बच्चो की देखभाल

दूध पीने के बाद के बाद शिशु के उल्टी करने के कारण और बचाव – After Breastfeeding Baby Vomits Causes And Tips To Prevent In Hindi

मां का दूध बच्चे के लिए अमृत समान है। पर क्या करें, जब बच्चा स्तनपान करने के बाद उल्टी करे। छोटे बच्चे अक्सर दूध पीने के बाद उल्टी कर देते हैं। जिससे माता-पिता की चिंता बढ़ जाती है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है, कि दूध पीने के बाद बच्चे का उल्टी करना बहुत साधारण सी बात है और यह अच्छा होता है। इसलिए इससे घबराने की जरूरत नहीं है। दरअसल, जरूरत से ज्यादा दूध पीने के बाद ज्यादातर बच्चे उल्टी कर देते हैं। इससे बच्चों को कोई परेशानी नहीं होती। बल्कि माना जाता है, कि अगर बच्चा ब्रेस्टफीडिंग करने के बाद उल्टी कर देता है, तो वह स्वस्थ है। लेकिन अगर दूध पीने के बाद डकार आने पर भी उसे उल्टी होती है, तो ये चिंता की बात है।

आपको बता दें, कि सामान्य तौर पर जब बच्चा बैठने लग जाता है, तब तक ही उसे यह समस्या होती है। कुछ बच्चों को एक साल तक भी रहती है, लेकिन इसके बाद ये समस्या नहीं होती। विशेषज्ञ कहते हैं कि छोटे बच्चे अपनी मां की गोद में लेटकर स्तनपान करते हैं। ऐसे में अगर बच्चे को उल्टी हो जाए, तो छाती हल्की हो जाती है, जिससे गले में खाना नहीं फसता साथ ही पाचन तंत्र भी ठीक रहता है। इसी को लेकर ज्यादातर माँएं जानना चाहती हैं, कि बच्चा ब्रेस्टफीडिंग के बाद उल्टी क्यों करता है और इससे बचने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए। तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं स्तनपान के बाद शिशु के उल्टी करने के कारण और इससे बचने के तरीके।

विषय सूची

  1. दूध पीने के बाद छोटे बच्चे उल्टी क्यों करते हैं – Newborn Babies Ko doodh pilane ke bad ulti Kyo Hoti Hai
  2. ब्रेस्टफीडिंग के बाद शिशु के उल्टी करने के कारण – What causes baby vomiting after breastfeed in Hindi
  3. दूध पिलाने के बाद बच्चे की उल्टी रोकने के तरीके – How to avoid baby vomiting after feeding in Hindi
  4. ब्रेस्टफीड के बाद शिशु की दूध की उल्टी बंद करने के टिप्स – Breastfeed ke baad shishu ki doodh ki ulti band karne ke tips in Hindi
  5. बच्चे के दूध की उल्टी करने से जुड़े लोगों के सवाल और जवाब – Questions and answers related to baby vomits after breastfeeding in Hindi
  6. दूध की उल्टी होने पर बच्चे को डॉक्टर के पास कब ले जाएं – When to take the baby to the doctor when vomiting milk in Hindi

दूध पीने के बाद छोटे बच्चे उल्टी क्यों करते हैं – Newborn Babies Ko doodh pilane ke bad ulti Kyo Hoti Hai

कई बच्चे जन्म के पहले दिन से ही दूध पीने के बाद उल्टी करना शुरू कर देते हैं। कुछ बच्चे दूध की, तो कुछ दही की उल्टी करते हैं। बच्चे का दूध की उल्टी करना आम है। लेकिन अगर दिन में बच्चा हर बार ब्रेस्टफीडिंग के बाद उल्टी करे, तो यह किसी समस्या का संकेत हो सकता है। दरअसल, बच्चे के दूध पीते समय दूध गले से होते हुए मस्कुलर ट्यूब (जिसे इसोफेगस कहा जाता है) से होते हुए पेट में जाता है। इसोफेगस और पेट को जोड़ने के लिए पेट के ऊपरी छोर पर एक मसल्स रिंग होती है, जो दूध पीने पर अपने आप खुल जाती है।

