह कह सकते है कि कार्डियक अरेस्ट के दौरान मरीज की दिल की धड़कन रूक जाती है। कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) तब होता है जब ह्दय के भीतरी विभिन्न हिस्सों के बीच सूचनाओं का आपसी आदान प्रदान बिगड़ जाता है जिससे दिल की धड़कन पर बुरा असर पड़ता है। इस अवस्था में हृदय, शरीर में खून पंप करना बंद कर देता है जिसके कारण से मरीज को सांस लेने में मुश्किल होने लगती है। ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि सांस न ले पाने की स्थित में मरीज बेहोश हो जाता है। ऐसे हालात में अगर कुछ ही देर में मरीज को डॉक्टर के पास नहीं ले जाया जाए तो मरीज की मौत भी हो सकती है।

इसके इलाज के लिए कार्डियोपल्मोनरी रेसस्टिसेशन (CPR) का उपयोग किया जाता है। जिससे हार्ट रेट नियमित किया जाता है। जिसमे डिफाइब्रिलेटर (defibrillator) के जरिए बिजली के झटके देना शामिल होता है। एक डीफिब्रिलेटर दिल को विद्युत प्रवाह (जिसे अक्सर काउंटर-शॉक कहा जाता है) देता है। जिससे दिल की धड़कनों को वापस लाने में मदद मिलती है। कार्डियक अरेस्ट आने की आशंका दिल की बीमारी से ग्रस्त लोगों में सबसे ज्यादा होती है। और जिन व्यक्तियों को पहले हार्ट अटैक आ चुका है उनमें कार्डियक अरेस्ट की आशंका बढ़ जाती है।

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क्या है हार्ट अटैक – What is the heart attack in Hindi

हार्ट अटैक जिस मेडिकल टर्म में मायोकार्डियल इन्फ्रैक्शन भी कहते है ये तब होता है, जब शरीर की कोरोनरी आर्टरी यानी की धमनी में अचानक गतिरोध पैदा हो जाता है इस आर्टरी से हमारे हृदय की पेशियों तक खून पहुंचता है, और जब वहां तक खून पहुंचना बंद हो जाता है, तो वे निष्क्रिय हो जाती हैं, यानी हार्ट अटैक होने पर दिल के भीतर की कुछ पेशियां काम करना बंद कर देती हैं। धमनियों में आई इस तरह की ब्लॉकेज को दूर करने के लिए कई तरह के उपचार किए जाते हैं, जिनमें एंजियोप्लास्टी (Angioplasty), स्टंटिंग और दिल की सर्जरी (Heart Surgery) शामिल हैं, इन सब में कोशिश होती है कि दिल तक खून पहुंचना नियमित हो जाए।

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हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर – Difference between heart attack and cardiac arrest in hindi

बहुत सारे लोग इन दोनों दिल से संबंधित जोखिमों को एक समझते हैं पर असल में ये अलग-अलग होते हैं। हार्ट अटैक के दौरान हृदय के कुछ हिस्सों में खून का बहाव रुक जाता है जिसकी वजह से हार्ट अटैक होता है। वहीं दूसरे केस में जब कार्डियक अटैक होता है तो  दिल के अंदर तो ख़ून पहुंचता है लेकिन वो ख़ून दिमाग़ या शरीर के अन्य हिस्सों तक नहीं पहुंच पाता है। शरीर के ने हिस्सों में ख़ून नहीं पहुंचने की कई वजह हो सकती है, जैसे कि रक्त नली का ब्लाक होना या क्षतिग्रस्त हो जाना। मनव शरीर के हृदय का मुख्‍य काम शरीर के सभी अंगो तक ऑक्सीजन युक्त ख़ून पहुंचाना होता है। इसलिए यदि शरीर के किसी अंग में अगर ख़ून पहुंचना बंद हो जाये तो वह अंग काम करना बंद कर देता है।

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कार्डियक अरेस्ट के लक्षण – Cardiac arrest symptoms in Hindi

