गर्भावस्था

गर्भ ठहरने के लक्षण क्या है – Pregnancy symptoms in Hindi

Pregnancy symptoms in Hindi क्या आप जानना चाहतीं हैं की प्रेग्नेंट होने के लक्षण क्या है तो हम आपको गर्भ ठहरने के लक्षण के बारे में बताने जा रहें है हर महिला अपने जीवन में गर्भावस्था से गुजरती है और बच्चे को जन्म देती है। इनमें से कुछ महिलाओं को अपनी प्रेगनेंसी के बारे में काफी देर से पता चलता है, वहीं कुछ महिलाएं दादी-नानी द्वारा बताए गए कुछ लक्षणों के आधार पर ही अपनी प्रेगनेंसी के बारे में आसानी से पता कर लेती हैं। प्रेगनेंट होने की आशंका होने पर ज्यादातर महिलाएं सबसे पहले प्रेगनेंसी टेस्ट या अल्ट्रासाउंड कराकर अपने प्रेगनेंट होने का पता करती हैं।

लेकिन इन टेस्ट के अलावा शरीर में होने वाले कुछ बदलाओं और लक्षणों के जरिए भी गर्भ ठहरने के लक्षण से अपनी प्रेगनेंसी के बारे में पता लगाया जा सकता है। आज हम आपको गर्भ ठहरने के लक्षण के बारे में बताने जा रहे है।

विषय सूची

गर्भ ठहरने के लक्षण दिखने कब शुरू होते हैं – When Pregnancy symptoms start in Hindi

शायद आपको यह सुनकर अजीब लगे लेकिन प्रेगनेंसी का पहला हफ्ता महिला के अंतिम बार पीरियड होने की तारीख से ही शुरू हो जाता है। प्रेगनेंसी का पता चलने से पहले जब किसी महिला को अंतिम पीरियड होता है तभी से उसके प्रेगनेंसी के दिन की गिनती शुरू हो जाती है, चाहे भले ही महिला को इस बात का पता न चले। डॉक्टर भी महिला के अंतिम पीरियड के पहले दिन के आधार पर ही प्रेगनेंसी के हफ्तों की गणना करते हैं और उसी के आधार पर डिलीवरी की तारीख बताते हैं।

यही कारण है कि शुरूआत के कुछ हफ्तों तक महिला को गर्भ ठहरने के लक्षण पता नहीं चल पाते हैं। लेकिन उसके बाद महिला के शरीर में कई बदलाव होते हैं जिसके आधार पर उसे अपनी प्रेगनेंसी के बारे में पता चल जाता है। कुल चालीस हफ्तों की प्रेगनेंसी की अवधि के बाद महिला की डिलीवरी होती है। यहां हम आपको गर्भ ठहरने के लक्षण और प्रेगनेंसी के दौरान अपनी सेहत का ख्याल कैसे रखें यह भी बताएंगे।

गर्भ ठहरने के लक्षण – Symptoms of pregnancy in Hindi

गर्भावस्था के दौरान हार्मोन में परिवर्तन के कारण महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। आइए जानते हैं कि महिलाओं में गर्भ ठहरने के लक्षण क्या होते हैं। क्या हैं गर्भावस्था के लक्षण?

गर्भ ठहरने के लक्षण में शरीर में ऐंठन और दर्द होना – Cramping and spotting is symptoms of pregnancy in Hindi

गर्भावस्था के पहले से तीसरे हफ्ते में सिर्फ कोशिकाओं में ही बदलाव होता है। इस दौरान निषेचित अंडा ब्लास्टोसिस्ट बनाता है, जो कोशिकाओं का एक समूह होता है और उसमें लिक्विड भरा होता है। इसके बाद यह शिशु के अंग और शरीर के रूप में विकसित होने लगता है। गर्भ धारण करने के दसवें से चौदहवें दिन बाद ब्लास्टोसिस्ट गर्भाशय की लाइनिंग के इंडोमेट्रियम में प्रवेश कर जाता है। जिसकी वजह से शरीर में दर्द और ऐंठन महसूस होता है। यह गर्भावस्था का शुरूआती लक्षण है।

और पढ़े – प्रेग्नेंसी के प्रकार, क्या आप जानते है

गर्भ ठहरने के लक्षण पीरियड रूक जाता है – Missed period is symptoms of pregnancy in Hindi

