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सर्दियों में बंद कमरे में सोना जानलेवा हो सकता है – Sleeping in the closed room in winter can be deadly

सर्दियों में बंद कमरे में सोना जानलेवा हो सकता है – Sleeping in the closed room in winter can be deadly

सर्दियों में ज़्यादातर घरों, दुकानों में गर्माहट के लिए ब्लोअर, हीटर या कोयले का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन क्या ये सुरक्षित तरीके हैं? क्या सर्दियों में बंद कमरे में सोना जानलेवा हो सकता है जी हाँ यदि आप सर्दियों में साबधानी नहीं रखते है तो एक छोटी सी गलती से आपकी जान पे बन सकती है अक्सर आपने सुना होगा को कुछ लोग सिगड़ी या कोयला जलाके रत में बंद कमरे में सो जाते है और सुबह उनकी नींद नहीं खुलती उनकी दम घुटने से नींद में ही मौत हो जाती हैं

अभी हाल ही की दिल्ली के कैंट इलाक़े की इस दुर्घटना का जिक्र करे तो घटना इस तरह है की सारा काम निपटाकर जब कुछ मजदूर कैटरिंग वैन में सोने गए तो अपने साथ तंदूर भी लेते गए। उन्होंने वैन का दरवाज़ा शायद यही सोचकर बंद किया होगा कि अंदर गर्माहट बनी रहे और वो चैन से सो सकें लेकिन पुलिस के अनुसार, अगली सुबह जब वैन का दरवाज़ा खोला गया तो दम घुटने से 6 लोगों की मौत हो चुकी थी। दिल्ली के कैंट इलाक़े की इस दुर्घटना जैसे कई मामले पहले भी आ चुके हैं।

अगर आप गर्माहट के लिए कोयला जला रहे हैं या फिर लकड़ी, तो इससे निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस दम घोंट सकती है। ख़ासतौर पर तब जब हवा की निकासी का कोई प्रबंध नहीं है। यहां तक कि अगर आप किसी कार में भी सिर्फ़ इंजन चलाकर बैठ जाएं तो भी दम घुट सकता है।

ये बात मायने नहीं रखती कि कौन-सा साधन कम नुकसानदेह और कौन ज़्यादा। बात सिर्फ़ इतनी है कि जिस जगह आप इन साधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं वहां वेंटिलेशन की व्यवस्था है या नहीं।

सर्दियों में बंद कमरे में सोना जानलेवा हो सकता है क्या कहता हैं विज्ञान – What does science say

डॉक्टरो का कहना है कि हीटर, ब्लोअर या अंगीठी जलाते समय कमरे को पूरी तरह से बंद नहीं करना चाहिए। गर्मी से धीरे-धीरे कमरे का ऑक्सीजन खत्म हो जाता है और कार्बन मोनोऑक्साइड ज्यादा होने लगता है। यह जहरीली गैस सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंच कर खून में मिल जाती है। इस वजह से खून में हीमोग्लोबिन का लेवल घट जाता है और बेहोशी छाने लगती है और इंसान की मौत हो जाती है। सबसे ज़रूरी है वेंटिलेशन. जहां वेटिंलेशन नहीं है, वहां ख़तरा है. अगर आप गर्माहट के लिए कोयला जला रहे हैं या फिर लकड़ी, तो इससे निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस दम घोंट सकती है. ख़ासतौर पर तब जब वेंटिलेशन का कोई प्रबंध नहीं है.

कार्बन मोनोऑक्साइड का हमारे शरीर पर प्रभाव – Carbon monoxide effect on our body

Carbon monoxide (CO) कार्बन मोनोऑक्साइड एक ज़हरीली गैस है। ऐसी किसी जगह पर जहां कोयला या लकड़ी जल रही हो और हवा की निकासी का कोई माध्यम न हो तो सांस लेने के दौरान हम कार्बन मोनोऑक्साइड और ऑक्सीजन दोनों अंदर लेते हैं।

कार्बन मोनोऑक्साइड हीमोग्लोबिन के साथ मिलकर कार्बोक्सीहीमोग्लोबिन में बदल जाता है।

दरअसल, खून में मौजूद आरबीसी, ऑक्सीजन की तुलना में कार्बन मोनोऑक्साइड से पहले जुड़ती है। अगर आप किसी ऐसी जगह पर हैं जहां ऑक्सीजन की तुलना में कार्बन मोनोऑक्साइड बहुत अधिक है तो धीरे-धीरे खून में ऑक्सीजन की जगह कार्बन मोनोऑक्साइड आ जाती है।

इससे शरीर के कई अहम अंगों को ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है। इससे हाईपोक्सिया की स्थिति बन जाती है जिससे ऊतक (टिशू) नष्ट होने लगते हैं और मौत की आशंका बढ़ जाती है।

क्या होते हैं शुरुआती लक्षण – What are the initial symptoms

  • यह जानना बहुत ज़रूरी है कि आप जिस माहौल में सांस ले रहे हैं वहां की हवा कहीं ज़हरीली तो नहीं।
  • अगर आप किसी ऐसी जगह हैं जहां कार्बन मोनोऑक्साइड का प्रतिशत अधिक है तो सिर दर्द, चक्कर आना, उल्टी महसूस होना जैसे लक्षण नज़र आएंगे। सर्दियों में बंद कमरे में सोना जानलेवा हो सकता है|
  • इसके अलावा सांस लेने में तक़लीफ आंखों में जलन की भी शिकायत हो सकती है।
  • त्वचा विशेषज्ञ के अनुसार, बहुत देर तक ब्लोअर, हीटर या फिर आग के सामने बैठने से ड्राईनेस की प्रॉब्लम हो सकती है, ख़ासतौर पर बुजुर्गों को|
  • इसके अलावा डैंड्रफ़ की परेशानी भी हो सकती है या बढ़ सकती है. बहुत देर तक इन उपकरणों के संपर्क में रहने से त्वचा की कुदरती नमी प्रभावित होती है|

क्या हैं बचाव के उपाय – What are the measures to prevent

  • अगर आप ब्लोअर या हीटर का प्रयोग करते हैं तो इसे थोड़े समय के लिए ही करें अगर आप इनमें से किसी भी साधन का इस्तेमाल कर रहे हैं तो वेंटिलेशन का ख़ास ख्याल रखें।
  • बंद कमरे में कोयला या लकड़ी जलाने से परहेज़ करें।
  • अलाव जलाकर उसके पास न सोएं|
  • साथ में पानी से भरी बाल्टी जरूर रखें|
  • आग जलाएं तो जमीन पर सोने से बचें|
  • घर में अगर कोई बच्चा हो, तो आग न जलाएं तो ज्यादा बेहतर है|
  • यदि रात में हीटर, ब्लोअर या अंगीठी का इस्तेमाल करते हैं, तो इनके करीब प्लास्टिक, कपड़े, केमिकल्स न हो|
  • अगर आप हीटर या फिर ब्लोअर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो भी सावधानी रखें। बहुत अधिक इस्तेमाल ख़तरनाक हो सकता है।
  • सर्दियों में बंद कमरे में सोना जानलेवा हो सकता है|

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