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हीमोफीलिया क्या है, कारण, लक्षण, उपचार और बचाव – Hemophilia Symptoms, Causes, Treatment and Prevention in Hindi

हीमोफीलिया क्या है, कारण, लक्षण, उपचार और बचाव – Hemophilia Symptoms, Causes, Treatment and Prevention in Hindi

Hemophilia In Hindi हीमोफिलिया (Hemophilia) या पैतृक रक्तस्राव एक आनुवांशिक (माता-पिता से बच्चों में होने वाली) बीमारी है जो आमतौर पर पुरुषों को होती है और औरतों द्वारा फैलती है। आज के इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि हीमोफीलिया क्या है, इसके कारण क्या होते हैं और हीमोफीलिया के लक्षण क्या हैं तथा इसका उपचार और बचाव कैसे किया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति को चोट लगने पर खून का निकलना बंद ना हो रहा हो तो, इसको आम समस्या ना समझा जाये। क्योंकि यह समस्या हीमोफीलिया की ओर संकेत करती है। हीमोफीलिया (Hemophilia) के दौरान होने वाला आंतरिक रक्तस्राव आपके अंगों और ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकता है, और जीवन को खतरे में डाल सकता है।

हीमोफीलिया (Hemophilia) एक आनुवंशिक स्थिति है। यह स्थिति इलाज योग्य नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कम करने और भविष्य की स्वास्थ्य जटिलताओं को रोकने के लिए इसका इलाज किया जा सकता है।

1. हीमोफीलिया क्या है – What is Hemophilia in Hindi
2. हीमोफीलिया के लक्षण – Hemophilia Symptoms in Hindi
3. हीमोफीलिया के कारण – Hemophilia Causes in Hindi
4. हीमोफीलिया का अनुवांशिकता से संबंध –  Hemophilia and Genetics in Hindi
5. हीमोफीलिया के प्रकार – Types of Hemophilia in Hindi
6. हीमोफीलिया के निदान – Hemophilia Diagnosis in Hindi
7. हीमोफीलिया के उपचार – Hemophilia Treatment in Hindi
8. हीमोफीलिया की जटिलतायें – Hemophilia Complications in Hindi
9. हीमोफीलिया के रोकथाम / घरेलू उपचार – Hemophilia Prevention in Hindi

हीमोफीलिया क्या है – What is Hemophilia in Hindi

हीमोफीलिया (Hemophilia) एक ऐसी दुर्लभ स्थिति है, जिसमें रक्त का थक्का ठीक से नहीं जमता है। हीमोफीलिया एक विरासत में प्राप्त होने वाला अनुवांशिक (hereditary) रोग है, जो ज्यादातर पुरुषों को प्रभावित करता है।

Hemophilia (हीमोफीलिया) वाले लोगों में कुछ निश्चित प्रोटीन की कमी होती है, जिसे क्लॉटिंग (clotting) कारक कहा जाता है। ऐसे 13 प्रकार के क्लॉटिंग कारक (रक्त स्कंदन कारक) हैं, जो चोट वाले स्थान पर खून के बहाव को रोकने के लिए प्लेटलेट्स (platelets) के साथ काम करते हैं। प्लेटलेट (platelets) छोटे रक्त कोशिकाएं (small blood cells) हैं जो आपके अस्थि-मज्जा (bone marrow) में बनती हैं।

स्कंदन कारक का अत्यधिक नुकसान रक्तस्राव को जन्म देता है। एक सहज या आंतरिक रक्तस्राव मस्तिष्क जैसे महत्वपूर्ण अंग के भीतर होने पर जीवन के लिए घातक हो सकता है।

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हीमोफीलिया के लक्षण – Hemophilia Symptoms in Hindi

हीमोफीलिया के लक्षण - Hemophilia Symptoms in Hindi

क्लॉटिंग कारकों (रक्त स्कंदन कारकों) के स्तर के आधार पर हीमोफीलिया (Hemophilia) के लक्षण अलग-अलग तरह से प्रगट होते हैं। यदि शरीर में क्लोटिंग-कारक के स्तर में बहुत कम मात्रा में कमी हो, तो शरीर में शल्य चिकित्सा या आघात (गंभीर चोट) के बाद ही खून बह सकता हैं। और यदि क्लोटिंग-कारक के स्तर में कमी गंभीर होती है, तो सहज रूप में रक्तस्राव का अनुभव हो सकता है। तथा रक्तस्राव बाहरी या आंतरिक रूप में भी हो सकता है। सहज रक्तस्राव के लक्षणों में निम्न कारक शामिल हैं:

