गर्भावस्था

प्रेगनेंसी की जानकारी और प्रकार, क्या आप जानते है – Types of Pregnancy in Hindi

Types of Pregnancy in Hindi हर महिला की चाहत होती है की वह गर्भधारण करे और अपने बच्चे को जन्म दे, जो की उसके लिए बहुत ही आनंद की बात होती है। जो भी महिलाएं फ़र्स्ट टाइम प्रेग्नेंट होती है उनमें से अधिकतर महिलाओ को प्रेग्नेंसी की जानकरी और प्रकार के बारे में (Types of Pregnancy)  पूर्ण जानकारी नहीं रहती है।

अगर आपने हाल के कुछ दिनों में ही सहवास किया है ताकि आप गर्भवती हो सकें। और आप यह जानना चाहती हैं कि आपके गर्भाशय में गर्भ ठहरा या नहीं तो आपको कुछ लक्षणों को पहचानना होगा। प्रेग्नेंसी की जानकरी और प्रकार को जानकर और गर्भधारण के कुछ लक्षण होते हैं जिनको पहचान कर आप पता कर सकती हैं कि आप गर्भवती हुई हैं या नहीं। तो आइये जानते हैं कि कौंन से हैं गर्भवती होने लक्षण।

प्रेग्नेंसी की जानकरी और गर्भवती होने लक्षण – Pregnancy symptoms in hindi

प्रारंभिक संकेत शुरुआती पीरियड्स रूकने के बाद उलटियां और घबराहट होना, सुबह के समय कमजोरी या शरीर में ढीलापन ये लक्षण गर्भावस्था के चौथे से आठवें सप्ताह में दिखाई देने लगते हैं, स्तनों में पीङा व तनाव होना सामान्य बात है व प्रारंभिक लक्षण के रूप में माना जाता

  • गर्भधारण होने पर होते हैं कई शारीरिक और मानसिक बदलाव।
  • सहवास के बाद मासिक धर्म बंद हो जाना भी है एक बड़ा संकेत।
  • गर्भधारण होने पर गर्भाशय में ऐठन का अनुभव होना।
  • गर्भधारण कर लेने के बाद महिलाओं को कई-कई बार पेशाब आता है ।

प्रेग्नेंसी के बारे में पूर्ण जानकारी रखना हर महिला के लिए जरूरी होता है क्योंकि तभी गर्भवती अपना और अपने बच्चे का पूरी तरह से ख्याल रख पाती है।

इसके लिए समय समय पर अपने डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करे। ताकि आपको प्रेगनेंसी की सही स्थिति के बारे में जानकारी मिल सकेगी।

प्रेग्नेंसी के समय पर महिला के साथ कई प्रकार की समस्याएं आती है। जिसके लिए उसे सजग रहने की आवश्यकता होती है। आपको बता दे की प्रेगनेंसी भी कई प्रकार की होती है। तो चलिए विस्तार से जानते है।

(और पढ़े – प्रेगनेंसी टेस्ट किट का उपयोग)

प्रेग्नेंसी की जानकरी और प्रकार Types of Pregnancy in Hindi के बारे में –

प्रेगनेंसी के प्रकार –Types of Pregnancy in Hindi

1. अस्थानिक गर्भावस्था – Ectopic pregnancy in hindi

  • अस्थानिक गर्भावस्थाको एक्टोपिक के नाम से भी जाना जाता है।
  • इस गर्भावस्था में भ्रूण का विकास गर्भाशय के अंदर नहीं होता बल्कि बाहर फेलोपियन ट्यूब में ही हो जाता है। इस प्रकार की अवस्था एक सामान्य अवस्था नहीं होती है।
  • अस्थानिक गर्भधारण को असामान्य गर्भावस्था कहा जाता है। क्योंकि इसमें जोखिम ज्यादा होता है। इसमें ट्यूब के कमजोर हो जाने से अंडा पूरी तरह से गर्भ तक नहीं पहुंच पाता है।
  • इस कारण अंडा फेलोपियन ट्यूब में ही रह जाता है साथ ही भ्रूण का विकास भी वहीं होना आरंभ हो जाता है।

(और पढ़े – एक्टोपिक प्रेगनेंसी (अस्थानिक गर्भावस्था) के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव)

2. इंट्रायूटेरिन प्रेगनेंसी – ntrauterine pregnancy (IUP) in Hindi

  • यह एक सामान्य गर्भधारण की अवस्था होती है।
  • इसमें भ्रूण गर्भाशय के अंदर ही प्रत्यारोपित होते है।
  • और इसमें नाल गर्भाशय के अंदर से जुड़ा हुआ होता है।

(और पढ़े – नॉर्मल डिलीवरी करने के उपाय)

3. सिंग्लेट प्रेगनेंसीSinglet pregnancy in Hindi

  • एकल गर्भधारण तब होता है जब एक अंडा एक शुक्राणु से मिलता है और एक भ्रूण विकसित होता है।

(और पढ़े – जानिए सामान्य प्रसव के बाद योनि में होने वाले बदलाव के बारे मे)

4. लुपस प्रेगनेंसीLupus pregnancy in hindi

  • Lupus pregnancy लुपस के साथ महिलाओं के लिए गर्भावस्था, रक्त के थक्के जमने के कारण जटिल हो सकती है।
  • लुपस एक ऑटो-इम्यून रोग है।

(और पढ़े – क्या सच में गोरा बच्चा पैदा करने का उपाय है गर्भावस्था में केसर का सेवन?)

5. फैंटम गर्भावस्था – Phantom pregnancy in Hindi

  • इस प्रकार की गर्भावस्था एक मनोवैज्ञानिक अवस्था होती है।
  • इस अवस्था में महिलाओं को बार बार गर्भवती होने का अहसास होता है।
  • यह उन महिलाओं को अधिक होता है जो गर्भधारण के लिए आवश्यकता से ज्यादा उत्साहित रहती हैं या फिर गर्भवती होने के लिए बार-बार प्रयत्न कर रही होती हैं।

6. मोलर प्रेगनेंसी Mollor pregnancy in Hindi

  • यह भी प्रेग्रेंसी की एक दुर्लभ स्थिति होती है।
  • इसे गर्भावस्था की सबसे संवेदनशील अवस्था मानते है।
  • इस अवस्था में क्रोमोसोम महिला के निषेचित अंडे पर नहीं होता है।

7. इंट्रा ऐब्डामनल प्रेग्रेंसी – Intra abdominal pregnancy in Hindi

  • इंट्रा ऐब्डामनल प्रेग्रेंसी को ट्यूबल प्रेग्रेंसी एक्टोपिक के नाम से भी जानते है।
  • यह प्रेग्रेंसी भी बहुत ही कठिन होती है। क्योंकि इस स्थिति में गर्भ का भ्रूण गर्भाशय में नहीं होकर ऐब्डामनल कैविटी में बनने लगता है।
  • इस स्थिति में महिला का गर्भपात होने की सम्भावना भी रहती है।

उपर आपने जाना प्रेग्नेंसी की जानकरी और प्रकार Types of Pregnancy के बारे में अगर आप भी अपनी प्रेग्नेंसी की फर्स्ट स्टेज में है तो अपना ध्यान रखे और अपने डॉक्टर की सलाह लें।

Tina singh

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