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कंधरासन योग करने की विधि और लाभ – Kandharasana Yoga Steps And Benefits In Hindi

Kandharasana yoga in Hindi कंधरासन योग मुद्रा, योग की प्रमुख मुद्राओं में से एक मानी जाती हैं, यह मुद्रा आपके शरीर के विभिन्न प्रकार के रोगों और दर्द को ठीक करने के लिए बहुत ही असरदायक मानी जाती हैं। कंधरासन योग मुख्यतः पीठ और कमर दर्द को ठीक करने के लिए प्रसिद्ध हैं, यह योग आपके दिल और साँस लेने के मार्ग को खोलता हैं। परम्परागत रूप से फिजियोथेरेपिस्ट और डॉक्टर समान रूप से आपको दवाइयां देंगे पर शरीर को अन्दर से ठीक करने के लिए योग की आवश्यकता होती हैं जो कि आपको जल्दी से ठीक होने में मदद करता हैं। आइये कंधरासन योग करने की विधि और उसके लाभ विस्तार से जानते हैं।

विषय सूची

1. कंधरासन क्या है – What is Kandharasana in Hindi
2. कंधरासन योग करने की विधि – Kandharasana yoga karne ki vidhi in Hindi
3. कंधरासन योग के फायदे – Benefits of Kandharasana in Hindi

4. कंधरासन योग की सावधानियां – Precautions for Kandharasana in Hindi

कंधरासन क्या है – What is Kandharasana in Hindi

कंधरासन एक योग आसन हैं, इस आसन का नाम संस्कृत भाषा से लिया गया हैं कंधरासन दो शब्दों से मिलकर बना हैं जिसमें  “कंध” का अर्थ “कंधे” और “आसन” का अर्थ हैं “मुद्रा”  होता हैं, इसका पूर्ण अर्थ कंधे की मुद्रा हैं। इस आसन को अंग्रेजी में  “सोल्डर” पोज़ कहा जाता हैं,  यह आसन महिलाओं में एक स्वस्थ प्रजनन प्रणाली को बनाए रखने में अधिक लाभदायक होता हैं क्योंकि यह आसन महिलाओं प्रजनन अंगों को मजबूत करता हैं, और उनके मासिक धर्म की समस्याओं और यूटरस से संबंधित अन्य विकारों से भी राहत देती है। आइये विस्तार से जानते हैं कंधरासन करने की विधि और उसके लाभ।

(और पढ़ें – अनियमित मासिक धर्म के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार )

कंधरासन योग करने की विधि – Kandharasana yoga karne ki vidhi in Hindi

कंधरासन योग के लाभ को देख कर हर व्यक्ति इस आसन को करना चाहता हैं, आसन का अधिकतम लाभ लेने के लिए उसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी होना आवश्यक हैं, इस आसन को करने के लिए नीचे कुछ स्टेप दी जा रही हैं –

  • इस आसन को करने के लिए किसी साफ़ और हवादार स्थान पर योगा मैट को बिछा लें।
  • उस योगा मैट पर शवासन की स्थिति (कॉर्प्स पोज़) में यानि पीठ के बल लेट जाएं।
  • अपने दोनों हाथों को बिलकुल सीधा अपने शरीर के समांतर रखें।
  • इसके बाद अपने दोनों पैरों को घुटनों के यहाँ से मोड़ ले यानि पैरों को जमीन से टिका लें।
  • उसके बाद दोनों हाथों से दोंनो पैरों के एड़ी के थोड़े ऊपर साइड पकड़ें।
  • यह कंधरासन की प्रथम स्थिति होती हैं साँस को सामान्य रख के अपने शरीर को आराम दें।
  • उसके बाद अपने सिर को जमीन से टिका के रखें और अपनों पैरों के पंजों पर जोर दें।
  • पैरों पर जोर देते हुयें छाती, कमर,पीठ, जांघों और नितंबो को ऊपर की ओर उठाएं।
  • अपनी रीढ़ के हड्डी में पूरी तरह से खिंचाव रखें।
  • पैरों और कन्धों को स्थाई रखें और नाभि को जितना ऊपर कर सकते हैं करें।
  • सुनिश्चित करें की आपके शरीर का सम्पूर्ण भार आपके पैरों और कन्धों पर हो।
  • इस स्थिति में आप 2-3 मिनिट तक रहें, और सामान्य रूप से साँस को लेते रहें।
  • आप इस आसन में तब तक रह सकते हैं जब तक कि आपकी मांसपेशियों में थकान महसूस ना हो।
  • उसेक बाद आप धीरे धीरे अपनी प्रारम्भिक स्थिति में आयें और अपने हाथ और पैरों को फैला के गहरी साँस लेके आराम करें।
  • इस आसन को करने के बाद आप पश्चिमोत्तानासन करें यानि आगें की ओर झुकें।
  • इस आसन को 5 से 10 बार करें।