जब बच्चा दूध पीता है, तो यह रिंग खुल जाती है। और बच्चे का दूध पीना बंद करने के बाद ये रिंग बंद हो जाती है। अगर ये रिंग बंद या फिर टाइट न हो, तो पूरा दूध इसोफेगस (गले में बापिस) में आ जाता है, जिससे बच्चे को दूध की उल्टी होने लगती है। इसलिए डॉक्टर बच्चे को दूध पिलाने के बाद हमेशा बैठाने की सलाह देते हैं। अगर ऐसा न किया जाए, तो यह बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है।

(और पढ़े – नवजात शिशु को उल्टी होना, कारण, लक्षण और घरेलू उपाय…)

ब्रेस्टफीडिंग के बाद शिशु के उल्टी करने के कारण – What causes baby vomiting after breastfeed in Hindi

स्तनपान कराने के बाद अगर बच्चा दूध की उल्टी करे, तो इसके कई कारण होते हैं। नीचे हम आपको ऐसे ही मुख्य कारणों के बारे में बता रहे हैँ, जो बच्चे की दूध की उल्टी के लिए जिम्मेदार होते हैं। इन्हें पढ़कर आगे से आप भी अपने बच्चे को दूध पिलाते समय थोड़ी सावधानी बरत सकते हैं।

शिशु के दूध की उल्टी करने का कारण पेट पर दबाव पड़ना – Shishu ke doodh ulti ka karan pet par dabaav in Hindi

वैसे तो यह सामान्य है, लेकिन शिशु अगर दूध पीने के बाद उल्टी कर दे, तो इसका एक कारण होता है, पेट पर अतिरिक्त दबाव पड़ना। कई बार दूध पीने के बाद बच्चे का पेट सोते समय या गोद में लेते समय दब जाता है, जिससे बच्चा उल्टी करने लगता है। इसलिए बच्चे को हमेशा पीठ के बल लिटाएं।

(और पढ़े – शिशु त्‍वचा की देखभाल के लिए टिप्‍स…)

ओवरफीडिंग करने से बच्चा करता है उल्टी – Cause of baby vomits after breastfeeding is overfeeding in Hindi

दूध पीने के बाद उल्टी करने का अन्य कारण होता है, जरूरत से ज्यादा दूध पीना। बच्चों को तो अपने पेट का अंदाजा नहीं होता और मां को भी समझ नहीं आता, कि बच्चा कितना भूखा है कितना नहीं। इसलिए शिशुओं को हमेशा थोड़ी-थोड़ी देर में स्तनपान कराना चाहिए, जिससे बच्चा उल्टी नहीं करे।

(और पढ़े – बच्चे को दूध पिलाने (स्तनपान कराने) के तरीके और टिप्स…)

शिशु के दूध की उल्टी की वजह हवा निगलना – Reason for vomit of milk is swallow air in Hindi

कई बार बच्चे ब्रेस्टफीड करते करते हवा भी निगल लेते हैं। खासतौर से यह समस्या बॉटल से फीड करने वाले शिशुओं के साथ होती है। दरअसल, कई बार बॉटल के निप्पल का आकार बड़ा आ जाता है, उसका छेद भी कई बार बड़ा आ जाता है, जिससे दूध ज्यादा मात्रा में निकलता है। कई बार बच्चा जल्दी-जल्दी दूध पीने के चक्कर में हवा भी निगल जाता है।  इससे होता ये है, कि जब हम बच्चे को बर्प (डकार) दिलाते हैं, तो बच्चा दूध निकाल देता है।

(और पढ़े – डकार क्यों आती है डकार आने से रोकने के घरेलू उपाय…)

ब्रेस्टफीडिंग के बाद शिशु के उल्टी का कारण गैस – Doodh pine ke baad baby ke ulti karne ka karan gas in Hindi

