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कामसूत्र हिंदी में – Kamasutra in Hindi

कामसूत्र Kamasutra in Hindi

Kamasutra in Hindi कामसूत्र  वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र न केवल सेक्‍स के बारे में जानकारी देता है बल्कि रहन-सहन के साथ जीवन के सभी पहलुओं का भी मार्गदर्शन करता है। सेक्‍स शिक्षा, संभोग, सेक्‍स के आसन, रतिक्रिया, जीवन का उद्देश्‍य आदि का वर्णन कामसूत्र में दिया गया है।

कामसूत्र के बारे शायद ही किसी व्‍यक्ति ने ना सुना हो, कामसूत्र एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ है जो यौन जीवन संबंधी जानकारी से भरा हुआ है। सभी लोग कामसूत्र नाम से परिचत हैं फिर भी अधिकांश लोग इस ग्रंथ या पुरस्‍तक के वास्‍तविक अर्थ को नहीं समझते हैं। क्‍योंकि लोग इसे केवल सेक्‍स पोजीशन बताने वाली पुरस्‍तक से अधिक नहीं समझते हैं। जबकि कामसूत्र ग्रंथ में कई ऐसे तथ्‍य हैं जो पुरुष और महिलाओं के बीच आपसी संबंधों और कर्तव्‍यों के बारे में भी जानकारी देते हैं।

सभी लोगों ने कामसूत्र पुस्‍तक के बारे में सुना है और इसे पढ़ने की इच्‍छा भी रखते होगें। लेकिन उन्‍हें इस पुस्‍तक का दैनिक जीवन में महत्‍व क्‍या है शायद पता न हो। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि यौन संबंध बनाना मानव जीवन के लिए अतिआवश्‍यक और महत्‍वपूर्ण है। आप कामसूत्र ग्रंथ की मदद से यौन जीवन संबंधी सभी पहलूओं का पूरी प्राप्‍त कर सकते हैं। आज इस आर्टिकल में आप कामसूत्र पुस्‍तक संबंधी जानकारी प्राप्‍त करेगें।

कामसूत्र क्‍या है – Kamasutra kya hai in Hindi

वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र का शाब्दिक अर्थ काम के सिद्धांत को बताने वाला ग्रंथ है। यौन संबंधों और यौन आसनों की पूरी जानकारी उबल्‍ध कराने वाला ग्रंथ कामसूत्र है। निश्चित रूप से इस ग्रंथ में केवल सेक्‍स संबंधी जानकारीयां है। कामसूत्र ग्रंथ प्राचीन समय में लिखा गया प्राचीन भारतीय ज्ञान और परंपराओं का संग्रह है। कामसूत्र सच्‍चे प्रेम के अनुभव के बारे में एक वैज्ञानिक ग्रंथ है जिसका उद्देश्‍य एक महिला और पुरुष के बीच यौन संबंध और सामंजस्‍य बनाना है। कामसूत्र के रचैता महर्षि बात्‍स्‍यायन हैं जिन्‍हों ने इस ग्रंथ को संस्‍कृत में लिखा था।

कामसूत्र का मतलब – kamasutra ka matlb in Hindi

वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र ग्रंथ संस्‍कृत में लिखा गया ग्रंथ है। संस्‍कृत से शाब्दिक अनुवाद के अनुसार ‘’ कामसूत्र ’’ का अर्थ ‘’ काम की पुस्‍तक या काम का सिंद्धांत ’’ है। इस उद्देश्‍य के अनुसार यह प्रश्‍न उठता है कि काम का हमारे लिए उद्देश्‍य और महत्‍व क्‍या है। सेक्‍स को हिंदी में ‘’ काम ‘’ शब्‍द से जाना जाता है। काम मानव जीवन का एक कामुक हिस्‍सा है जिसमें शारीरिक और भावनात्‍मक आनंद शामिल है। सामान्‍य रूप से भारतीय संस्‍कृति 4 विषयों पर विशेष जोर देती है। हर भारीय नागरिक को अपने जीवन में इन 4 लक्ष्यों को प्राप्‍त करना चाहिए। ये 4 विषय इस प्रकार हैं :

काम – काम जीवन का अभिन्‍न और आवश्‍यक पहलू है जो किसी भी व्‍यक्ति के लिए भौतिक और भावनात्‍मक आनंद प्राप्‍त करने में सहायक होता है।

अर्थ – यह अनुभूति, क्षमता, भौतिक समृद्धि, सुंदरता और शक्ति प्राप्‍त करने में अहम माना जाता है।

धर्म – धर्म का अर्थ है नैतिकता जो हमे अपने जीवन में प्रमुख रूप से शामिल करना चाहिए।

ज्ञान – ज्ञान हमें मोक्ष और मुक्ति दिलाने का साधन है।

ये सभी गुण किसी भी व्‍यक्ति के लिए बहुत ही आवश्‍यक होते हैं। ये सभी विषय कहीं न कहीं कामसूत्र में शामिल किये गए हैं। इस प्रकार ‘’ काम ‘’ जो एक कामुक आनंद के लिए जिम्‍मेदार है इसे प्राप्‍त करने के लिए कामसूत्र ग्रंथ बहुत उपयोगी माना जाता है।