कंधरासन योग के फायदे – Benefits of Kandharasana in Hindi

कंधरासन योग करने से बहुत अधिक लाभ प्राप्त होते हैं आइये इसके लाभ को विस्तार से जानते हैं-

कंधरासन के लाभ शारीरिक दर्द को कम करे – Kandharasana ke labh sharirik dard ko kam kare in Hindi

कंधरासन या कंधे की मुद्रा भुजाओं, छाती और कन्धों की मांसपेशियों को मजबूत करता हैं, इसके अलावा यह आसान पीठ दर्द, कंधे दर्द, घुटने के दर्द और गर्दन दर्द को भी ठीक कर देता हैं, यह आसन रीढ़ की हड्डी को रीयलिन (realign) करने और पीठ दर्द से मुक्त करने के लिए लाभदायक हैं।

(और पढ़ें – हलासन के फायदे और करने का तरीका)

कंधरासन योग के फायदे महिलाओं के लिए लाभदायक –  Kandharasana Benefits for women in Hindi

कंधारसन या कंधे की मुद्रा महिलाओं की प्रजनन प्रणाली के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करती है। यह मासिक धर्म विकार, गर्भाशय की समस्याओं और विभिन्न ब्रोन्कियल स्थितियों (bronchial conditions) के लिए उत्कृष्ट है। यह मादा प्रजनन अंगों और गर्भाशय को मजबूत करने के लिए भी बहुत अच्छी है। यह आसन गर्भाशय के स्वास्थ्य में सुधार करके गर्भपात की समस्याओं को रोकता है।

(और पढ़ें – महिला बांझपन के कारण, लक्षण, निदान और इलाज)

पाचन को ठीक करने में कंधरासन के फायदे – Kandharasana ke fayde Pachan thik kare in Hindi

अगर आप पेट के पाचन से परेशान हैं तो यह योग आपके लिए फायदेमंद हो सकता हैं कंधरासन चयापचय को बढ़ावा देता है जिसके  कारण पेट में भोजन का पाचन अच्छे से होता हैं, इसी कारण यह हमारे पेट सम्बन्धी समस्या को दूर करता हैं।

(और पढ़ें – मानव पाचन तंत्र कैसा होता है, और कैसे इसे मजबूत बनायें)

कंधरासन से करे शरीर का विकास – Kandharasana kare sharer ka vikash in Hindi

कंधरासन योग का नियमित अभ्यास छाती को व्यापक बनाने और छाती को चौड़ी में भी मदद करता है, इस आसन के नियमित अभ्यास से पैरों को ढीला किया जा सकता हैं, यह ध्यान को केन्द्रित करने में भी मदद करता हैं। यह पूरे शरीर को फैलाता है और लचीलापन बढाता हैं, यह कूल्हों और पेडू को मजबूत करने में मदद करता है।

(और पढ़ें – अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे और करने का तरीका )

इसके अलावा कंधरासन करने के और लाभ होते हैं – More Benefits of  Kandharasana in Hindi

  • यह तनाव को कम करता हैं
  • शरीर की ताकत और सहनशक्ति को बढाता हैं
  • यह विशुद्ध चक्र को सक्रिय और नियंत्रित करता है
  • कुंडलिनी शक्ति को जगाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • कंधारसन अस्थमा जैसी श्वसन रोगों के उपचार में मदद करती है।

(और पढ़ें – अस्थमा (दमा) के कारण, लक्षण, उपचार एवं बचाव)

कंधरासन योग की सावधानियां – Precautions for Kandharasana in Hindi

कंधरासन के लाभ को आपने ऊपर जान लिया हैं पर इस आसन को करने से पहले इसकी कुछ सावधानी जनना बहुत ही आवश्यक हैं,  इस आसन को अत्यधिक सावधानी और देखभाल के साथ अभ्यास किया जाना चाहिए। आइये इसकी कुछ सावधानी को जानते हैं जो कि कंधरासन करने से पहले आपको ध्यान में रखनी हैं –

  • लोगों को शुरुआत इस आसन को 15-20 सेकंड के लिए ही करना चाहिए।
  • इस आसन को खाली पेट करें।
  • अभ्यास के दौरान अपनी साँस को सामान्य रखें।
  • अपनी क्षमता से अधिक एक बार इस आसन को ना करें।
  • घुटनों में दर्द, कंधे में दर्द, पीठ दर्द जैसे गंभीर समस्यों में इस आसन को ना करें।
  • डुओडनल अल्सर (duodenal ulcers) या पेट के हर्निया (abdominal hernia) की समस्या वाले लोग इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को इस आसन को ना करें।
  • पुरानी हृदय समस्याओं से पीड़ित लोगों को कंधारसन की मुद्रा का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  • श्वसन संबंधी विकारों से पीड़ित लोगों द्वारा इस आसन को नहीं किया जाना चाहिए।
  • उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को भी इसका अभ्यास करने से बचना चाहिए।

(और पढ़ें – प्रेगनेंसी में करें प्री नेटल योग जो है मां और बच्चों के लिए फ़ायदेमंद)

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Shivam

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