कई बार पेट में गैस बनने से भी शिशु दूध पीने के तुरंत बाद उल्टी कर देता है। कई बार अनजाने में मां ऐसी चीजों का सेवन कर लेती है, जो बच्चे के पेट में गैस की समस्या उत्पन्न कर देते हैं, जिससे बच्चे को कुछ भी पचता नहीं है और वो उल्टी कर देता है।

(और पढ़े – नवजात बच्चे को गैस हो जाए तो क्या करना चाहिए…)

स्तनपान के बाद शिशु के उल्टी की वजह सर्दी – Stanpaan ke baad chote bachhe ki ulti ki wajah cold in Hindi

सर्दी जुकाम के कारण भी शिशु दूध की उल्टियां शुरू कर देता है। ऐसे में कोशिश करें, कि शिशु सर्दी-जुकाम से बचा रहे।

(और पढ़े – सर्दी जुकाम और खांसी के घरेलू उपाय…)

दूध पिलाने के बाद बच्चे की उल्टी रोकने के तरीके – How to avoid baby vomiting after feeding in Hindi

दूध पीने के बाद बच्चा उल्टी करे, तो ये आपके बस में नहीं है, लेकिन हां, आप इससे बचाव के लिए कुछ तरीके जरूर आजमा सकते हैं। नीचे हमारे द्वारार बताए गए छोटे-छोटे तरीकों को अपनाकर आप अपने बच्चे को दूध की उल्टी की समस्या से बचा सकते हैं।

  • ब्रेस्टफीड कराने के बाद बच्चे को हमेशा डकार या बर्प दिलवानी चाहिए। ऐसा करने से दूध सीधे पेट में जाता है।
  • शिशु को स्तनापन कराते समय बीच-बीच में थोड़ा रूककर उसे डकार दिलाएं। इससे दूध आसानी से उसके पेट में जाएगा। अगर आप 15 मिनट का फीडिंग सेशन रख रहे हैं, तो 5-5 मिनट के ब्रेक में बच्चे को डकार दिलाना सही है। इससे बच्चे दूध पीते समय जो अतिरिक्त हवा निगल लेते हैं, वो बाहर निकल जाएगी।
  • कभी- कभी डकार दिलवाना ही काफी नहीं होता, बल्कि शिशु को दूध पिलाने के लिए कंधों पर रखकर कम से कम 10 से 20 मिनट तक थपथपाना चाहिए। अगर बच्चे ने एक या दो बार डकार ले भी ली, तब भी थपथपाते रहें।
  • बच्चे को एकसाथ ज्यादा दूध न पिलाएं। धीरे-धीरे करके या फिर दिन में कई बार भी स्तनपान करा सकते हैं।
  • कोशिश करें, कि जब भी आप बच्चे को दूध पिलाएं, तो बच्चा बहुत ज्यादा भूखा न हो।
  • अगर आपके बच्चे ने तुरंत दूध पिया है, तो उसे तुरंत सुलाए नहीं, बल्कि उसे गले लगाकर धीरे-धीरे थपकी देते रहें। चाहें तो तकिए के सहारे 45 डिग्री पर बैठाकर रखें। इससे बच्चे को डकार भी आ जाएगी और उल्टी भी नहीं होगी।
  • दूध पीने के बाद बच्चे को पीठ के बल ही लिटाने की कोशिश करें। पेट के बल लिटाया, तो पेट पर दबाव पड़ने के कारण बच्चा उल्टी कर सकता है।
  • शिशु अगर ब्रेस्टफीड करते-करते सो भी जाए, तो उसके जागने पर सबसे पहले उसे डकार दिलाएं, ताकि दूध के साथ जो अतिरिक्त हवा पेट में गई है, वो बाहर निकल सके।
  • कई मां बच्चे को आधे घंटे तक फीड कराती हैं, ये गलत है। बच्चे को देर तक फीड कराना भी बच्चे के उल्टी करने का एक कारण होता है। इसलिए बेबी को 7 मिनट से लेकर 10 मिनट तक ही फीड कराएं। ज्यादा हो तो सिर्फ 12 मिनट उससे ज्यादा। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर ब्रेस्ट में अच्छे से दूध आता है, तो बच्चे का पेट 10 मिनट में भर जाता है। 10 मिनट में उसने जितना दूध पीया है, उसका पेट भरने के लिए उतना काफी है।
  • बच्चे को दूध पिलाते समय बच्चे के सिर के नीचे अपना हाथ रखें। इसके अलावा तकिया भी रख सकते हैं, जिससे बच्चे का सिर 30 डिग्री के एंगल पर थोड़ा ऊपर रहेगा, तो दूध आसानी से बच्चे के पेट में पहुंचेगा और कोई रूकावट भी नहीं आएगी।

