योग

वीरभद्रासन 1 करने का तरीका और लाभ – Virabhadrasana 1 (Warrior-1 Pose) steps and benefits in Hindi

Virabhadrasana-1 in Hindi वीरभद्रासन की मुद्रा को योद्धा पोस के रूप में भी जाना जाता है। इस वीरभद्रासन योग के तीन आसन हैं जिसमे से आज हम पहले वाले आसन (वीरभद्रासन-1) को करने के बारे में विस्तार से जानेगें। योद्धा के बाद एक योग मुद्रा नाम थोड़ा आपको अजीब लग सकता हैं क्योंकि एक योगी अपने अहिंसा के गुणों के कारण जाना जाता हैं। लेकिन याद रखें की सभी योग ग्रंथों में से भगवत-गीता सबसे सम्मानित हैं। जिसमे दो प्रसिद्ध योद्धाओं के बीच संवाद हैं जिसमे दो महान सेनाओं के बीच योद्धक्षेत्र स्थापित हैं। यह योगासन आपके पैरों और हाथों की सभी मांसपेशियों को मजबूत करता हैं। आइये वीरभद्रासन-1 (Warrior Pose) को करने की विधि को विस्तार से जानते हैं।

विषय सूची

1. वीरभद्रासन-1 क्या हैं – What is Virabhadrasana-1 (Warrior Pose 1) in Hindi
2. वीरभद्रासन-1 करने से पहले यह आसन करें – Virabhadrasana-1 karne se pehle yeh aasan kare in Hindi
3. वीरभद्रासन-1 करने का तरीका – Steps to do Warrior-1 Pose in Hindi
4. वीरभद्रासन-1 के फायदे – Virabhadrasana-1 Benefits in Hindi

5. वीरभद्रासन 1 करने में क्या सावधानी रखें – Precautions to do Virabhadrasana-1 in Hindi

वीरभद्रासन-1 क्या हैं – What is Virabhadrasana-1 (Warrior Pose 1) in Hindi

वीरभद्रासन एक संस्कृत का शब्द जो दो शब्दों से मिलके बना हैं जिसमे पहला शब्द “वीर” हैं जिसका का अर्थ “योद्धा” और दूसरा शब्द “भद्र” हैं जिसका अर्थ “मित्र” होता हैं।  योद्धा-1 पोज़ (Warrior-1 Pose) एक पौराणिक योद्धा के शोषण का जश्न मनाने वाला आसन है। वीरभद्र भगवान शिव द्वारा निर्मित एक पौराणिक चरित्र है और वीरभद्रासन मुद्रा का नाम यही से लिया गया हैं। यह एक पौराणिक योद्धा की उपलब्धियों का सम्मान करने वाला आसन है। इसलिए इसे योद्धा-1 पोज़ (Warrior-1 Pose) भी कहा जाता है। यह आसन योग में सबसे खूबसूरत मुद्राओं में से एक माना जाता है, और इस आसन को करने से पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है। आइये वीरभद्रासन करने के तरीके को विस्तार से जानते हैं।

(और पढ़े – योग क्‍या है योग के प्रकार और फायदे हिंदी में…)

वीरभद्रासन-1 करने से पहले यह आसन करें – Virabhadrasana-1 karne se pehle yeh aasan kare in Hindi

वीरभद्रासन करने से पहले आप नीचे दिए कुछ योग आसन को करें जो आपको इस आसन को करने में मदद करेगे और आप इसे आसानी से कर पाएंगे-

  • उत्कटासन या चेयर पोज़
  • पूर्वोत्तानासन
  • उत्थित पार्श्वकोणासन
  • सुप्त पादांगुष्ठासन

वीरभद्रासन-1 करने का तरीका – Steps to do Warrior-1 Pose in Hindi

वीरभद्रासन-1 मुद्रा को करना बहुत ही आसान हैं आइये इस आसन को करने की विधि  को विस्तार से जानते हैं-

  • इस वीरभद्रासन-1 करने के लिए आप सबसे पहले एक साफ स्थान पर योगा मैट को बिछा के उस पर सीधे खड़े हो जाएं।
  • इसके लिए आप ताड़ासन योग मुद्रा में भी खड़े हो सकते हैं।
  • अब अपने दोनों पैरों को 3 से 3.5 फिट फैला लें।
  • अपने दोनों हाथों को ऊपर करें यानि जमीन के समान्तर रखें।
  • अब अपने दोनों हाथों की हथेलियों को अपने सिर के ऊपर लें जाएं और उनको आपस में जोड़ लें।
  • फिर अपने दाएं पैर के पंजे को 90 डिग्री के कोण पर घुमाएं और बाएं पैर के पंजे को 45 डिग्री घुमाएं।
  • अब अपने पैरों को स्थाई रखे हुए सिर्फ ऊपर के शरीर को दाएं पैर की उंगलियों की दिशा में घुमाएं।
  • इस स्थिति में आपका मुंह भी दाएं पैर की उंगली की दिशा में 90 डिग्री घूम जायेगा।
  • इसके बाद अपने दाएं पैर को घुटने के यहाँ से मोड़े और उस पर 90 डिग्री का कोण बनाए।
  • इस स्थिति में आपके दायं पैर की जांघ फर्श के समान्तर होगी और बायां पैर पूरी से तरह से सीधा होगा।
  • अब अपने सिर को पीछे की ओर झुका लें और आसमान की ओर देखें।
  • इस स्थिति में आप 30 से 60 सेकंड तक रहें, और फिर अपनी प्रारंभिक स्थिति में आयें।
  • फिर से यही पूरी प्रक्रिया दूसरे वाले पैर से करें।

