गर्भावस्था

सेरोगेसी की प्रक्रिया के बारे में जानकारी – Surrogacy Process Step By Step In Hindi

सरोगेसी प्रक्रिया स्टेप: आज के आधुनिक समय में माता पिता बनने के लिए आपके पास कई विकल्प मौजूद हैं। उनमें से सेरोगेसी भी एक ऐसी ही प्रक्रिया है जिसके जरिए आप संतान का सुख प्राप्त कर सकते हैं। आमतौर पर सेरोगेसी के माध्यम से बच्चे पैदा करने का चयन तब किया जाता है जब चिकित्सकीय रुप से कोई महिला बच्चे को जन्म नहीं दे सकती, गर्भधारण करने में खतरा हो, बांझपन (infertility) हो या खुद की कोख से बच्चा पैदा नहीं करना चाहता। अगर कोई एकल पुरुष या महिला पिता या मां बनने का इच्छुक हो तो वह भी सेरोगेसी को प्राथमिकता दे सकता है। इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि सेरोगेसी की प्रक्रिया से गर्भधारण कैसे किया जाता है।

विषय सूची

1. सेरोगेसी क्या है? – What is Surrogacy in Hindi
2. सरोगेट्स के लिए मेडिकल प्रक्रिया – Medical Process for Surrogates in Hindi
3. सरोगेसी प्रक्रिया स्टेप बाय स्टेप – surrogacy process step by step in Hindi

4. सरोगेसी प्रक्रिया का वीडियो हिंदी – surrogacy process video in Hindi
5. सरोगेट मदर की तलाश कैसे करें – How to Find Surrogate mother in Hindi
6. सरोगेसी के लिए क्या योग्यता जरूरी है – Surrogacy Qualifications in Hindi

सेरोगेसी क्या है? – What is Surrogacy in Hindi

सरोगेसी एक व्यवस्था (Surrogacy) है, जिसे अक्सर एक कानूनी समझौते द्वारा समर्थित किया जाता है, जिसके तहत एक महिला (सरोगेट मदर) गर्भवती होने के लिए सहमत होती है और किसी दूसरे व्यक्ति के लिए बच्चे को जन्म देती है, जो बच्चे का वास्तविक माता-पिता (real parents) बनता है। सेरोगेट मदर बनने के लिए कभी कभी महिला इच्छुक माता पिता से पैसा लेती है और कभी नहीं लेती है। पैसे देकर सेरोगेट मदर बनने को कमर्शियल सेरोगेसी कहा जाता है। जिन जगहों पर सेरोगेसी वैध है वहां थर्ड पार्टी एजेंसी सेरोगेसी का जिम्मा लेती है और ये एजेंसियां अक्सर मनोवैज्ञानिक और अन्य चिकित्सा परीक्षणों की जांच करती हैं ताकि स्वस्थ गर्भधारण और प्रसव के सर्वोत्तम अवसर को सुनिश्चित किया जा सके। वे आम तौर पर इच्छुक माता-पिता (intended parents) और सरोगेट मदर से संबंधित सभी कानूनी मामलों की सुविधा भी देते हैं।

(और पढ़े – सरोगेसी क्या है? इस तरह पाए संतान सुख…)

सरोगेट्स के लिए मेडिकल प्रक्रिया – Medical Process for Surrogates in Hindi

सरोगेसी दो प्रकार की होती है – पारंपरिक सरोगेसी (traditional surrogacy) और जेस्टेशनल सरोगेसी (gestational surrogacy)।

पारंपरिक सरोगेसी में, सरोगेट मां (किराए की कोख) के गर्भाशय में कृत्रिम रूप से भ्रूण को स्थानांतरित किया जाता है। यह या तो इच्छुक पिता का होता है या फिर किसी अज्ञात डोनर का। इससे पैदा होने वाला बच्चा आनुवंशिक सरोगेट मां से भी संबंधित (related) होता है, जो अंडे प्रदान करती है, और इच्छुक पिता और अज्ञात डोनर से भी संबंधित होता है।

जेस्टेशनल सरोगेसी में, इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) नामक एक प्रक्रिया के माध्यम से सरोगेट महिला (सरोगेट मदर) गर्भवती हो जाती है। इस प्रक्रिया में भ्रूण प्रयोगशाला में बनाया जाता है और सरोगेट मदर के गर्भाशय में स्थानांतरित (transfer) कर दिया जाता है और वह आनुवंशिक रूप से बच्चे से संबंधित नहीं होती है।

(और पढ़े – जल्दी और आसानी से गर्भवती होने के तरीके…)

सरोगेसी प्रक्रिया स्टेप बाय स्टेप – surrogacy process step by step in Hindi

सरोगसी प्रक्रिया से बच्चे का जन्म काफी लोकप्रिय हो गया है आइये जानते हैं सेरोगेसी की पूरी प्रक्रिया के बारे में।