कामसूत्र की शिक्षा – kamasutra ki shiksha in Hindi

वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र ग्रंथ में दी गई जानकारियों के अनुसार यह पूरी तरह से स्‍पष्‍ट है कि यह ग्रंथ धार्मिक और दार्शनिक ग्रंथों का अनुसरण करता है। इसलिए कामसूत्र को एक मार्गदर्शक ग्रंथ माना जाता है। यह ग्रंथ मानव जीवन के चार लक्ष्‍यों में से ‘’ काम ‘’ लक्ष्‍य प्राप्‍त करने का सबसे अच्‍छा तरीका है। कामसूत्र मानव जीवन में कामुक आनंद प्राप्‍त करने में सहायक है जिससे प्‍यार, इच्‍छा, यौनसंतुष्टि और जुनून आदि को प्राप्‍त किया जा सकता है।

कामसूत्र ग्रंथ का उद्देश्‍य केवल यौन स्थितियों संबंधी जानकारी प्रदान करना ही नहीं है। बल्कि यह पुरुषों और महिलाओं के बीच आपसी संबंध, शारीरिक निकटता और विश्वास आदि के बारे में भी शिक्षा देता है।

कामसूत्र के अनुसार आपसी संबंध – Kamsutra ke anusar aapsi sambhand in Hindi

हम ऊपर जान चुके हैं कि कामसूत्र पुरुषों और महिलाओं के बीच आपसी संबंधों को सुधारने और बेहतर बनाने में सहायक होता है। मानव जीवन को सुखद और लक्ष्‍य पूर्ण बनाने के लिए महिला और पुरुष दोनों का एक साथ रहना आवश्‍यक है। कामसूत्र ग्रंथ में महिला और पुरुषों के एक साथ रहने के दौरान उन दोनों के व्‍यवहार और काम कला संबंधी जानकारी दी गई है। आइए जाने कामसूत्र के अनुसार पुरुषों और महिलाओं का व्‍यवहार कैसा होना चाहिए।

कामसूत्र के अनुसार पुरुष का व्‍यवहार – Kamasutra ke anusar purush ka v‍yavahar in Hindi

इस पुस्‍तक के अनुसार एक पुरुष को न केवल महिला के साथ यौन सुख में वेल्‍टर (welter) होना चाहिए बल्कि उसे अपनी भावनाओं का समर्थन और बहिष्‍कार करना चाहिए। यह आकस्मिक नहीं है किसी भी पुरुष को महिला के साथ यौन संबंध बनाते समय एक दूसरे को विश्‍वास दिलाना होता है।

कामसूत्र के अनुसार महिला का व्‍यवहार – Kamasutra ke anusar mahila ka v‍yavahar in Hindi

वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र के अनुसार महिला का उद्देश्‍य अपने पुरुष साथी को यौन आनंद प्रदान करना होना चाहिए। अपने पुरुष साथी को उत्‍तेजित करने के लिए उसे गर्मजोशी से गले लगाना, अपने साथी को उत्‍तेजित करने आदि में सक्षम होना चाहिए। कामसूत्र के अनुसार महिला को न केवल यौन जीवन में बल्कि अपने संपूर्ण जीवन में भी अपने पुरुष साथी के लिए आकर्षक बने रहना आवश्‍यक है। इन सभी युक्तियों का पालन करने के बाद उनका पुरुष साथी हमेशा महिला के प्रति वफादार रहेगा। उसे स्‍वतंत्रता और बराबरी का अधिकार देगा।

कामसूत्र से जुड़े मिथक – Kamasutra related Myths in Hindi

बहुत से लोगों के मन में कामसूत्र से जुड़ी कई प्रकार की गलत धारणा बनी हुई है। कुछ लोगों का मानना है कि यह अश्‍लील ग्रंथ है। जबकि ऐसा नहीं है इस ग्रंथ में मानव जीवन और विशेष रूप से यौन जीवन को बेहतर बनाने के तरीके बताए गए हैं। आइए कामसूत्र से जुड़े मिथक और उनकी सच्‍चाई जानने की कोशिश करें।

मिथक – यह पुस्‍तक यौन आसनों से संबंधित है 

सत्‍य – बहुत से लोग जो कामसूत्र पुस्‍तक का केवल नाम जानते हैं उनके मन में गलत धारणा है कि यह पुस्‍तक केवल यौन सुख प्राप्‍त करने संबंधी जानकारी प्राप्‍त कराती है। जबकि ऐसा नहीं है कामसूत्र ग्रंथ में केवल 20 प्रतिशत ही ऐसे पाठ हैं जो विशेष रूप से यौन आसन या सेक्‍स स्थितियों का वर्णन करते हैं। इसके अलावा इस पुस्‍तक में शारीरिक ज्ञान जैसे लिंग का आकार, लिंग का स्‍वास्‍थ्‍य और अन्‍य जानकारीयां उपलब्‍ध है।

मिथक – कामसूत्र में अश्‍लील चित्र होते हैं

सत्‍य – कुछ लोगों का मानना है इस ग्रंथ में यौन स्थितियों वाले चित्रों की अधिक मात्रा होती है। जबकि ऐसा नहीं है। मूल कामसूत्र ग्रंथ में किसी भी प्रकार की यौन स्थितियों वाले चित्र नहीं है। हां कामसूत्र का अनुवाद करने वाली कुछ पुस्‍ताकों में जरूर कुछ ऐसे चित्र शामिल हैं जो यौन सस्थितियों को दर्शाते हैं। इस प्रकार के चित्र विशष रूप से सबसे पहले यूरोप की पुस्‍तकों में दिखाई दिये थे जो कामसूत्र पुस्‍तक का अनुवाद था।

