कामसूत्र

कामसूत्र और योगासन में क्या है संबंध relationship between Kamasutra and Yoga

कामसूत्र और योगासन में क्या है संबंध relationship between Kamasutra and Yoga

जब भी कामसूत्र का नाम आता है तो हमें अलग-अलग तरह के आसन याद आने लगते है क्योकि हमने कामसूत्र में हमेसा योग के समान मुद्राये देखी है आमतौर लोगो में यह धारणा प्रचलित है कि संभोग के अनेक आसन होते हैं। फिर सवाल यह उठता है कि क्या संभोग के सभी आसनों का योग के आसनों से कोई संबंध है। यदि कामसूत्र और योगासन में कोई संबंध है तो कितना है और कैसे है।

बहुत से विद्वान मानते हैं कि कामसूत्र और योगासन का कोई संबंध नहीं है जबकि कुछ इसके पक्ष में तर्क देते हैं। यदि हम बात करें तो कई बिभिन्न तरह की यौन दुर्बलता को मिटाने में योग सहायक सिद्ध हो सकता है:- उदाहरण के रूप में  स्नायु दुर्बलता, शीघ्रपतन, कमजोरी नपुंसकता आदि।

*निरंतर योगासन करते रहने से सेक्स करने का स्टैमिना बढ़ता है।
*स्वस्थ और आनंददायक सेक्स के लिए सेक्स से पूर्व योग आपके दिमाग और मांसपेशियों को तरोताजा कर देता है।
(और पढ़े: कामसूत्र से जुड़े कुछ मिथक )
*योगासन करने के बाद किया जाने बाला योग स्नान शरीर को ताजगी से भर देता है जो आपके आनंद को कई गुना बढ़ाकर शरीर को स्वस्थ और सुगंधित बनाए रखने के लिए जरूरी है।

कामसूत्र और योगासन के बीच संबंध relationship between Kamasutra and Yoga in hindi

क्या कामसूत्र और योगासन में योग के आसनों का कामसूत्र के आसनों से कोई संबंध है? कुछ लोग मानते हैं कि योगासन करते रहने से कामसूत्र के आसनों को करने में सहजता पाई जा सकती है। योग और सम्भोग के आसनों का एक दूसरे से गहरा संबंध स्थापित किया जा सकता है।

सम्भोग क्रिया को बढ़ाने और अपनी सेक्स लाइफ एन्जॉय करने के लिए योग आसन Yoga for increase sex life in hindi

संभोग के उक्त आसनों में पारंगत होने के लिए योगासन आपकी मदद कर सकते हैं। इसके लिए आपको शुरुआत करना चाहिए ‘अंग संचालन’ से अर्थात सूक्ष्म व्यायाम से।

पद्‍मासन:Lotus position in hindi 

इस आसन से कूल्हों के जाइंट, मांसमेशियां, पेट, मूत्राशय और घुटनों में खिंचाव होता है जिससे इनमें मजबूती आती है और यह सेहतमंद बने रहते हैं। इस मजबूती के कारण उत्तेजना का संचार होता है। उत्तेजना के संचार से आनंद की दीर्घता बढ़ती है।

भुजंगासन:Bhujangasana in hindi

भुजंगासन आपकी छाती को चौड़ा और मजबूत बनाता है। मेरुदंड और पीठ दर्द संबंधी समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद है। यह  स्वप्नदोष(nightfail) को दूर करने में भी लाभदायक है। इस आसन के लगातार अभ्यास से वीर्य की दुर्बलता समाप्त होती है।

सर्वांगासन: Sarvangasana in hindi 

यह आपके कंधे और गर्दन के हिस्से को मजबूत बनाता है। यह नपुंसकता, निराशा, यौन शक्ति और यौन अंगों के विभिन्न अन्य दोष की कमी को भी दूर करता है।

हलासन: Halasana in  hindi 

यौन ऊर्जा को बढ़ाने के लिए इस आसन का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पुरुषों और महिलाओं की यौन ग्रंथियों को मजबूत और सक्रिय बनाता है।

धनुरासन : Dhanurasana in hindi

यह कामेच्छा जाग्रत करने और संभोग क्रिया की अवधि बढ़ाने में सहायक है। पुरुषों के ‍वीर्य के पतलेपन को दूर करता है। लिंग और योनि को शक्ति प्रदान करता है।

पश्चिमोत्तनासन: Paschimottanasana in hindi 

सेक्स से जुड़ी समस्त समस्या को दूर करने में सहायक है। जैसे कि स्वप्नदोष, नपुंसकता और महिलाओं के मासिक धर्म से जुड़े दोषों को दूर करता है।

भद्रासन: bhadrasana in hindi 

भद्रासन के नियमित अभ्यास से रति सुख में धैर्य और एकाग्रता की शक्ति बढ़ती है। यह आसन पुरुषों और महिलाओं के स्नायु तंत्र और रक्तवह-तन्त्र को मजबूत करता है।

मुद्रासन: mudrasana in hindi 

मुद्रासन तनाव को दूर करता है। महिलाओं के मासिक धर्म से जुड़े हए विकारों को दूर करने के अलावा यह आसन रक्तस्रावरोधक भी है। मूत्राशय से जुड़ी विसंगतियों को भी दूर करता है।

मयूरासन: Mayurasana in nhindi 

पुरुषों में वीर्य और शुक्राणुओं में वृद्धि होती है। महिलाओं के मासिक धर्म के विकारों को सही करता है। लगातार एक माह तक यह आसन करने के बाद आप पूर्ण संभोग सुख की प्राप्ति कर सकते हो।

कटिचक्रासन: kati chakrasana in hindi 

यह कमर, पेट, कूल्हे, मेरुदंड तथा जंघाओं को सुधारता है। इससे गर्दन और कमर में लाभ मिलता है। यह आसन गर्दन को सुडौल बनाकर कमर की चर्बी घटाता है। शारीरिक थकावट तथा मानसिक तनाव दूर करता है।

नोट : अगर आप योग करने में नए है तो योग के उक्त सभी आसन को योग शिक्षक से सलाह लेकर शुरू करें।

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