गर्भावस्था

डिलीवरी के कितने दिन बाद प्रेग्नेंट होती है – Pregnant after delivery in Hindi

Pregnant after delivery in Hindi क्या आपको पता है डिलीवरी के कितने दिन बाद आप फिर से प्रेग्नेंट हो सकतीं है शिशु के जन्म के बाद संभोग करना एक चिंता का विषय माना जाता है, चाहे आप फिर से गर्भवती होने की चाह रखती हो या नहीं। अगर आप फिर से जल्‍दी दोबारा मां बनना चाहती है तो इस बात पर ध्‍यान दे कि जो बर्थ कंट्रोल तरीका आप फॉलो कर रहीं हैं, वो सही है या नहीं। हर महिला के दूसरी बार प्रेगनेंट होने से पहले ऐसे कई सवाल होते है जो उसके मन में घूमते हैं। आज के लेख में हम आपको बताने वाले है की डिलीवरी के बाद दोबारा गर्भधारण करने (Delivery ke kitne din baad fir se pregnant hone ka chance ban jata hai) से पहले किन बातों का ध्‍यान रखना जरुरी होता है।

चाहे डिलीवरी नॉर्मल हो या सीजेरियन से, शरीर को ताकत हासिल करने में समय लगता है। इसलिए कपल्स को डिलीवरी के बाद फिजिकल रिलेशनशिप बनाने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।

प्रसव के बार माहवारी (Periods) फिर से शुरु होने का समय हर महिला में अलग- अलग होता है। इसकी सामान्य समयावधि क्या होती है, इसमें भी आपके शरीर और परिस्थितियों को देखते हुए बहुत अंतर हो सकता है।
अपनी प्रजनन क्षमता को फिर से पाने के लिए महिलाओं को सबसे पहले गर्भनिरोध के सुरक्षित कदम उठाने चाहिए ताकि वो डिलीवरी के तुरंत बाद ही प्रेगनेंट न हो जाएं।

हमेशा ध्यान रखें कि आपका शरीर प्रसव के बाद अपना पहला अंडा (egg) आपके डिलीवरी के बाद पहले पीरियड आने से पहले ही जारी कर देगा।

ज्‍यादातर यह देखा गया है की प्रसव के बाद कई महिलाओं की प्रजनन क्षमता विकसित होने में कम समय लेती है वहीं कुछ महिलाएं में प्रजनन क्षमता का देरी से विकास होता हैं। खासकर जब वो अपने शिशु को दूध पिला रही होती है तो ये अधिक समय लेता हैं।

एक रिसर्च में एक बात सामने आई है कि जो महिलाएं स्‍तनपान नहीं कराती है वो अपनी डिलीवरी के पहले 6 हफ्तों में ही ओव्‍यूलेशन को प्राप्त कर लेती है वहीं कुछ महिलाओं जो स्तनपान कराती है को इसमें समय लगता है। इसका मतलब यह है कि डिलीवरी के बाद आपके ओव्‍यूलेशन में 45 दिन से 90 दिनों तक का समय लग सकता है।

डिलीवरी के बाद ओव्‍यूलेशन से जुडे़ फैक्‍ट – Ovulation Fact after delivery in hindi

प्रजनन क्षमता का दोबारा से विकसित होने से मतलब है कि आपके हार्मोन और ओव्‍यूलेशन का फिर से सामान्‍य प्रक्रिया से काम करना,जो डिलीवरी के वक्‍त कुछ समय के लिए रुक गए थे। ध्यान देने वाली बात यह है की डिलीवरी के बाद जितनी जल्‍दी ओव्‍यूलेटिंग शुरु होगी उतनी जल्‍दी आप प्रेगनेंट हो सकेंगी।

यह भी हो सकता है कि डिलीवरी की एक महीनें के अंदर ही आपका ऑव्‍यूलेशन शुरु हो सकता है एक महीने के अन्दर आपकी प्रजनन क्षमता फिर से विकसित हो सकती है और आप दस महीनें की भीतर फिर से दूसरा बच्‍चा पैदा कर सकती हैं।

अगर आप आपने मन में कोई शंका नहीं रखना चाहती तो गर्भावस्था के दौरान और डिलीवरी के बाद अपनी डॉक्‍टर से प्रजनन संबंधी चिंताओं और बर्थ कंट्रोल के बारे में बात कर लें।

(और पढ़े – प्रेगनेंसी से बचने के घरेलू उपाय)

प्रसव के बाद स्‍तनपान और प्रजनन क्षमता – Breastfeeding and fertility after delivery in hindi

स्तनपान कराने से ओव्‍यूलेशन होने में देरी होती है। साथ ही इससे महिला की प्रजनन क्षमता में भी असर पड़ता हैं। जो महिलाएं स्‍तनपान नहीं कराती है उनकी प्रजनन क्षमता विकसित होने में थोड़ा कम समय लगता है।

दरअसल ब्रेस्‍टफीड, पिट्यूटरी हार्मोन के स्राव के सामान्य पैटर्न में हस्तक्षेप करता है जिसकी वजह से ओवुलेशन नहीं हो पाता है और ये आपकी प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करता हैं। यदि आप स्‍तनपान करा रही हैं तो आपकी प्रजनन क्षमता लौटने में 10-12 महीने का समय भी लग सकता हैं।