सरोगेसी प्रक्रिया का पहला चरण मेडिकल स्क्रीनिंग – Medical Screenings in surrogacy process Hindi

जब सेरोगेट मदर और माता पिता बनने के इच्छुक व्यक्ति के बीच सबकुछ तय हो जाता है तो सेरोगेसी की प्रक्रिया शुरू करने से पहले आपको मेडिकल स्क्रीनिंग करवाने की जरूरत पड़ती है। इसमें शारीरिक परीक्षण (physical examination) करके यह निर्धारित किया जाता है कि महिला सेरोगेट गर्भावस्था के लिए पर्याप्त स्वस्थ है या नहीं। शारीरिक परीक्षण और खून की जांच के बाद आपके गर्भाशय की जांच करने के लिए एक अल्ट्रासाउंड किया जाता है। संक्रामक रोगों की जांच के लिए पति पत्नी या फिर पार्टनर के खून की जांच की जाती है।

मेडिकल स्क्रीनिंग के अलावा, आपको कुछ मनोवैज्ञानिक और सामाजिक मूल्यांकन भी पूरे करने होंगे और यह सुनिश्चित करना होगा कि आप सरोगेट मदर के लिए सभी आवश्यकताओं को पूरा करें।

(और पढ़े – गर्भवती होने के लिए पूरा गाइड…)

सरोगेसी प्रक्रिया में भ्रूण स्थानांतरण – Embryo transfer in surrogacy process Hindi

  • डॉक्टर आपके मासिक धर्म चक्र को विनियमित (regulate ) करने के लिए जन्म नियंत्रण (birth control) की गोलियां और अन्य हार्मोन का उपयोग कर सकते हैं। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि आप भ्रूण को सही समय पर प्राप्त करने के लिए तैयार हैं या नहीं।
  • सेरोगेसी की इस प्रक्रिया में  प्रेगनेंसी को संभालने और शरीर में हार्मोन के स्तर को बनाए रखने के लिए आपको प्रोजेस्टेरोन का इंजेक्शन और एस्ट्रोजन रिप्लेसमेंट दिया जा सकता है। आपको यह हार्मोन गर्भावस्था के 12वें हफ्ते तक लगातार दिया जाता है जबतक  कि गर्भनाल (placenta) से सामान्यतौर पर हार्मोन का उत्पादन न होने लगे।
  • भ्रूण स्थानांतरण प्रक्रिया तब होती है जब पांच दिनों तक भ्रूण का विकास हो चुका होता है। भ्रूण को स्थानांतरित करने के लिए कैथेटर (catheter) का उपयोग किया जाता है जिसमें भ्रूण को गर्भाशय ग्रीवा (cervix) के माध्यम से गर्भाशय (uterus) में डाला जाता है।
  • वैसे तो भ्रूण को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया अपेक्षाकृत जल्दी हो जाती है लेकिन इसमें दर्द काफी होता है। भ्रूण को स्थानांतरित (embryo transfer) करने के बाद आपको कुछ दिन पर्याप्त आराम करने की जरूरत पड़ती है।

(और पढ़े – प्रोजेस्टेरोन के कार्य एवं गर्भावस्था में इसकी भूमिका…)

सरोगेसी प्रक्रिया का तीसरा चरण गर्भावस्था – Pregnancy in surrogacy process Hindi

भ्रूण स्थानांतरण के लगभग एक सप्ताह बाद आपको फर्टिलिटी क्लिनिक में वापस आकर डॉक्टर से जांच करानी पड़ती है। इस दौरान डॉक्टर आपके प्रेगनेंसी हार्मोन के स्तर को मापते हैं। यदि आपकी एचसीजी (HCG) 50 या उससे ज्यादा हो तो यह इस बात का संकेत है कि सबकुछ सकारात्मक है और आपकी प्रेगनेंसी स्थिर (stable) है। कुछ दिनों के बाद डॉक्टर फिर से आपका एससीजी (HCG) टेस्ट करता है और सुनिश्चित करता है कि यह कितना बढ़ा है, यह हर दो दिन बाद दोगुना होना चाहिए।

यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि सरोगेट प्रेगनेंसी के लिए आपको कई बार भ्रूण स्थानांतरण (embryo transferred) की आवश्यकता पड़ सकती है। चिकित्सक आपको इस प्रक्रिया के बारे में  कोई भी अतिरिक्त सहायता या जानकारी प्रदान करने के लिए हमेशा उपलब्ध (available) रहता है।

(और पढ़े – एचसीजी हार्मोन क्या होता है गर्भावस्था में एचसीजी की भूमिका…)