मिथक – कामसूत्र उस समय का एक मात्र ऐसा ग्रंथ है।

सत्‍य – जैसा कि हम जानते हैं कि कामसूत्र ग्रंथ केवल यौन संबंधों पर ही आ‍धारित नहीं है। बल्कि यह यौन स्‍वास्‍थ्‍य और महिला और पुरुषों के बीच आपसी संबंधों को बेहतर बनाने के तरीकों पर आधारित है। कुछ लोगों का मानना है कि यह पुस्‍तक उस समय की एकमात्र ऐसी पुस्‍तक है जिसमें सार्वजनिक रूप से यौन संबंधों की चर्चा की गई है। लेकिन ऐसा नहीं है। उस समय अन्‍य लेखकों ने भी यौन संबंधों और यौन स्‍वास्‍थ्‍य आ‍धारित पुस्‍तकें लिखी हैं। हां यह अलग बात है कि कामसूत्र उस तरह की पुस्‍तकों का संशोधन या सबसे अच्‍छा उदाहरण है।

मिथक – कामसूत्र एक केवल सेक्‍स ग्रंथ है

सत्‍य – सभी जानते हैं कि कामसूत्र ग्रंथ में महर्षि वात्‍स्‍यायन ने ‘’ काम ‘’ के बारे में जानकारी दी है। लेकिन लोग अक्‍सर काम शब्‍द को मात्र यौन आनंद या सेक्‍स समझते हैं। जबकि काम का शाब्दिक अर्थ भावनात्‍मक और इंद्रियों द्वारा प्राप्‍त किया जाने वाला आनंद होता है। उदाहरण के लिए ऐसा कोई भी कार्य जो आपको भावनात्‍मक आनंद दिलाता है काम की श्रेणी में आता है। उदाहरण के लिए शरीर का स्‍पर्श, संगीत की मधुर धुन, कोई विशेष स्‍वाद आदि से प्राप्‍त होने वाला आनंद।

मिथक – कामसूत्र का ज्ञान अनुपयोगी है

सत्‍य – कई लोगों का मानना है कि आज के समय में कामसूत्र में दिया गया ज्ञान किसी काम का नहीं है। कामसूत्र वर्तमान समय में प्रचलन से कहीं दूर है। जबकि ऐसा कतई नहीं है क्‍योंकि मानव जीवन में लगभग सभी लोग जाने-अंजाने कामसूत्र के सिद्धांतों का ही पालन कर रहे हैं। भले ही आज समाज ने बहुत प्रगति कर ली है लेकिन यौन संतुष्टि और भावनात्‍मक आनंद प्राप्‍त करने के लिए कामसूत्र आज भी आधारशिला मानी जाती है।

कामसूत्र ग्रंथ और इसके भाग – Kamsutra granth aur Bhag in Hindi

वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र एक प्राचीन ग्रंथ है जिसमें मानव यौन जीवन के सभी पहलूओं को व्‍यवस्थित ढंग से रखा गया है। महर्षि वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र ग्रंथ में 7 अध्‍यय हैं। इस ग्रंथ में मानव जीवन सरल, सहज और आनंददायक बनाने के उपायों को समझाया गया है। नर और मादा किस तरह से अपने जीवन में रिश्‍तों को सुधार सकते हैं और आपस में सामंजस्‍य बना सकते हैं इस विषय पर विशेष जोर दिया गया है। यौन संबंध बनाने के दौरान महिला और पुरुषों के बीच आपसी व्‍यवहार कैसा होना चाहिए इस तरह की पूरी जानकारी इस ग्रंथ में मौजूद है। कामसूत्र के इन 7 भागों को 36 अध्‍याय में बांटा गया है जिसमे लगभग 1250 श्‍लोक शामिल हैं। आइए जाने कामसूत्र ग्रंथ के बारे में कुछ रोचक और संक्षिप्‍त जानकारी।

कामसूत्र भाग 1 कामसूत्र का परिचय

वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र के इस भाग को 5 अध्‍यायों में बांटा गया है। कामसूत्र के इस हिस्‍से में प्‍यार और निकटता को सामान्‍य रूप से समझाया गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि एक महिला और पुरुष के लिए प्‍यार का सही मतलब क्‍या होता है।

कामसूत्र भाग 2 यौन क्रिया के विषय में

वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र ग्रंथ के इस भाग में 10 अध्‍याय होते हैं जिनमें महिला और पुरुषों के मध्‍य चुंबन और उत्‍तेजना लाने के अन्‍य तरीकों के बारे में बताया गया है। इस भाग में यौन क्रिया में उपयोग किये जाने वाले विभिन्‍न आसन, यौन क्रिया और उनके प्रभावों की जानकारी दी गई है। इसके अलावा कुछ अध्‍यायो में पैराफिलिया या असामान्‍य यौन अभिरूचियों द्वारा तीव्र उत्‍तेजना का अनुभव कराने संबंधी तरीकों को भी बताया गया है। कामसूत्र के इस भाग में ही ओरल सेक्‍स और इनकी स्थितियों के बारे में समझाया गया है।