जब ब्लास्टोसिस्ट गर्भाशय में दाखिल हो जाता है तब महिला का शरीर ह्यूमन कोरिऑनिक गोनाडोट्रॉपिन (एचसीजी) उत्पन्न करने लगता है। यह हार्मोन शरीर में गर्भ को संभाले रखने में मदद करता है। इसके अलावा यह अंडाशय को हर महीने परिपक्व अंडे को टूटने से रोकता है जिसकी वजह से महिला को पीरियड होना बंद हो जाता है। अगर आपको चार हफ्तों तक पीरियड नहीं होता है तो प्रेगनेंसी टेस्ट करके यह कन्फर्म कर लेना चाहिए कि आप प्रेगनेंट हैं या नहीं। पीरियड न आने के आठ दिन बाद घर पर ही जांच कर एचसीजी का पता लगाया जा सकता है। प्रेगनेंसी टेस्ट में यदि आपके यूरीन में एचसीजी लेवल का पता चलता है तो इसका मतलब है कि आप प्रेगनेंट हैं।

और पढ़े – पीरियड मिस होने के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट नेगेटिव आने के कारण

शरीर का टेंपरेचर बढ़ जाना प्रेगनेंसी का लक्षण – Raised body temperature during early pregnancy in Hindi

महिला के शरीर का तापमान तेजी से बढ़ना शुरूआती प्रेगनेंसी के लक्षण हैं। अगर आप प्रेगनेंट हैं तो एक्सरसाइज करते समय या गर्म जगहों पर जाने पर आपके शरीर का टेंपरेचर काफी बढ़ जाएगा। इस दौरान आपकों खूब पानी पीना चाहिए और एक्सरसाइज करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।

(और पढ़े – शरीर का सामान्य तापमान कितना होता है)

गर्भ ठहरने के लक्षण सिर चकराना – Garbh Thaharne Ke Lakshan mood swings and Dizziness in Hindi

हार्मोन में परिवर्तन आपको या तो उत्साहित या बहुत सुस्त महसूस कराता है। अपने पीरियड मिस्ड होने पर गर्भ ठहरने का लक्षण चक्कर आना हो भी होता है। जो पीरियड से पहले प्रेगनेंसी का पता लगाने का आसान तरीका होता है। हार्मोन में असंतुलन मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर को प्रभावित करता है, जिससे क्रोध से लेकर अचानक भावनात्मक प्रकोप तक बढ़ जाती है। यदि आप सामान्य महसूस नहीं करती हैं तो आप कुछ समय के लिय आराम करें।

(और पढ़े – चक्कर आने के कारण, लक्षण, निदान और इलाज…)

गर्भ ठहरने के लक्षण में थकान होती है – Fatigue is symptoms of pregnancy in Hindi

अगर आप प्रेगनेंट हैं तो आपको किसी भी समय थकान का अनुभव हो सकता है। शुरूआती प्रेगनेंसी का यह सबसे आम लक्षण है। इस दौरान प्रेगनेंट महिला के शरीर में प्रोजेस्टीरॉन का लेवल बढ़ जाता है जिसकी वजह से उसे थकान का अनुभव होता है और हर वक्त नींद सी महसूस होती है।

(और पढ़े – कमजोरी और थकान के कारण, लक्षण और इलाज)

गर्भ ठहरने के लक्षण में हृदय की गति बढ़ जाती है – Increased heart rate is symptoms of pregnancy in Hindi

प्रेगनेंसी के करीब आठवें या दसवें हफ्ते में आपका हृदय तेजी से स्पंदित होना शुरू हो जाता है। इस दौरान घबराहट होना स्वाभाविक है। यह आमतौर पर हार्मोन के कारण होता है। इसके अलावा ब्लड सर्कुलेशन भी तेजी से होने लगता है। लेकिन यदि आपकी हृदय संबंधी समस्या बढ़ जाये तो डॉक्टर इसके लिए कुछ दवाइयां भी देते हैं।

(और पढ़े – बेचैनी और घबराहट दूर करने के उपाय)

स्तन के आकार में परिवर्तन गर्भ ठहरने के लक्षण – changes in breasts size symptoms of pregnancy in Hindi

प्रेगनेंसी के चौथे और छठें हफ्ते में स्तन का आकार बढ़ने लगता है। शरीर में हार्मोन के बदलाव के कारण स्तन में सूजन भी आ सकता है। लेकिन जैसे ही शरीर में हार्मोन का समायोजन होने लगता है यह सूजन खत्म हो जाती है। हार्मोन के कारण स्तन और निप्पल लगातार बड़ा होता रहता है। इसके अलावा निप्पल का रंग भी अधिक गहरा हो जाता है। यदि प्रेगनेंसी से पहले आपको मुंहासे की समस्या रही हो तो इस दौरान यह और ज्यादा बढ़ सकता है।

(और पढ़े – स्तनों का आकार बढ़ाने के लिए ब्रेस्ट मसाज कैसे करें)