सरोगेसी प्रक्रिया का चौथा चरण बच्चे का जन्म – Birth in surrogacy process Hindi

एक बार सफलतापूर्वक (successfully) भ्रूण स्थानांतरण हो जाने पर डॉक्टर गर्भावस्था के छठे सप्ताह के आसपास आपका अल्ट्रासाउंड करेंगे। यदि अल्ट्रासाउंड के दौरान दिल की धड़कन (heartbeat) सुनाई देती है तो आपको ओबी (OB) या जीवाईएन के पास भेजा जाता है। इसके बाद प्रेगनेंसी के 12वें सप्ताह में दोबारा से अल्ट्रासाउंड किया जाता है।

इस प्रक्रिया में डिलीवरी से पूर्व विशेष देखभाल (special care) की जरूरत पड़ती है इसलिए आपको बार बार डॉक्टर के पास जाना पड़ सकता है ताकि यह पता चल सके कि आपकी प्रेगनेंसी अभी भी स्थिर (stable) है या नहीं। इसके बाद आप क्लिनिक में आसानी से बच्चे को जन्म दे सकती हैं।

(और पढ़े – गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड कब और कितनी बार करवाना चाहिए…)

सरोगेसी प्रक्रिया जन्म के बाद – Happily Ever After in surrogacy process Hindi

सेरोगेसी प्रक्रिया से मां बनने के बाद बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी सेरोगेट मदर पर नहीं होती है। इसलिए हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने के बाद सेरोगेट मदर आपने घर जाकर पर्याप्त आराम करती है और अपने परिवार के साथ समय व्यतीत करती है। हां अक्सर यह देखा जाता है सेरोगेट मदर और इच्छुक माता पिता (Intended Parents) बच्चे की फोटो शेयर करते हैं और एक दूसरे का हाल पूछते रहते हैं लेकिन यह पूरी तरह से सेरोगेट मदर से आपके रिश्ते पर निर्भर करता है।

(और पढ़े – डिलीवरी के बाद देखभाल…)

सरोगेसी प्रक्रिया का वीडियो हिंदी – surrogacy process video in Hindi

सरोगेट मदर की तलाश कैसे करें – How to Find Surrogate mother in Hindi

कभी-कभी परिवार का कोई सदस्य या दोस्त सरोगेट होने का प्रस्ताव देता है। यह सरोगेसी की लागत को बहुत कम कर सकता है। हालाँकि, सभी लोग यह नहीं जान पाते हैं कि कौन सी महिला सेरोगेट मदर बनने के लिए तैयार होगी इसलिए ज्यादातर लोग अन्य माध्यमों से सरोगेट मदर की तलाश करते हैं।

ऐसी कई एजेंसियां है जो इच्छुक माता पिता को सेरोगेट मदर उपलब्ध कराती हैं। आप किसी भी एजेंसी के बारे में सही तरीके से पता करके उसकी सहायता ले सकते हैं। अगर संभव हो तो आपको उस एजेंसी के कुछ पूर्व ग्राहकों (former clients ) से बातचीत भी कर लेनी चाहिए।

कुछ माता-पिता खुद से ही सेरोगेट मदर खोजना पसंद करते हैं।  इस मामले में यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि कोई भी अनुबंध (agreements ) करने या किसी भी अनुबंध पर हस्ताक्षर करने से पहले इच्छुक माता-पिता और सरोगेट दोनों को कानूनी सलाह प्राप्त कर लेनी चाहिए। इससे बच्चे को जन्म देने के बाद सेरोगेट मदर की तरफ से होने वाली दिक्कतों (issues) का सामना नहीं करना पड़ता है और माता पिता बच्चे को सेरोगेट मदर से आसानी से ले सकते हैं।

(और पढ़े – महिला को गर्भवती होने में कितना समय लगता है…)

सरोगेसी के लिए क्या योग्यता जरूरी है – Surrogacy Qualifications in Hindi

सेरोगेट मदर बनने के लिए जरूरी है कि उस महिला के पास अपना खुद का बच्चा हो और वर्तमान में वह कम से कम एक बच्चे की मां हो।

  • मेडिकल रिकॉर्ड के अनुसार उसकी प्रेगनेंसी और डिलीवरी उचित तरीके से हुई हो।
  • सेरोगेट मदर की उम्र 21 से 41 वर्ष के बीच हो।
  • महिला का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 33 से अधिक न हो।
  • उसका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो।
  • उसका गर्भावस्था (pregnancy) बिना किसी परेशानी के पूरा हुआ हो।
  • वह एक स्थिर जीवन (stable life) जी रही हो।
  • वह धूम्रपान (smoking) या शराब का सेवन न करती हो।

(और पढ़े – 30 के बाद गर्भावस्था के लिए तैयारी करने के लिए टिप्स…)

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