सीने के बीचों बीच अचानक से दर्द होना और कुछ देर बाद अपने आप दर्द का ठीक हो जाना कार्डियक अरेस्ट का संकेत हो सकता है।

  • सीने में दबाव या भार महसूस होना।
  • अचानक से हार्टबीट तेज़ हो जाना या हृदय का तेजी से धड़कना।
  • अचानक से पसीना आना, गर्मी लगना और घबराहट होना।
  • सांस लेने में तकलीफ होना।
  • कमजोरी महसूस करना
  • हल्के-फुल्के काम से भी थकान महसूस होना।
  • बिना किसी वजह सिर में या पेट में उपर कि तरफ दर्द होना।
  • पीठ या बांये हाथ, गर्दन या दांत में दर्द होना।
  • उल्टी आना या उल्टी आने जैसे महसूस करना।
  • बेचैनी रहना।

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कार्डियक अरेस्ट के कारण – Cardiac Arrest Causes in hindi

कार्डियक अरेस्ट किसी भी ज्ञात हृदय स्थिति के कारण हो सकता है। अधिकांश कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब एक रोगग्रस्त हृदय की विद्युत प्रणाली में खराबी होती है। यह खराबी वेंट्रिकुलर टैचीकार्डिया या वेंट्रिकुलर फाइब्रिलेशन जैसे असामान्य हृदय ताल का कारण बनती है। कुछ कार्डियक अरेस्ट दिल की लय (ब्रैडीकार्डिया) के अत्यधिक धीमा होने के कारण भी होते हैं।

सुषमा स्वराज को करीब 20 सालों से डायबिटीज (शुगर) की बीमारी थीं। और उनकी कुछ साल पहले किडनी भी खराब हुई थीं। इसके अलावा कार्डियक अरेस्‍ट आने के ये कारण भी हो सकते हैं।

अन्य कारकों में अचानक कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ सकता है:

  • कार्डियक अरेस्ट या कार्डियक अरेस्ट के पारिवारिक इतिहास की पिछली कड़ी
  • पिछला दिल का दौरा
  • हृदय रोग के अन्य रूपों का एक व्यक्तिगत या पारिवारिक इतिहास, जैसे कि हृदय ताल विकार, जन्मजात हृदय दोष, हृदय की विफलता और कार्डियोमायोपैथी
  • उम्र – उम्र बढ़ने के साथ अचानक कार्डियक अरेस्ट की घटनाएं बढ़ जाती हैं
  • पुरुष होने के नाते
  • अवैध ड्रग्स का उपयोग करना, जैसे कोकीन या एम्फ़ैटेमिन
  • पौष्टिक असंतुलन, जैसे कम पोटेशियम या मैग्नीशियम का स्तर
  • बाधक निंद्रा अश्वसन (Obstructive sleep apnea)
  • गुर्दे की बीमारी

दिल की स्थिति जो अचानक कार्डियक अरेस्‍ट को जन्म दे सकती है – Heart conditions that can lead to sudden cardiac arrest in Hindi

अचानक कार्डियक अरेस्ट उन लोगों में भी हो सकता है जिन्हें दिल की कोई बीमारी नहीं है। अचानक कार्डियक अरेस्‍ट आने की शर्तों में शामिल हैं:

कोरोनरी धमनी की बीमारी: कोरोनरी आर्टरी डिजीज वाले लोगों में अचानक कार्डियक अरेस्ट के ज्यादातर मामले सामने आते हैं, जिसमें आपकी धमनियां कोलेस्ट्रॉल और अन्य जमाव से ग्रस्त हो जाती हैं, जिससे आपके हृदय में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है।