(और पढ़े – ताड़ासन करने के फायदे, सावधानियां और करने का तरीका…)

वीरभद्रासन-1 के फायदे – Virabhadrasana-1 Benefits in Hindi

वीरभद्रासन-1 या योद्धा-1 पोस करने की अनेक लाभ हैं आइये इसके लाभ को विस्तार से जानते हैं-

शारीरिक व्यायाम में लाभदायक वीरभद्रासन-1 – Virabhadrasana-1 for physical exercise in Hindi

वीरभद्रासन करने से आपके पूरे शरीर पर एक अच्छा खिंचाव लगता हैं इससे आपके शरीर का व्यायाम हो जाता हैं। यह आसन छाती फेफड़ों, कंधे, गर्दन, पीठ दर्द आदि की समस्या को कम करता हैं। इसके अलावा यह आसन जांघों, पिंडली और एड़ियों को भी मजबूत करता हैं। यह लगभग तुरंत कंधों से तनाव मुक्त करने में मदद करता है और कन्धों के ऐंठन को ठीक करता हैं।

(और पढ़े – गर्दन में दर्द और अकड़न दूर करने के घरेलू उपाय…)

वीरभद्रासन-1 के फायदे मन को शांत करने के लिए – Virabhadrasana- To calm the mind in Hindi

आज कल दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में कभी ना कभी मानसिक तनाव की समस्या होती ही हैं। इस तनाव को कम करने के लिए और अपने मन को शांत रखने के लिए वीरभद्रासन के बहुत ही अच्छी मुद्रा हैं, वीरभद्रासन-1 आसन साहस, अनुग्रह और शुभकामना की भावना फैलाता हैं।

(और पढ़े – मन की शांति के उपाय हिंदी में…)

चयापचय उत्तेजित करने में वीरभद्रासन-1 के लाभ – Virabhadrasana-1 for Stimulates metabolism in Hindi

पेट हमारे शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा होता हैं पर अधिकांस रोगों का कारण पेट में भोजन का अच्छे से पाचन ना होना होता हैं, वीरभद्रासन-1 हमारे पेट में चयापचय की क्रिया को तेज करता हैं जो पेट में होने वाले अनेक रोगों से हमारी रक्षा करता हैं। जो लोग अधिक समय तक बैठ के कार्य करते हैं उनके लिए वीरभद्रासन-1 लाभदायक हो सकता हैं।

(और पढ़े – चयापचय (मेटाबॉलिज्म) को बढ़ाने के तरीके…)

शरीर को मजबूत करने में लाभदायक वीरभद्रासन-1 – Virabhadrasana-1 benefit for the strong body in Hindi

योद्धा पोस-1 हमारे शरीर को मजबूत करने के लिए एक बहुत ही अच्छा आसन हैं, इस योग मुद्रा को करने से हमारा शरीर एक योद्धा के समान मजबूत हो जाता हैं। यह आसन हमारे निचले हिस्से, बाहों और पैरों को मजबूत और टोन करने के लिए जाना जाता है। यह शरीर को स्थिर करने और संतुलन बनाने में मदद करता है क्योंकि यह सहनशक्ति को बढ़ाता है।

(और पढ़े – पैरों की देखभाल के लिए अपनाएं कुछ आसान टिप्स…)

वीरभद्रासन 1 करने में क्या सावधानी रखें – Precautions to do Virabhadrasana-1 in Hindi

वीरभद्रासन-1 करने से पहले आपको कुछ बातों को ध्यान में रखना हैं जैसे-

  • अगर आपको रीढ़ की हड्डी में दर्द की समस्या हैं तो आप इस आसन को करने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
  • अगर आपको पीठ दर्द की समस्या हैं तो आप इस आसन को ना करे।
  • यदि आपको कंधे में दर्द हैं, तो अपने हाथों को उठाएं और उन्हें अपने सिर के ऊपर रखने के बजाए एक-दूसरे के समानांतर रखें।
  • यदि आपको गर्दन दर्द की समस्या हैं तो आप गर्दन को सीधा रख सकते हैं।
  • गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से इस आसन को करने से फायदा होगा, खासकर यदि वे अपने दूसरे और तीसरे तिमाही में हैं।
  • यदि आप घुटने के दर्द से पीड़ित हैं या गठिया हैं, तो आप इस आसन को करने के लिए दीवार के समर्थन का उपयोग कर सकते हैं।
  • दिल की समस्याओं या उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को इस आसन से बचना चाहिए।

(और पढ़े – गठिया (आर्थराइटिस) के लिए योग…)

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