कामसूत्र भाग 3 पत्‍नी के बारे में

वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र ग्रंथ के इस खंड में 5 अध्‍याय हैं। जिसमें किसी पुरुष को अपनी होने वाली पत्‍नी या शादी के पहले से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारी या सलाह दी गई है। इसके अलावा किसी पुरुष को सेक्‍स के लिए महिला को तैयार करने संबंधी सलाह दी गई है।

कामसूत्र भाग 4 पत्‍नी का आचरण

वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र के भाग 4 में 2 अध्‍याय हैं जिनमें किसी महिला को अपने पति के प्रति जिम्‍मेदारीयां, आचरण और व्‍यवहार संबंधी जानकारी दी गई है।

कामसूत्र भाग 5 अन्‍य महिलाओं के बारे में

वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र ग्रंथ के भाग 5 में 6 अध्‍याय हैं। इन अध्‍यायों में किसी अन्‍य महिला को अपनी तरफ आकर्षित करना, उनके साथ यौन क्रिया करना आदि विषयों के तरीके और इसके परिणाम संबंधी जानकारी दी गई है।

कामसूत्र भाग 6 शिष्‍टाचार के बारे में

वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित इस भाग में भी महर्षि वास्‍त्‍यायन ने 6 अध्‍याय लिखें हैं। जिसमें वैश्‍याओं और उनके पेशे संबंधी जानकारी दी गई हैं। कि कैसे कोई महिलाएं पैसों के लिए अन्‍य पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाती हैं।

कामसूत्र भाग 7 आकर्षित करना

वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र के इस भाग में 2 अध्‍याय हैं जिनमें अन्‍य या दूसरे लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने की कला के बारे में बताया गया है। इसके अलावा कुछ ऐसे कामोत्‍तेजक पदार्थों की जानकारी दी गई है जो प्रेमियों के बीच यौन इच्‍छा को बढ़ाने में सहायक होते हैं।

कामसूत्र की रचना किसने की – Kamasutra ki racha kisne ki in Hindi

वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र प्राचीन भारत के दार्शनिक और वैज्ञानिक वात्‍स्यायन मल्‍लनाग द्वारा संस्‍कृत भाषा में लिखा गया था। हालांकि इस तथ्‍य के बावजूद उसे लेखक का नाम देना गलत होगा क्‍योंकि उसने ज्ञान के संकलन की भूमिका में प्रदश्रन किया था जो पहले कहीं और से एकत्र किया गया था। इसका मतलब यह है कि उन्‍होनें उनसे पहले लिखे गए इस प्रकार के लेखों का संशोधन कर उन्‍हें नये शिरे से लिखा है। लेकिन उन्‍होंने कामसूत्र में लिखे हुए तथ्‍यों को वैज्ञानिक रूप से परिभाषित किया।

कामसूत्र ग्रंथ का उद्देश्‍य – Kamasutra Granth Ka Uddesh‍ya in Hindi

महर्षि वात्‍स्‍यायन मल्‍लनागा को प्राचीन समय के प्रमुख दार्शनिकों और वैज्ञानिकों के रूप में जाना जाता है। इनका उद्देश्‍य अश्‍लील किताब या ग्रंथ लिखने का नहीं था। उनके अनुसार यौन क्रिया एक स्‍वाभाविक और अतिमहत्‍वपूर्ण क्रिया है। जिसकी पूरी जानकारी हर व्‍यक्ति को नहीं है। साथ आम लोग सेक्‍स को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से नहीं देखते हैं। इसलिए उन्‍होनें इस प्रकार के ग्रंथ की रचना की जिसमें ‘’ काम ‘’ शब्‍द को विस्‍तार से समझाया गया है। इस ग्रंथ में उन सभी कारकों को शामिल किया गया है जो मानव को शारीरिक और भावनात्‍मक आनंद दिलाने में सहायक होते हैं। यौन संबंध मानव जीवन का अभिन्‍न अंग है जो अनुभव और ज्ञान के बिना पूर्ण रूप से प्राप्‍त नहीं किया जा सकता है। यदि आप भी इस प्रकार की जानकारी प्राप्‍त करना चाहते हैं तो शर्म को छोड़ें और कामसूत्र ग्रंथ का अध्‍ययन करें।

कामसूत्र ग्रंथ किन लोगों के लिए लिखा गया – Kamasutra kin logo ke liye likha gaya in Hindi

बहुत से लोगों को यह भ्रम है कि महर्षि वास्‍त्‍यायन ने कामसूत्र ग्रंथ की रचना भारतीय आम नागरिकों के लिए की थी। जबकि यह सही नहीं है। कामसूत्र ग्रंथ उस समय के राजा महाराजा, उच्‍च जाति के और धनवान लोगों के लिए लिखा गया था। इसका एक कारण यह भी है कि ऐसे ही लोग उस समय शिक्षित थें साथ ही वे लोग ही अपने जीवन को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखते थे। इसी तरह से उच्‍च घरों की लड़कियों और पति की अनुमति मिलने पर महिलाओं को यह ग्रंथ पढ़ने मिलता था। इस तरह से उस दौरान बहुत ही कम लोगों के बीच कामसूत्र ग्रंथ का प्रचार-प्रसार हो पाया। हालांकि उस दौरान भी कामसूत्र ग्रंथ की रचना यौन शिक्षा को मूल उद्देश्‍य बना कर ही की गई थी। लेकिन यह ग्रंथ लगभग 300 साल के बाद आम लोगों के लिए आसानी से उपलब्‍ध हो पाई।