वजन बढ़ना भी गर्भ ठहरने के लक्षण – Weight gain during early pregnancy in Hindi

प्रेगनेंसी के दौरान तेजी से वजन बढ़ना भी गर्भ ठहरने के लक्षण हैं। प्रेगनेंसी के कुछ ही महीनों बाद आपका शरीर पहले की अपेक्षा अधिक भारी हो जाता है। आप अपने रोजाना के आहार में जितनी कैलोरी लेती हैं, प्रेगनेंसी के दौरान भी आपको उतनी ही कैलोरी की जरूरत पड़ती है लेकिन गर्भावस्था में इसकी वजह से तेजी से वजन बढ़ता है।

(और पढ़े – मोटापा और वजन कम करने के लिए घर पर की जाने वाली एक्सरसाइज)

गर्भ ठहरने के लक्षण मूड स्विंग होना – Changes in mood during early pregnancy in Hindi

प्रेगनेंसी के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टीरॉन का लेवल अधिक बढ़ जाता है। इसकी वजह से आपका मूड प्रभावित हो सकता है और आप ज्यादा इमोशनल महसूस करेंगी। प्रेगनेंसी के दौरान मूड खराब होना सामान्य लक्षण है। इसकी वजह से डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन, चिंता और कभी-कभी अधिक उत्साह का भी अनुभव हो सकता है।

(और पढ़े – एस्ट्रोजन हार्मोन की महिलाओं के शरीर में भूमिका)

गर्भ ठहरने के लक्षण सूजन और कसाव की भावना – Garbh Thaharne Ke Lakshan Bloating and a Feeling of Tightness in Hindi

गर्भावस्था के सबसे प्रमुख लक्षणों में से ब्लोटिंग या पेट में मरोड़ और खिंचाव है। ये प्रोजेस्टेरोन में वृद्धि का परिणाम हैं। हार्मोन का बढ़ता स्तर पाचन क्रिया में बाधा डालता है जिससे आंतों में गैस फंसाती है। पेट की सूजन से अप्रिय फार्ट्स और बर्प (farts and burps) हो सकते हैं। स्वस्थ भोजन आपकी इस समस्या से निपटने से कुछ मदद कर सकता है।

प्रेगनेंट होने पर बार-बार पेशाब महसूस होना – Frequent urination symptoms of pregnancy in Hindi

प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में अधिक तेजी से ब्लड पंप होता है जिसकी वजह से किडनी आम दिनों की अपेक्षा अधिक तरल पदार्थ उत्सर्जित करता है इसकी वजह से ब्लैडर में अधिक तरल पदार्थ भर जाता है। हार्मोन ब्लैडर के हेल्थ में बड़ी भूमिका निभाता है। इसकी वजह से आपको बार-बार पेशाब महसूस होती है और आपको बार-बार उठकर वॉशरूम जाना पड़ता है।

और पढ़े – योनि से सफ़ेद पानी आना (श्वेत प्रदर, ल्यूकोरिया) लक्षण, कारण और घरेलू उपचार

प्रेगनेंसी के दौरान अपना ख्याल कैसे रखें – How to care of yourself during pregnancy in Hindi

  • प्रेगनेंसी के दौरान हेल्दी भोजन करें और भोजन में अधिक प्रोटीन शामिल करें ताकि आपका ब्लड शुगर लेवल ठीक रहे। थोड़ा-थोड़ा करके दिन में कई बार खाएं और संभव हो तो अलग-अलग तरीके का भोजन रोजाना करें।
  • पर्याप्त पानी पीएं ताकि शरीर में पानी की कमी न हो। अगर सादा पानी पीने में आपका जी मिचलाता हो तो इसमें एक चम्मच चीनी और चुटकीभर नमक मिलाकर पीएं। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी और आपका जी नहीं मिचलाएगा।
  • प्रेगनेंसी के दौरान भरपूर आराम करें। संभव हो तो डिनर और लंच से पहले थोड़ी देर हल्का नैप लें। रात को जल्दी सोएं और सुबह जल्दी उठें। इससे आपके बच्चे की भी सेहत ठीक रहेगी।
  • प्रेगनेंसी के दौरान अपना आत्मविश्वास कमजोर न करें। हर महिला बच्चे को जन्म देती है। इसलिए बच्चे पैदा करने की डरावनी कहानियां पढ़कर खुद नकारात्मक होने की कोशिश न करें। जितना संभव हो सकारात्मक रहें।
  • अपने आसपास पूरी सफाई रखें। साफ बिस्तर, तौलिया और कपड़े का इस्तेमाल करें। गंदे कपड़ों के इस्तेमाल से आपको इंफेक्शन हो सकता है। इसलिए इनसे बचें और सफाई बरतें।
  • संभव हो तो प्रेगनेंसी के दौरान नियमित एक्सरसाइज करें। इससे आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं होगी और आपका मूड भी ठीक रहेगा।
  • प्रेगनेंसी के दौरान धूम्रपान और एल्कोहॉल का सेवन करने से बचें। क्योंकि यह आपके स्वास्थ्य के साथ ही आपके बच्चे के स्वास्थ पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

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