मतलब आप डिलीवरी के 10-12 महीने बाद फिर से प्रेग्नेंट हो सकतीं है।

क्‍या शिशु के जन्‍म के बाद प्रजनन क्षमता पर फर्क पड़ता है – Reproductive capacity after birth of a child in hindi

कुछ महिलाएं को ऐसा लगता है कि पहले प्रसव के बाद उनकी प्रजनन क्षमता की गुणवत्‍ता बढ़ी हैं। महिलाओं को गर्भधारण करने और गर्भवती होने में कुछ समय लगता है लेकिन कुछ महिलाओ की प्रजनन क्षमता में इन स्थितियों की वजह से प्रजनन क्षमता की गुणवत्‍ता बढ़ जाती हैं।

जो की गर्भावस्था के दौरान कुछ समय के लिए एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन का उच्‍च स्‍तर स्‍त्राव रुकने से एडोमेट्रियोसिस की सुधार की वजह से या  पिछली गर्भावस्था के पहले या दौरान ट्यूबल या डिम्बग्रंथि आसंजन, गर्भाशय की समस्याओं, या पुरुष कारकों में सुधार की वजह से होता है।

कुछ महिलाओं को ऐसा लगता है कि प्रसव के बाद उनकी प्रजनना क्षमता में गिरावट आई है जो उनकी पिछली प्रेगनेंसी और डिलीवार में कुछ समस्‍याओं जैसे की यूरिन इंफेक्‍शन और हार्मोन की कमी की वजह से ऐसा हो सकता हैं।

(और पढ़े – बिना गोली और कंडोम के प्रेगनेंसी रोकने और गर्भधारण से बचने के उपाय)

प्रसव के बाद गर्भनिरोधक का इस्तेमाल – Contraceptive after delivery in hindi

हर महिला को प्रसव के बाद गर्भधारण से बचने के लिए डॉक्‍टर से सलाह लेकर सही गर्भनिरोधक तरीके का इस्‍तेमाल करना चाहिये कुछ बर्थ कंट्रोल की मदद से आप प्रेगनेंसी रिस्‍क से बच सकती हैं। जैसे कडोम, बर्थ कंट्रोल की गोलियां, आईयूडी आदि।

(और पढ़े – इस घरेलु प्रेगनेंसी टेस्‍ट से मालूम करें आप प्रेगनेंट है कि नहीं)

डिलीवरी के बाद कितनी जल्‍दी आप प्रेग्नेंट हो सकती है – How soon can you get pregnant after delivery in hindi

यदि आप अपने पहले बच्चे और दुसरे बच्चे में ज्यादा अंतर नहीं चाहती है और पहले बच्चे के आसपास ही दूसरा बच्‍चा चाहती हैं तो आप प्रसव के छह सप्ताह बाद दूसरी बार प्रेग्नेंट होने की कोशिश कर सकती हैं।

हालांकि, आपकी डॉक्‍टर आपको सलाह दे सकती है कि अभी आपको दूसरे बच्‍चे के लिए थोड़ा इंतजार करना चाहिए। क्‍योंकि गर्भाशय को सामान्‍य होने में थोड़ा वक्‍त लगता है। यदि आप डिलीवरी के बाद बहुत जल्द संभोग करने लगते है तो आपको इन्‍फर्टिलिटी और गर्भाशय संक्रमण जैसी समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता हैं।

(और पढ़े – गर्भावस्था के बाद पहला पीरियड कब आता है)

डिलीवरी के कितने दिन बाद पीरियड आता है – How many days after delivery periods start in hindi

प्रसव के बाद प्रत्येक महिला की माहवारी उसके शरीर और होर्मोन पर निर्भर करती हैं। डिलीवरी के बाद लगभग 1 हफ्ते या उससे अधिक समय तक रक्तस्राव जारी रह सकता है जो सामान्‍य है।

लेकिन रिसर्च के अनुसार ज्यादातर बच्‍चों को स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए, डिलीवरी के 1 से 6 महीने के बीच पीरियड शुरू होता है। वैसे सही मायने में आपके पहले ओव्‍यूलेशन के 14 दिन बाद ही आपका पीरियड आ जाना चाहिए और बाकी आपके शरीर और हार्मोन पर निर्भर करता हैं।

इस लेख को पढ़ें के बाद आप डिलीवरी के कितने दिन बाद प्रेग्नेंट होती है (how soon can get pregnant after delivery in hindi) और डिलीवरी के कितने दिन बाद पीरियड आता है (How many days after delivery periods start in hindi) समझ गयीं होगीं, अगर आप आपने मन में कोई शंका नहीं रखना चाहती तो डिलीवरी के बाद प्रेग्नेंट होने का सही समय क्या होता के बारे में अपनी डॉक्‍टर से प्रजनन संबंधी चिंताओं और बर्थ कंट्रोल के बारे में बात कर लें।

यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।

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Tina singh

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