कामसूत्र की खोज किसने की – Kamsautra ki khoj kisne ki in Hindi

वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र की खोज सर रिचर्ड फ्रांसिस बर्टन ने की जो कि एक ब्रिटिश यात्री, अनुवादक, लेखक, कवि और भाषाविद थे। रिचर्ड फ्रांसिस बर्टन ऑक्‍सफोर्ड विश्वद्यालय में असफल पढ़ाई के बाद 1842 में भारतीय अभियान के तहत सैनिकों में अपना पंजीयन कराया। भारत आने के बाद उन्‍होंने स्‍थानीय भाषा के साथ ही संस्‍कृत भाषा का भी ज्ञान प्राप्‍त किया। भारत में लगभग 10 वर्षो के बाद वे एक सैनिक की तुलना भाषाविद्, संस्‍कृति विशेषज्ञ और शोधकर्ता बन गए।

कामसूत्र दुनियाभर में प्रचलित कैसे हुआ – Kamasutra duniya bhar me kaise prachalit hua in Hindi

वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र ग्रंथ के निमार्ण के बाद लंबे समय तक यह भारतीय लोगों की संपत्ति बना रहा। लेकिन विदेशियों के भारत आने के बाद यह ग्रंथ उनके हाथ लग गया जिससे उन्‍हों ने इस ग्रंथ को अपनी भाषा में अनुवादित किया और इसमें कई प्रकार के यौन चित्रों को शामिल कर लिया। परिणामस्‍वरूप उनकी पुस्‍तक अन्‍य लोगों के बीच लोकप्रिय होने लगी। इस दौरान विदेशियों या अंग्रेजों ने लंबे समय तक भारत पर राज किया और यहां विकास किया। इसी समय उन्‍होंने कामसूत्र को नये रूप में प्रस्‍तुत किया और यह धीरे-धीरे पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो गई।

कामसूत्र दुनिया भर में क्‍यों प्रचलित हुआ – Kamasutra duniya Bhar me kyo Prachalit hua in Hindi

प्राचीन समय में या कामसूत्र ग्रंथ की मूल प्रतियां उस दौरान यौन आसनों की छवियों या चित्रों से सुसज्जित नहीं थी। जबकि यूरोपीय दार्शनिकों द्वारा अनुवादित कामसूत्र ग्रंथ में इस तरह की छवियों को शामिल किया जो कि कामसूत्र ग्रंथ की तेजी से लोकप्रियता का कारण बना। इसके अलावा कामसूत्र में दी जाने वाली जानकारियों को और अधिक सरल भाषा में प्र‍स्‍तुत किया गया जो आसानी से आम लोगों की समझ में आ सके। इस तरह से कामसूत्र धीरे-धीरे लोगों के बीच अपनी जगह बनाता रहा। लेकिन 1970 के बाद एक सक्रिय पोर्न उद्योग किया गया जिसने पूरी दुनिया में कामसूत्र पहुंचाना प्रारंभ किया और सेक्‍स पोजीशन पर अलग-अलग फिल्‍में और शैक्षिक नियमाव‍ली बनाई। इस तरह से धीरे-धीरे कामसूत्र अलग-अलग भाषाओं में लगभग सभी आदमियों के हाथों में पहुंचने लगी इस तरह से कामसूत्र पूरी दुनिया प्रसिद्ध और विख्‍यात हो गई।

कामसूत्र और सेक्स – Kamasutra and sex in Hindi

वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र एक ऐसा ग्रंथ है जो मानव को भावनात्‍मक और यौन सुख प्राप्‍त करने का मार्ग सुगम बनाता है। मानव जीवन में यौन क्रियाओं का अपना एक विशेष महत्‍व और स्‍थान है। यदि कामसूत्र और सेक्‍स के बीच संबंध देखा जाये तो समझ आता है कि सेक्‍स की सही परिभाषा इस ग्रंथ में ही दी गई है। इस ग्रंथ के अनुसार महिला और पुरुषों को यौन क्रिया के दौरान और बाद में एक दूसरे के साथ कैसा व्‍यवहार करना चाहिए या एक दूसरे के प्रति आचरण कैसा होना चाहिए यह विस्‍तार से समझाया गया है। कामसूत्र और सेक्‍स के बीच संबंध निम्‍न प्रकार से समझा जा सकता है।    

कामसूत्र में सेक्‍स का मतलब क्‍या है – Kamasutra Me Sex ka matlb kya hai in Hindi

वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र ग्रंथ सेक्‍स की व्‍याख्‍या एक विशेष विशेषता के रूप में करता है। जिसके अनुसार पुरुष और महिलाओं के शरीर या त्‍वचा से त्‍वचा पर ही नहीं बल्कि आध्‍यात्मिक स्‍तर पर भी स्पर्श या संपर्क होता है। सेक्‍स केवल शारीरिक प्रक्रिया का प्रतिनिधित्‍व नहीं करता है। सेक्‍स एक ऐसी प्रक्रिया है जो शरीर और भावनाओं का मिलन होता है। सेक्‍स उन लोगों की भावनाओं को समझने में मदद करता है जो एक दूसरे से प्‍यार करते हैं। सेक्‍स के दौरान भावनाओं का अपना अलग ही महत्‍व होता है इसलिए सेक्‍स को केवल शारीरिक संतुष्टि प्राप्‍त करने का साधन कहना गलत है। सेक्‍स में महिला और पुरुष दोनों को एक दूसरे की संतुष्टि का ध्‍यान रखना आवश्‍यक होता है।

