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डाइलेशन और क्यूरेटेज क्या है (डी एंड सी) और इससे जुड़ी जरुरी बातें – What is Dilation and Curettage in Hindi

डाइलेशन और क्यूरेटेज क्या होता है (डी एंड सी) और इससे जुड़ी जरुरी बातें - What is Dilation and curettage in Hindi

D and C in hindi डाइलेशन और क्यूरेटेज जिसे डी एंड सी भी कहते है यह एक छोटा सा सर्जिकल प्रोसेस होता है। जिसमें सर्विक्स को साफ किया जाता है। महिलाओं की गर्भाश्य ग्रीवा को साफ करने के लिए यह क्रिया की जाती है। महिलाओं के गर्भपात होने या गर्भपात करवाने के बाद अवशेष को साफ करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही बच्चे के जन्म के बाद जरायुनाल के छोटे-छोटे टुकड़ों को निकालने के लिए यह प्रक्रिया उपयोग में लाई जाती है। डाइलेशन और क्यूरेटेज की प्रक्रिया संक्रमण से बचाता है साथ ही बहुत ज्यादा रक्तस्राव के खतरे को भी कम करता है।

इस प्रक्रिया में सिर्फ 10 से 15 मिनट लगती है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को इससे डरने की जरुरत नहीं हैं। आज इस आर्टिकल में हम बताने जा रहे हैं कि डाइलेशन और क्यूरेटेज क्या होता है और इससे जुड़ी कई बातों को हम विस्तार से आपको समझाने जा रहे हैं। आइए जानते हैं कि क्या होता है डाइलेशन और क्यूरेटेज और इससे जुड़ी कुछ बातें।

1. डी एंड सी क्या होता  है – What is D and C in Hindi
2. क्यों डी एंड सी करवाना जरुरी होता है – When is D & C required in Hindi
3. डी एंड सी के दौरान किन बातों का रखें ख्याल – Things to be taken care while D & C required in Hindi
4. कैसे किया जाता है डी एंड सी – how is D and C done in Hindi
5. डी एंड सी के दो स्टेप होते हैं – steps of D and C done in Hindi
6. डी एंड सी के दुष्प्रभाव- side effects of D and C done in Hindi
7. डी एंड सी के बाद रिकवरी- Recovery After D and C in Hindi

डाइलेशन और क्यूरेटेज क्या होता  है – What Is Dilation & Curettage in Hindi

डाइलेशन और क्यूरेटेज (D and C) एक शल्य क्रिया होती है जिसमें एक विशेष उपकरण का इस्तेमाल करके गर्भाश्य ग्रीवा को फैला कर यूटेराइन लाइनिंग को खरोंच-खरोंच कर साफ किया जाता है। डाइलेशन और क्यूरेटेज की प्रक्रिया में दर्द नहीं होता बल्कि यह गर्भाश्य ग्रीवा को साफ करके संक्रमण और हाइ-ब्लीडिंग के खतरे को कम करती है। गर्भपात होने, गर्भपात करवाने और शिशु के जन्म के बाद गर्भाश्य ग्रीवा को साफ करवाने के लिए यह प्रोसेस जरुरी होता है।

(और पढ़ें – गर्भपात के बाद ब्लीडिंग रोकने के उपाय)

क्यों डाइलेशन और क्यूरेटेज करवाना जरुरी होता है – When Is Dilation & Curettage Required in Hindi

गर्भाश्य से उत्तक साफ करवाने के लिए-गर्भपात के करवाने के बाद या गर्भपात होने के कारण गर्भावश्य में ऊत्तकों के अवशेष बच्चे रह जाते हैं। इसके अलावा प्रसव के बाद जरायुनाल के छोटे-छोटे टुकड़े निकालने के लिए भी किया जाता है। यह संक्रमण से बचाता है साथ ही बहुत ज्यादा रक्तस्राव के खतरे को भी कम करता है। गर्भाश्य के असाधारण और अत्यधिक रक्तस्राव को कम करने के लिए-डाइलेशन और क्यूरेटेज की प्रक्रिया पॉलिप्स, हार्मोनल इंबैलेस को कम करने और गर्भ ग्रीवा के कैंसर को कम करने के लिए भी किया जाता है। इसके माध्यम से यूटेरिन टिशू का सैंपल लिया जाता है और उसकी अस्वस्थ कोशिकाओं की जांच की जाती है।