दिल का दौरा: यदि दिल का दौरा पड़ता है, तो अक्सर गंभीर कोरोनरी धमनी की बीमारी के परिणामस्वरूप, यह वेंट्रिकुलर फाइब्रिलेशन और अचानक कार्डियक अरेस्ट को ट्रिगर कर सकता है। इसके अलावा, दिल का दौरा आपके दिल में निशान ऊतक छोड़ सकता है। निशान ऊतक के आसपास विद्युत शॉर्ट सर्किट से आपके हृदय की लय में असामान्यता हो सकती है।

बढ़ा हुआ दिल (कार्डियोमायोपैथी): यह मुख्य रूप से तब होता है जब आपके दिल की मांसपेशियों की दीवारें खिंचाव और बढ़ जाती हैं या मोटी हो जाती हैं। फिर आपके दिल की मांसपेशी असामान्य है, एक ऐसी स्थिति जो अक्सर कार्डियक अरेस्‍ट की ओर ले जाती है।

वाल्वुलर हृदय रोग: आपके दिल के वाल्वों का रिसाव या संकुचन आपके हृदय की मांसपेशियों को खींच या मोटा कर सकता है। जब चैंबर एक तंग या लीक वाल्व के कारण तनाव के कारण बढ़े या कमजोर हो जाते हैं, तो कार्डियक अरेस्‍ट विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।

जन्मजात हृदय रोग: जब बच्चों या किशोरों में अचानक कार्डियक अरेस्‍ट होता है, तो यह हृदय दोष के कारण हो सकता है जो जन्म के समय मौजूद था (जन्मजात हृदय रोग)। जिन वयस्कों में जन्मजात हृदय दोष के लिए सुधारात्मक सर्जरी हुई थी, उनमें अभी भी अचानक कार्डियक अरेस्ट का खतरा अधिक बना रहता है।

दिल में बिजली की समस्या: कुछ लोगों में, समस्या हृदय की मांसपेशियों या वाल्वों की समस्या के बजाय हृदय की विद्युत प्रणाली में ही होती है। इन्हें प्राथमिक हृदय ताल असामान्यताएं कहा जाता है और इसमें ब्रुगडा के सिंड्रोम (Brugada’s syndrome) और लंबे क्यूटी सिंड्रोम (QT syndrome) जैसी स्थितियां शामिल हैं।

(और पढ़े – हार्ट अटैक के मुख्य लक्षण)

कार्डियक अरेस्ट का इलाज – cardiac arrest treatment in hindi

आपको बता दें कि कई बार कार्डिक अरेस्ट अचानक भी आता है। अगर कार्डियक अरेस्ट  के कुछ ही पलों के अंदर डॉक्टर के पास मरीज को ले जाया जाता है तो उसकी जान बचाई जा सकती है (cardiac arrest treatment in Hindi)। कार्डियक अरेस्ट के दौरान मरीज को कार्डियोपल्मनेरी रेसस्टिसेशन (CRP) दिया जाता है। इसकी मदद से उसकी दिल की धड़कन को नियमित करने का प्रयास किया जा सकता है। इस दौरान डिफाइब्रिलेटर की मदद से मरीज को बिजली के झटके भी दिए जाते हैं जिससे दिल की धड़कन दोबारा शुरु हो जाए।

ऊपर लेख में आपने जाना की कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर क्या होता है (Differences between cardiac arrest and heart attack in hindi) और जाना की कार्डियक अरेस्ट का खतरा किसे ज्यादा होता है, कार्डियक अरेस्ट के लक्षण क्या है (cardiac arrest symptoms in Hindi) और कैसे इनसे बचा जा सकता है।

(और पढ़े – दिल मजबूत करने के उपाय…)

जिस व्यक्ति को दिल की बीमारी होती है उसे कार्डियक अरेस्ट आने का खतरा अधिक होता है साथ ही साथ जिस व्यक्ति को पहले कभी हार्ट अटैक आ चूका हो तो उस व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट आने की सम्भावना बढ़ जाती है इसलिए यदि आपके परिवार में किसी को दिल की बीमारी है तो आपको भी साबधान रहना चाहिए और समय समय पर अपनी जाँच कराते रहना चाहिए।

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