कामसूत्र के अनुसार सेक्‍स के लिए क्‍या आवश्‍यक है – Kamasutra Me Sex ke liye kya jaruri hai in Hindi

वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र एक ऐसा उपकरण है जिसकी मदद से सेक्‍स का पवित्र अर्थ निकाला जा सकता है या समझा जा सकता है। सेक्‍स का मूल उद्देश्य केवल भावनात्‍मक और शारीरिक आनंद प्राप्‍त करना है। लेकिन इसके लिए आपके शरीर में उत्‍तेजना, अंगतरंगता, भावना, मूड और इच्‍छा आदि का होना आवश्‍यक है। कामसूत्र के अनुसार सेक्‍स संबंध बनाने के लिए आपको ऐसे स्‍थान या कमरे का उपयोग करना चाहिए जहां आपको किसी प्रकार का व्‍यवधान न हो। उस दौरान आपके दिमाग में किसी प्रकार की चिंता या तनाव के लिए कोई जगह न हो साथ ही अपने साथी के प्रति आपका आकर्षण सहज हो। ऐसी स्थिति में सेक्‍स करना ही आपको पूर्ण यौन संत‍ुष्टि दिला सकता है।

कामसूत्र में सेक्‍स करने का तरीका या तकनीक – Kamasutra Me Sex karne ka tarika ya techniques in Hindi

किसी भी व्‍यक्ति को किस तरह से सेक्‍स करना चाहिए या सेक्‍स करने के प्रमुख चरण क्‍या हैं इस विषय पर कामसूत्र में विस्‍तार से बताया गया है। सेक्‍स से संबंधित आवश्‍यक जानकारी अध्‍याय 5 में दी गई है। कामसूत्र के पदों को कला कहा जाता है। लेखक ने 8 मुख्‍य कलाओं का अवलोकन किया जिनमें से प्रत्‍येक में 8 संस्‍करण हैं। इस पुस्‍तक में 65 सेक्‍स पोजीशन की जानकारी दी गई है। कामसूत्र ग्रंथ का अनुवाद करने वाली अन्‍य पुस्‍तकों में केवल सेक्‍स पोजीशनों या यौन आसनों पर ही केंद्रित किया गया है।

वर्तमान में कामसूत्र का महत्‍व – Kamasutra’s importance today in Hindi

प्राचीन समय की बात और थी कि पति-पत्नि भी आपस में सेक्‍स के विषय में खुलकर बात नहीं कर पाते थे। लेकिन आज का युवा वर्ग सेक्‍स की पूरी जानकारी चाहता है। आज के समय में कामसूत्र को सेक्‍स विषय में शिक्षित करने का प्रमुख साधन माना जाता है। आज के समय में सेक्‍स संबंधी किसी संग्रह को कामसूत्र के रूप में माना जाता है। हालांकि अधिकांश लोगों का मानना है कि कामसूत्र सेक्‍स कलाओं की जानकारी प्राप्‍त करने का अच्‍छा साधन है। यदि आप केवल सेक्‍स पोजीशन के अलावा भी सेक्‍स संबंधी अन्‍य जानकारीयां प्राप्‍त करना चाहते हैं आपको इस पुस्‍तक के मूल ग्रंथ को पढ़ना चाहिए।

क्‍योंकि कामसूत्र के अन्‍य अनुवादित संस्‍करण भी मौजूद हैं जिनमें केवल सेक्‍स पोजीशनों को ही केंद्र बिंदू बनाया गया है। जबकि कामसूत्र में सेक्‍स जीवन से संबंधित सभी तथ्‍यों को विस्‍तार से बताया गया है। इस पुस्‍तक का अध्‍ययन करने से सेक्‍स के दौरान की जाने वाली ग‍लतियों से बचा जा सकता है।

युवाओं के लिए कामसूत्र में है प्रेम के सभी सिद्धांतों का वर्णन

महर्षि वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र ऐतिहासिक ग्रंथ है। यौन संबंधों पर लिखी गई शायद यह विश्व की पहली पुस्‍तक है। जिसे ईसा की तीसरी शताब्‍दी के मध्‍य में लिखा गया। इस ग्रंथ में यौन प्रेम के सभी सिद्धांतों का वर्णन किया गया है।

आज भी जहां बड़े पैमाने पर सेक्‍स को लेकर समाज में संकोच का भाव व्‍याप्‍त है, इस किताब में इस पर न सिर्फ खुलकर चर्चा की गयी है, बल्कि इसके महत्‍व पर भी प्रकाश डाला गया है। लेकिन, समाज बदल रहा है। युवा पीढ़ी सेक्‍स को लेकर पुरातन सोच को द‍रकिनार कर रही है।

वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र में सेक्‍स के अलावा जीवनशैली के सभी पहलुओं के बारे में विस्‍तार से वर्णन किया गया है। जिसका जाने-अनजाने अनुसरण आज भी बड़े पैमाने पर किया जाता है। कामसूत्र को लेकर लोगों के मन में यह संदेह है कि यह पूरी किताब केवल और केवल सेक्‍स पर आधारित है, लेकिन वा‍स्‍तविकता इससे काफी अलग है। यह सब गलतफेमियां इसलिए भी है क्‍योंकि कामसूत्र के बारे में लोगो को  अधिक जानकारी नहीं है और न ही लोगो द्वारा इस पर अधिक चर्चा ही की जाती है।

