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इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) बढ़ाने के लिए योग – Immunity Badhane Ke Liye Yoga in Hindi

बार-बार सर्दी, जुकाम और हल्की बुखार के होने का कारण इम्युनिटी सिस्टम का कमजोर होना हो सकता हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने से आपका शरीर छोटी-छोटी बीमारियों से भी नहीं लड़ पाता है जिसका असर आपकी एक्टिव लाइफस्टाइल पर पड़ता हैं। सक्रिय जीवन शैली के लिए इम्युनिटी का स्ट्रोंग होना बहुत आवश्यक होता हैं। इम्युनिटी को बढ़ाने में योग बहुत ही असरदार होते है। इस आर्टिकल में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए योग को करने का तरीका दिए गया है और साथ में यह भी बताया गया है कि योग कैसे आपकी इम्युनिटी बढ़ा सकते हैं।

रोग प्रतिरोधक (इम्युनिटी) क्षमता क्या है – What is immunity in Hindi

रोग प्रतिरोधक क्षमता का मतलब होता है हमारे शरीर को किसी भी बाहरी कारक से बचा के लिए और हमे स्वस्थ्य बनाये रखने के लिए शरीर के अंदर जो रक्षा प्रणाली होती है उसे ही हम रोग प्रतिरोधक क्षमता कहते है और अगर आपका इम्यून सिस्टम (immune system) सही है तो आपको छोटे मोटे रोगों से कोई परेशानी नहीं होगी और होती भी है तो एक दो दिन में आप ठीक हो जाते है।

लेकिन अगर आपको मौसम के साथ होने वाले जुकाम और मौसम बदलने के साथ ठीक नहीं रहने की समस्या होती है या आपको थोड़े से काम करने से थकान और आलस महसूस होता है तो हो सकता है कि आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो। आइये जानते है कि कैसे आप योग के माध्यम से इम्युनिटी क्षमता (Immunity Power) को बढ़ा सकते है।

(और पढ़ें – रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए क्या खाएं)

योग कैसे इम्युनिटी को बढ़ाता – Improve Immune System By Yoga In Hindi

इम्युनिटी और योग का आपस में गहरा संबंध है, दोनों एक दुसरे से जुड़े हुयें हैं। आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता तब मजबूत होती है जब आपका शरीर स्वस्थ और तनाव मुक्त होता हैं। योग का नियमित अभ्यास आपको तनाव से दूर रखता हैं, मन को शांत और स्ट्रेस फ्री करता हैं, बॉडी को लचीला बनता हैं और संतुलन की भावना को बढ़ाता हैं। इसके आलवा योग आसन आपकी पाचन शक्ति को भी बढ़ाते है और अच्छे रक्त परिसंचरण से ह्रदय संबधी रोगों को दूर करने में मदद करते हैं। ये सभी कारण आपके शरीर को स्वस्थ रख कर आपकी इम्युनिटी क्षमता को बढ़ाते हैं।

(और पढ़ें – रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय)

इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए योग – Immunity Booster Yoga In Hindi

आइये इम्युनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए इम्युनिटी बूस्टर योग को करने का तरीका और उसके लाभों जानते है।

इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए योग ताड़ासन

ताड़ासन योग आपकी श्वास को स्थिर करता है, जागरूकता बढ़ाता है, तनाव से राहत देता है और रक्त परिसंचरण में सुधार करता है। इसके साथ इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए तड़ासन योग संतुलन को बनाने और पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाये रखने में भी मदद करता है। ताड़ासन योग आलस्य को दूर करके आपको तरोताजा रखता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए यह योग आपकी ऊर्जा को बढ़ाने के आलवा शरीर और दिमाग के बीच में भी तालमेल बनता है।

ताड़ासन करने के लिए आप सबसे पहले किसी योगा मैट को बिछा के उस पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों के बीच आधा से एक फुट की दूरी बना के रखें। अब अपने दोनों हाथों को ऊपर करें और उंगलियों को आपस में फस लें। इसके बाद अपनों दोनों हथेलियों को घुमा के उल्टा कर लें, जिससे  हाथ की हथेलियां असमान की ओर हो जाएं। अब दोनों हाथों और पैरों को ऊपर की ओर खींचे और एड़ियों को ऊपर उठा के पंजों के बल खड़े हो जाएं। ताड़ासन में आप 20-30 सेकंड के लिए रहें।