  • कट या चोटों से अधिकतम खून बहना
  • अस्पष्ट चोटें
  • टीकाकरण के बाद असामान्य रक्तस्राव होना
  • आपके जोड़ों में दर्द, सूजन आना
  • शरीर में नीले नीले निशानों का बनना
  • मसूड़ों से खून बहना
  • कई बड़ी या गहरी चोटें उत्पन्न होना
  • आपके मूत्र या मल में खून निकलना
  • शिशुओं में अस्पष्ट चिड़चिड़ाहट
  • बार-बार नाक से खून आना
  • मस्तिष्क रक्तस्राव के लक्षणों में सिरदर्द, उल्टी, सुस्ती, व्यवहार में परिवर्तन, चक्कर आना, दृष्टि की समस्याएं, लक़वा और दौरे आदि समस्याएँ शामिल हो सकती हैं।

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हीमोफीलिया के कारण – Hemophilia Causes in Hindi

हीमोफीलिया के कारण - Hemophilia Causes in Hindi

जब खून बहता हैं, तो शरीर आम तौर पर रक्त कोशिकाओं (blood cells) को इकट्ठा कर ब्लड के थक्के के रूप में रक्त बहने से रोकता है। इस प्रक्रिया में सभी क्लॉटिंग कारक अपना योगदान देते हैं। इन क्लॉटिंग कारकों में से किसी एक में भी कमी होने से हीमोफीलिया (Hemophilia) होता है।

कई प्रकार के हीमोफीलिया (Hemophilia) ऐसे है जो अधिकांश रूप से विरासत में मिलते हैं, जिनके लिए जीन उत्तरदाई होते हैं। हीमोफीलिया पुरुषों में अधिक होता है, क्योंकि जीन मां से बेटे को पारित किया जा सकता है।

महिलाएं हीमोफीलिया की वाहक हो सकती हैं, लेकिन उन्हें यह रोग होने की संभावना नहीं होती है। एक लड़की को हीमोफीलिया होने के लिए, उसके दोनों X क्रोमोसोम में से किसी एक X क्रोमोसोम पर असाधारण जीन होना चाहिए, जिसका पाया जाना बहुत दुर्लभ है।

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हीमोफीलिया का अनुवांशिकता से संबंध –  Hemophilia and Genetics in Hindi

हीमोफीलिया का अनुवांशिकता से संबंध -  Hemophilia and Genetics in Hindi

हीमोफीलिया एक विरासत में प्राप्त होने वाली आनुवंशिक स्थिति है। हीमोफीलिया (Hemophilia), जीन में एक दोष उत्पन्न होने के कारण होता है। यह जीन, शरीर द्वारा स्कंदन कारक VIII, IX, या XI  के बनने का निर्धारित करता है। ये जीन  X  गुणसूत्र पर स्थित होते हैं।

महिलाओं के पास दो X गुणसूत्र होते हैं। पुरुषों में एक X और एक Y गुणसूत्र पाए जाते है। पुरुषों को उनकी मां से एक X गुणसूत्र और उनके पिता से एक Y गुणसूत्र प्राप्त होता है। जबकि महिलाओं को माता-पिता से एक-एक X गुणसूत्र प्राप्त होता है।

चूंकि आनुवंशिक दोष हीमोफीलिया (Hemophilia) का कारण X गुणसूत्र होता है, जिसके कारण एक पिता इस बीमारी को अपने बेटों को नहीं दे सकता है। एक X गुणसूत्र वाली महिला जिसमें बदले हुए जीन पाए जाते हैं, उन जीन को हीमोफीलिया रोग के रूप में अपने बच्चों, पुरुषों और महिलाओं को दे सकती है।

एक महिला जो परिवर्तित जीन वाले X गुणसूत्र रखती है, वह बीमारी को अपने बच्चों को दे सकती है। लेकिन उसे यह बीमारी नहीं होती है। इसका कारण यह है कि गंभीर रक्तस्राव से बचने के लिए उनके सामान्य X गुणसूत्र में पर्याप्त क्लॉटिंग कारक होते हैं।

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हीमोफीलिया के प्रकार – Types of Hemophilia in Hindi

Hemophilia (हीमोफीलिया) के तीन मुख्य प्रकार होते हैं, हीमोफीलिया ए, हीमोफीलिया बी, और हीमोफीलिया सी हैं।