कामसूत्र को वात्‍स्‍यायन ने 7 अध्‍यायों में बांटा है। इसमें आदमी के जीवन के लक्ष्‍यों और कर्तव्‍यों के बारे में बताया गया है। मनुष्‍य किस प्रकार अपने जीवन को सुखी और सामान्‍य बना सकता है, इस पर कामसूत्र विस्‍तार से बताता है। मनुष्‍य का आचरण और व्‍यवहार कैसा होना चाहिए, किस तरह से रति-क्रीड़ा करनी चाहिए आदि का वर्णन इस ग्रंथ में है। आधुनिक जीवन में भी यह युवाओं के लिए प्रासंगिक और फायदेमंद है।

वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र का युवा पीढ़ी से संबंध

Kamasutra की जानकारी की ललक तो हर समय रहेगी। आज के युवा न केवल सेक्‍स के मुद्दे पर बात करने को लेकर अधिक सक्षम हो रहे है, वहीं दूसरी ओर वह इससे जुड़ी हुई रुढि़वादी प्रथा को भी छोड़ रही है। युवा सेक्‍स को केवल अपनी शारीरिक जरूरतों को पूरा करने भर का जरिया नहीं मानते हैं, बल्कि वे इसका पूरा मजा लेते हैं।

उन्‍हें सेक्‍स को लेकर नए-नए प्रयोग करने से भी एतराज नहीं है। और सेक्‍स को लेकर पुराणी सोच से अधिक साफ सोच रखने लगे है अधिक साफ सोच रखने लगे हैं।

कई सेक्‍स सर्वे लगातार इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि सेक्‍स को लेकर भारत की सोच बदल रही है। युवाओं के लिए अब शादी से पहले सेक्‍स की चाह रहती  है। ऐसे में कामसूत्र की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है।

कामसूत्र में सुरक्षित सेक्‍स के बारे में भी तफसील से बताया गया है। सेक्‍स करते हुए क्‍या-क्‍या सावधानियां बरती जाएं जिससे कि आप सुरक्षित आनंद उठा सकें, इस पर चर्चा की गयी है।

युवा कामसूत्र और सेक्‍स

आज के समय में सेक्‍स कई युवाओं के लिए एक खेल की तरह हो गया है। जिसका आनंद दोनों मिलकर उठाना चाहते हैं। वे दोनों ही  इस खेल में विजेता होते हैं। न कोई हारता है और न किसी की जीत होती है।

लेकिन अगर कहीं कोई ‘हार’ भी जाए तो वह अपनी हार पर भी अपने आप को आनंदित ही महसूस करता है। इस खेल की व्‍यावहारिक और उपयोगी नियम-पुस्तिका की तरह ही है कामसूत्र।

यह पुस्‍तक उनके लिए बहुत फायदेमंद है क्‍योंकि इसमें संभोग के आयामों जैसे आलिंगन करना , चुंबन लेना , नाखूनों का सही इस्तेमाल, दांतों का कामसूत्र में  इस्तेमाल, पूर्ण संभोग, ओरल सेक्स, इंटरकोर्स, विपरीत लिंग क्रिया, रति किर्या आदि  का वर्णन विस्‍तार से है। इन इच्छाओं की पूर्ति के लिए वात्‍स्‍यायन ने 64 सेक्‍स पोजीशंन का भी वर्णन इसमें किआ है

कामसूत्र के है अनेक फायदे 

आज के समय में युवाओं के बीच कामसूत्र की ललक बढ़ी है। पुराने जमाने में लोग कामसूत्र पर चर्चा करने से कतराते थे, लेकिन अब कामसूत्र को सेक्‍स के प्रति लोगो को  शिक्षित करने वाली एक बुक के रूप में देखा जा रहा है।

इस बुक में दिए गए संभोग के 64 आसनों के बारे में जानकारी प्राप्त करने से युवाओं को फायदा होगा और सेक्‍स संबंध बनाते वक्‍त वे गलतियां करने से बच सकेगें। और सेक्‍स के चरमानंद की वास्‍‍तविक अनुभूति प्राप्‍त कर सकेंगे।

कामसूत्र यह ज्ञान देता है कि कैसे एक अच्‍छा सेक्‍स संबंध जीवन पर सकारात्‍मक प्रभाव डालता है। सेक्‍स के दौरान दोनों साथियों की क्‍या भूमिका होनी चाहिए।

पुरुष और स्‍त्री को सेक्‍स के दौरान किन बातों पर ध्‍यान रखना चाहिए।

कामसूत्र में सेक्‍स से संबंधित सभी मुद्दों का वर्णन है इसलिए यह युवाओं के लिए बहुत ही फायदेमंद है। कामसूत्र के बारे में पढ़कर युवाओं को सेक्‍स की सही जानकारी मिलती है।

 यूं करें कामसूत्र की शुरुआत

कामसूत्र, सेक्स, यौवन का नाम सुनते ही हमारे मन में गलत ख्याल आने लग जाते हैं। इसका मुख्य कारण हमरे देश और समाज में सम्भोग व शारीरिक संबंधों के प्रति फैली गलत मानसिकता तथा सही जानकारियों का अभाव होना है।