(और पढ़े – बच्चों की उल्टी रोकने के घरेलू उपाय…)

ब्रेस्टफीड के बाद शिशु की दूध की उल्टी बंद करने के टिप्स – Breastfeed ke baad shishu ki doodh ki ulti band karne ke tips in Hindi

हमारे द्वारा ऊपर बताए गए तरीके दूध पीने के बाद बच्चों को उल्टी से बचाने के लिए काफी हैं, लेकिन इसके साथ हम आपको कुछ ऐसे जरूरी सुझाव या टिप्स देने जा रहे हैं, जो ब्रेस्टफीडिंग के बाद शिशु को उल्टी करने से रोकने के बहुत काम आएंगे।

  • बच्चे के दूध की उल्टी करने के बाद आपको ऐसा लगता है कि बच्चे का पेट खाली हो गया होगा, तो ऐसा बिल्कुल नहीं होता। बच्चे का पेट भरा रहता है और बच्चे 99 प्रतिशत मामलों में अतिरिक्त दूध ही बाहर निकालते हैं। इसलिए उसे दोबारा फीड कराने की कोशिश ना करें।
  • दूध पिलाने के बाद बच्चे को कम से कम 30 मिनट के लिए सीधा बैठाए रखें।
  • यदि आप स्तनपान करा रहे हैं, तो अपने आहार पर ध्यान दें। ऐसे आहार का सेवन करने से बचें, तो बच्चे के पेट को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • अगर बच्चा स्तपनान करने के बाद उल्टी करता भी है, तो कोई भी घरेलू उपचार उस पर न आजमाएं। आप चाहें तो बस कोई लेप उसकी नाभि के आसपास लगा सकते हैं। इसके अलावा कोई भी नुस्खा आपके शिशु के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
  • बच्चा अगर दूध नहीं पी रहा, तो जबरदस्ती ना करें। जब उसका पेट खाली हो जाएगा, तो वह अपने आप रोने लगेगा।
  • जब आप स्तनपान कराएं, तो आपके आसपास शोर-शराबा न हो और ध्यान भंग न हो। कोशिश करें कि जहां आप दूध पिला रही है, उस कमरे में कम रोशनी हो।
  • बच्चे को स्तनपान कराने के तुंरत बाद उसे किसी एक्टिविटी में इन्वॉल्व मत कीजिए।
  • बच्चे को हर एक घंटे में दूध नहीं पिलाना चाहिए। क्योंकि ब्रेस्टफीड करने के बाद बच्चे का पेट एक से डेढ़ घंटे तक भरा हुआ रहता है, जिसमें बच्चा खेलता कूदता रहता है। डेढ़ घंटे बाद जब उसका पेट खाली हो जाएगा, तो बच्चा खुद रोने लगेगा।
  • बच्चा अगर ज्यादा उल्टी कर रहा है, तो भी ब्रेस्टफीडिंग बंद करने की भूल न करें। बच्चे का उल्टी करना नॉर्मल है और फॉर्मूला मिल्क से बेहतर बच्चे के लिए मां का दूध ही स्वास्थ्यवर्धक होता है।

(और पढ़े – नवजात शिशु की देखभाल कैसे करें…)

बच्चे के दूध की उल्टी करने से जुड़े लोगों के सवाल और जवाब – Questions and answers related to baby vomits after breastfeeding in Hindi