हीमोफीलिया ए – यह हीमोफीलिया (Hemophilia) का सबसे सामान्य प्रकार है, और यह रोग क्लॉटिंग कारक (स्कंदन कारक) VIII में कमी के कारण होता है। नेशनल हार्ट, लंग (फेफड़े) और ब्लड इंस्टीट्यूट (NHLBI) के अनुसार हीमोफीलिया से पीड़ित 10 में से 8 लोगों में हीमोफीलिया ए प्रकार का होता है।

हीमोफीलिया बी – हीमोफीलिया बी को क्रिसमस रोग (Christmas disease) भी कहा जाता है, यह शरीर में क्लॉटिंग कारक IX की कमी के कारण होता है।

हीमोफीलिया सी – यह बीमारी का हल्का रूप है जो क्लॉटिंग कारक (स्कंदन कारक) XI की कमी के कारण होता है। इस दुर्लभ प्रकार के हीमोफीलिया (Hemophilia) से पीड़ित लोग अक्सर सामान्य रक्तस्राव का अनुभव नहीं करते हैं। Hemorrhaging, सामान्य तौर पर बहुत गहरी चोट या सर्जरी के बाद होता है।

Hemophilia (हीमोफीलिया) जन्म के बाद भी विकसित हो सकता है, पर ऐसा बहुत कम मामलों में देखने को मिलता है। इस प्रकार के हीमोफीलिया को “अधिग्रहण हीमोफीलिया” (acquired Hemophilia) कहा जाता है। यह हीमोफीलिया उन लोगों में होता है जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली एंटीबॉडी उत्पन्न करती है। यह एंटीबॉडी क्लॉटिंग कारक VIII या IX पर हमला करती हैं।

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हीमोफीलिया के निदान – Hemophilia Diagnosis in Hindi

हीमोफीलिया के निदान - Hemophilia Diagnosis in Hindi

हीमोफीलिया (Hemophilia) का रक्त परीक्षण के माध्यम से निदान किया जाता है। डॉक्टर पीड़ित व्यक्ति के रक्त का एक नमूना लेकर, परीक्षण के आधार पर क्लॉटिंग कारक (स्कंदन कारक) की मात्रा को माप लिया जाता है। अतः रक्त परीक्षण के रिजल्ट के आधार पर रोग की गंभीरता का निर्धारित निम्न प्रकार से किया जाता है:

  • जब रक्त प्लाज्मा में एक क्लॉटिंग कारक (clotting factor) 5 से 40 प्रतिशत के बीच पाया जाता है। तो यह हल्के हीमोफीलिया (Mild Hemophilia) को इंगित करता है।
  • मध्यम हीमोफीलिया (Moderate Hemophilia) में रक्त प्लाज्मा में एक क्लॉटिंग कारक (स्कंदन कारक) का स्तर 1 से 5 प्रतिशत के बीच होता है।
  • और जब रक्त प्लाज्मा में 1 प्रतिशत से कम क्लॉटिंग कारक हो तो वह गंभीर हीमोफीलिया (Severe Hemophilia) को प्रदर्शित करता है।
  • एक शारीरिक परीक्षा के आधार पर भी हीमोफीलिया (Hemophilia) का निदान किया जाता है।

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हीमोफीलिया के उपचार – Hemophilia Treatment in Hindi

हीमोफीलिया के उपचार - Hemophilia Treatment in Hindi

विभिन्न प्रकार के क्लॉटिंग कारक, हीमोफीलिया (Hemophilia) के विभिन्न प्रकार से जुड़े होते हैं। इस आधार पर हीमोफीलिया के लक्षणों को रोकने के लिए निम्न उपचार किए जा सकते है:

फाइब्रिन सीलेंट्स (Fibrin sealants) इन दवाओं को सीधे थक्का जमने के कारणों (clotting) और उपचार को बढ़ावा देने के लिए घाव वाली जगह पर लगाया जा सकता है। फाइब्रिन सीलेंट (Fibrin sealants) दंत चिकित्सा में बहुत अधिक उपयोग में लाई जाती है। ये दवाएं हीमोफीलिया बी का इलाज करने में सहायक हो सकती है।

डेस्मोप्रेसिन (Desmopressin) (डीडीएवीपी) – हल्के हीमोफीलिया (mild Hemophilia) में, यह DDAVP हार्मोन आपके शरीर को अधिक स्कंदन कारकों (clotting factor) को उत्तेजित करने का काम करती है। यह हार्मोन धीरे-धीरे एक नस में इंजेक्शन देकर या नाक स्प्रे के रूप में शरीर के अन्दर प्रवेश कराया जाता है। यह हीमोफीलिया ए (Hemophilia-A) के इलाज में काफी महत्वपूर्ण है।