वास्तव में प्रेम या काम की उत्पत्ति सिर्फ मन या हृदय में ही नहीं होती वल्कि शरीर में भी होती है। अगर -पुरुष शरीर से प्रेम नहीं करते, तो मन, हृदय या आत्मा से प्रेम करने का कोई ओचित्य नहीं।

प्रेम की शुरुआत ही शरीर से होती है।और संभोग ही दाम्पत्य जीवन की आधारशिला होता है

कामसूत्र के बारे में यह कहना गलत नहीं होगा कि यह व्‍यक्ति के सामाजिक और निजी जीवन के हर भाग को समाहित करता है। यह वहां पहुंचता है जहां आमतौर पर व्‍यक्ति की दृष्टि नहीं पहुंचती। यह न केवल काम की बात करता है, बल्कि प्रेम की प्रवृत्ति, परिवार की भूमिका और परिवार की महत्ता आदि के बारे में भी विस्‍तृत चर्चा करता है।

दांपत्य जीवन का प्रारंभ करने वाले सभी लोगों को कामसूत्र को कम से कम एक बार तो अवश्य पढना चाहिए। कामसूत्र महज एक ग्रंथ अथवा सम्भोग पुराण मात्र नहीं है, बल्कि यह गृहस्थ जीवन को सही तरीके से जीने का सलीका भी बताता है।

यह बताता है कि किस प्रकार आप अपने साथी के साथ सम्भोग क्रिया करते समय कुछ बातों का खयाल रख उदास पड़े संबंधों को आनंदमय और जोस पूर्ण बनाता है।

सम्भोग से पहले अपने सभी संकोचों और शर्म को दरकिनार कर दें। अपने साथी को भी अच्छा महसूस करने में सहायता करें।

फिर अपनी साथी कि पोशाक को आहिस्ता से खोलें और अपने सीधे हाथ से पकड़ते हुए गले से लगायें।

वात्‍स्‍यायन द्वारा रचित कामसूत्र के कुछ आसनों का भी आनंद लें

ऐसा माना जाता है कि जब संभोग की चरम अवस्था होती है उस वक्त विचार खो जाते हैं। इस दशा में जो आनंद की अनुभूति होती है वह समाधि के चरम आनंद की एक झलक मात्र है।

संभोग के अंतिम क्षण में होश में रहने से ही पता चलता है कि ध्यान क्या है। और निर्विचार हो जाना ही समाधि की ओर रखा गया पहला कदम है।

यदि आपके योंन जीवन में सब कुछ सही नहीं है, तो संबंधों के ख़राब होने यहाँ तक की टूटने की नौबत भी आ जाती है। इसलिए आपको यह जानना बहुत ज़रूरी है कि आप अपने साथी के साथ खुलकर बात कैसे करें और वर्तमान व भविष्य में हो सकने वाली समस्यों से कैसे बचें।

साथ ही कामसूत्र आपको इस बात की भी जानकारी देता है कि किस तरह आप अपने खुशहाल दांपत्य जीवन में अपने जीवनसाथी के साथ संबंधों में आपसी सामंजस बना कर उसे और अधिक खुशहाल, और रोमांचपूर्ण बना सकतें हैं।

(और पढ़े: इन संकेतो से पहचाने की कहीं आपको हस्‍तमैथुन की लत तो नहीं)

कामसूत्र विश्व को भारत की अमोल धरोहर

कामसूत्र एक प्रसिद्ध व प्राचीन कामशास्त्र है, जो मुख्यतः सम्भॊग पर व्यावहारिक सलाह देता है।”काम” शब्द का सामान्य अर्थ होता है “कामना”, लेकिन कामसूत्र में इस शब्द का तात्पर्य यौन इच्छा से है। ” सूत्र” शब्द का सामान्य अर्थ है “धागा”, जिसका कामसूत्र में अर्थ चीजों को जोड़कर रखने से है। कामसूत्र को वात्स्यायन ने  संस्कृत भाषा में व्यापक रूप से मानव यौन व्यवहार पर प्रामाणिकता के साथ लिखा है।यह रतिक्रीड़ा के अलावा गृहस्थ जीवन को सही तरीके से जीने के उपाय भी बताता है।

वास्तव में सेक्स या संभोग ही दाम्पत्य सुख-शांति की आधारशिला है। काम के सम्मोहन के कारण ही स्त्री-पुरुष विवाह सूत्र में बँधना तय करते हैं। अतः विवाहित जीवन में काम के आनन्द की निरन्तर अनुभूति होते रहना ही कामसूत्र का उद्देश्य है।

कामसूत्र का ज्ञान आपके वैवाहिक जीवन को अंत तक तरोताजा बनाए रखने में सक्षम है। संभोग के आसनों से यौन सुख के साथ ही व्यायाम के लाभ भी प्राप्त किए जा सकते हैं। बस, जरूरत है तो इसे सही रूप में समझने की।

कामसूत्र यौन संबंधी जानकारियों का बेहतरीन खजाना है। Kamasutra उन आसनों के लिए भी प्रसिद्ध है जिनके चित्र या मू्र्ति देखने के लिए पूरी दुनिया से लोग खजुराहो या अजंताएलोरा जाते हैं।

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