क्या बच्चे को दूध पिलाने के बाद उल्टी होना सामान्य है? – Is it normal to have vomiting after feeding the baby in Hindi

शुरुआती हफ्तों में नवजात को दूध की उल्टी होना आम बात है। डॉक्टर इसे अच्छा मानते हैं। उनके अनुसार अगर स्तनपान करने के बाद बच्च उल्टी करता है, तो वह पूरी तरह से स्वस्थ है।

(और पढ़े – नवजात बच्चों को इंफेक्शन से बचाता है मां का दूध…)

हर फीड के बाद बच्चे को उल्टी होने का कारण क्या होता है – Why baby is vomiting after every feeding in Hindi

कभी-कभार दूध की उल्टी हो, तो यह सामान्य है। लेकिन अगर बच्चा हर फीड के बाद उल्टी करे, तो इसका मतलब है, कि जब आपके बच्चे का पेट भर जाता है, तो दूध और पेट का एसिड उसे भोजन नली को वापस प्रवाहित कर सकता है, जिससे ज्यादा दूध पीने पर बच्चे को खांसी और हिचकी आने लगती है  और बच्चा उल्टी कर देता है।

शिशुओं के लिए कितनी दूध की उल्टी करना सामान्य है – Baby ke liye kitni doodh ki ulti karna normal hai in Hindi

आमतौर पर बच्चा दूध पीने के तुरंत बाद दूध की उल्टी करता है। लेकिन ऐसा दूध पिलाने के एक से दो घंटे बाद भी हो सकता है। सभी 0 -3 महीने के बच्चे दिन में कम से कम एक बार दूध की उल्टी करते हैं, तो यह पूरी तरह से सामान्य है।

दूध की उल्टी होने पर बच्चे को डॉक्टर के पास कब ले जाएं – When to take the baby to the doctor when vomiting milk in Hindi

ब्रेस्टफीडिंग के बाद अगर थोड़ी उल्टी हो, तो यह आम बात है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है, डॉक्टर इसे अच्छा मानते हैं। उनके अनुसार अगर स्तनपान करने के बाद बच्चा एक दो बार उल्टी करता है, तो वह पूरी तरह से स्वस्थ है, लेकिन अगर आपका बच्चा बार-बार या 24 घंटे में कई बार उल्टी कर रहा तो डॉक्टर के पास तुरंत ले जाएं। यह किसी बीमारी, संक्रमण या कुछ और गंभीर परेशानी का संकेत हो सकता है। नीचे हम आपको कुछ लक्षण बता रहे हैं, जिसके बाद आपको तुरंत बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।

  • बच्चे को अगर हरे, काले और पीले रंग की उल्टी हो तो
  • बच्चे को उल्टी के साथ अगर खून भी निकले तो
  • उल्टी के दौरान दूध फटा हुआ न होकर नॉर्मल निकले
  • बुखार के साथ उल्टी आए
  • दूध पीते समय बच्चा खांसे
  • उल्टी करने के साथ बच्चा अगर यूरीन कर ले
  • बच्चा दूध की उल्टी करे, और उसका वजन न बढ़े।
  • उल्टी के बाद बच्चा अगर सुस्त और अनएक्टिव रहने लगे। तो ऐसी समस्याओं के बाद इंतजार नहीं करना चाहिए, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
  • नवजात शिशुओं को दूध पिलाने के बाद उल्टी करना आम बात है। हालांकि, अगर आपका बच्चा दूध पिलाने के बाद-बार बार उल्टी करता है, तो यह पेट में वायरल संक्रमण का संकेत हो सकता है।
  • बच्चे के बड़े होने के बाद दूध की उल्टी करना कम हो जाता है, और आमतौर पर एक वर्ष की आयु तक बच्चे के पहुंचने से पहले ही वह दूध की उल्टी करना बंद कर देते है।

(और पढ़े – नवजात शिशुओं के बारे में रोचक तथ्य…)

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