टीकाकरण (Vaccinations) – यदि आपके पास हीमोफीलिया है, तो हेपेटाइटिस ए और बी के खिलाफ टीकाकरण प्राप्त करने पर विचार कर सकते है। क्योंकि यह टीकाकरण रोग के संक्रमण को कम कर देते हैं।

मामूली कट के लिए प्राथमिक चिकित्सा – दबाव (pressure) और पट्टी (बैंडेज) का उपयोग आमतौर पर रक्तस्राव को रोकने के लिए किया जाता है। त्वचा के निचले छोटे क्षेत्रों में खून बहने को रोकने के लिए एक बर्फ पैक (ice pack) का उपयोग करें। मुंह में मामूली रक्तस्राव को कम करने के लिए आइस पॉप (Ice pops) का उपयोग किया जा सकता है।

भौतिक चिकित्सा (Physical therapy)इस थेरपी के द्वारा आंतरिक रक्तस्राव के कारण जोड़ों की क्षति से उत्पन्न होने वाले संकेतों और लक्षणों को कम किया जा सकता है। जब आंतरिक रक्तस्राव से शरीर को गंभीर क्षति होती है, तब सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है।

क्लॉट-संरक्षित दवाएं (एंटी-फाइब्रिनोलाइटिक्स)  – ये दवाएं रक्त थक्के को टूटने से रोकने में मदद करती हैं।

हीमोफीलिया की जटिलतायें – Hemophilia Complications in Hindi

हीमोफीलिया की जटिलतायें – Hemophilia Complications in Hindi

हीमोफीलिया (Hemophilia) की जटिलताओं में शामिल हैं:

गहरी आंतरिक रक्तस्राव – शरीर की आंतरिक मांसपेशियों में होने वाला रक्तस्राव शारीरिक अंगों में सूजन का कारण बनता है। सूजन नसों को दबा सकती है और अकड़न या दर्द का कारण बन सकती है।

जोड़ों को नुकसान – आंतरिक रक्तस्राव भी जोड़ों पर बहुत अधिक प्रभाव डालता है, जिससे गंभीर तथा तीव्र दर्द होता है। इलाज न किए जाने पर, आंतरिक रक्तस्राव गठिया (arthritis) या जोड़ों के अत्यधिक नुकसान का कारण बन सकता है।

संक्रमण – हीमोफीलिया (Hemophilia) वाले लोगों को रक्त संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है।

क्लॉटिंग कारक उपचार पर प्रतिकूल प्रतिक्रिया – हीमोफीलिया (Hemophilia) वाले कुछ लोगों में रक्तस्राव के इलाज के लिए उपयोग किए जाने वाले क्लॉटिंग कारकों पर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बुरा असर डालती है। जब प्रतिरक्षा प्रणाली प्रोटीन (अवरोधक के रूप में जाना जाता है) उत्पन्न करती है, तो यह प्रोटीन क्लॉटिंग कारकों को निष्क्रिय कर उपचार को कम प्रभावी कर देते है।

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हीमोफीलिया की रोकथाम / घरेलू उपचार – Hemophilia Prevention in Hindi

हीमोफीलिया के रोकथाम / घरेलू उपचार - Hemophilia Prevention in Hindi

वैसे तो हीमोफीलिया (Hemophilia) का इलाज करने का कोई सफल तरीका नहीं है। लेकिन अत्यधिक रक्तस्राव के जोखिम को कम करने तथा इसकी रोकथाम के लिए निम्न तरीके अपनाये जा सकते हैं।

  • नियमित व्यायाम करना चाहिए।
  • अच्छा तरह से दांत और मुहँ को स्वच्छ रखना चाहिए।
  • रक्त पतला करने वाली कुछ दवाओं के सेवन से बचना चाहिए, इस तरह की दवाओं में शामिल हैं: जैसे एस्पिरिन, नॉन स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स और हेपरिन इत्यादि।
  • रक्त दान करते समय या रक्त स्थानांतरण के दौरान हीमोफीलिया (Hemophilia) रोग की जाँच कर लेनी चाहिए।
  • टीकाकरण सुनिश्चित कर लेना चाहिए।
  • रक्तस्राव का कारण बनने वाली चोटों से बचाने के लिए व्यक्ति को पैडिंग (padding) पहनना चाहिए। खेल या अधिक चोट दायक गतिविधियों में भाग लेते समय अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है।

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