(और पढ़ें – ताड़ासन करने के फायदे, सावधानियां और करने का तरीका)

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए त्रिकोणासन योग

त्रिकोणासन योग आपके शरीर में परिसंचरण में सुधार कर सकता है। यह पाचन क्रिया में सहायता करता है, रक्तचाप को कम करता है और एकाग्रता और संतुलन में सुधार करता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए यह आपके दिमाग को शांत करता है और तनाव को कम करता है।

इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए और त्रिकोणासन योग को करने के लिए आप एक स्थान पर योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को दूर-दूर करके सीधे खड़े हो जाएं, अपने दाएं पैर की तरफ झुकें और अपने हाथ को फर्श पर रखें। दूसरे हाथ को ऊपर सीधा करें जिससे दोनों हाथ एक सीधी रेखा में हो जाएं। इस आसन में कुछ सेकंड से एक मिनिट के लिए रहें।

(और पढ़ें – त्रिकोणासन के फायदे और करने का तरीका)

इम्युनिटी के लिए योग उत्कटासन

इम्युनिटी के लिए उत्कटासन योग आपकी ताकत, ऊर्जा और संतुलन में सुधार कर सकता है। यह आपके दिल को उत्तेजित करता है और पेट के अंगों की मालिश करता है क्योंकि इस योग में आप अपनी कोर का उपयोग करते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए और ऊर्जावान बने रहने के लिए नियमित रूप से उत्कटासन का अभ्यास करें।

उत्कटासन योग को करने के लिए आप सबसे पहले किसी योगा मैट को फर्श पर बिछा के उस पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर लेकर जोड़ लें। अब धीरे-धीरे अपने घुटनों को मोड़े और कूल्हों को नीचे लाएं। इस स्थिति में आप एक कुर्सी के समान दिखाई देगें। इस आसन को आप 30 से 60 सेकंड के लिए करें।

(और पढ़ें – उत्कटासन करने का तरीका और फायदे

)

मजबूत इम्युनिटी के लिए योग भुजंगासन

भुजंगासन योग आपके पाचन तंत्र और रक्त परिसंचरण तंत्र को उत्तेजित करता है। मजबूत इम्युनिटी के लिए यह योग आपके दिल और फेफड़ों को फैलाता है और तनाव को दूर करने में मदद करता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए भुजंगासन योग आपकी रीढ़ के लचीलेपन को बढ़ाता है, आपके मूड को ठीक करता है, आपके कोर को उत्तेजित करता है, और आपकी ऊर्जा को बढ़ाता है।

भुजंगासन योग को करने के लिए आप एक योगा मैट को बिछा के पेट के बल यानि उल्टा लेट जाएं। अपने दोनों हाथों को फर्श पर कंधो से थोड़ा आगे रखें। अब अपने दोनों हाथों पर आगे का शरीर ऊपर उठायें और धीरे-धीरे अपने सिर को पीछे के ओर करते जाएं, अपनी ठुड्डी को ऊपर की ओर करने का प्रयास करें। ध्यान रखें अपने हिप्स से नीचे का शरीर फर्श पर ही रखा रखने दें। भुजंगासन को आप कम से कम 20 से 30 सेकंड तक करें।

(और पढ़ें – भुजंगासन के फायदे और करने का तरीका)

इम्युनिटी बूस्ट करने के लिए वृक्षासन योग

वृक्षासन योग आपकी रीढ़ को मजबूत करता है और तंत्रिका और मांसपेशी के बीच समन्वय को मजबूत करता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए यह योग आपकी मानसिक क्षमताओं में सुधार करता है और आपको स्थिर रखता है। इम्युनिटी बूस्टर वृक्षासन योग आपके पूरे शरीर को स्ट्रेच करके, आपके स्टैमिना को बढ़ाकर और आपको मजबूत बनाता है। यह आपके आत्मविश्वास को बढ़ाता है और तंत्रिका तंत्र को आराम देता है।