(और पढ़े – गर्भपात के बाद होने वाली समस्‍याएं)

डाइलेशन और क्यूरेटेज के दौरान किन बातों का रखें ख्याल – Things To Be Taken Care While D & C Required in Hindi

इस प्रक्रिया में भले ही 10 से 15 मिनट लगते है लेकिन इसके लिए आपको क्लीनिक में 5 घंटे तक बिताने पड़ सकते हैं। इस (D and C) प्रक्रिया से पहले आपको अपने डॉक्टर को सारी बातें बता देनी चाहिए जो उनका जानना जरुरी होता है।

  • अगर आपको लगता है कि आप गर्भवती है
  • यदि आपको किसी दवा या आयोडीन से एलर्जी है
  • अगर आपको ब्लीडिंग डिसऑर्डर है
  • यदि आप खून पतला होने की दवा खा रहे हैं
  • तो अपने डॉक्टर को जरूर बताएं।

कैसे किया जाता है डाइलेशन और क्यूरेटेज (डी एंड सी) – How Is Dilation & Curettage Done in Hindi

  • डाइलेशन और क्यूरेटेज प्रक्रिया के दौरान आपके शरीर को सुन्न करने के लिए दवाएं दी जाती है। जिन्हें एनेस्थीसिया कहा जाता है।
  • अगर आपको सामान्य दवा दी जाती है तो आपको प्रक्रिया के दौरान होश नहीं रहता।
  • यदि आपको स्पाइनल एनेस्थीसिया दिया जाता है तो कमर के नीचे का हिस्सा सुन्न हो जाता है।
  • अगर आपको साधारण एनेस्थीसिया दिया जाता है तो इससे सर्विक्स के आसपास का हिस्सा सुन्न हो जाता है।

इसके बाद वजाइना में स्पेकुलम को डाला जाता है और सर्विक्स को दबाकर रखा जाता है। यद्यपि इस प्रक्रिया के दौरान कट लगने और टांकने जैसा कुछ नहीं होता है लेकिन फिर भी गर्भाश्य ग्रीवा को डॉक्टर एंटी-सेप्टीक से साफ करता है।

डाइलेशन और क्यूरेटेज के दो स्टेप होते हैं – Steps Of Dilation & Curettage Done in Hindi

डाइलेशन इस प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर यूट्रस के निचले हिस्से में उपकरण डालने के लिए तैयारी करता है। वह एक पतली रॉड लामिनेरिया का इस्तेमाल करता है । इस प्रक्रिया से पहले गर्भाश्य ग्रीवा को नरम करने और आसानी से उपकरण का इस्तेमाल करने के लिए दवाओं का इस्तेमाल करने उसे चौड़ा कर देता है।

क्यूरेटेजइस प्रक्रिया में थोड़ा दर्द हो सकता है क्योंकि इस प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर यूट्रस को खरोंच कर ऊत्तक निकालता है। इस ऊत्तक को जांच के लिए भेजा जाता है।

डाइलेशन और क्यूरेटेज के दुष्प्रभाव- Side Effects Of Dilation & Curettage Done in Hindi

  • डी एंड सी में दर्द होना – cramp
  • डी एंड सी के बाद हल्का रक्तस्राव – bleeding
  • डाइलेशन और क्यूरेटेज के बाद बुखार आना – fever
  • डी एंड सी के बाद पेट में दर्द होना – stomach pain
  • वजाइना से बदबू आना -vaginal odor
  • पीरियड साइकल में बदलाव आना – period cycle changes

आदि दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

(और पढ़े – पीरियड्स की जानकारी और अनियमित पीरियड्स के लिए योग और घरेलू उपचार)

डाइलेशन और क्यूरेटेज के बाद रिकवरी- Recovery After Dilation & Curettage in Hindi

इसके बाद आपको कुछ दिनों तक तेज दर्द और हल्का रक्तस्राव हो सकता है। इसलिए सेनेटरी नेपकीन पहनें और डॉक्टर के परामर्श से पेन किलर ले सकते हैं। कुछ दिनों तक सेक्स से परहेज करें। 2-3 सप्ताह में सब कुछ फिर से सामान्य हो जाता है।

(और पढ़े – पीरियड मिस होने के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट नेगेटिव आने के कारण)

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