मुँहासे

मुँहासे में आहार प्रमुख भूमिका निभाता है जाने कैसे – Diet plays a major role in acne in hindi

Diet role in acne in hindi: मुँहासे एक आम त्वचा रोग है, जो तब होता है जब बालों के रोम मृत त्वचा कोशिकाओं और त्वचा से स्रावित तेल से भर जाता है। मुँहासे मुख्य रूप से ब्लैकहैड्स और पिम्पल्स के रूप में जाने जाते है। मुँहासे से ग्रस्त व्यक्ति में अक्सर मुँहासे में आहार प्रमुख भूमिका को लेकर चिंता पैदा होती है, और अत्यधिक मामलों में अवसाद का कारण भी बनती है इसलिए आज हम आपको मुँहासे होने के कारण, मुँहासे में आहार प्रमुख भूमिका और कुछ सरल उपचार के बारे में बताने वाले है

1.मुँहासे होने का कारण – Causes of Acne in hindi
2.मुँहासे में आहार की भूमिका- Role of Diet in Acne in hindi
3.मुँहासे के लक्षण – Symptoms of Acne in hindi
4.मुँहासे का उपचार – Treatment of Acne in hindi

मुँहासे होने का कारण – Causes of Acne in hindi

1.जेनेटिक्स की वजह से बालों के झड़ने के मुख्य कारणों में से एक को मुँहासे को माना जाता है अध्ययन से पता चला है की बालों का गिरना और मुँहासे का होना दोनों में अनुवांशिक कारणों से रिश्तेदारों के बीच मुँहासे की उच्च दर दिखायी देती है। इसका मतलब ये हुआ की अगर आपके परिवार में मुंहासे होने का इतहास रहा है तो हो सकता है की आपको भी अनका सामना करना पड़े

2. मुँहासे का एक अन्य कारण हार्मोनल गतिविधियों से संबंधित है जैसे कि मासिक धर्म चक्र और यौवन के दौरान सेक्स हार्मोन एण्ड्रोजन बढ़ते हैं, जो कूपिक्युलर ग्रंथियों को सामान्य से अधिक बढ़ने का कारण बनता है। टेस्टोस्टेरोन, डायहाइडोटोस्टोस्टेरोन, डीहाइड्रोपियांडोस्टोरोनस सल्फेट और ग्रोथ हार्मोन जैसे कई हार्मोन मुँहासे होने के कारण माने गए हैं।

3.एनारोबिक जीवाणु जैसी कई बैक्टीरिया मुँहासे के पीछे का कारण होते है परजीवी द्वारा उत्पन्न संक्रमण डेमोडेक्स (Demodex ) भी मुँहासे पैदा करने के लिए जिम्मेदार है।

मुँहासे में आहार की भूमिका- Role of Diet in Acne in hindi

आहार और मुँहासे के बीच संबंध स्थापित करने के लिए अलग-अलग अध्ययन किए गए हैं लेकिन ऐसा साबित करने के लिए कि मुँहासे में आहार प्रमुख भूमिका निभाता है कोई सबूत नहीं है। कुछ परीक्षणों में उच्च ग्लिसेमिक आहार(glycemic diets) के कारण मुँहासे तीव्रता से बढ़ते हुए दिखाई दिए हैं।

एक अन्य अध्ययन से पता चलता है कि डेयरी दुग्ध लेने वालों में मुँहासे की तीव्रता से वृधि होती हैं। एक हाल ही में प्रयोग ने मुँहासे और मोटापे के बीच के संबंध दिखाया है हालांकि मुँहासे और इंसुलिन चयापचय के बीच कोई संबंध नहीं पाया जाता है। विटामिन बी 12 त्वचा में मुँहासे के समान समस्याएं पैदा कर सकता है।

सिगरेट और कई तरह के धूम्रपान और मुँहासे के बीच संबंध आज भी बहस का कारण बना हुआ है। कुछ मेडिकल रिकॉर्ड ने दिखाया है कि सिगरेट के धूम्रपान से मुँहासे की गंभीरता बढ़ जाती है।

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कुछ अध्ययनों से यह भी पता चला है कि तनाव या अन्य मनोवैज्ञानिक कारण मुँहासे का कारण होते हैं मुँहासे का जल्दी-जल्दी बढ़ना उच्च तनाव के स्तर से जुड़ा होता है।

(और पढ़े – मानसिक तनाव के कारण, लक्षण एवं बचने के उपाय)

मुँहासे के लक्षण – Symptoms of Acne in hindi

  1. चेहरे पर निशान मुँहासे का एक आम लक्षण होता हैंमुँहासे के निशान त्वचा की अंदरूनी परत में सूजन के कारण होते हैं। और पढ़े – इस आसान से घरेलु उपाय से पाएं चेहरे के गढ्ढों से छुटकारा
  2. नोडलर मुँहासे के घावों में रंग पैदा होता है।घाव के ठीक होने के बाद भी अक्सर यह लाल, सूजन का निशान छोड़ जाता है।

मुँहासे का उपचार – Treatment of Acne in hindi

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  1. मुँहासे के इलाज के लिए कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले आहार की सिफारिश की जाती है
  2. आहार में ग्‍लाइसेमिक इंडेक्‍स की मात्रा कम होती है तो वह ब्‍लड ग्‍लूकोज के स्‍तर को बढ़ाता नहीं बल्कि उसे सामान्‍य रखता है। इससे खून में ग्‍लूकोज की मात्रा नहीं बढ़ती और मोटापे के साथ-साथ डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारी के होने की संभावना भी कम होती है। इसलिए खाने में लो ग्‍लाइसेमिक इंडेक्‍स वाले आहार का सेवन अधिक कीजिए।
  3. हल्के और मध्यम मुँहासे के इलाज के लिए बेंजोयल पेरोक्साइड (Benzoyl peroxide) का उपयोग किया जा सकता है।यह इसकी उच्च प्रभावशीलता और  कम साइड इफेक्ट्स के कारण उपयोग में लिया जाता है पेरोक्साइड के साइड इफ़ेक्ट के रूप में त्वचा का ड्राई होना मुख्य कारण होता है।
  4. मुँहासे का इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक दवाइयां बहुत ज्यादा इस्तेमाल होती हैं मौखिक एंटीबायोटिक दवाओं की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है। यह उनके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों की वजह से है
  5. जब एज़ेलाइक एसिड (Azelaic acid) को 20% सांद्रता पर मुंहासे पर लगाया जाता है, तो यह हल्के से मध्यम मुँहासे के उपचार के लिए प्रभावी होता है।
  6. प्राकृतिक उपचार के तरीकों में मुँहासे में घावों की मात्रा को कम करने के लिए चाय के पेड़ के तेल का उपयोग किया जाता है।

आपने जाना की किस प्रकार मुँहासे में आहार प्रमुख भूमिका निभाता है ऊपर बताये गए तरीकों को किसी त्वचा विशेषज्ञ (dermatologist) की देखरेख में ही करना सही रहता है यदि आपके पास कोई प्रश्न है तो आप किसी भी त्वचा विशेषज्ञ से अपने प्रश्नों के उत्तर प्राप्त कर सकते हैं

Tina singh

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