वृक्षासन को करने लिए आप एक योगा मैट को बिछा के उस पर सीधे खड़े हो जाएं। अब अपने दोनों हाथों को अपने सिर के ऊपर जोड़ लें। अब अपने बाएं पैर को फर्श से उठा कर दाएं पैर की जांघ पर रखें। अब संतुलन बनाये और इस आसन में अपनी क्षमता के अनुसार रहें और फिर अंत में अपने पैर को नीचे करके प्रारंभिक अवस्था में आयें।

(और पढ़ें – वृक्षासन के फायदे और करने का तरीका)

मत्स्यासन योग से बढ़ाये रोग प्रतिरोधक क्षमता

मत्स्यसन योग आपकी कोर और पाचन को उत्तेजित करता है। यह कंधे और गर्दन में तनाव को दूर करता है। इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने के लिए मत्स्यसन योग श्वास को नियंत्रित करने और पैराथायरायड ग्रंथि को उत्तेजित करने में मदद कर सकता है। मत्स्यासन आपके पाचन अंगों को एक अच्छी मालिश देने के साथ-साथ चिंता, कब्ज और थकान आदि समस्यों से भी आपको को दूर रखता है।

मत्स्यसन योग को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर पद्मासन में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों से पैर के अंगूठे को पकड़े और पीछे की ओर लेट जाएं। अपने सिर को जमीन पर रखें। इस आसन को आप कुछ देर के लिए करें।

(और पढ़ें – मत्स्यासन के फायदे और करने का तरीका)

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये पादंगुष्ठासन योग

पादंगुष्ठासन योग मस्तिष्क को शांत करता है क्योंकि यह तनाव और चिंता से छुटकारा दिलाता है। इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने के लिए यह योग पाचन तंत्र उत्तेजित करता है, जिससे पाचन क्रिया में सुधार हो सकता है। पादंगुष्ठासन योग रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आपके लीवर और गुर्दे को अधिक रक्त प्रवाह प्राप्त होता है, जिसके परिणामस्वरूप नई और बेहतर ऊर्जा प्राप्त होती है। यह योग केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को आराम देता और अनिद्रा की समस्या को दूर करके आपको रात में शांति से सोने में मदद कर सकता है।

पादंगुष्ठासन योग को करने के लिए आप एक योगा मैट को फर्श पर बिछा के उस पर खड़े हो जाएं। अपने दोनों हाथों को सीधा रखें और अपने दोनों पैरों के बीच कम से कम 6 इंच की दूरी रखें। अब साँस को छोड़ते हुए शरीर के ऊपरी हिस्से को कूल्हों से नीचे की ओर मोड़े। अपने माथे को पैरों से लगाने के प्रयास करें और दोनों हाथों से पैर के अंगूठे को पकड़ लें। इस आसन में आप 30 से 90 सेकंड तक रुक सकते हैं।

(और पढ़ें – पादंगुष्ठासन करने का तरीका और फायदे)

इम्युनिटी को मजबूत करने के लिए योग सुखासन

सुखासन योग ध्यान के लिए एक पारंपरिक मुद्रा है। यह पूरे शरीर में सर्वोत्तम जीवन शक्ति ऊर्जा के लिए श्वास और गति को अनुमति देता है। अपने आप को आराम करने और गहरी सांस लेने की अनुमति देने से तनाव हार्मोन, हृदय गति और तंत्रिका तंत्र की समस्या को कम करने में मदद मिल सकती है। यह सभी मजबूत प्रतिरक्षा का समर्थन करते हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए सुखासन योग को करने के लिए आप एक योगा मैट को जमीन पर बिछा के बैठ जाएं। अपने पैरों को घुटने के यहाँ से मोड़ लें, इसमें एक पैर बाहर की ओर तथा दूसरा पैर अन्दर के ओर रहता हैं। अपने रीढ़ के हड्डी को सीधा रखें और दोनों हाथों को सीधा करके अपने घुटनों पर रखें। अब आँखों को बंद करके ध्यान करें। इस आसन में आप अपनी इच्छा के अनुसार रह सकते हैं।

(और पढ़ें – सुखासन करने का तरीका और फायदे)

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